Tuesday, June 6, 2017

एनडीटीवी बैन : आपातकाल का नाम लेकर क्यों डरा रहे हो भाई !

एनडीटीवी के लिए चित्र परिणाम
TOC NEWS
ट्विटर पर NDTVbanned ट्रेंड करने लगा है. पत्रकार इसका स्वाभाविक विरोध कर कर रहे हैं.
ट्विटर पर NDTVbanned ट्रेंड करने लगा है. पत्रकार इसका स्वाभाविक विरोध कर कर रहे हैं. एडिटर्स गिल्ड की बैन हटाने की मांग वाली चिट्ठी आ गई है. बाकी पत्रकार संगठनों की चिट्ठी-पतरी भी रास्ते में होगी. पत्रकार बिरादरी विरोध क्यों न करें ? नेताओं को नारे लगाने से मना कर दिया जाए तो वो क्या करेंगे? वकीलों को बहस करने से रोक दिया जाए तो वो क्या करेंगे? अधिकारियों को आदेश देने से रोक दिया जाए तो वो क्या करेंगे?
मसला ये है कि नेता, मंत्री से लेकर अधिकारी तक अपने दायरे से बाहर निकल जाएं तो उनकी मुश्कें कसने के तरीके हैं. लेकिन मीडिया सेल्फ रेगुलेशन की आड़ लेकर बचना चाहता है. एक पत्रकार को ये बात हजम करने में मुश्किल हो सकती है. आसानी के लिए गौर करना चाहिए कि सेल्फ रेगुलेशन के नाम पर NBA जैसे टेलीविजन के स्वयंभू संगठनों ने खुद को सुधारने के लिए क्या-क्या किया है.
सत्ता के प्रभाव से प्रेस को दूर रहना होगा
अकबर इलाहाबादी कह गए हैं- “न तीर निकालो न तलवार निकालो, जब तोप मुकाबिल हो तो अखबार निकालो”. मीडिया की ताकत पर किसी को शक न पहले कभी था, न आज है. लेकिन जैसे तोप से जमाना आगे निकलकर मिसाइल का हो गया है, वैसे ही उनसे मुकाबला करने के लिए अखबार के साथ रेडियो भी है, टेलीविजन के बाद डिजिटल मीडिया की मारक क्षमता भी है. तो तलवार और अखबार का मुकाबला अपने अपडेटेड वर्जन के साथ चलता रहेगा.
सवाल है कि कहीं तलवार और अखबार का समझौता हो जाए तो क्या किया जाए. फिर सेल्फ रेगुलेशन के नाम पर प्रेस की आजादी को बचाए रखने का कोई अर्थ है क्या?
सरकार ने पठानकोट हमले पर एनडीटीवी के गैरजिम्मेदार प्रसारण के नाम पर एक दिन का बैन लगाया है. सरकारी कमेटी ने लंबी जांच की है. सवाल उठाना इसलिए आसान है, क्योंकि जैसे बाकी चैनलों की किसी खास विचारधारा में अपनी दिलचस्पी है और दर्शक वर्ग उसे अच्छे से समझता है.
वैसे ही एक दर्शक वर्ग एनडीटीवी को एक खास विचारधारा से प्रेरित मानता है. एक आम नजरिया है कि इसी की कीमत एनडीटीवी को चुकानी पड़ी है. हालांकि इस आसान नजरिए को स्वीकार करने में लोगों की राय बंटी हुई हो सकती है.
और तीखी होगी बहस
‘NDTV ने संबित पात्रा को अपने दफ़्तर से भगा दिया, इसलिए CBI ने प्रणय रॉय के घर छापा मारा’ के लिए चित्र परिणाम
सोशल मीडिया पर एनडीटीवी के एकदिनी बैन को आपातकाल की सुगबुगाहट माना जा रहा है. बहस और विश्लेषण अभी और तीखा होने वाला है. सोशल मीडिया पर पत्रकारों का एक तबका अपने डरावने अनुभव साझा कर रहा है. लोग कहते हैं- ‘लिखने में डर लगने लगा है. साहब, आपको जो बता रहे हैं वो दिखा नहीं सकते’.
सवाल है कि डर सिर्फ विचारधारा के नाम पर है या कोई तथ्य भी है, जिसे छापने, लिखने और दिखाने से डर लगने लगा है. क्या एनडीटीवी ने पिछले दो सालों में ऐसी कोई रिपोर्ट दिखाई है जिसकी वजह से उसे सरकार से डरने की जरूरत है? विरोध तो सिर्फ विचारधारा के स्तर पर है, तथ्यों से इसका कोई लेना-देना है क्या?
अगर सरकार ने एनडीटीवी को एक विचारधारा के प्रति झुकाव रखने पर दुश्मनी निकाली है, तब तो पूरी पत्रकार बिरादरी को एकजुट हो जाना चाहिए. लेकिन सारे टेलीविजन चैनल एकजुट होंगे क्या? टेलीविजन वालों की दो तरह की प्रतिक्रिया है. एक खुलकर विरोध कर रहे हैं. दूसरे मुस्कान वाली चुप्पी ओढ़े हैं.
टेलीविजन की सेल्फ रेगुलेशन वाले संगठन से भी ज्यादा उम्मीद नहीं है. प्रतिक्रिया इस आधार पर हो सकती है कि कमेटी में किस विचारधारा के लोगों का दबदबा है.
लाइव इंडिया को किया था ऑफ एयर
2007 में लाइव इंडिया चैनल को फर्जी स्टिंग चलाने पर सूचना प्रसारण मंत्रालय ने एक महीने के लिए ऑफ एयर कर दिया था. उसके बाद ये पहला मौका है जब सूचना प्रसारण मंत्रालय ने किसी चैनल को एक दिन के ऑफ एयर करने की सजा सुनाई है. सजा की पड़ताल की जा सकती है कि बाकी चैनल उस वक्त क्या दिखा रहे थे? चैनल ने क्या दिखाया जिसके आधार पर ये फैसला हुआ.
संभव है कि मंत्रालय को अपना फैसला वापस भी लेना पड़ जाए. लेकिन ये सच में आपातकाल की सुगबुगाहट है क्या? या हम अपनी विचारधारा से प्रेरित होकर खौफ खाने का नाटक करने लगे हैं.

