TOC NEWS, Nov 02, 2016,
सोल। दक्षिण कोरिया में एक राजनीतिक घोटाले को लेकर उठ रहे विवाद को खत्म करने की ताजा कोशिश में राष्ट्रपति पार्क ग्युन हे ने प्रधानमंत्री तथा अपने मंत्रिमंडल के दो अन्य शीर्ष सदस्यों को आज पद से हटा दिया। राष्ट्रपति का यह कदम एक सर्वदलीय ‘‘तटस्थ’’ मंत्रिमंडल बनाने के लिए वरिष्ठ नौकरशाहों और मंत्रियों में फेरबदल करने एवं राष्ट्रपति तथा उनके प्रशासन को लेकर लोगों में फैले गुस्से को दूर करने की योजना का हिस्सा है।
पार्क तब से राजनीतिक तूफान में घिरी हैं जब उन पर यह आरोप लगे कि उन्होंने अपनी एक पुरानी मित्र को मंत्रिमंडल में नियुक्तियों सहित सरकारी मामलों में हस्तक्षेप करने की अनुमति दी जबकि वह मित्र किसी राजनीतिक पद पर नहीं थी। राष्ट्रपति की यह मित्र चोई सून सिल हैं, अभियोजक जिन्हें आपातकालीन हिरासत में लेकर जालसाजी, कामकाज में दखल के आरोपों तथा पार्क के साथ संबंधों को लेकर पूछताछ कर रहे हैं।
राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री वांग क्यो आन को वर्तमान स्थिति से जुड़े होने के सिलसिले में हटाया गया है। साथ ही वित्त एवं जन सुरक्षा मंत्रियों को भी हटाया जा रहा है। नए प्रधानमंत्री के तौर पर किम ब्योंग जून को नामित किया गया है जो दिवंगत उदारवादी राष्ट्रपति रो मू हूयून के पूर्व शीर्ष सहायक हैं। दक्षिण कोरिया में प्रधानमंत्री पद प्रतीकात्मक है और लगभग समस्त अधिकार राष्ट्रपति के पास होते हैं।
कहा जाता है कि चोई सून सिल राष्ट्रपति के भाषणों को देख कर उनका अवलोकन करती थीं और गोपनीय दस्तावेजों तक भी उनकी पहुंच थी। इस खुलासे के बाद पार्क को लोगों की गहरी नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। अभी पार्क के कार्यकाल में एक साल से अधिक समय शेष है लेकिन उनकी लोकप्रियता में बहुत गिरावट आई है। योनहैप समाचार एजेंसी ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि अभियोजक आज दिन में चोई को गिरफ्तार करने के लिए औपचारिक वारंट मांगेंगे।
आलोचनाओं के स्वर मंद करने के लिए पार्क से उनकी सत्तारूढ़ साएनुरी पार्टी के बाहर के सदस्यों को लेकर एक तटस्थ मंत्रिमंडल बनाने का आग्रह किया गया है। बहरहाल, विपक्ष का कहना है कि उन्हें नियुक्तियों के बारे में परामर्श लेने की जरूरत है और कोई भी फेरबदल पार्क के चोई के साथ संबंधों की व्यापक जांच के बाद ही होना चाहिए। मुख्य विपक्षी दल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ कोरिया का कहना है कि आज किए गए बदलाव केवल दिखावा हैं।
No comments:
Post a Comment