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Wednesday, July 6, 2011

50 एकड़ सरकारी भूमि पर दबंगों ने किया अवैध कब्जा

संवाददाता// परम सुख पाल (बैरसिया //टाइम्स ऑफ क्राइम)
संवाददाता से संपर्क:- 9098128726
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ग्राम पंचायत विरहा श्याम खेडी में अवैध तरीके से सरकारी भूमि पर कब्जा किया जा रहा है। बात उस समय कि है जब उक्त सरकारी भूमि पर सामाजिक वानिकी वन मंडल ने वर्ष 1984 में वृक्षारोपण कर इसे प्लान्टेशन का नाम दिया लगभग 45 हैक्टेयर(90 एकड) भू-भाग में बनी प्लानटेशन इतनी तीवृ गति से विकसित हुई कि यह प्लानटेशन जंगल इमारती लकड़ी से परिपूर्ण बन गई वर्ष1988-89 में इसे म.प्र.की प्रथम प्लानटेशन का पुरस्कार प्राप्त हुआ। बर्ष 1993-94 में वन माडल ने इसे ग्राम पंचायत के संरक्षण में सौंप दी ग्राम पंचायत ने इस सुन्दर वन को धीरे-धीरे नष्ट करवा दिया। म.प्र. की नं. वन कहलाने वाली प्लानटेशन आज खाली मैदान और छोटी-छोटी झाडियों से लदी पठारें नजर आने लगी ग्राम पंचायत ने इस 45 हैक्टेयर भू-भाग में से कुछ हिस्सा गरीबों को आवंटित कर दिया। अगली ग्राम पंचायत ने फिर एक विकासशील कदम उठाया और 2007-08 में लगभग 6 एकड़ भूमी स्कूल एवं खेल मैदान के लिये प्रस्तावित कर दी। ग्राम के पूर्व सरपंच खेमचंद कुशवाह ने बताया कि उन्होने उक्त स्कूल परिसर में 2000 फलदार एवं सागौन के पौधे रोपित किये थे एवं स्कूल भवन का कार्य स्कूल प्रबंधन समिति को सौंपा गया था जो अभी तक अधूरा पडा है। और शिक्षा विभाग मौन है। अब आती है अगली ग्राम पंचायत की बारी -स्कूल की उक्त भूमि आज विभिन्न टुकड़ों में देखी जा सकती है क्योंकि कुछ दबंगों ने उक्त भूमि पर प्लाट चलाकर कई टुकडों में विभाजित कर दिया है। सुन रहें है कि उक्त भूमि के प्रस्ताव को राजस्व विभग ने स्कूल निर्माण एवं खैल मैदान के लिये स्वीकृति दे दी थी। आज वहां न स्कूल है और न ही पेड़-पौधे एवं स्कूल का निमार्ण कार्य अधूरा पडा़ है।
-- मौन बैठे हैं पंचायत के मुखिया --

उधर बांकी बची भूमि पर आवास योजना के अन्तर्गत प्लाट उपलब्ध कराये जानें हैं जवकी दबंगो ने पहले से ही अवैध कब्जा कर लिया है। यहां के ग्रामीण भयभीत हैं, जब उन्हे प्लाट उपलब्ध कराये जाएंगे तब तक गांव डूव जाएगा। पंचायत के मुखिया कर रहैं है अनदेखी-लोगों ने अपेक्षा से अधिक जमीन पर कब्जा कर लिया है । मनमाने ढंग से किये जा रहे कब्जे से अव्यवस्थाओं से सामना करना पड़ सकता है। पंचायत आवास योजना के आधार पर प्लाट आवंटित करें ताकि ग्रामीणों को परेशानियों का सामना ना करना पडे। आज 45 हैक्टेयर भू-भाग को हजारों टुकड़ों में देखा जा सकता है। प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नही होती और न ही सच्चाई को झुठलाया जा सकजा है।

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