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Saturday, December 31, 2016

31 रुपये में बीयर चाहते हैं तो सुनिये PM मोदी का भाषण

Toc News

नई दिल्ली: नए साल के मौके में अगर आप पार्टी करने का सोच रहे हैं तो यह आप के लिये है। पार्टी करने वालों के लिए बार ने स्पेशल आफर रखा है। सोशल ऑफलाइन नाम के बार ने अलग तरह का ऑफर शुरू किया है। इस ऑफर न्म वहां पर 31 रुपये में बीयर या एक शॉट दिया जाएगा। लेकिन शर्त कि ऑफर के लिए लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सुनना होगा। 31 दिसंबर की शाम को साढ़े सात बजे से देश को संबोधित करेंगे। उनका यह संबोधन नोटबंदी के 50 दिन पूरे होने के बाद हो रहा है।

सोशल ऑफलाइन नाम के बार ने मुंबई, दिल्‍ली और बेंगलुरु में चलने वाले बार ने अपने फेसबुक पेज के ज़रिए ऑफर की जानकारी दी। इसमें लिखा है, ”भाइयों और बहनों, 31 रुपये में बीयर या एक शॉट लीजिए। आइए और 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने के बाद हमारे प्रधानमंत्री का फॉलोअप भाषण देखिए। शर्त है- ऑफर पर एक व्‍यक्ति तीन बार ही दावा कर सकता है। यह ऑफर शाम साढ़े सात से रात आठ बजे तक जारी रहेगा।” गौरतलब है कि इस बार कई बार व पब में भी मोदी का भाषण दिखाया जाएगा।

बार मैनेजर्स का कहना है कि कई ग्राहक मोदी की स्पीच की व्यवस्था के बारे में पूछने के बाद ही अपनी टेबल बुक करा रहे हैं। दिल्‍ली के द वॉल्ट कैफे के मैनेजर के हवाले से रिपोर्ट में लिखा गया है, ‘लोग यूट्यूब, टि्वटर और न्यूज पोर्टल से अपडेट के साथ ही भाषण को लाइव सुनने में ज्यादा कंफर्ट महसूस करेंगे। इसलिए हम लोग इसकी स्क्रिनिंग का ऑप्शन रख रहे हैं। ग्राहकों की डिमांड पर हम लोग मोदी की स्पीच की स्क्रिनिंग करेंगे।’ तो गीत गुन गुनाईए क्योंकि आज 'नशे से चढ़ेंगे' पीएम मोदी।

आवश्यकता है ‘‘टाइम्स ऑफ क्राइम’’ और TOC NEWS को रिपोर्टर, प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की

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‘‘टाइम्स ऑफ क्राइम’’ भारत के सर्वश्रेष्ठ निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण साप्ताहिक समाचार पत्र ‘‘टाइम्स ऑफ क्राइम’’ एवं TOC NEWS ( डेली न्यूज ) www.tocnews.org हेतु सम्पूर्ण भारत में नगर/ब्लाक/पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय प्रतिनिधियों/संवाददाताओं की आवश्यकता है जो अपने गृह नगर क्षेत्र में समाचार/विज्ञापन/प्रसार सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके।

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MBA पास छात्रों के लिए SBI में निकली नौकरियों की भरमार, जल्द करें अप्लाई

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नई दिल्ली। अगर आप बैंक में नौकरी करना चाहते हैं तो, भारतीय स्टेट बैंक ने स्पेशलिस्ट कैडर के 11 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए गये हैं। बता दें कि इन पदों के लिए योग्य उम्मीदवार 13 जनवरी 2017 तक आवश्यक दस्तावेजों के साथ आवेदन कर सकते हैं।


कितने पदों पर निकली है भर्ती

भारतीय स्टेट बैंक में चीफ मैनेजर(रिस्क) 03 के लिए और मैनेजर (रिस्क ) 03, मैनेजर (सांख्यिकीविद्) 03 चीफ मैनेजर (फॉरेक्स) 01डिप्टी मैनेजर (इंटरेस्ट रेट मार्किट) 01 के पदों के लिए आवेदन जारी किये हैं।
क्या होनी चाहिए योग्यता

इसमें चीफ मैनेजर(रिस्क) के लिए सीए / एमबीए (फाइनेंस) के साथ ही एफआरएम / पीआरएम के उम्मीदवारों को प्राथमिकता मिलेगी। ओरेकल / एस पी एस एस में प्रवीणता आवश्यक है तथा रिस्क मैनेजमेंट में न्यूनतम 7 साल का अनुभव।

हो गया वो ऐलान जिसका पूरे देश को था इंतजार

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल पेमेंट को आसान बनाने के लिए शुक्रवार को बीएचआईएम एप लॉन्च किया। 'BHIM' का मतलब 'भारत इंटरफेस ऑफ मनी' एप को लॉन्च किया
एप को लॉन्च करते हुए पीएम मोदी ने खादी ग्रामोद्योग को पैसा ट्रांसफर किया। पीएम ने एप के जरिए 125 रुपए खादी ग्रामोद्योग को ट्रांसफर किए। इस मौके पर पीएम के साथ केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद थे।

दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में पीएम मोदी ने डिजिटल पेमेंट को आसान बनाने के लिए पीएम मोदी ने बीएचआईएम एप लॉन्च किया। इस मौके पर पीएम ने दो योजनाओं 'डिजी धन' योजना और 'लकी ग्राहक' योजना का ड्रा निकाला और इन दोनों योजनाओं के विजेताओं को सम्मानित किया।
इस दौरान नोटबंदी पर मोदी ने कहा कि कुछ लोग अब भी निराश हैं। ऐसे निराशावादी लोगों के लिए अभी कोई दवाई नहीं है। ऐसे लोगों को उनकी निराशा मुबारक!!

ये लड़की करती है नागिन होने का दावा, खबर पढ़ने के बाद आप भी करने लगेंगे यकीन

ये लड़की करती है नागिन होने का दावा, खबर पढ़ने के बाद आप भी करने लगेंगे यकीन


नई दिल्ली: नागिन ये शब्द अपने आप में ही लोगों का ध्यान खींचने के लिए काफी होता है| ऐसे में अगर किसी लड़की के नागिन होने की खबर आए तो लोगों की उत्सुकता बढ़ जाना लाजमी है| जी हां ये लड़की है मध्य प्रदेश भोपाल के गुना की रचना| रचना ने खुद के नागिन होने का दावा किया है| कभी कभी रचना नागिन की तरह ऐसे मचल उठती है कि उसे संभालना भी मुश्किल हो जाता है। रचना की इन्हीं आदतों की वजह से उसके ससुराल वाले उसे मायके छोड़ गए। 19 साल की रचना ने दावा किया कि वह नागिन थी।
नागिन बनी इस लड़की ने सुनाई अपनी कहानी
नागिन बनी इस लड़की रचना ने बताया कि 20 साल पहले उसे चरवाहों ने मारकर जला दिया था। पर उसका साथी नाग अभी भी जिंदा है। इसी वजह से वो नागिन की तरह व्यवहार करती है|
पिता हैं परेशान
रचना के पिता कहते हैं कि उनकी 'बेटी ठीक हो जाए, इससे ज्यादा उन्हें कुछ नहीं चाहिए|' वहीं, गांव वाले तो इस युवती को अब नागिन ही मानने लगे और उसे इसी तरह का सम्मान देते।
आज भी करती है नागराज से प्यार
रचना कहती है कि उसे लगता है कि वह एक नागिन है। उसका नाग पहाड़ी पर रहता है। चरवाहों ने 20 साल पहले रचना को मार कर जला दिया। अगर वो उसको ना जलाते, तो उसका साथी नाग उसे अपने साथ ले जाता। रचना के इन दावों के कितना सच है ये तो भगवान ही जाने | पर इतना जरूर है कि इस नागिन वाली कहानी की वजह से वो कौतुहल की वजह बन गयी है|
डॉक्टरों की राय
मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेंद्र भाटी के मुताबिक, युवती मानव है, तो उसे मानवीय बर्ताव करना चाहिए। खान-पान, रहन-सहन सब मानवों की तरह होना चाहिए। अगर वो अजीब बर्ताव कर रही है, तो यह उसकी कोई बीमारी, आदत या सोच भी हो सकती है। यह जांच का विषय है।

‘लीक ईमेल’ से हुआ खुुलासा, फर्जी है मुलायम और अखिलेश का झगड़ा!

