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Friday, September 2, 2016

कौन कौन हैं पोलीटिकल सेक्सी सक्सियत...... AAP नेता संदीप ही नहीं ये नेता भी फंस चुके हैं सेक्स स्कैंडल में !

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सत्ता धारी पार्टी आम आदमी पार्टी के पूर्व मंत्री संदीप कुमार का सेक्स स्कैंडल सामने आने के बाद एक बार फिर से उन नेताओं की चर्चा हो रही है जो सेक्स स्कैंडल में फंस चुके हैं। इनमें कांग्रेसी नेता एनडी तिवारी, राजस्थान सरकार में मंत्री रहे महिपाल मदेरणा, कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और हरियाणा सरकार में मंत्री रहे गोपाल कांडा जैसे नेताओं का भी नाम शामिल है। इतना ही नहीं कुछ नेता यूपी से भी हैं जिनका सेक्स टेप सामने आया था।
मधुमिता और अमरमणि त्रिपाठी:
यूपी के तत्कालीन मंत्री अमरमणि त्रिपाठी का मधुमिता नामक एक कवियित्री के इतने करीब आ गए थे कि वह गर्भवती हो गई थी। जब यह बात मंत्री की पत्नी को पता चली तो उन्होंने वर्ष 2003 में मधुमिता की हत्या करवा दी। फिलहाल अमरमणि त्रिपाठी जेल में हैं और वह मधुमिता की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।
कुमार विश्वास स्कैंडल
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और कवि कुमार विश्वास पर एक महिला ने संबंध होने का आरोप लगाया था। इस महिला ने विश्वास पर आरोप लगाया कि वह उनके साथ संबंध में है। कुछ दिन पहले ही विश्वास की एक आपत्तिजनक फोटो भी सामने आई थी जिसे फोटो एडिटिंग का कमाल बताया गया था। हालांकि इस दावे में कितनी सच्चाई है यह तो बाद में ही पता चलेगा लेकिन महिला के कथित दावे से कुमार विश्वास पर संदेह मंडरा रहा है।
एनडी तिवारी सेक्स स्कैंडल:
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और आंध्र के पूर्व राज्यपाल नारायण दत्त तिवारी भी सेक्स स्कैंडल को लेकर चर्चे में रह चुके हैं। उनका एक नहीं बल्कि तीन-तीन महिलाओं के साथ आपत्तिजनक सीडी वायरल हुआ था। इस कृत के चलते उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इतना ही नहीं शेखर नामक एक शख्स द्वारा उनको अपना पिता कहे जाने के चलते उन्हें डीएनए टेस्ट तक देना पड़ा था।
अभिषेक मनु सिंघवी सेक्स सीडी स्कैंडल
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और कांग्रेस प्रवक्ता मनु सिंघवी भी एक सेक्स सीडी मामले में फंस गए थे। माना जाता है कि उनके पूर्व ड्राइवर ने ही उनकी यह सीडी तैयार करवाई थी। वह इसके आधार पर उन्हें ब्लैकमेल कर रहा था। मनु सिंघवी ने इसके विरूद्ध हाईकोर्ट में याचिका लगाई और हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस सीड़ी के प्रसारण या प्रचार प्रसार पर रोक लगा दी गई हालांकि तब तक यह सीडी इंटरनेट पर वायरल हो चुकी थी।
राघव जी सेंक्स स्कैंडल:
एमपी की राजनीति के वरिष्ठ नेता राघव जी पर अपने नौकर से अप्राकृतिक यौन शोषण के आरोप में इस्तीफा देना पड़ा था।
सूबे के तत्कालीन वित्त मंत्री राघवजी को नौकर राजकुमार दांगी (29) के साथ कथित यौन शोषण के आरोप में अपनी कुर्सी भी गंवानी पड़ी थी। उसने आरोप लगाया था कि सरकारी नौकरी का लालच देकर राघवजी उसका पिछले साढ़े तीन साल से दैहिक शोषण कर रहे थे।
