Pages

click new

Tuesday, March 5, 2013

तुम्हें प्यार है मुझसे...?

तुम्हें प्यार है मुझसे...?
क्या सच प्यार है मुझसे??
क्या करोगे इस प्यार की खातिर?
निहारोगे हसरत भरी निगाह से, या
मेरी खुशबू को साँसों में भर लोगे?
या फिर मुझे इन टहनियों से नोचकर
अपने घर लेजाकर सजा दोगे?
और दो दिन बाद कूड़े में फेंक हाथ धो लोगे?
प्यार तो मुझे ये कांटे करते हैं...
ये कभी मेरी चाहना में तड़पते नहीं...
बस तने रहते हैं उन हाथों की ओर
जो मुझे छूने को बढ़ते हैं....

No comments:

Post a Comment