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लखनऊ। यूपी की राजनीति लगातार उलझती नजर आ रही है। समाजवादी पार्टी के परिवार की लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है। पिता मुलायम और बेटे अखिलेश के बीच चल रहा दंगल अब सड़क पर आ गया है। नेता जी ने बड़ा फैसला लेते हुए बेटे अखिलेश को 6 साल के लिए सपा पार्टी से बाहर कर दिया। इसके साथ ही चाचा रामगोपाल को भी पार्टी से बर्खास्त कर दिया। इसी बीच एक नया मामला सामने आया है। जिसके बाद ये सारा खेल एक सोचा समझा ड्रामा लग रहा है। शुक्रवार को मुलायम द्वारा अखिलेश को पार्टी से बाहर किए जाने के कुछ ही देर बाद यह कथित मेल सामने आया, जो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस ‘फर्जी’ ईमेल के स्क्रीनशॉट को सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में शेयर किया गया। ईमेल में जो बातें लिखी गई हैं, उससे यह पता चलता है कि समाजवादी पार्टी में चल रहा झगड़ा फिक्स है। यह एक सोची समझी रणनीति है जिसके तहत चाचा (शिवपाल यादव) की कीमत पर अखिलेश की साफ छवि को और मजबूत बनाया जा रहा ताकि उन्हें भविष्य में पार्टी के नेता के रूप में प्रोजेक्ट किया जा सके।

बेटियां पत्थर पकड़कर चिल्लाती रहीं, आंखों के सामने ही बह गए मां-बाप



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भोपाल । जैन तीर्थ सोनिगिरि दर्शन करके लौट रहे मनोज जैन की कार डबरा के पास नहर में गिर गई। नहर के तेज बहाव में उनकी दोनों बेटियां तो पत्थर पकड़कर अटकी रहीं, लेकिन उनकी आंखों के सामने माता-पिता के साथ ड्राइवर बह गया। रात को उनकी मां का शव तो मिल गया और सुबह ड्राइवर का। पिता मनोज की तलाश की जा रही है। उनकी तलाश के लिए नहर का पानी रुकवा दिया है। ऐसे हुआ हादसा- मनोज जैन अपनी पत्नी मोनिका जैन और दो बेटियों अक्षिता और आरुषि के साथ दतिया के पास सोनिगिरि जैन तीर्थ में दर्शन करने आए कार से आए थे। भोपाल में वकील मनोज जैन शुक्रवार की रात को सोनागिरि से वापस शिवपुरी होते हुए गुना आ रहे थे। इसके लिए उन्होंने हरसी नहर के किनारे वाला रास्ता ले लिया। बताया जाता है कि जैसे ही सत्तर गांव के पास नहर वाले रास्ते पर कार पहुंची तो ड्राइवर को मुड़ने  के लिए पुल नहीं दिखाई दिया। मोड़ते समय संतुलन बिगड़ गया और कार सीधे हरसी नहर में जाकर गिर गई। जिस समय कार गिरी, उस समय नहर में तेजी से पानी बह रहा था, जिसके कारण सभी बहने लगे।

अनिल बैजल बने दिल्ली के नए उपराज्यपाल, शपथ ग्रहण समारेह में सीएम केजरीवाल भी पहुंचे

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नई दिल्ली: पूर्व गृह सचिव अनिल बैजल ने आज दिल्ली के उपराज्यपाल का पद संभाला. शपथ ग्रहण समारोह में सीएम अरविंद केजरीवाल, उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी, दिल्ली सरकार के वरिष्ठ नौकरशाह और कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे. दिल्ली हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस जी रोहिणी साल 1969 बैच के आईएएस अधिकारी 70 वर्षीय बैजल को, उत्तरी दिल्ली के सिविल लाइंस क्षेत्र में राजनिवास में आज सुबह 11 बजे दिल्ली के 21वें उपराज्यपाल के तौर पर उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाईं. नौकरशाही पर नियंत्रण समेत कई विवादास्पद मुद्दों पर आप सरकार और केंद्र के बीच टकराव बढ़ने की पृष्ठभूमि में बैजल ने आज दिल्ली के उपराज्यपाल का पदभार संभाला. 1969 बैच के आईएएस अधिकारी बैजल अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के अधीन केंद्रीय गृह सचिव थे और साथ ही अन्य मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं.

इस लड़की को देख हैरान रह जाएंगे.. बांध लेती है पेट की गांठ!


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सर्बिया। हम सबको अपने आस पास अकसर कई ऐसी कलाओं को देखने को मिलता है, जो बेहद हैरतमंद होती है। सोचिए अगर आप किसी महिला को अपने ही पेट की गांठ बांधते हुए देखे तो यकीनन ये सच नहीं लगेगा। जी हां कुछ ऐसे ही कला के बारें में हम आपको बता रहें है, जिन पर आखों देखी यकीन करना भी बेहद मुश्किल है।

सर्बिया में मिरजाना कीका नाम की ये लड़की एक प्रोफेशनल मेकअप आर्टिस्‍ट हैं जो ऐसी आर्ट बना लेती हैं, जिसे देख के यकीन करना नामुमकिन लगता है। हम आपको बता दें कि मिरजाना अपने आर्ट से अपने कमर को ऐसा बना दिया कि लोगों को अपनी आंखों पर भरोसा नहीं होगा। कुछ ऐसा नजारा कि देख कर लगे कि जैसे इन्होंने अपने कमर में गांठ बांध ली है।



आपको बता दें कि 11 साल की उम्र में इन्होंने पहली आर्ट बनाई थी। और साथ ही इन्होंनें सर्बियन फिल्म फेस्टिवल में ऑस्कर का खिताब भी हासिल किया है। मिरजाना कीका फेस पेंटिंग, बॉडी पेंटिंग, स्किन इल्यूजन और मेकअप के लिए मशहूर है।

 

अखिलेश की आंखों में आंसू, कहा- यूपी जीतकर पिता को दूंगा तोहफा


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लखनऊ। विधायकों की बैठक में भावुक हुए अखिलेश। अखिलेश ने कहा कि मुझे पार्टी से अलग किया गया है पिता से नहीं। एक बार फिर यूपी जीतकर पिता को तोहफा दूंगा। अखिलेश ने कहा कि सांप्रदायिक शक्तियों को रोकना हमारा मुख्य लक्ष्य है।
उधर समाजवादी पार्टी में इस्तीफों का दौर जारी है। लखनऊ मध्य विधानसभा क्षेत्र से स्वर्णिम अवस्थी ने लोहिया वाहिनी के पद से इस्तीफा दे दिया है।

इधर अखिलेश के पास तकरीबन 200 विधायक पहुंच चुके हैं, तो उधर 17 विधायक समाजवादी पार्टी कार्यालय पहुंचे हुए हैं। कुल 17 विधायक पहुंचे मुलायम के बुलाने पर।

उधर अखिलेश समर्थक समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर पहुंच गए हैं और जमकर अखिलेश के पक्ष में नारेबाज़ी कर रहे हैं। उधर आज़म खान मुलायम सिंह यादव के आवास पहुंच गए हैं। आजम खान अभी भी सुलह की कोशिश में जुटे हुए है।

मंत्री महबूब अली भी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। बेनी प्रसाद वर्मा समाजवादी पार्टी कार्यालय पहुंचे। अखिलेश यादव से विधायकों ने कहा, नेता जी का सम्मान, लेकिन राजनीति आपके नेतृत्व में। उधर राजेंद्र जाटव महिपाल सिंह यादव, रघुराज शाक्य, शारदा शुक्ल, शाहनवाज़ राणा, रेहान विधायक समाजवादी पार्टी दफ्तर पहुंचे हैं।

40 साल का पति 12 की पत्‍नी, कुछ ऐसा किया कि मच गया तहलका



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छोटी उम्र मे शादी करने और प्रेग्‍नेंट होने की कई घटनाएं आपने सुनही होंगी पर हम आप को जो आज बताने जा रहे हैं उसे सुन कर आप चौंक जाएंगे।
आप सोचने के लिए मजबूर हो जाएंगे कि क्‍या ऐसा हो सकता है। मामला चीन का है जहां एक लड़की बहुत ही कम उम्र मे प्रेग्‍नेंट हो गई है। जब लड़की का पति उसे डॉक्‍टर के पास ले गया तो डॉक्‍टर भी समझ नहीं पाए कि इतनी कम उम्र मे लड़की कैसे गर्भवती हो सकती है।
महज 12 साल है लड़की की उम्र
एक लड़की जिसकी उम्र महज 12 साल है उसकी शादी एक अधेड़ उम्र के आदमी से हो गई। चीन के एक अस्पताल में 12 साल की लड़की के प्रेगनेंट होने के मामले से हंडकम्‍प मच गया है। घटना का खुलासा उस समय हुआ जब लड़की अपने अधेड़ उम्र के पति के साथ रुटीन टेस्ट के लिए अस्पताल पहुंची। जब मामला अधिकारियों के संज्ञान मे आया तो आदमी ने बताया की उसकी पत्नी की उम्र 20 साल है। लड़की तीन माह की गर्भवती है। आदमी की बातों पर डॉक्टरों को भी यकीन नही हुआ।
लड़की के गर्भवती होने से डॉक्‍टर हैरान
पुलिस ने जब लड़की से पूछताछ की तो वो कुछ बोल नही पाई। क्योंकि उसे चीनी भाषा का ज्ञान नही है। लड़की के पास से पुलिस को कोई चीनी आईडेंटिटी प्रूफ नही मिला है। शुरुआती जांच मे यह मामला पुलिस को ह्यूमन ट्रेफिकिंग का लग रहा है। लड़की को तस्करी के जरिए चीन लाया गया है। लड़की किसी दूसरे देश की है। इस घटना से डॉक्‍टर अभी भी हैरान हैं। डॉक्‍टरों को यह बात गले नहीं उतर रही है कि कैसे कोई 40 साल का आदमी 12 साल की लड़की को प्रग्‍नेंट कर सकता है।