राघवजी के नौकर ने कहा कि लगभग छह माह बाद उन्होंने (राघवजी) तेल मालिश के दौरान अपने निजी अंगों पर भी मालिश करने को कहा, उसे अटपटा लगा, लेकिन नौकरी के प्रलोभन में वह चुपचाप यह अन्याय सहता रहा।
उसने यह भी दावा किया था कि शेरसिंह नामक एक शख्स की पत्नी रेखा के भी राघवजी से अनैतिक संबंध थे। एक सवाल के जवाब में उसने कहा कि मंत्री और उसके अन्य नौकरों द्वारा जान से मारने की धमकी तथा नौकरी के प्रलोभन में वह इतने समय चुप रहा, लेकिन जब उसका अंतरमन कचोटने लगा, तो उसने मामले का भण्डाफोड़ करने का निश्चय किया।
संजय जोशी सेक्स स्कैंडल

कभी आरएसएस के प्रचारक तथा बीजेपी के जनरल सेक्रेटरी रहे संजय जोशी की भी एक सेक्स सीडी सामने आई थी जिसमें वह आपत्तिजनक अवस्था में एक महिला के साथ दिखाई दे रहे थे। इसके साथ ही उनकी एक ऑडियो कैसेट भी मीडिया को मिली जिसमें महिला जोशी को अपने वादे पूरे करने का आग्रह करने के लिए कह रही थी। शुरू में माना गया था कि यह सीडी पार्टी की आपसी राजनीतिक कलह के कारण बाहर आई।
गोपाल कांडा और गीतिका शर्मा:
गोपाल कांडा हरियाणा के सिरसा से पूर्व विधायक तथा हरियाणा सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। एम डी एल आर एयरलाईन्स के नाम से वे एक विमानन कंपनी भी चलाते थे। इस कंपनी की एक कर्मचारी गीतिका की आत्महत्या के मामले में वे जेल भी जा चुके हैं।
गीतिका शर्मा 5 अगस्त, 2012 को अशोक विहार स्थिति घर में मृत मिली थी। गीतिका ने आत्महत्या के बारे में 4 अगस्त, 2012 को लिखे पत्र में कहा था कि वह कांडा और उसकी सहयोगी अरुणा चड्ढा के ‘उत्पीड़न’ के कारण अपनी जिंदगी खत्म कर रही है। इन दोनों ने इस आरोप से इंकार किया है।
सुरेश राम सेक्स स्कैंडल
इस स्कैंडल ने आजाद भारत की पहली गैरकांग्रेसी सरकार को गिरा दिया था। बाबू जगजीवन राम के नेतृत्व जनता पार्टी ने 1977 की केन्द्र में सरकार का गठन किया था। कुछ ही समय बाद एक मैग्जीन में उनके पुत्र सुरेश राम की न्यूड फोटो एक छपे। मैग्जीन के इस अंक का प्रकाशन इंदिरा गांधी की बहू मेनका गाधी ने किया था। देखते ही देखते बाबू जगजीवन राम की सरकार ने सदन में बहुमत खो दिया और उनकी सरकार गिर गई। बाद में चौधरी चरण सिंह कांग्रेस के सपोर्ट से प्रधानमंत्री बने।
भंवरी और मदरेणा सेक्स स्कैंडल:
राजस्थान की राजनीति में भू-चाल लानेवाले भंवरी देवी को कौन भूल सकता है। राजस्थान सरकार में मंत्री रहे महिपाल मदरेणा और नर्स भंवरी देवी के अवैध संबंधों की खूब चर्चा हुई थी। जब भंवरी देवी गायव हुई तो आरोप मदरेणा पर लगे।
कौन थी भंवरी देवी 
भंवरी देवी का ताल्लुक राजस्थान की नट बिरादरी से था। वह जोधपुर के नजदीक पैनन कस्बे के एक सरकारी अस्पताल में बतौर नर्स काम करती थी। उसकी शादी भी हो चुकी थी। पर मॉडलिंग और राजस्थानी एल्बम को सीढ़ी बना कर वह राजस्थानी फिल्मों की हीरोईन बनने का सपना पाले बैठी थी। लिहाजा अपने इस ख्वाब को पूरा करने के लिए वह कुछ भी कर सकती थी। गांव के अस्पताल में ले देकर एक ही वही नर्स थी और वो भी ड्यूटी से गायब रहती थी। लिहाजा गांव वालों की शिकायत पर भंवरी देवी को नौकरी से सस्पेंड कर दिया गया था।
