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Monday, August 3, 2015

फर्जी डाक्टरों का सरगना डॉ.अभिमन्यु सिंह

भोपाल/पं.एस.के.भारद्वाज की रिपोर्ट
Toc News @ Bhopal
मध्य प्रदेश और दूसरे राज्यों में पत्रकारिता करते लंबा अरसा हो गया। इस दौरान पत्रकारिता का क्षेत्र अधिकतम शहरी ही रहा है।राजधानी में लगभग हर विधा पर काम किया है। एकाएक मन में विचार आया कि क्यो न ग्रामीण क्षेत्र में काम किया वहां के पारिवारिक सामाजिक रहन सहन खान पान के साथ शिक्षा सरकार की योजनाऐं तथा स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाओं ,समस्याओं को जानने समझने का अवसर मिला खास तौर से स्वास्थ्य संबंधी समस्या बहुत ही विकराल है। अस्पतालों की कमी डाक्टरों की कमी दवाओं की कमी से ग्रामीण क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित है इसका लाभ कुछ लोगों ने बाकायदा गिरोह बनाकर ग्रामीण क्षेत्रो में तथाकथित बंगलादेशी उर्फ बंगाली डाक्टर बगैर किसी डिग्री अनुभव के मोटी रकम बसूल कर जगह जगह बैठा दिया गया है। भ्रमण के दौरान तूमड़ा ग्राम पहुॅचा वहॉ स्वास्थ्यसंबंधी ग्रामीणों से चर्चा हुई जिसे सुन कर हम दंग रह गये। ग्रामीणों ने बताया कि कई बंगाली डाक्टर क्लीनिक खोलकर हर वह उपचार कर रह रहे है जो एक परिपक्व योग्य डाक्टर किसी बड़े नर्सिग होम में हजारों रूपये फीस लेकर करते है। और ये बंगाली डाक्टर भी निजी नर्सिग होम की तुलना में कुछ कम परन्तु मोटी रकम खूब बसूलते है। गरीब मरीजो से दुव्र्यवहार करने की भी शिकायते आयी है। तो सोचा क्यू न बंगाली डाक्टर से चलकर चर्चा करली जाय । एक क्लीनिक पर पहुॅचने पर वहॉ उपचार कर रहे डाक्टर से उनका परिचय पूछा तो उन्होंने अपना नाम डा.के.सी विश्वास बताया जो कि वर्ष 2008 में भोपाल में आकर बसा है। उसने बताया कि मैने पचास हजार रूपये मे बी.एम.पी.सी.आर.की डिग्री डा.अभिमन्यू सिंह से खरीदी मेरे 1100 साथियों  ने  50,0000/-50,0000/ रूपये में डिग्री ख्ररीद कर बैठे है भले ही सारे हमारे देश के नहीं हैं। उन्हीं ने ये डिग्री हमें दी है। और वे ही हमारे संरक्षक भी है।  आप कहॉ से आये है इसके जबाव में बताया कि नादिया जिला के परगना,पंचायत के बताया जब इनसे नादिया जिला के संबंध में पूछा तो हमारी बात सीधे किसी अभिमन्यु नामक व्यक्ति से करा दी । अभिमन्यु ने फोन पर ही धमकाते हुए कहा कि आप वहॉ से चले जाओं वह हमारे आदमी है । और आपको किसी भी प्रकार की पूछताछ करने अधिकार नही है। आप जाईये पुलिस के पास,सरकार के पास शिकायत कर दीजिये। जब हमने कहा कि भाई साहब अपना परिचय बतायें और ग्रामीणों को तो बतादें कि ये क्लीनिक चलाने वाले डाक्टर भारतीय डिग्री,डिप्लोमाधारी है या घुसपैठिये , ये सुनते ही अभिमन्यु सिंह खुली गुण्डागर्दी पर उतर आया और ना जाने कितनी ही गालियंा पत्रकार विरादरी को दी होंगी शायद में उन शब्दों का उल्लेख भी नहीं कर सकता। अभिमन्यु सिंह के बारे में अन्य तथाकथित बंगला देशियों ने बताया कि अभिमन्यु सिंह फर्जी तरीके से डिग्रियॉ बॉट कर उनको जगह जगह ग्रामीण क्षेत्रों में बैठा रहा है। चाहे कोई भी गैर भारतीय अथवा भारतीय नागरिक इस काम के लिए उनके मो.नं.9300627597 पर स्वयं संपर्क करके बात कर सकते है। यह नंबर भी उसी बंगाली डाक्टर ने ही बताया है। अभिमन्यु नामक व्यक्ति अपने प्रभाव का उपयोग करके सांठ गॉठ से वह बोटर कार्ड राशन कार्ड आधार कार्ड जैसे मूल भारती होने के सभी आवश्यक दस्तावेत तैयार करा देता है। और भारतीय नागरिको के अधिकारों का हनन करता है। इसके लगभग पांच मिनिट बाद ही किसी डॉ राजीव पाल नाम के व्यक्ति का मेरे फोन पर फोन आ गया जिसका न. है 7049997275। इन्होंने अपना ऐ परिचय मेट्रो क्राइम न्यूज का व्यूरो भी बताया। उसने छूटते ही बोला कि इस काम को आप छोड़ दो यह आपका काम नही है बदले मे जो भी चाहो मदद करने को तैयार है। इस काम से जुड़े लोग सामान्य नहीं है बल्कि बहुत प्रभावशाली तंत्र से जुड़े है। इन डाक्टरो के पचड़े में ना पड़ो यहॉ यह आशंका बलवती है कि ग्रामीणों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने का लाइसेंस किसने दिया ? इस मामले में पुलिस महानिरीक्षक भोपाल संभाग श्री योगेश चौधरी से चर्चा करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने मीटिंग में व्यस्थता का कारण बताकर कल सुबह 11 बजे चर्चा करने के लिए कहा । संबंधित थाना खजूरी सड़क भोपाल इस संबंध में जानकारी चाहने पर अधिकारी ने क्षेत्र में किसी भी ऐसे डाक्टरों के संबंध में अनभिज्ञता बताई। अब यह चिन्ता की बात है कि जहॉ म.प्र. पुलिस और प्रशासन की नाक के नीचे यह रैकिट पनप गया है जो भारतीयों के द्वारा तथाकथितों के द्वारा देश की जनता के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा से गैंग बनाकर कार्य को अंजाम दिया जा रहा है कहीं देश की आंतरिक सुरक्षा के साथ कोई नई भविष्य की चुनौती नो नही  मिलने वाली है?  मित्रों वादा है इस संबंध में जिला नादिया ,बंगला देशियों का भारत में घुसपैठ कराने वाले दलालों की कार्यपद्धति देश में स्थापित करने की नीति, देश को हो रहे आर्थिक,सामाजिक,मानसिक एवं लोगों की इलाज के दौरान होने वाली अकाल मौतों का विवरण संबंधित वरिष्ठ प्रयाासनिक अधिकारियों से चर्चा के बाद भविष्य मे निश्चित अवगत कराउॅगा। परिणाम चाहे जो भी हो ।

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