अखिलेश के पार्टी से निष्कासन पर आया पीएम मोदी का बड़ा बयान

 यूपी में उपजे राजनीतिक संकट पर पीएम मोदी का बयान आया है। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के पारिवारिक कलह का असर प्रदेश की जनता पर नहीं पड़ना चाहिए।
सूत्रों के मुताबिक ये खबर भी है कि केंद्र सरकार यूपी संकट पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए है। कल की अखिलेश की मीटिंग के बाद कोई बड़ा फैसला आ सकता है।
आपको बता दें कि अखिलेश और सपा महासचिव रामगोपाल यादव को अनुशासनहीनता के लिए पार्टी से बाहर किया गया है। मुलायम ने कहा कि ‘हमारे लिए पार्टी सबसे अहम है और हमारी प्राथमिकता पार्टी को बचाना है। पार्टी को बचाने के लिए हमने रामगोपाल और अखिलेश यादव को छह साल के लिए निकाल दिया है।’
मुलायम ने कहा कि यह फैसला पार्टी के भले के लिए लिया गया है। उन्‍होंने कहा, ”जो भी पार्टी विरोधी काम करेगा उस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे, पार्टी में अनुशासन बनाए रखना पहली प्राथमिकता है।” मुलायम ने कहा, ”मैंने अकेले ही पार्टी बनाई थी, इनका क्‍या योगदान है? राम गोपाल और अखिलेश यादव पार्टी खत्‍म कर रहे हैं।
मुलायम के फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए रामगोपाल ने कहा कि उन्हें असंवैधानिक तरीके से पार्टी से बाहर निकाला गया है। लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए रामगोपाल ने कहा, “पार्टी के भीतर पूरा काम ही असंवैधानिक हो रहा है। जब मुझसे जवाब मांगा गया था, तब निकालने की क्या जरूरत थी। यह तो असंवैधानिक है।” मुलायम पर पलटवार करते हुए रामगोपाल ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष ने मिलकर टिकटों की घोषणा कर दी। क्या टिकट पर चर्चा करने के लिए संसदीय बोर्ड की बैठक कभी बुलाई गई? क्या संसदीय बोर्ड का कोई मतलब नहीं है?
रामगोपाल ने कहा कि मुलायम कह रहे हैं कि अन्य राज्यों से लोग अधिवेशन में कैसे पहुंचते। उन्होंने कहा, “आप बताइए कि क्या उप्र से बाहर पार्टी का कोई जनाधार है? विधिक रूप से केवल उप्र में ही पार्टी की मौजूद्गी है। अन्य राज्यों में केवल पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं।” उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया गया है और वह पूरा होगा। आपातकालीन अधिवेशन ऐसे ही बुलाया जाता है। उसके लिए कोई समयसीमा तय नहीं की जाती।
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OMG Gangster ने अपनी गर्लफ्रैंड को कुछ ऐसे दी धोका देने की सजा...

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प्यार एक ऐसी चीज है जो इसमे पड़ जाता है समझो उसकी जिंदगी झंड हो गई आप समझ गये ही गये होंगे मतलब Destroy हो जाती है। देश को हमारी जिस उम्र की जरूरत होती है वो हम प्यार किसी लड़की के प्यार में पड़के और फिर धोका खाने पर सुसाइड करके खत्म कर देते हैं और ऐसे ही एक और युवा देश का कम हो जाता है। लेकिन अब समय बदलता जा रहा है। ना तो अब सच्चा प्यार रहा। और अगर किसी को धोका मिल भी जाये तो वो खुद सुसाइड करने की नहीं सोचता बल्कि जिससे धोका मिलता है। उसकी जिंदगी के पीछे हाथ धोकर पड़ जाता है। एक वीडिया सामने आया है। जिसमे इस लड़के को अपनी गर्लफ्रैंड से धोखा मिला तो इसने कुछ इस तरह से अपनी गर्लफ्रैंड को सजा दी आईये देखते हैं वीडियो...
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ब्राजील काट दिये इस लड़की के बाल...

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ब्राजील के इस ड्रग डीलर को जब अपनी गर्लफ्रैंड से धोखा मिला तो उसने उसके सारे बाल काट दिये और उसको गंजा कर दिया इतना ही नहीं साथ ही उसका वीडियो भी बनाया और सोशलमीडिया पर वायरल कर दिया।

काफी वायरल हो रहा है ये वीडियो...

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दुनियाभर में ये वीडियो वायरल होता जा रहा है। इसको देखने वालों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। लोगों ने वीडियो पर अपनी अपनी प्रतिक्रिया भी दी है।

देखें यहां पर पूरा वीडियो...


राजनीति से बड़ा राष्ट्र

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अनुज अग्रवाल @ TOC NEWS

विमुद्रीकरण के मोदी सरकार के फैसले के 50 दिन बीतते-बीतते देश में उठा भीषण तूफ़ान अब मंद हो गया है। तमाम शंकाएं, आरोपों और अफवाहों के बीच अद्भुत संयम और धैर्य के साथ देश की जनता ने जिस प्रकार सरकार का साथ दिया, यह निश्चित रूप से सराहनीय है। ऐसे में जबकि विपक्षी दलों और मीडिया के एक बड़े वर्ग ने सरकार के इस कदम के विरुद्ध एक महाअभियान ही चलाये रखा। 
लोगो को उकसाया गया, भड़काया गया और बरगलाया भी गया किंतु देश की जनता नोटबंदी से हुए थोड़े से नुकसान के बाद होने वाले युग परिवर्तनकारी बदलावों के फायदों को भांप चुकी थी और देश के भ्रष्ट तंत्र के षड्यंत्रों के खिलाफ और उसमें आमूलचूल परिवर्तनों के लिए कंधे से कंधा मिलाकर सरकार के साथ खड़ी हो गयी। वास्तव में भारत में मोदी सरकार द्वारा विमुद्रीकरण का यह कदम एक बड़े व्यवस्था परिवर्तन का आगाज बन सकता है। यह जनकेन्द्रित शासन व्यवस्था की ओर सबसे सशक्त कदम है, यद्यपि हर अगले कदम पर कड़ी निगरानी और गहन बहस की मांग करता है।
अब सरकार और राजनीतिक दल चाहे या न चाहे, देश तीव्र सुधारों की ओर बढ़ चुका है। सुधारों की यह श्रृंखला अनियंत्रित सी है। नोटबंदी से मची हड़बड़ी ने सरकारी तन्त्र और बैंकिंग व्यवस्था के खोखलेपन, लुटेरे राजनेताओं, नौकरशाहों, न्यायाधीशों, सरकारी कर्मचारियों, ठेकेदारों, उद्योग-व्यापर से जुड़े लोगों, नशे के दलालों, सट्टेबाजों, हवाला कारोबारियों आदि को सबूतों सहित देश के सामने ला खड़ा किया। वास्तव में इस माफिया तन्त्र की सच्चाई लोगों को पहले भी पता थी मगर तब शीर्ष सत्ता इनके काले कारनामों के आगे घुटने टेक देती थी, 
किंतु पहली बार सत्ता के शीर्ष पर खड़ा देश का प्रधानमंत्री स्वयं इन माफियाओं के सफाए, ईमानदारों के सम्मान और बेईमानों के खिलाफ कार्यवाही हेतु हुंकार भर रहा है। जैसे ही कालेधन के कुबेरों ने अपनी पुरानी करेंसी को डॉलर, सोने और नई करेंसी में बदलने के लिए हवाला कारोबारियों, बैंक कर्मियों और ज्वेलर्स आदि से बड़े स्तर पर सांठगांठ की, उनकी पोल खुलती गई और एक एक कर सब जांच एजेंसियों के कब्जे में आते जा रहे हैं। अब जनता बड़ी मछलियों यानि राजनेताओं, बड़े कारपोरेट घरानों, और बड़े  नौकरशाहों के विरुद्ध बड़ी कार्यवाही करने के लिए दबाव बना रही है, जिस कारण सरकार को बड़ी मछलियों और बेनामी संपत्तियों के खिलाफ जनवरी से बड़ी मुहिम चलाने का ऐलान करना पड़ा।
नोटबंदी की घोषणा के बाद चुनाव सुधारों की मांग अपने आप ही मुख्यधारा में आ गयी। जनता राजनीतिक दलों को गिरोह अधिक समझती है। अपार धन, संपत्ति, व्यापार, बल और वैभव वाले राजनेताओं ने देश के लोकतंत्र और जनता के हितों का गला ही घोंट दिया है। अब इसमें व्यापक सुधारों की मांग उठ चुकी है जो आंदोलन में बदलती जा रही है। राजनीतिक दलों का बेनामी चंदा, बड़ी बड़ी रैलियां, अंधाधुंध चुनावी खर्च, विशेषाधिकार तो आलोचना और निंदा के पात्र बन ही रहे हैं, साथ ही सरकारी खर्च पर चुनाव कराने, दलों को आरटीआई के दायरे में आने, फर्जी राजनीतिक दलों पर रोक लगाने, लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ ही कराने की मांग जोर पकड़ चुकी है, जो अब अंजाम तक पहुंचेगी ही।
एक बड़ी आवाज कर सुधारों की भी उठ चुकी है। अब जीएसटी को लागू करना सरकार की मजबूरी बन चुकी है, साथ ही आयकर और अन्य करों की दर कम करना समय की जरूरत। सरल कर प्रणाली और निम्न दर जनता के लिए बड़ी राहत की बात होने जा रही है। नकदी आधारित अर्थव्यवस्था से कम नकदी और डिजिटल अर्थव्यवस्था के रूपांतरण से जहां गरीब का शोषण घटेगा वहीं लोग कर चुकाकर उद्योग-व्यापार चलाना पसंद करेंगे और अब तक कर चोरी करने वाले आत्मगिलानी से बाहर निकलेंगे। अब विद्यार्थियों को सिद्धान्त और व्यवहार में कोई बड़ा अंतर नहीं महसूस होगा और कुंठित समाज का निर्माण बंद होगा और आत्मगौरवान्वित समाज का निर्माण।
ऐसे ही हर क्षेत्र में सैंकड़ों अनकहे बदलावों की गवाह इस देश की जनता होने जा रही है, इसलिए सभी राजनीतिक दलों,  सामाजिक संगठनों, सरकारी कर्मचारियों और जनता से अनुरोध है कि कुछ समय के लिए अपने स्वार्थ और राजनीति छोड़ देश हित में काम करें और राष्ट्र निर्माण का जो यज्ञ जाने अनजाने में शुरू हो चुका है, इसमें अपनी अपनी आहूति दे, अन्यथा नियति आपको अप्रासंगिक और अलग थलग करने में देर नहीं लगाएगी।

