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Monday, February 6, 2012

कटनी पुलिस संरक्षण में बिक रहा गांजा और शराब


ब्यूरो प्रमुख // पी.वेंकट रत्नाकर (कटनी // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से संपर्क: 99934 54490
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कटनी . जिले के हर क्षेत्र में गांजे की तस्करी जोरो पर चल रही है। जिले का कोई भी क्षेत्र हो चाहे ग्रामीण हो या शहर के गली कूचे में गांजा इतने सरल तरीके से मिल जायेगा जैसे सब्जी एवं किराना मिलता है। इसी तरह ग्राम पंचायत देवरा खुर्द में पप्पू उर्फ लंगड़ा पिता मोहनलाल केवट जो कटनी रपटा के पास रहता है। कटनी से गांजा ले जाकर देवरा खुर्द मे खुले आम गांजा बेचता है। टाइम्स ऑफ क्राइम की टीम जब खुले आम गांजा बेचता पाया तो पहले तो उलझ गया तथा अनाप शनाप बकनें लगा। वहीं रोड़ के किनारें एक और शक्स है वह भी खुलेआम गांजा विक्रय का काम करता है जिसका नाम अमर सिंह है। चौकाने वाली बात तो यह है कि अमर सिंह एवं पप्पू केवट ने यह तक कह डाला कि हमारा कोई प्रेस वाला कुछ नहीं कर सकता क्योकि बच्चू निषाद जो भा.ज.पा के पार्षद है। हमारे बड़े भाई है एवं उनकी विधायक राजू पोद्वार से भरपूर पटती है।  

पुलिस को जाता है हफ्ता 

 पप्पू केवट एॅव अमर सिंह जो कि देवरा खुर्द में गांजे की तस्करी करके गॉंव के नागरिकों के स्वास्थ से खिलवाड़ करते है। और वो कहते है कि हमारा कौन क्या कर लेगा क्योंकि पुलिस का पूरी तरीके से हफ्ता एॅव राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है । तुम जैसे पत्रकार बहुत देखे है। हम जिनका नाम ले रहे है उन्होने खुद कहा है कि जो भी बुरे काम है तुम करो हमारा महीना हमें पहुॅचा दिया करना तुम्हें कोई कुछ नहीं बोलेगा।  गॉव वासियों से जब पूछा गया तो गॉव वालों ने कहा कि आये दिन गांजे के नशे में लोग झगड़ा एॅव गाली गलौज करते नजर आते है। इस झगड़े से गॉव वाले काफी भयभीत नजर आते है। तथा गांजे की पूरी सप्लाई पप्पू केवट की पत्नी करती है।  

दारू भी बेची जाती है 

जहॉ गांजा बेचा जाता है वहॉ से कुछ दूरी पर दुखी केवट पैकारी चला रहा है। उसका भी यही कहना है कि बच्चू निषाद मेरा छोटा भाई है। मुझे किसी का कोई डर नहीं है। लोगों से जब जानकारी ली गई जो तथ्य उभर कर सामने आये वो चौकाने वाले थे। रात के समय यहॉ वो सब होता है जो नहीं होना चाहिए। दूर शहर से लोग यहॉ शराब एवं गांजे का आन्नंद लेने आते है।  समझ से परे है कि आखिर इन संरक्षण देने वाले लाज शर्म भी बेच खाये है। या शासन की ओर से महीने की पगार नही मिलती । जो लोगों को संरक्षण देकर रकम कमाई जाती है। कभी पुलिस संरक्षण देती थी जिसकी जान की पड़ी होती थी। मगर अब तो पुलिस चोर उचकों एवं उठाईगीर को भी संरक्षण देने लगी है।  



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