No comments:

Post a Comment

CCH ADD

CCH ADD
CCH ADD

dhamaal Posts

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

ANI NEWS INDIA

‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।

कार्य क्षेत्र :- जो अपने कार्य क्षेत्र में समाचार / विज्ञापन सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके । आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति।
आवेदन आमन्त्रित :- सम्पूर्ण विवरण बायोडाटा, योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के स्मार्ट नवीनतम 2 फोटोग्राफ सहित अधिकतम अन्तिम तिथि 30 मई 2019 शाम 5 बजे तक स्वंय / डाक / कोरियर द्वारा आवेदन करें।
नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया नेटवर्क’’
23/टी-7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, प्रेस काम्पलेक्स,
नीयर दैनिक भास्कर प्रेस, जोन-1, एम. पी. नगर, भोपाल (म.प्र.)
मोबाइल : 098932 21036


क्र. पद का नाम योग्यता
1. जिला ब्यूरो प्रमुख स्नातक
2. तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / हायर सेकेंडरी (12 वीं )
3. क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
4. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
5. ग्रामीण संवाददाता हाई स्कूल (10 वीं )

SUPER HIT POSTS

TIOC

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

''टाइम्स ऑफ क्राइम''


23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1,

प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011

Mobile No

98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।

http://tocnewsindia.blogspot.com




यदि आपको किसी विभाग में हुए भ्रष्टाचार या फिर मीडिया जगत में खबरों को लेकर हुई सौदेबाजी की खबर है तो हमें जानकारी मेल करें. हम उसे वेबसाइट पर प्रमुखता से स्थान देंगे. किसी भी तरह की जानकारी देने वाले का नाम गोपनीय रखा जायेगा.
हमारा mob no 09893221036, 8989655519 & हमारा मेल है E-mail: timesofcrime@gmail.com, toc_news@yahoo.co.in, toc_news@rediffmail.com

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1, प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011
फोन नं. - 98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।





Followers

toc news