बिग बॉस : मोना को लेकर परेशान हैं उनके ब्यॉयफ्रेंड विक्रांत सिंह राजपूत

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मुंबई: भोजपुरी अभिनेता विक्रांत सिंह राजपूत का कहना है कि विवादास्पद टीवी रियल्टी कार्यक्रम ‘बिग बॉस’ में अपनी प्रेमिका मोना लीसा के अपने सह-प्रतिस्पद्र्धी मनु पंजाबी के साथ कथित ‘करीबी’ रिश्तों को लेकर वह परेशान हैं। वैसे उन्होंने कहा कि वह :मोना: साफ दिल की साफ है।

विक्रांत ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया, ‘‘मैं उसको :मोना को: लेकर परेशान हूं लेकिन मैं इसे लेकर उसके साथ मारपीट करने वाला नहीं हूं। हम लोगों के डेटिंग करते हुये आठ साल हो गये.. मैं उसे जानता हूं। वह मेरी है और हमेशा मेरे दिल के करीब रहेगी।’’ उन्होंने बताया, ‘‘हम वही चीज देख रहे हैं जो उनके बीच की बातें हमें दिखायी जा रही हैं। कार्यक्रम देखते हुये लगता है कि वह प्रेम में है लेकिन वास्तविकता में कोई है जो उसे लेकर बकवास कर रहा है।’’ भोजपुरी अभिनेत्री मोना लीसा और मनु पंजाबी के बीच ‘बिग बॉस’ के घर में करीबी रिश्ता देखने को मिल रहा है। इन दोनों के अंतरंग दृश्य और कृत्य सामने आ चुका है। एक टास्क के दौरान मोना ने मनु के गालों पर चुंबन लिया और शहर में इसकी चर्चा आम हो गयी।

कलर्स चैनल पर प्रसारित होने वाला ‘बिग बॉस 10’ कार्यक्रम की मेजबानी सलमान खान कर रहे हैं।

बीडीए भोपाल के सामने खुली जमीन पर कब्जा कर दुकाने बना डाली

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भोपाल. राजधानी भोपाल में कब्जाधारियों ने अपने बाप की बपौती समझ रखी है जहां मर्जी होती है कब्जा कर लिया जाता है, यह खेल खुलेआम चल रहा है प्रेस काम्पलेक्स एमपी नगर जोन 1 में बीडीए भोपाल के कार्यालय के सामने. यहा पर कुछ वर्षो पहले कुछ शेड आवंटन किया गया था, जहां पर कई प्रकार की दुकाने संचालित थी यहां गेरैज फोटोकापी की दुकाने चल रही थी,
इन दुकानों के सामने 50 – 60 फीट जमीन पार्किग हेतु छोड़ी गई थी. उस जमीन पर सभी दुकानदारों ने कब्जा कर दुकानों के शेड को सड़क तक बड़ा दिया और दुकान लगा ली. इन दुकानदारों के कब्जे की वजह से इनकी पार्किग सड़क पर होने लगी जिस वजह से हर समय यहा जाम की स्थिति बन जाती है, अकसर शाम को आफिस की छुट्टी के समय घंटों तक जाम लग जाता है.
इस कब्जे में प्रशासन की मिलीभगत की होने की चर्चा गर्म है वही हर माह रिश्वत रुपी प्रसाद प्रशासनिक अधिकारी को पहुंच रहा है जिस कारण इन कब्जेधारियों के हौसले बुलंद है. कब्जेधारियों की और प्रशासन आंखे बंद रखी है शासन को चाहिए अधिकारियों के खिलाफ जो कब्जा करवाने में सहयोगी उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही कर अापराधिक मामला दर्ज करवाया जावे.

दिल्ली के नए उपराज्यपाल अनिल बैजल बने

70 साल के अनिल बैजल दिल्ली के उपराज्यपाल नियुक्त किए गए हैं. आज ली शपथ


कौन हैं अनिल बैजल
अनिल बैजल 1969 बैच के आईएस ऑफिसर हैं. वो अटल बिहारी वायपेयी की सरकार में केंद्रीय गृह सचिव रह चुके हैं.
अनिल बैजल दिल्ली विकास प्राधिकारण के पूर्व वाइस चेयरमैन हैं. वो शहरी विकास मंत्रालय के सचिव के तौर पर 2006 में सेवानिवृत हुए.
बैजल यूपीए सरकार के दौरान जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन से जुड़े रहे हैं.
वो विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन में एक्जिक्यूटिव कौंसिल के सदस्य भी रह चुके हैं.

आईपीएस अफसरों की डीपीसी हुई, डीजी बनेंगे सात अधिकारी

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भारतीय पुलिस सेवा के 7 अधिकारी एडीजी से डीजी पद पर पदोन्नत होंगे। मुख्य सचिव बीपी सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार डीपीसी की बैठक हुई। इसमें 1986 बैच के साथ-साथ 1992, 1999, 2002, 2003 और 2004 बैच के अफसरों के प्रमोशन को मंजूरी मिल गई। वर्ष 2002 बैच में एक मात्र अधिकारी रघुवीर सिंह मीणा हैं। इनकी फाइल बंद ही रही। डीजी बनने वालों में 1986 बैच के अधिकारी आलोक कुमार पटेरिया, डॉ. एसके श्रीवास्तव, केएन तिवारी, आरके गर्ग, संजय राणा, अनिल कुमार तथा पुरुषोत्तम शर्मा शामिल हैं।

 चूंकि स्पेशल डीजी ट्रेनिंग स्वर्ण सिंह 31 दिसंबर को रिटायर हो रहे हैं, इसलिए आलोक कुमार पटेरिया को डीजी बनाया जाएगा। 1992 बैच आईजी से एडीजी बनेगा। इसमें राजेश गुप्ता, पंकज श्रीवास्तव, आदर्श कटियार, डी श्रीनिवास, पवन कुमार श्रीवास्तव, मनीष शंकर शर्मा, जी अखेतो सेमा, डीसी सागर, जी. जनार्दन, एके सिंह तथा आरपी श्रीवास्तव शामिल हैं। वर्ष 1999 बैच डीआईजी से आईजी बनेगा। इन अफसरों में राकेश गुप्ता, दीपिका सूरी, निरंजन बी वायंगणकर, आईपी कुलश्रेष्ठ और आरएस कौल शामिल हैं। वर्ष 2002-03 बैच डीआईजी बनेगा तथा 2004 बैच को सलेक्शन ग्रेड मिलेगा। इसमें दो अफसरों अखिलेश झा तथा आनंद प्रकाश सिंह की फाइल बंद रखी गई है। 

नान एसएएस से आईएएस की डीपीसी करने केंद्र की मनाही गैर राज्य प्रशासनिक सेवा (नान एसएएस) से भारतीय प्रशासनिक सेवा के दो पदों के चयन के लिए होने वाली डीपीसी के लिए केंद्र ने शुक्रवार को मना कर दिया है। राज्य सरकार की ओर से नान एसएएस से आईएएस में चयन के लिए विभिन्न विभागों से 10 अफसरों के नाम केंद्र सरकार को भेजे थे जिनमें से डीपीसी के बाद दो अफसरों का चयन आईएएस के लिए किया जाना था। 

4 एडीजी, 2 आईजी और 10 डीआईजी बनेंगे डीपीसी होने के बाद अभी एडीजी के चार पद, आईजी के दो और डीआईजी के 10 पद रिक्त हैं। इसी तरह 17 सलेक्शन पोस्ट खाली हैं। सलेक्शन पोस्ट में 18 में से 16 अफसरों को डीपीसी के बाद प्रमोशन मिलेगा। इसलिए सभी को सलेक्शन ग्रेड मिल जाएगा। डीआईजी के 10 पदों की तुलना में 11 अधिकारियों की डीपीसी क्लियर हो गई है, इसलिए आरपी श्रीवास्तव को छोड़कर शेष पूरा बैच डीआईजी बन जाएगा। बाकी पदों के लिए सीनियारिटी के हिसाब से पोस्टिंग होगी। 

बालाघाट ट्रामा यूनिट में गर्भवती महिला और शिशु की मौत

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सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। जिला अस्पताल की ट्रामा यूनिट में कल लगभग 3 बजे प्रसव के दौरान महिला और उसके गर्भस्थ शिशु की मौत हो जाने पर मृतिका के परिजनों के गुस्से को देखकर अस्पताल में भर्ती मरीज और डाक्टर भाग खडे हुये। परिजनों का आरोप था कि महिला की मौत के बाद उसे आक्सीजन लगाया गया है।


पुलिस से भी परिजनों अभद्रता की वे डाक्टर पुष्पा धुर्वे को मौके पर बुलाने की मांग पर अडे थे लगभग 7.30 बजे एसडीएम श्री कामेश्वर चौबे ने मौके पर पहुचकर उचित कार्यवाही का भरोसा दिलाया  तब आक्रोशित भीड शांत हुई लगभग 4 घण्टे तक अस्पताल में अफरातफरी का माहौल बना रहा सारी व्यवस्था ठप्प रही।


