Pages

click new

Wednesday, November 30, 2011

मप्र विधानसभा में लोकायुक्त पीपी नावलेकर की फोटो को लेकर बखेड़ा

News
मप्र विधानसभा में लोकायुक्त पीपी नावलेकर की फोटो को लेकर बखेड़ा

toc news internet channal

भोपाल । मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस विधायक डॉ. कल्पना परूलेकर द्वारा मीडिया को दी गई लोकायुक्त पीपी नावलेकर की फोटो को लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया है। संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कंप्यूटर के जरिए छेड़छाड़ कर श्री नावलेकर की फोटो बनाने का आरोप लगाया है। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी से सुश्री परूलेकर के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की है। संसदीय कार्यमंत्री श्री मिश्रा ने ध्यानाकर्षण खत्म होते ही आज यह मामला उठाया। उन्होंने अध्यक्ष को बताया कि विपक्ष की एक सदस्य ने मीडिया को कल लोकायुक्त की एक फोटो उपलब्ध कराई है। इसमें श्री नावलेकर को संघ के गणवेश में दिखाया गया है। यह फोटो पूरी तरह से कूटरचित है। असल में यह फोटो आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की है। उसी में काटछांट कर श्री नावलेकर का चेहरा लगाकर नई फोटो तैयार की गई है। श्री मिश्रा ने इस मामले में फोटो देने वाली विधायक के खिलाफ कार्यवाही की मांग का प्रस्ताव रखा। अध्यक्ष श्री रोहाणी ने श्री मिश्रा से इस मामले में लिखित शिकायत देने कहा है। साथ ही परीक्षण कर कार्यवाही का आश्वासन दिया। उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर ने भी श्री मिश्रा के प्रस्ताव का समर्थन किया। श्री विजयवर्गीय का कहना था कि विपक्ष की सदस्य ने सदन को गुमराह किया है, उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाना चाहिए। अध्यक्ष श्री रोहाणी ने मामले के परीक्षण के बाद कार्यवाही का आश्वासन दिया।
इस दौरान सुश्री परूलेकर सदन में मौजूद नहीं थीं।
महिला विधायक से अभद्रता
सदन शर्मसार
नियमों और परंपराओं के लिए प्रतिष्ठित मध्यप्रदेश विधानसभा में आज एक और काला अध्याय जुड़ गया। बसपा विधायक परशुराम मुद्गल ने पहले तो ध्यानाकर्षण को क्षेत्रवाद की बलि चढ़ाते हुए कांग्रेस के रामनिवास रावत और अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी पर अन्याय के आरोप लगा दिए। जिद्द पूरी होने के बाद वे कांग्रेस की इमरती देवी से भिड़ गए। संसदीय मर्यादाओं को धता दिखाते हुए श्री मुद्गल ने महिला विधायक को अभद्र और ललकार भरे शब्द कहने में भी संकोच नहीं किया। ध्यानाकर्षण के दौरान ही सारा सदन सन्न गया, जब पीछे की पंक्ति में बैठे बसपा विधायक श्री मुद्गल कांग्रेस की इमरती देवी को तेज आवाज में खरीखोटी सुनाने लगे। माइक बंद होने से स्पष्टï शब्द तो सुनाई नहीं दे रहे थे, लेकिन उनकी तेज आवाज चारों ओर गूंज रही थी। जोर आवाज में बोल रहे श्री मुद्गल को जवाब देते हुए इमरती देवी ने शब्दों के इस्तेमाल की दुहाई दी। विवाद बढ़ता देख अध्यक्ष श्री रोहाणी ने श्री मुद्गल को संसदीय मर्यादाओं की दुहाई देते हुए उनके व्यवहार को असंसदीय बताया। साथ ही शांत रहने को कहा। बावजूद इसके श्री मुद्गल शांत नहीं हुए। 

इससे सदन की कार्रवाई रुक गई और दोनों पक्ष आपत्ति करने लगे। इसी बीच श्री मुद्गल उठकर बाहर चले गए। उनके जाते ही कांग्रेस सदस्य इमरती देवी ने अध्यक्ष से शिकायत करते हुए कहाकि उन्होंने ऐसे-ऐसे शब्द कहें हैं, जिसे में कह भी नहीं सकती। मेरा सदन में अपमान हुआ है। कांग्रेस के सचेतक नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने श्री मुद्ïगल के खिलाफ निंदा का प्रस्ताव रख दिया। कल्पना परूलेकर ने भी कहाकि जो व्यवहार श्री मुद्गल ने किया है, वह निंदनीय है। अनुसूचित जाति की एक महिला का अपमान सदन में हुआ है। अध्यक्ष श्री रोहाणी ने कहाकि श्री मुद्गल का व्यवहार निंदनीय है। सदन उनकी निंदा करता है। साथ आने के बाद उनसे माफी मंगवाई जाएगी। 

