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Monday, July 30, 2012

लकड़ी से दागे जाते हैं लड़कियों के ब्रेस्ट में गर्म रॉड


अनोखी प्रथा: यहां गर्म रॉड और लकड़ी से दागे जाते हैं लड़कियों के ब्रेस्ट

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अफ्रीका के गिनियन गल्फ में स्थित कैमरून की आबादी करीब 15 मिलियन है और यहां तकरीबन 250 जनजातियां रहती हैं। टोगो, बेनिन और इक्वाटोरिअल गुनिया से सटे इस देश को 'मिनिएचर अफ्रीका' भी कहा जाता है। एक अजीबो-गरीब प्रथा के कारण पिछले कुछ समय से कैमरून काफी समय से चर्चा में है। यह अनोखी प्रथा है 'ब्रेस्ट आयरनिंग', जिसमें किशोरावस्था के शुरू होते ही लड़कियों के ब्रेस्ट को लकड़ी के टुकड़ों से दागा जाता है, ताकि वे बढ़ न सकें।

इस अनोखी प्रथा में विचलित करने वाली बात यह है कि इसे लड़की की मां ही अंजाम देती है। इसके पीछे मान्यता यह है कि गर्म वस्तुओं से ब्रेस्ट दागने से लड़कियों की छाती चपटी हो जाती है और उन पर पुरुषों का ध्यान नहीं जाता। इस संबंध में कैमरून की महिलाओं का मानना है कि अगर लड़कियों के जवानी के लक्षण जल्द दिखाई देने लगें तो पुरुषों का ध्यान उन पर जाता है और ऐसे में लड़कियों के शादी से पहले ही गर्भवती होने का डर बना रहता है।

कैमरून की अधिकतर लड़कियां 9 साल की उम्र में ब्रेस्ट आयरनिंग की प्रक्रिया से गुजर चुकी होती हैं। ब्रेस्ट आयरनिंग की यह वीभत्स प्रक्रिया लड़कियों के साथ 2 से 3 महीनों तक लगातार की जाती है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार ब्रेस्ट आयरनिंग के 58 प्रतिशत मामलों में लड़की की मां ही इसे अंजाम देती है।

इस अनोखी प्रथा से कैमरून के सभी 10 क्षेत्रों की महिलाओं की मानसिक और शारीरिक स्थिति पर बुरा असर पड़ रहा है। यह प्रथा कैमरून के लिटोरल प्रांत में सबसे अधिक (53 प्रतिशत) प्रचलित है।
गौरतलब है कि अन्य अफ्रीकी देशों की तुलना में कैमरून की साक्षरता दर सबसे अधिक सन् (2003 में 79 प्रतिशत) है, जबकि किशोरियों के गर्भधारण के मामले सन् 1996 से कम हुए हैं। सेक्सुअल आकर्षण और दिखावे से बचाने के लिए की जाने वाली वीभत्स प्रथा ब्रेस्ट आयरनिंग के बावजूद यहां लड़कियों के कम उम्र में गर्भवती होने के मामले अभी भी सामने आ रहे हैं। मानवाधिकार संस्थाएं और बुद्धिजीवी ब्रेस्ट आयरनिंग को एक टैबू के रूप में देखते हैं।

अन्ना समर्थकों का पवार के घर के बाहर प्रदर्शन, घसीट कर ले गई पुलिस


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नई दिल्‍ली। दो दिन पहले पीएम आवास के बाहर प्रदर्शन करने के बाद अन्‍ना हजारे के समर्थकों ने अब केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार को निशाना बनाया है। 6, जनपथ स्थित शरद पवार के घर अन्‍ना समर्थकों का प्रदर्शन शुरू हो गया है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि कृषि मंत्री पवार ने सबसे बड़ा खाद्य घोटाला किया है। उन्‍होंने उनके घर पर चावल और आटा की थैलियां फेंके। अन्‍ना समर्थकों में स्‍कूल-कॉलेज के स्‍टूडेंट और महिलाएं भी हैं। मौके पर पुलिस बल तैनात है। पुलिस प्रदर्शनकारियों को घसीट कर बस में बैठा कर ले जा रही है। 

उधर, योग गुरु बाबा रामदेव ने टीम अन्‍ना के साथ संबंधों की हद तय करने की कोशिश की है। उन्‍होंने कहा है कि वह कहां जाते हैं, किससे मिलते हैं, इस बारे में टीम अन्‍ना को कोई सवाल नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही बाबा ने यह भी साफ किया उनके और अन्‍ना के विचार एक हैं।

रविवार से अनशन कर रहे अन्ना सोमवार को भी डटे हैं। उनके साथ मंच पर अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया भी डटे हैं। जबकि किरण बेदी ने ट्व‍िटर पर जंतर मंतर की कुछ तस्‍वीरें अपलोड की हैं और भीड़ जुटने पर उत्‍साह भर कमेंट ट्वीट किए हैं। टीम के सदस्‍य संजय सिंह और कुमार विश्‍वास ने सरकार पर हमला बोलते हुए जान-बूझ कर र्नार्दन ग्रिड फेल करवाने का आरोप लगाया, ताकि लोग जंतर मंतर नहीं पहुंच सकें।

लेकिन सेहत की चिंता इस उत्‍साह पर भारी पड़ सकती है। अनशन पर बैठे टीम अन्ना के सदस्य गोपाल राय का किटोन लेवल बढ़ने से उनकी तबीयत और अधिक खराब हो गई है। संभावना है कि खराब होती तबीयत के मद्देनजर गोपाल राय का अनशन सोमवार को तुड़वाया जा सकता है। अन्‍ना की भी तबीयत खराब हो गई है। डॉक्टरों के मुताबिक बार-बार अनशन करने की वजह से अन्ना का शरीर काफी कमजोर हो गया है। अन्ना का अनशन अगर सरकार के लिए खतरे की घंटी है, तो ये अनशन खुद उनके शरीर के लिए भी खतरनाक है।

जंतर-मंतर पर पिछले पांच दिन से टीम अन्ना के सदस्य-अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया और गोपाल राय अनशन कर रहे हैं। रविवार सुबह 10.30 बजे से अन्ना ने भी उनका साथ देना शुरू कर दिया। मंच पर आते ही उन्होंने कहा, 'मेरी टीम ने खराब स्वास्थ्य के चलते मुझे अनशन करने से मना किया था। लेकिन जो लोग यह अनशन रख रहे हैं मैं उन्हें नजरअंदाज कैसे कर सकता हूं। जब तक हमें जन लोकपाल नहीं मिल जाता जनता मुझे मरने नहीं देगी।'

किरण बेदी ने ट्विटर पर देश की नामी हस्तियों से आंदोलन से जुडऩे की अपील भी की। इनमें आमिर खान, पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह, नारायण मूर्ति, अमिताभ बच्चन, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और ई श्रीधरन शामिल हैं। 
वहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से ट्विटर पर उस पत्र को सार्वजनिक किया गया है, जो 26 जून को टीम अन्‍ना को भेजा गया था। इसमें बताया गया था कि लोकपाल बिल को लेकर सरकार क्‍या कदम उठा रही है।