कोतवाली के अंतर्गत बोदा गांव निवासी प्रसुत सोमवती 32 वर्ष पति द्वारकाप्रसाद लिल्हारे को बुधवार शाम करीब 6 बजे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था उसके साथ आशाकार्यकर्ता कुसुम भी थी रात में डाक्टर पुष्पा धुर्वे ने परिजनों से नार्मल डिलेवरी होने की बात कही थी गुरूवार को सुबह भी जांच के दौरान नार्मल डिलेवरी होने की बात परिजनों से की लगभग 11 बजे प्रसव के लिये सोमवती को प्रसव कक्ष में ले जाया गया जहां उसकी गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई।


मृतिका सोमवती की बहन शांतिबाई ने आरोप लगाया की 11 बजे ही उसकी बहन की मौत हो गई थी जबकि डाक्टर ने 2.45 पर उसकी मौत होना बताया  उसने आरोप लगाया की मृत हो जाने के बावजूद डाक्टरों ने सच्चाई छुपाने के लिये उसे आक्सीजन लगा दिया। सिविल सर्जन डाक्टर ए के जैन के अनुसार महिला की मौत बीपी बढने से हुई है यदि परिजन डाक्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज करते है तो जांच के बाद कार्यवाही की जायेगी।


एसडीएम कामेश्वर चौबे के अनुसार महिला तथा उसके बच्चे की मौत होने की शिकायत परिजनों की है जिसके आधार परिजनों के बयान दर्ज कराये गये है जांच पश्चात कार्यवाही की जायेगी।

आज सबेरे से ही परिजन डाक्टर पुष्पा धुर्वे को निलम्बित करने की मांग को लेकर आक्रोशित है तथा आवागमन बाधित करने के लिये कटिबद्ध दिखाई दिये उन्होने मृतिका का पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया है अस्पताल परिसर में तनाव की स्थिति है।


यह उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल में अव्यवस्था के चलते अराजक स्थिति बन गई है 6 शिशु तथा अन्य 2 प्रसुति महिलाओं की मौत हो जाने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन जिला प्रशासन की ओर से कोई कारगर कदम नही उठाये गये है। अस्पताल के डाक्टर डयूटी के बजाये अपने नर्सिंग होम/निजि दवाखाने में व्यस्त रहते है। उन्हें मरीजों की कोई चिंता नही रहती इस लिये आये दिन ऐसी घटनायें घट रही है।

ATM से निकाले जा सकेंगे एक दिन में 4500 रुपये

RBI का मध्यरात्रि निर्देश वर्सेस जनता का नया नियम..! 
एक जनवरी से लागू होगा नया आदेश

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नई दिल्ली: चलन से बाहर किए गए 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को जमा कराने की 50 दिन की समय-सीमा समाप्त होने के अंतिम दिन यानी 30 दिसंबर को सरकार ने देर रात नकदी संकट से जूझ रहे लोगों को थोड़ी राहत की खबर दी. अब एटीएम से एक दिन में 4500 रुपये निकाले जा सकेंगे. नया नियम एक जनवरी से लागू होगा.
आरबीआई ने देर रात नया निर्देश जारी किया. हालांकि साप्ताहिक निकासी की सीमा नहीं बढ़ाई गई और उसे यथावत 24,000 रुपये ही रखा गया है. हालांकि, नोटबंदी के 50वें दिन भी एटीएम और बैंकों के बाहर कतारें देखी गईं.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी नोटबंदी पर शनिवार को राष्ट्र के नाम संबोधन देने वाले हैं. पीएम मोदी के संबोधन के ठीक एक दिन पहले निकासी की सीमा में ढील दी गई है. आरबीआई ने बैंकों से जमा किए नोटों का विस्तृत विवरण मुहैया कराने को कहा है. ऐसा अनुमान है कि 90 फीसदी से ज्यादा प्रतिबंधित नोट बैंक में जमा हो गए हैं. ऐसे में कालेधन से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए नोटबंदी का कदम निर्रथक साबित होता जा रहा है.

प्रधानमंत्री मोदी ने 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा की थी. पुराने नोटों को बैंक में जमा कराने की सीमा 30 दिसंबर तय की गई थी. नोटबंदी के फैसले से बाजार में मौजूद लगभग 86% मुद्रा अवैध हो गई. नोटबंदी में नकदी के संकट और बैंक-एटीएम में लंबी कतारों को देखते हुए विपक्ष सरकार पर हमलावर रुख अपनाए हुए था.

कई प्रमुख उद्योगपतियों और विशेषज्ञों ने पीएम मोदी के नोटबंदी लागू करने और डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के कदम की सराहना की थी. हालांकि कुछ उद्योग धंधे नकदी संकट के चलते ठप हो गए और कर्मचारियों को छंटनी का शिकार होना पड़ा. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि नोटबंदी से दीर्घकालिक लाभ मिलेगा लेकिन ऐसा तभी होगा जब नए नोटों की आपूर्ति यथासंभव सुनिश्चित की जाए.

क्या सच में यह अध्यादेश जरूरी था ?

राकेश दुबे //  प्रतिदिन ब्लाग
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यह सच है कि राष्ट्रपति जी ने सरकार द्वारा पेश अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिए है ,पर देश को अभी ठीक से नहीं पता कि पुराने नोटों के बारे में जारी नए अध्यादेश के पीछे असल कारण क्या हैं? एकाएक इसकी जरूरत क्यों पड़ गई, और वे क्या दबाव थे, जिनमें ऐसा अध्यादेश लाना जरूरी हो गया था? बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उस अध्यादेश को मंजूरी दी थी,

जिसके अनुसार अगर ३१  मार्च, २०१७ के बाद किसी के पास ५०० और १००० रुपये के दस से ज्यादा पुराने नोट मिलते हैं, तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है |और उसे जेल भी भेजा जा सकता है। इसका एक कारण तो यह समझ में आता है कि सरकार सिर्फ इतने भर से संतुष्ट नहीं होना चाहती है कि जिन लोगों के पास काला धन है, वह नोटबंदी के बाद रद्दी हो जाए। वह चाहती है कि इसके लिए कुछ अतिरिक्त दंड का प्रावधान भी हो। हालांकि, वे सचमुच दंडित हो पाएंगे, अभी यह कहना थोड़ा मुश्किल है।

पुराने नोटों का मूल्य वैसे भी खत्म हो चुका होगा और अगर उन्हें अपने पास रखना भी अपराध हो जाता है, तो लोग किसी न किसी तरह से उनसे पीछा छुड़ा लेंगे। भले ही उन्हें इसे जला देना पड़े, कूड़े में फेंकना पड़े, या नाली में बहा देना पड़े। यह जरूर है कि इस कानून की चपेट में कुछ वे गरीब लोग आ सकते हैं, जो किसी लालच या उम्मीद में इन्हें कूड़े से बटोर लाए हों। यह भी कहा जा रहा है कि इससे पुलिस के पास निरपराध लोगों को फंसाने व प्रताड़ित करने का एक नया तरीका आ जाएगा।

यह अध्यादेश कई तरह से हैरत में डालता है। जिन नोटों का चलन बंद कर दिया गया है, और जिन्हें अब रद्दी का कागज घोषित कर दिया गया है, उन्हें रखने को अपराध घोषित किया जाना क्यों जरूरी था? इसी सवाल के चलते इन दिनों सोशल मीडिया पर यह चुटकुला आम हो गया है कि अब रद्दी को रखने पर भी सजा हो सकती है। सवाल यह भी है कि सिर्फ ५०० और १००० के पुराने नोट रखना ही अपराध क्यों है?

क्या ऐसा कानून उन नोटों या सिक्कों के लिए नहीं होना चाहिए, जो बहुत पहले ही बंद कर दिए गए थे? पुराने नोट कौतूहल का विषय होते हैं, कुछ लोगों के लिए ये दिखावे की चीज भी होते हैं, हो सकता है कि कुछ लोग इनका इस्तेमाल अपने काले अतीत का बखान करने के लिए करें। लेकिन क्या यह बेहतर नहीं होगा कि कानून ऐसी बेमतलब की चीजों पर ध्यान देने की बजाय उन चीजों पर ध्यान दे, जिन पर सक्रियता इस समय ज्यादा जरूरी है?

दस पुराने नोट अपने पास रखने की छूट इसलिए दी गई है, क्योंकि कुछ लोगों को पुराने नोट संग्रह करने का शौक होता है। सरकार नहीं चाहती कि अध्यादेश के चक्कर में ऐसे लोग भी बेवजह परेशानी में पड़ जाएं। सरकार की इस अच्छी मंशा को समझा जा सकता है, लेकिन यहीं यह भी लगता है कि हमारा सरकारी तंत्र नोटों के संग्रह के शौक को पूरी तरह नहीं समझ पाया। पुराने नोट सिर्फ शौकीन लोगों के संग्रह में नहीं होते, बल्कि इस शौक का पूरा एक बाजार होता है और उसका अच्छा-खासा व्यापार होता है।

 जाहिर है, जो इस बाजार और व्यापार में सक्रिय हैं, वे चाहेंगे कि इस वक्त ऐसे नोटों का स्टॉक जमा कर लें और भविष्य में ज्यादा मुनाफे से बेचें। पर अब वे यह नहीं कर सकेंगे, वरना सजा के हकदार होंगे। अगर पुराने नोट रखने पर सजा न होती, तो शायद वे दुकानों पर पुड़िया बनाने और बच्चों के व्यापार व मोनोपोली जैसे खेलों में काम आते। पर अब ये लोग ऐसा नहीं कर सकेंगे, बिन यह जाने कि इस अध्यादेश की जरूरत क्यों आन पड़ी थी? पुराने नोटों के दुरुपयोग की बाजार में क्या वाकई कोई आशंका थी, जिससे बिना अध्यादेश के निपटा नहीं जा सकता था?

