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Monday, July 6, 2015

व्यापम घोटाले में आज फिर एक महिला उपनिरीक्षक ने आत्महत्या कर ली

आपकी भी जिम्मेदारी है, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री !
व्यापम घोटाले में आज फिर एक महिला उपनिरीक्षक ने आत्महत्या कर ली| सरकार हर दिन लीपापोती में लगी हुई है | व्यापम की तत्कालीन अध्यक्ष को क्लीन चिट दे दी गई इतने दिन से सारी सरकार जो इस सारे मामले की निगहबानी के लिए जिम्मेदार है | चुप हैं और ये सब वो हैं जो मुख्यमंत्री, मंत्री और अफसर के रूप में राज्य के खजाने से तनख्वाह पाते हैं |

अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं रहे हैं बल्कि वह सब छिपा रहे हैं जो सच है | पहली नजर में दोषी दिखने वाले मजे क्र रहे हैं और लोक लाज से डरने वाले आत्म हत्या कर रहे हैं | हैरानी की बात है कि इतने बड़े पैमाने पर होने वाली मौतों को संदिग्ध मानने और ईमानदारी से जांच के लिए पहल करने के बजाय शिवराज सिंह चौहान सरकार इसे व्यापमं से जोड़ने को निराधार बता रही है।

गृहमंत्री जांच की कोई जरूरत नहीं महसूस करते। सवाल है कि एक ही मामले से जुड़े लोगों की इतनी बड़ी तादाद में मौतें क्या यह संदेह पुख्ता नहीं करतीं कि घोटाले का दायरा अनुमान से ज्यादा बड़ा है और गवाहों और आरोपियों को इसलिए ठिकाने लगाया जा रहा है कि कहीं पूछताछ और जांच में कुछ बड़े नामों का खुलासा न हो जाए! गौरतलब है कि इस प्रकरण में राज्यपाल रामनरेश यादव और उनके बेटे शैलेश यादव का भी नाम आ चुका है। नियुक्तियों के लिए नियमों में बदलाव के मुद्दे पर मुख्यमंत्री पर भी सवाल उठ रहे हैं। ऐसा क्यों है कि बीते दो सालों की जांच की प्रगति और आरोपियों और गवाहों की जान जाने की घटना के मद्देनजर राज्य सरकार की ओर से कराई जा रही जांच पर लोग भरोसा नहीं जता पा रहे हैं?

सच तो यह है कि अगर कुछ सामाजिक कार्यकर्ता इस घोटाले से जुड़े तथ्य सामने नहीं लाए होते, तो शायद यह मामला दबा रह जाता! यहीं एक और आशंका खड़ी हो रही है। अगर लगातार आरोपियों की मौत के पीछे कोई साजिश है, तो क्या गारंटी कि इस प्रकरण का खुलासा करने वाले कार्यकर्ताओं की जान सुरक्षित है? इस घोटाले के खिलाफ सबसे पहले आवाज उठाने वाले एक कार्यकर्ता ने यह चिंता जाहिर की है। अगर राज्य सरकार खुद को पाक-साफ बताने की कोशिश कर रही है तो क्या यह उसकी जिम्मेदारी नहीं है कि घोटाले के गवाहों और पकड़े गए तमाम आरोपियों के साथ-साथ इसका खुलासा करने वाले कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे? इसके अलावा, केंद्र की भाजपा सरकार को जहां इस व्यापक घोटाले का संज्ञान लेकर ईमानदारी से इसकी जांच और दोषियों को सजा दिलाने के लिए दखल देना चाहिए | मुख्मंत्री जी नजर घुमाइए, आपके मन्त्री और उनके भाई- भतीजे भांजे -दामाद क्या कर रहे हैं | जनता को मालूम है |

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