कांग्रेस विधायक डॉ. कल्पना परूलेकर द्वारा मीडिया को दी गई लोकायुक्त पीपी नावलेकर की फोटो को लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया है। संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कंप्यूटर के जरिए छेड़छाड़ कर श्री नावलेकर की फोटो बनाने का आरोप लगाया है। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी से सुश्री परूलेकर के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की है। संसदीय कार्यमंत्री श्री मिश्रा ने ध्यानाकर्षण खत्म होते ही आज यह मामला उठाया। उन्होंने अध्यक्ष को बताया कि विपक्ष की एक सदस्य ने मीडिया को कल लोकायुक्त की एक फोटो उपलब्ध कराई है। इसमें श्री नावलेकर को संघ के गणवेश में दिखाया गया है। यह फोटो पूरी तरह से कूटरचित है। असल में यह फोटो आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की है। उसी में काटछांट कर श्री नावलेकर का चेहरा लगाकर नई फोटो तैयार की गई है। श्री मिश्रा ने इस मामले में फोटो देने वाली विधायक के खिलाफ कार्यवाही की मांग का प्रस्ताव रखा। अध्यक्ष श्री रोहाणी ने श्री मिश्रा से इस मामले में लिखित शिकायत देने कहा है। साथ ही परीक्षण कर कार्यवाही का आश्वासन दिया। उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर ने भी श्री मिश्रा के प्रस्ताव का समर्थन किया। श्री विजयवर्गीय का कहना था कि विपक्ष की सदस्य ने सदन को गुमराह किया है, उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाना चाहिए। अध्यक्ष श्री रोहाणी ने मामले के परीक्षण के बाद कार्यवाही का आश्वासन दिया।
इस दौरान सुश्री परूलेकर सदन में मौजूद नहीं थीं। 

सच या झूठ का फैसला विधानसभा अध्यक्ष करेंगे : नावलेकर
न तो मैं कभी आरएसएस का सदस्य रहा हूं और न ही आज के अखबारों में छपा फोटो मेरा है। मैंने कभी ऐसे कपड़े पहने तक नहीं हैं। ऐसा लगता है कि फोटो के साथ छेड़छाड़ कर मेरा चेहरा लगाया गया है। मेरा मत है कि ऐसी स्तरहीन राजनीति भ्रष्टाचार रोकने के लिए बनीं संवैधानिक संस्थाओं के साथ नहीं होना चाहिए। इस पर सभी को विचार करने की आवश्यकता है। विधायक कल्पना परुलेकर द्वारा दिखाए गए फोटो का सच या झूठ देखना विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में है, मेरे नहीं।

जननी सुरक्षा योजना हितग्राही खाते शून्य बैलेन्स पर खोले जाएं

श्रीमती उपमा राय की अध्यक्षता में बुधवार को म.प्र. राज्य महिला आयोग की नीतिगत बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग की नीतिगत बैठक संपन्न

bhopal.
श्रीमती उपमा राय की अध्यक्षता में आज यहाँ आयोजित मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। आयोग ने जननी सुरक्षा योजना में हितग्राही महिला का बैंक में शून्य बैलेन्स पर खाता खोलने, मानव अधिकार आयोग की भांति उप-पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी की प्रतिनियुक्ति राज्य महिला आयोग में करने, आमंत्रित काउन्सलर्स और विशेषज्ञों की देय राशि में वृद्धि करने, बलात्कार पीड़ित महिला की मेडिकल रिर्पोट की कम्प्यूटर टाइप प्रति पीड़िता को भी देने और रिपोर्ट में केवल उसी घटना का वर्णन करने, आयोग के सदस्यों को राज्य मंत्री का दर्जा देने, मानदेय की विसंगतियों को दूर करने, प्रत्येक शासकीय चिकित्सालय में एक महिला चिकित्सक की आवश्यकतानुसार नियुक्ति करने आदि की अनुशंसा राज्य शासन से करने का निर्णय लिया ।