Friday, December 30, 2016

‘‘यातायात प्रबंधन, शिक्षा एवं सुधार ’’ विषय पर एक जोन स्तरीय कार्यशाला आयोजित

Toc News @ jabalpur



   दिनाॅक 29-12-16 को प्रातः 11-30 बजे पुलिस कन्ट्रोलरूम में ‘‘यातायात प्रबंधन, शिक्षा एवं सुधार ’’ विषय पर एक  जोन स्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ पुलिस महानिरीक्षक जबलपुर जोन श्री  डी. श्रीनिवास राव द्वारा पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री एम एस सिकरवार की उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर अति. पुलिस अधीक्षक (यातायात) श्रीमति यांगचेन डोलकर भूटिया(भा0पु0से) ,उप. पुलिस अधीक्षक यातायात श्री मनोज खत्री एवं श्री सुदेश सिंह , की उपस्थिति में किया गया। कार्यशाला में जबलपुर जोन के जिलों मे पदस्थ उप निरीक्षक से निरीक्षक स्तर के अधिकारी, एवं ग्राम रक्षा समिति के केैप्टन उपस्थित थे।

   पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री एम एस सिकरवार ने कार्यशाला के उद्येश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यातायात को सुचारू एवं व्यवस्थित रूप से चलाए जाने हेतु यातायात प्रबंधन प्रमुख है, मानव जीवन को बिना संकटापन्न बनाए हुए सुचारू रूप से यातायात को संचालित किया जाना तथा सड़क दुर्घटना में होने वाली मृत्यु दर को कम करना वर्तमान समय की प्रमुख चुनौती है घायल को यदि गोल्डन आवर्स में उपचार हेतु अस्पताल पहुचा दिया जाय तो घायल की जान की खतरा को कम किया जा सकता है। आज आप सभी को इस कार्यशाला के माध्यम से घायल को कैसे अस्पताल सुरक्षित पहुचाया जाय, घटनाा स्थल पर क्या प्राथमिक उपचार दिया जाय बताया जावेगा। गोल्डन आवर्स बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, सड़क दुर्घटना में घायल को सुरक्षित अस्पताल तक पहुचाना सबसे बडी मानव सेवा है क्योकि हम जिसकी जान बचाते हैं वह अंजान होता है।

  पुलिस महानिरीक्षक जबलपुर जोन श्री डी. श्रीनिवास राव ने सुभारंभ के अवसर पर कहा कि कार्यशाला बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर केन्द्रित है आज आपको इस कार्यशाला मे रोड इंजीनियरिंग, सेफ ड्राईविंग, यातायात संकेत एंव उनका सडक सुरक्षा मे प्रयोग, कानूनी प्रावधानों तथा तनाव प्रबंधन पर विस्तार से इस कार्यशाला के माध्यम से जानकारी दी जावेगी,।

 आपने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट मे हुये नये  कानूनी प्रावधानो का आपको ज्ञान होना चाहिये , जब आपको नियमों का सही ज्ञान होगा तभी आप उसका कडाई से पालन करा सकेंगे, नियम का पालन न करने वालो को होने वाले दुष्परिणामों से भी सडक का उपयोग करने वालो को अवगत कराया जाये एवं उन्हें जागरूक किया जाये, यह बहुत ही महत्वपूर्ण है कि घायल को घटना स्थल से निकटतम हास्पिटल तक कैसे सुरक्षित ले जाया जाय इस हेतु आपको फस्ट ऐड का ज्ञान होना चाहिए। ट्राफिक मैनेजमेंट की ड्यूटी बहुत ही कठिन ड्यूटी होती है, आपको प्रमुख तिराहों, चैराहो पर खडे रहकर ट्राफिक को मैनेज करना होता है, प्रशिक्षण के दौरान आप अपने अनुभवों को शेयर करें तथा जो भी सीखें, अपने साथियो के साथ शेयर करें, ताकि उन्हंे भी इस प्रशिक्षण मेें आपने जो सीखा है उसका लाभ मिल सके।

              कार्यशाला में अति0 पुलिस अधीक्षक यातायात श्रीमति यांगचेन डोलकर भूटिया(भा0पु0से) द्वारा यातायात पुलिस का आचरण एवं दुर्घटना रोकने में यातायात पुलिस की भूमिका तथा डा0 शरद द्विवेदी आर्थोपैडिक विक्टोरिया अस्पताल जबलपुर द्वारा सड़क दुर्घटना होने पर घायलों का प्राथमिक उपचार एवं उनका सुरक्षित परिवहन एवं श्री मनोज खत्री उप पु अधीक्षक यातायात द्वारा रोड मार्किग, यातायात संकेत एवं उसका महत्व तथा डा0 पुष्पा बहन स्त्री रोग विशेषज्ञ विक्टोरिया अस्पताल द्वारा तनाव प्रबंधन विषय पर विस्तार से जानकारी दी जावेगी।

jio का हुआ बड़ा ऐलान जिसका पूरे हिंदुस्तान को इंतजार था

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ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील पर जल्द ही अब रिलायंस जियो के सिम मिलेंगे और यही नहीं स्नैपडील इन सिम की होम डिलिवरी करेगा।
बताया जा रहा है कि स्नैपडील पर बिक्री के लिए उपलब्ध होने वाला ये सिम हैप्पी न्यू ईयर ऑफर के साथ उपलब्ध होगा।

दरअसल, स्नैडील के वेबपेज पर रिलायंस जियो सिम की होम डिलीवरी का एड नजर आया है। जिसके लिए यूजर को ई-कॉमर्स वेबसाइट पर अपनी कॉन्टैक्ट डीटेल, पता और एरिया की जानकारी देनी होगी।
आपको बता दें कि जियो सिम अभी कुछ चुनिंदा जगहों पर ही डिलीवरी के लिए उपलब्ध होगी। यहां यूजर टाइम-स्लॉट भी चुन सकते हैं जिसमें वह जियो सिम की डिलिवरी चाहते हैं। न्यू ईयर ऑफर के तहत जियो के नए यूजर को मार्च 2017 तक फ्री वायस कॉलिंग, फ्री डेटा मिलेगा।

वेलकम ऑफर को भी कंपनी ने बढ़ा दिया है और इसे ‘हैप्पी न्यू ईयर ऑफर’ का नाम दिया है जिसके तहत कंपनी के सभी 50 लाख से ज्यादा यूजर्स मार्च 2017 तक फ्री सेवा का लाभ ले सकेंगे।
‘हैप्पी न्यू ईयर ऑफर में एक दिन 1 जीबी डेटा मिलेगा जो खत्म होने पर यूजर को स्पीड थोड़ी स्लो मिलेगी. आपको बता दें वेलकम ऑफर में इस डेटा की लिमिट हर दिन 4 जीबी थी.।

शराबबंदी के बाद नीतीश कुमार ने किया एक और बड़ा ऐलान

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पटना:बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि शिक्षा के बिना विकास संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार की योजना राज्य के सभी जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने की है।


इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने को लेकर नीतीश कुमार ने किया ऐलान

अपनी निश्चय यात्रा के छठे चरण में अपने गृह जिला नालंदा पहुंचे मुख्यमंत्री ने ‘चेतना सभा’ को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं के विकास के लिए उनको तकनीकी शिक्षा से जोड़ा जाना जरूरी है। महिलाओं के लिए राज्य के प्रत्येक अनुमंडल मुख्यालय में पोलीटेक्निक कॉलेज और एएनएम (सहायक नर्सिग मिडवाइफरी) स्कूल खोले जाएंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य क प्रत्येक जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने की योजना है। साथ ही राज्य में पांच नए मेडिकल कलेज भी खोले जाएंगे।

31 दिसंबर से पुराने 500 और 1000 रुपए के नोट रखने पर देना होगा जुर्माना, जेल से राहत

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नई दिल्ली। अगर 31 मार्च, 2017 के बाद भी पांच सौ और 1000 रुपए के पुराने नोट आपके पास पाए गए तो आप जेल जाने से तो बच जाएंगे लेकिन न्यूनतम 10 हजार रुपए का जुर्माना अदा करना पड़ेगा। इसके लिए केंद्र सरकार अध्यादेश भी लाने जा रही है, जिसे स्वीकृति के लिए राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। सरकार ने पुराने नोट पर अपने अध्‍यादेश को लेकर स्थिति स्पष्‍ट की है।

 बुधवार को पुराने नोटों पर अध्‍यादेश को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई थी।
जिसके बाद यह कहा जा रहा था कि 10 से ज्यादा पुराने नोट रखने पर जेल और जुर्माने की सजा होगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि पुराने नोट रखने पर जेल की सजा का प्रावधान नहीं किया गया है। 31 मार्च, 2017 के बाद 500, 1000 रुपए के 10 से ज्‍यादा पुराने नोट रखने पर जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माने की रकम कम से कम 10 हजार रुपए या फिर आपके पास मिली रकम का 5 गुना तक हो सकती है। अगर आपने पुराने नोटों में लेनदेन कि‍या है तो भी जुर्माना लग सकता है।

दरअसल बुधवार को अध्‍यादेश को मंजूरी मिलने के बाद सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा था कि पुराने नोट मिलने पर जेल की सजा का भी प्रावधान है। मीडिया में भी गलतफहमी इसलिए उत्पन्न हुई क्योंकि सरकार की ओर से यह साफ नहीं किया गया था। अध्‍यादेश के अनुसार 30 दिसंबर के बाद पुराने नोट रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में जमा कराए जाने पर आपको घोषणापत्र भी देना होगा कि अब तक नोट बैंक में क्यों जमा नहीं कराए गए।

बता दें कि बैंकों में पुराने नोट जमा कराने की डेडलाइन 30 दिसंबर तक है, जिसके बाद आरबीआई में ही ये नोट जमा कराए जा सकते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि आरबीआई के पास काफी अधिक करंसी उपलब्‍ध है। बड़े पैमाने पर करंसी बदली जा रही है और 500 रुपए के और ज्‍यादा नोट जारी किए जा रहे हैं।

नोटबंदी का पर्यावरण और बहुजनों का हिंदुत्व खतरनाक हैं दोनों!