भंवरी देवी की नौकरी जा चुकी थी। लेकिन उसकी खूबसूरती के चर्चे जोधपुर से जयपुर तक होने लगे थे। वह नौकरी बचाने के लिए इलाके के विधायक मलखान सिंह के पास गई। मलखान सिंह उसे जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा के पास ले गए। फिर दोनों ने कलेक्टर से भंवरी देवी की सिफारिश की। सिफारिश रंग लाई और भंवरी देवी का निलंबन ना सिर्फ रद्द हुआ बल्कि उसे नई पोस्टिंग अपने घर के और नजदीक जालीवाड़ा के सरकारी अस्पताल में मिल गई।
ऐसे बदली भंवरी की जिंदगी
भंवरी देवी, मलखान सिंह और महिपाल की नजरों में चढ़ चुकी थी। वक्त के साथ-साथ वह इन दोनों की करीबी हो गई। दोनों नेताओं से मिलने के बाद भंवरी को सत्ता की ताकत का अहसास हो चुका था। मलखान और मदेरणा की वजह से उसकी मुलाकात धीरे-धीरे बाकी नेताओं से भी हो गई। और फिर देखते ही देखते सात-आठ हजार की मामूली तनख्वाह पाने वाली भंवरी देवी की जिंदगी पूरी तरह बदल गई। उसने नया घर बनाया। नई कार खरीदी। बेटे-बेटी का दाखिला नामी स्कूलों में कराया।
126 दिन बाद खुल गया भंवरी का राज
गुमशुदगी के ठीक 126 दिन पता चला कि नर्स भंवरी देवी मर चुकी है। दरअसल, भंवरी से कार खरीदने वाला सोहनलाल बिश्नोई विधायक मलखान सिंह का भांजा था। उसी ने भंवरी देवी को फोन कर बताया था कि सीडी के बदले साठ लाख रुपए लेने उसे बिलाड़ा जाना पड़ेगा। लेकिन रुपए उसे तभी मिलेंगे जब राजू भाई सीडी की असलियत परख लेगें। एक सितंबर को ही भंवरी बस से बिलाड़ा गई। वहां एक बुलेरो जीप में राजू और उसका एक साथी भंवरी का इंतजार कर रहे थे। ये राजू कोई और नहीं बल्कि राजस्थान का खूंखार अपराधी शहाबुद्दीन था। जो राजू बनकर सीडी का सौदा करने आया था।
ऐसे हुआ था भंवरी का कत्ल 
भंवरी अब सोहनलाल और शहाबुद्दीन के बुने जाल में फंस चुकी थी। राजू ने गाड़ी के सीडी प्लेयर में 52 मिनट की पूरी फिल्म देखी। इस दौरान जीप लगातार सड़क पर फर्राटे भरती रही। जीप के पीछे सोहनलाल एक स्विफ्ट कार में चल रहा था। ताकि भंवरी को किसी भी तरह का शक ना हो। शाम होते ही भंवरी ने शहाबुद्दीन से पैसे मांगे। लेकिन राजू के आनाकानी करने पर भंवरी को शक हो गया। उसने शोर मचाना शुरु कर दिया। यह देखकर सोहनलाल भी बुलेरो के अंदर आ गया और इन तीनों ने भंवरी को जीप की सीट के नीचे लिटा दिया। और जूतों से रौंद कर भंवरी को मौत के घाट उतार दिया गया।
मंत्री और विधायक गए जेल
सीबीआई ने बाद में जो खुलासा किया उसके मुताबिक भंवरी के कत्ल की पहली कड़ी विधायक मलखान सिंह और दूसरी कड़ी पूर्व कैबिनेट मंत्री महिपाल मदेरणा था। भंवरी सीडी के जरिए मंत्री मदेरणा को ब्लैकमेल कर रही थी। उस सीडी में मंत्री आपत्तिजनक हालत में भंवरी देवी के साथ था। इस मर्डर केस से जुड़े सभी लोग मलखान और मधेरणा के लोग थे। बाद में महिपाल मदेरणा को ना सिर्फ मंत्रीपद से इस्तीफा देना पड़ा। बल्कि जेल भी जाना पड़ा। वही हाल मलखान सिंह का भी हुआ।
बाबूलाल नागर सेक्स स्कैंडल
राजस्थान के ही वरिष्ठ नेता बाबूलाल नागर पर भी एक महिला ने बलात्कार का आरोप लगाया था। पुलिस ने इस मामले में नागर को गिरफ्तार भी किया था।

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