बैठक में अध्यक्ष, मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग, श्रीमती उपमा राय, सदस्यगण श्रीमती शशि सिन्हो, श्रीमती स्नेहलता उपाध्याय, सुश्री ज्योति येवतीकर और श्रीमती वंदना मण्डावी सहित महिला एवं बाल विकास, पुलिस, स्वास्थ्य, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण, विधि, सामाजिक न्याय आदि विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

अध्यक्ष श्रीमती उपमा राय ने कहा कि राज्य सरकार समाज के अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति के कल्याण के लिए कृतसंकल्पित है । इसलिए जननी सुरक्षा योजना में बैंक में पहले 500 रूपये से हितग्राही खाता खुलवाकर योजना की राशि देने के नियम को शिथिल करते हुए शून्य बैलेन्स पर खाता खुलना चाहिए। इसी तरह आयोग ने कहा कि बलात्कार पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट की भाषा संयत हो और पीड़िता को भी पढ़कर सुनाई जाए। साथ ही पीड़िता के न्यायायिक अधिकारी के समक्ष दो दिन के भीतर बयान दर्ज हो जाए ताकि दबाव में लाकर पीड़िता को बयान बदलने के लिए विरोधी पार्टी मजबूर न कर सके ।

बैठक में आयोग के अध्यक्ष को महिला आयोग गठन की अधिसूचना जारी होने के साथ ही केबिनेट मंत्री और सदस्यों को राज्यमंत्रीका दर्जा दिए जाने की और अन्य आयोगों के अध्यक्षों और सदस्यों के समान मानदेय देने की भी अनुशंसा की गई। बैठक में आयोग के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को समयमान एवं वेतनमान देने पर भी चर्चा की गई । गरीब महिलाओं को प्रसव के समय एक किट जिसमें बिछौना, कंबल, नेपकिन, नवजात के वस्त्र इत्यादित स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराने की भी अनुशंसा की गई ।

दो कारोबारियों पर लगाया 22 लाख का अर्थदण्ड

नकली घी कारोबारियों के खिलाफ आया एक और कठोर फैसला


नकली घी के कारोबारियों के खिलाफ ग्वालियर जिले में एक और बड़ा फैसला हुआ है। बुधवार को ग्वालियर के अपर जिला दंडाधिकारी न्यायालय द्वारा एक आदेश पारित कर नकली घी के दो कारोबारियों पर कुल 22 लाख रूपए का अर्थदंड अधिरोपित किया है।


गौरतलब है कि बीते सोमवार को अपर जिला दंडाधिकारी न्यायालय द्वारा दिए गए एक अन्य फैसलें में भी नकली घी के दो कारोबारियों पर कुल 20 लाख रूपए का अर्थदंड लगाया गया था। इस प्रकार खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों पर जिले में एक हफ्ते के भीतर ही 42 लाख रूपए का अर्थदंड लगाया जा चुका है। न्याय निर्णयन अधिकारी एवं अपर जिला मजिस्ट्रेट श्री सतेन्द्र सिंह ने उक्त दोनों आदेश खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 एवं नियम 2011 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग कर जारी किए हैं।


ग्वालियर जिले में राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप खाद्य पदार्थों में अपमिश्रण और नकली घी के कारोबारियों पर अंकुश लगाने के मकसद से बीते तीन वर्ष से जिला प्रशासन द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस कड़ी में जिला कलेक्टर ने नकली घी के लगभग आधा दर्जन कारोबारियों के खिलाफ कठोर कदम उठाते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत भी कार्रवाई की थी। जिला प्रशासन ने घी सहित अन्य खाद्य पदार्थों की निर्माण इकाइयों पर अभियान बतौर और सतत रूप से छापामार कार्रवाई की है। घी व अन्य खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर उनकी जाँच राज्य खाद्य प्रयोगशाला में कराई गई है। जाँच में जिन फर्मों के नमूने अमानक पाए गए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।


अपर जिला दंडाधिकारी द्वारा पारित किए गए फैसले में नकली घी और मिथ्या छाप ब्राण्डों के घी कारोबारी महेश अग्रवाल पर खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 एवं नियम 2011 की विभिन्न धाराओं के तहत कुल मिलाकर बारह लाख रूपए का अर्थदंड लगाया गया है। इसी फैसले में दूसरे आरोपी एवं सर्वोत्तम मिल्क फूड प्रा. लि. मालनपुर के प्रबंधक पर कुल दस लाख रूपए का अर्थदंड अधिरोपित किया है।