तुगलकी राजकाज और राजकरण!
नोटबंदी का पर्यावरण और बहुजनों का हिंदुत्व खतरनाक हैं दोनों!

पलाश विश्वास


हम शुरु से जल जंगल जमीन के हक हकूक को पर्यावरण के मुद्दे मानते रहे हैं।हम यह भी मानते रहे हैं कि मुक्तबाजारी अर्थव्यवस्था से प्रकृति,मनुष्यता,संस्कृति और सभ्यता के अलावा धर्म कर्म को खतरा है।
सभ्यता के विकास में मनुष्य और प्रकृति के संबंध हमेशा निर्णायक रहे हैं तो सभ्यता के विकास में पर्याववरण चेतना आधार रहा है।यही हमारे उत्पादन संबंधों का इतिहास हैं और इन्हीं उत्पादक संबंधों से भारतीय अर्थव्यवस्था बनी है,जिसका आधार कृषि है।धर्म कर्म और आध्यात्म का आधार भी वहीं पर्यावरण चेतना है।
ईश्वर कही हैं तो प्रकृति में ही उसकी सर्वोत्तम अभिव्यक्ति है।आस्था का आधार भी यही है।
मुक्तबाजारी हिंदुत्व को इसीलिए हम धर्म मानने से इंकार करते रहे हैं।यह विशुद कारपोरेट राजनीति है,अधर्म है।अंधकार का कारोबार है।नस्ली नरसंहार है।
भारत में पर्यावरण का पहरुआ हिमालय है तो सारे तीर्थस्थान वहीं हैं और वहां के सारे लोग आस्तिक है।यह आस्था दरअसल उनकी पर्यावरण चेतना है।पर्यावरण चेतना के बिना धर्म जैसा कुछ होता ही नहीं है,ऐसा हम मानते हैं।
नोटबंदी के डिजिटल कैशलैस मुक्तबाजारी नस्ली नरसंहार अभियान के निशाने पर प्रकृति,मनुष्यता,संस्कृति,सभ्यता के अलावा मनुष्य की आस्था,परंपरा,इतिहास के साथ साथ धर्म कर्म भी है।
नोटबंदी के पचास दिन पूरे होते न होते डिजिटल कैशलैस इंडिया की हवा निकल गयी है।सामने नकदी संकट भयावह है।
देश के चार टकसालों में शालबनी में कर्मचारियों ने ओवर टाइम काम करने से मना कर दिया है,जहं रात दिन नोटों की छपाई के बाद कैशलैस लेनदेन तीन चार सौ गुणा बढ़ने के बावजूद बैंक अपने ग्राहकों को नकदी देने असमर्थ हैं।
बाकी तीन टकसालों में भी देर सवेर शालबनी की स्थिति बन गयी तो इंटरनेट औरमोबाइल से बाहर भारत के अधिकरांश जनगण का क्या होगा,यह पीएमएटीएम और एफएम कारपोरेट के तुगलकी राजकाज और राजकरण पर निर्भर है।
यूपी में चुनाव है तो वहां नोट,मोटर साईकिलें और ट्रक भी आसमान से बरस रहे हैं।बंगाल बिहार ओड़ीशा और बाकी देश में जहां चुनाव नहीं है,आम जनता की सुधि लेने वाला कोई नहीं है।राष्ट्र के नाम संदेश शोक संदेश से हालात नहीं बदलने वाले हैं।
नोटबंदी सिरे से फेल हो जाने के बाद नोटबंदी का पर्यावरण बेहद खतरनाक हो गया है।
इस देश की जनसंख्या में सवर्ण हिंदू बमुश्किल आठ फीसद हैं।
बाकी बानब्वे फीसद बहुजन हैं।
ब्राह्मणों और सवर्णों को अपनी दुर्गति के लिए गरियाने वाले ये बानब्वे फीसद बहुजन ही देश के असल भाग्यविधाता हैं।
पढ़े लिखे सवर्णों में ज्यादातर नास्तिक हैं।
पढ़े लिखे ब्राह्मण भी अब जनेऊ धारण नहीं करते।
इसके विपरीत पढे लिखे बहुजन कहीं ज्यादा हिंदू हो गये हैं और कर्मकांड में बहुजन  सवर्णों से मीलों आगे हैं।मंत्र तंत्र यंत्र के शिकंजे में भी ओनली बहुजन हैं।हिंदुत्व सुनामी में जो साधू संत साध्वी ब्रिगेड हैं,उनमें भी बहुजन कहीं ज्यादा हैं।बहुजनों के धर्मोन्माद से ही हिंदुत्व का यह विजय रथ अपराजेय है और यही मुक्तबाजार का सबसे बड़ा तिलिस्म है।कारपोरेट हिंदुत्व का सबसे बड़ा प्रायोजक है।अब तो रतन टाटा भी हिंदुत्व की शरण में नागपुर में शरणागत हैं।
जाहिर है कि नोटबंदी का पर्यावरण और बहुजनों का हिंदुत्व खतरनाक हैं दोनों।बेहद खतरनाक हैं और यही डिजिटल कैशलैस सैन्यतंत्र सैन्यराष्ट्र का चरित्र है।
नोटबंदी के पचास दिन पूरे होने से पहले मुंबई से लेकर उत्तराखंड तक जो हिंदुत्व का एजंडा लागू हो रहा है,उसपर गौर करना बेहद जरुरी है।
गढ़वाल में भूंकप क्षेत्र भागीरथी और अलकनंदा घाटियों के आस पास चारधामों तक राजमार्ग पर्यटन विकास के लिए नहीं है।उत्तराखंड में चुनाव जीतने का रणकौशल भी यह नहीं है।हिमाचल और उत्तराखंड का केसरियाकरण बहुत पहले हो गया है।अब बाकी देश के केसरियाकरण के सिलसिले में यह राममंदिर आंदोलन रिलांच है जैसे केजरीवाल अन्ना ब्रिगेड का भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन सिरे से आरक्षणविरोधी है,वैसे ही हिंदुत्व का यह एजंडा विशुध कारपोरेट एजंडा है।
हिंदुत्व के इस कारपोरेट एजंडा ने तो शिवसेना को भी अनाथ करके शिवाजी महाराज की विरासत पर कब्जा करने के लिए अरब सागर में शिवाजी भसान कर दिया है और मुंबई में राममंदिर का निर्माण भी हो गया है।संघ परिवार बाबासाहेब अंबेडकर के अंबेडकर भवन ढहाकर, कब्जा करके उसी जमीन पर बहुजनों का नया राममंदिर बाबासाहेब के नाम बना रहा है।
हम जहां हैं,उस कोलकाता के जलमग्न हो जाने का खतरा गहरा रहा है।हुगली नदी के दोनों किनारे कोलकाता और हावड़ा हुगली में भी टूट रहे हैं जैसे मुर्शिदाबाद और मालदह में टूट रहे हैं।तो सुंदर वन के सारे द्वीप डूबने वाले हैं।
पर्यावरण महासंकट में नोटबंदी का पाप धोने के लिए समुद्रतट से लेकर हिमालय तक मुक्तबाजारी कारपोरेट हमला तेज है।
सुंदरवन और पहाड़ों में रोजगार की तलाश में पलायन का परिदृश्य एक जैसा है।अभी सुंदर वन के गोसाबा में मशहूर पर्यावरण कार्यकर्ता तुषार कांजिलाल की टैगोर सोसाइटी फार रूरल डेवलपमेंट ने चार गांवों आनंदपुर,लाहिड़ीपुर,हैमिल्टनबाद और लाटबागान में घर घर जाकर समीक्षा की है।इन गांवों के पांच हजार तीन सौ एक सक्षम पुरुषों में दो हजार पांच सौ छसठ पुरुषों ने रोजगार की तलाश में गांव छोड़ दिया है। 618 महिलाओं ने भी गांव छोड़ दिया है।यह एक नमूना है।सुंदरवन ही नहीं उत्तराखंड के पहाड़ों के गांवों की तस्वीर यही है।
पर्यटन विकास की ही बात करें तो उत्तराखंड को बहुत कम निवेश पर मौजूदा रेलवे नेटवर्क के जरिये पूरे देश से जोड़ा जा सकता है जबकि नैनीताल जैसे पर्यटन स्थल तक पहुंचने के लिए अब सिर्फ कोलकाता और नई दिल्ली से सीधी ट्रेनें हैं।मुंबई,चेन्नै,बेंगलुरु,जयपुर,अबहमदाबाद,नागपुर,भोपाल,रायपुर,भुवनेश्वर से अगर नैनीताल के लिए सीधी ट्रेन सेवा हो तो कुमायूं में पर्यटन विकास बहुत बढ़ सकता है।देहरादून हरिद्वार देशभर से जुड़ा है,वहां से रेलवे नोटवर्क को पूरे उत्तराखंड हिमाचल तक ले जाना फौरी जरुरत है।
सरकार ऐसा कुछ न करके गढवाल के केदार जलसुनामी इलाकों में बारहमहीने धर्म पर्यटन का बंदोबस्त कर रही है,तो इसका असल मकसद समझना जरुरी है।
