TOC NEWS // अवधेश पुरोहित
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में यूँ तो प्रदेश के सभी वर्गों के लिये तमाम योजनाओं की घोषणायें तो की गईं लेकिन वह सभी घोषणायें इस मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के सपनों के स्वर्णिम मध्यप्रदेश की धरती पर वह योजनायें साकार होती दिखाई नहीं दी, हां यह जरूर है कि जनता को इस तरह की योजनाओं का झुनझुना थमाकर भ्रमित करने का काम शिवराज सरकार में खूब चला तो वहीं दूसरी ओर इस सरकार के मुखिया का समय अपनी कुर्सी बचाने और ऊँची कुर्सी पाने में कुछ ज्यादा ही रुचि दिखाई और मुख्यमंत्री की इस तरह की कमजोरी का फायदा उठाने में इस प्रदेश की भ्रष्ट नौकरशाही ने खूब लाभ उठाया तभी तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में जितना फिजूलखर्च शिवराज सरकार के कार्यकाल के दौरान सरकार की सिर्फ कागजी ब्रांडिंग और मुख्यमंत्री के बड़े-बड़े फोटो के साथ विज्ञापन छपवाने में खर्च किये गये
यदि वह पैसा प्रदेश के किसानों के विकास पर खर्च किया गया होता तो शायद आज यह स्थिति नहीं होती कि किसान आत्महत्या करने को मजबूर होता मजे की बात यह है कि इस शिवराज सरकार में किसानों द्वारा की जा रही आत्महत्याओं को छुपाने का दौर भी बदस्तूर जारी है और प्रदेश के साथ-साथ अन्य प्रांतों के समाचार पत्रों को सरकार द्वारा मुख्यमंत्री की मनमोहक छवि के विज्ञापन देकर किसानों की आत्महत्याओं की खबरे छुपाने का काम वर्षों से जारी है लेकिन मंदसौर में हुए किसान आंदोलन के बाद मध्यप्रदेश में किसानों द्वारा लगातार आत्महत्या करने के मामले में सरकार को कटघरे में खड़ा कर रखा है
फिर चाहे वह प्रिंट हो या इलेक्ट्रानिक मीडिया दोनों ने पूरी ताकत लगाने के बाद इन आत्महत्याओं से जुड़ी खबरों को प्रदेश सरकार मैनेज नहीं कर पा रही है, इस तरह की खबरों को मैनेज न कर पाने में असफल मुख्यमंत्री के चहेते अधिकारी इस समय इस खोज में लगे हुए हैं कि मध्यप्रदेश में तो जो कुछ छप रहा है वह सही है लेकिन दूसरे राज्यों के अखबारों में इस प्रदेश के उन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जिनके कुछ चहेते चापलूस पत्रकार उन्हें मोदी से ज्यादा लोकप्रिय बताने में लगे हुए हैं उन्हीं मुख्यमंत्री की मनमोहक छवि जिनके सत्ता पर काबिज होते ही उनकी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह द्वारा अपनी पहचान छुपाकर खरीदे गए डम्पर के बाद शायद इस प्रदेश की जनता को और मुख्यमंत्री के परिजनों को जो संदेश देना चाहती थी
जिसके तहत इस प्रदेश के सत्ताधीशों और भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं को खेती किसानी में रुचि कम लेकर डम्पर खरीदकर रेत का कारोबार करने का जो संदेश मुख्यमंत्री के सत्ता में काबिज होने के बाद श्रीमती साधना सिंह ने डम्पर खरीदकर दिया था आज वह संदेश इस प्रदेश में मुख्यमंत्री की विधानसभा क्षेत्र बुदनी से लेकर राज्य का शायद कोई कस्बा बचा हो जहां किसानों की खेत का धंधा नहीं बल्कि रेत का कारोबार बड़ी अच्छी तरह से फल-फूल रहा है, इसके बावजूद भी मुख्यमंत्री के सलाहकार और उनके रणनीतिकार मुख्यमंत्री की छवि को सुधारने में हमेशा सक्रिय रहते हैं और इन दिनों कुछ ज्यादा ही सक्रिय दिखाई दे रहे हैं,
क्योंकि मंदसौर आंदोलन के बाद प्रदेश के किसानों की मौत का जो सिलसिला चला है वह रुकने का नाम नहीं ले रहा है, स्थिति यह है कि प्रदेश के किसी न किसी नगर या शहर या कस्बे से किसान की मौत की खबर सुर्खियों में बनी रहती है तो वहीं यह सिलसिला मुख्यमंत्री के गृह जिले और उनकी विधानसभा क्षेत्र में किसानों द्वारा आत्महत्या करने का जारी है। ऐसी स्थिति में कुछ चाटुकार पत्रकार और मुख्यमंत्री की मनमोहक छवि को बनाये रखने के लिये और इन किसानों की मौत की खबरों को लेकर जो मैनेजमेंट का काम जारी है उसके तहत अन्य प्रांतों के अखबारों को भरपूर विज्ञापन दिया जा रहा है
ताकि वह प्रदेश के किसानों की मौत की खबरों को स्थान न दें, हालांकि इन्हीं सब मुद्दों को ध्यान में रखते हुए संघ की हाल ही में हुई बैठक में यह कहा गया कि २००३ से लेकर अब तक के कार्यकाल का बखान व ब्रांडिंग पर करोड़ों रुपए की फिजूलखर्ची की गई और इस पर सवाल उठाते हुए संघ ने कहा है कि सरकार सिर्फ काबजी ब्रांडिंग कर खुश हो रही है जबकि मैदानी स्तर पर असंतोष बना हुआ है, जरूर है योजनाओं से लोगों को सरलता से जोडऩे के प्रबंध की, देखना अब यह है कि संघ की बैठक में लिये गये इस तरह के निर्णय पर अपनी मनमोहक छवि के बड़े-बड़े विज्ञापन देखकर मंत्रमुग्ध होने वाले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान अपनी ब्रांडिंग पर करोड़ों रुपए खर्च करने पर पाबंदी लगाते हैं या नहीं हालांकि जहां तक संघ के द्वारा इस बैठक के बाद जो १६२ पेज की रिपोर्ट तैयार की गई है
उस रिपोर्ट का क्या होता है या नहीं यह तो भविष्य बताएगा या फिर अभी तक तमाम रिपोर्टों की तरह यह रिपोर्ट भी धूल खाती नजर आएगी। हालांकि भाजपा से जुड़े एक वरिष्ठ नेता के अनुसार यदि समय रहते सत्ता में बैठे लोग अपनी प्रशंसा और मनमोहक छवि के विज्ञापन देखकर मंत्रमुग्ध होने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी कार्यशैली में परिवर्तन नहीं लाते तो वह समय दूर नहीं जब यह प्रदेश हमारे प्रधानमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के कांग्रेस मुक्त भारत बनाने के सपने को बट्टा लगाते हुए यह प्रदेश भाजपामुक्त मध्यप्रदेश की स्थिति में नजर आएगा, क्योंकि सत्ता का अहम पाले हमारे सत्ताधीशों को अपने लोकप्रिय होने का भ्रम तभी टूटेगा जब वह सत्ता से सड़क पर दिखाई देंगे?
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