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Tuesday, June 2, 2015

हिन्दू ने मुस्लिम बेटी का निकाह रचकर पेश की सांप्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल

tocnewsindia.blogspot.in |
Tuesday, June 2, 2015

पटना। भारत में सभी धर्मो के लोग रहते है। आपस में मिलजुल कर रहते हुए कभी लगता ही नहीं की कोई हिन्दू है या कोई मुस्लिम। बिहार में भी एक ऐसा मामला सामने आया है। जिसे देखकर लगता है अभी इंसानियत जिंदा है। मामला बिहार के पूर्णिया जिले का है। यहां के उपेंद्र गुप्ता ने सांप्रदायिक सौहार्द और मानवता की एक खूबसूरत मिसाल पेश की है।

हिंदू धर्म से ताल्लुक रखने वाले उपेंद्र ने 20 साल शब्बो खातून की अपनी बेटी की तरह परवरिश की और इस्लामिक रीति-रिवाज के साथ एक मुस्लिम लड़के के साथ उसका विवाह कराया। पूर्णिया जिले के झंडा चौक में रहने वाले उपेंद्र गुप्ता को 20 साल पहले शब्बो मिली थी। शब्बो उस दौरान मात्र चार वर्ष की थी और गरीबी से त्रस्त शब्बो के माता-पिता ने बचपन में ही उसका परित्याग कर दिया था। उन्होंने मुस्लिम प्रथाओं के साथ शब्बो का अपनी बेटी की तरह पालन-पोषण किया।

उपेंद्र ने कहा, ‘‘हालांकि मैंने उसका अपनी बेटी की तरह पालन-पोषण किया। मैंने उसके जन्म के समय के धर्म को ध्यान में रखते हुए एक मुस्लिम लड़के के साथ उसका विवाह कराया है। मेरे लिए मानवता मेरे धर्म से बढ़कर है।’’बारात में ज्यादातर लोग मुस्लिम थे, जबकि वधू पक्ष में ज्यादातर सदस्यों का संबंध हिंदू धर्म से था। लोगों ने गुप्ता के इस कदम की खूब सराहना की।

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