हिमालय के बारे में चेतावनियां सत्तर के दशक से जारी होती रही है।अब वर्ल्डवाइल्ड लाइफ फंड की 2011 की रपट के मुताबिक सुंदरवन इलाके के लिए डूब के खतरे की चेतावनी भी बासी हो चुकी है जबकि भारत के सारे समुद्रतट को परमाणु भट्टी में तब्दील करने का अश्वमेध अभियान जारी है।
शिवसेना ने मुंबई के सीने पर जैतापुर में पांच पांच परमाणु संयंत्र लगाने का अभी तक विरोध नहीं किया है जबकि शिवाजी की विरासत छिनने पर मराठी मानुष के जीवन मरण के दावेदार बौखला रहे हैं।
चेतावनी है कि अगले तीस सालों में सुंदरवन के पंद्रह लाख लोग बेघर होंगे और सुंदरवन के तमाम द्वीप डूब में शामिल होंगे।
हम अपने लिखे कहे में लगातार मुक्तबाजार के खिलाफ पर्यावरण आंदोलन तेज करने की बात करते रहे हैं।
हम बहुजन आंदोलन को भी पर्यावरण आंदोलन में बदलने के पक्षधर हैं।क्योंकि बहुजनों के हकहकूक के तमाम मामले जल जंगल जमीन आजीविका और रोजगार से जुड़े हैं और पार्कृति संसाधन उन्ही से छीने जा रहे हैं।क्योंकि कृषि भारत में पर्यावरण,जलवायु,जीवन चक्र और मौसम केसंतुलन का आधार है और भारत में कृषिजीवी आम जनता बहुजन हैं।हमारी किसी ने नहीं सुनी है।
अब हमारे लिए यह बहुत बड़ा संकट है कि कमसकम पहाड़ों में लगभग सारे राजनेता चिपको आंदोलन से जुड़े होने के बाद उनमें से ज्यादातर लोग अब कारपोरेट दल्ला बन गये हैं और हिमालय के हत्यारों में वे शामिल हैं।जाहिर है कि सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरण कार्यकर्ता का चरित्र भी राजनीतिक संक्रमण से पूरी तरह बदल जाता है।आम जनता के बजाय उन्हें बिल्डरों,माफिया,प्रोमोटरों,कारपोरेट बहुराष्ट्रीय कंपनियों की ज्यादा चिंता लगी रहती है।
यह बेहद खतरनाक स्थिति है।
बहुजनों के केसरियाकरण और बहुजनों के हिंदुत्व से ही सारा का सारा राजनीतिक वर्ग इस देश में बहुजनों के नस्ली नरसंहार के हिंदुत्व एजंडा को अंजाम दे रहा है।इसका प्रतिरोध न हुआ तो आगे सत्यानाश है।
डीएसबी जमाने के हमारे प्राचीन मित्र राजा बहुगुणा का ताजा स्टेटस हैः
हरीश रावत ने केदारधाम तो मोदी ने चारधाम से सिक्का जमाया ? उत्तराखंड की कौन कहे ?
राजा बहुगुणा आपातकाल के बाद नैनीताल जिला युवा जनता दल के अध्यक्ष थे।वनों की नीलामी के खिलाफ आंदोलन में वे जनतादल छोड़कर उत्तराखंड संघर्ष वाहिनी के कार्यकर्ता बने।28 नवंबर,1977 को नैनीताल में छात्रों पर लाठीचार्ज,पुलिस फायरिंग,नैनीताल क्लब अग्निकांड  के मध्य वनों की नीलामी के खिलाफ शेखर दाज्यू, गिरदा, राजीव लोचन शाह और दूसरे लोगों के साथ जेल जाने वालों में उत्तराखंड के मौजूदा मुख्यमंत्री हरीश रावत भी शामिल थे।हरीश रावत जेल से निकलकर सीधे राजनीति में चले गये।
गौरतलब है कि इसीलिए हरीश रावत के मुख्यमंत्री बनने पर वाहिनी के चिपकोकालीन अध्यक्ष शमशेर सिंह बिष्ट ने एक आंदोलनकारी के हाथों में सत्ता की बागडोर होने की बात कहकर हलचल मचा दी थी।
तब डीएसबी के छात्र आज के सांसद प्रदीप टमटा भी वाहिनी के बेहद सक्रिय कार्यकर्ता थे।वह लंघम हास्टल में रहता था,जहां पहले राजा रहते थे।लंघम में रहते हुए ही राजा के साथ महेंद्र सिंह पाल की भारी भिड़ंत हो गयी थी।नैनीताल के सबसे धांसू छात्र नेता महेंद्र सिंह पाल भी हम लोगों के ही साथ थे।हम लोग ब्रुकहिल्स में रहनेवाले काशी सिंह ऐरी के साथ थे तो प्रदीप लंघम के ही शेर सिंह नौलिया के साथ।चिपको ने हम सभी को एकसाथ कर दिया।चिपको के दौरान प्रदीप के डेरे थे बंगाल होटल में मेरा कमरा,गिर्दा का लिहाफ और नैनीताल समाचार का दफ्तर।तो काशी सिंह ऐरी भी चिपकों के दौरान डीडी पंत और विपिन त्रिपाठी के साथ उत्तराखंडआंदोलन का हिस्सा बनने से पहले हमारे साथ थे।मतलब यह खास बात है कि उत्तराखंड की राजनीति में सक्रिय तमाम लोग चिपको आंदोलन से जुड़े थे।
अब सामाजिक कार्यकर्ता और आंदोलनकारी से राजनेता,मुख्यमंत्री से लेकर सांसद तक बनने वाले प्राचीन साथियों की पर्यावरण चेतना पर हमें शक है।हमारे साथी , हमें माफ करें।मैं जन्मजात तराई का मैदानी हूं।मातृभाषा भी बांग्ला है।ऊपर से शरणार्थी किसान परिवार से हूं।खांटी उत्तराखंडी होने का दावा कर नहीं सकता। हमें जितनी फिक्र उत्तराखंड की कोलकाता में 25 साल गुजारने के बावजूद हो रही है,उतनी फिक्र भी हमारे साथियों को उत्तराखंड की नहीं है,यह हमारे लिए गहरा सदमा है।वैसे उत्तराखंड की राजनीति और विधानसभा में भी हमारे पुराने साथी कम नहीं हैं।लेकिन महिला आंदोलनकारियों की बेमिसाल शहादतों और उत्तराखंड वासियों की आकांक्षा और संघर्षों से बने नये राज्य में वे क्या कर रहे हैं,समझ से परे हैं।
बारह महीने चार धाम यात्रा के हिंदुत्व प्रोजेक्ट पर राजा के सिवाय किसी का पोस्ट नहीं मिला है।
आदरणीय सुंदरलाल बहुगुणा फेसबुक या सोशल मीडिया पर नहीं हैं।चार धाम हिंदुत्व के सिलसिले में उनकी प्रतिक्रिया या कोई उनका मंतव्य हमारे सामने नहीं है। पत्रकारों को तुरंत उनसे देहरादून में साक्षात्कार करना चाहिए।
सुंदरलाल बहुगुणा  हमारी तरह नास्तिक नहीं हैं।विशुद्ध गांधीवादी हैं।वे धार्मिक हैं।पर्यावरण और जल जंगल जमीन के मसलों को वे सीधे आध्यात्म से जोड़कर देखते हैं।उनके विरोध का हथियार भी उपवास है। पर्यावरण संकट के मद्देनजर बरसों से वे पहाड़ों पर चढ़ नहीं रहे हैं और गोमुख पर रेगिस्तान बनते देख भविष्य में जल संकट के मद्देनजर उन्होंने बरसों से अन्नजल छोड़ दिया है।गंगा की अविराम जलधारा को बनाये रखने का नारा उन्होंने ही सबसे पहले दिया था।
आदरणीय सुंदर लाल बहुगुणा हमें कोई दिशा दें तो बेहतर।मुख्यमंत्री हरीश रावत या फिर केंद्र सरकार या प्रधानमंत्री को भी वे सलाह देने की हालत में हैं।
अभी हिमालय में तमाम ग्लेशियर पिघलने लगे हैं और एक एक इंच जमीन भूमाफिया ने दखल कर लिया है।बारह मास धर्म पर्यटन में पहाड़ियों का क्या हिस्सा होगा,मौजूदा पर्यटन वाणिज्य में पहाड़ियों की हिस्सेदारी के मद्देनजर इसे समझा जा सकता है।पर्यावरण,मौसम और जलवायु के परिदृश्य में माउंट एवरेस्ट पर्वतारोहण पर्यटन का नजारा सामने हैं।
इसी सिलसिले में पहाड़ से ही इंद्रेश मैखुरी का यह स्टेटस भी उत्तराखंड में हिंदुत्व के जलवे को समझने के लिए मददगार हैः
हरीश रावत जी ने बुजुर्गों के मुफ्त तीर्थ घूमने की योजना निकाली,भूत-मसाण पूजने वालों को पेंशन की घोषणा की,छठ,करवाचौथ की छुट्टी कर डाली और अब जुमे की नमाज के लिए सरकारी कर्मचारियों को 90 मिनट की छुट्टी दे रहे हैं.हरीश रावत जी बुजुर्ग हैं,तीर्थ करने की उनकी उम्र है,छूट्टी की जरुरत है,उनको.तो क्यूँ न उनकी ही छुट्टी करके तीर्थ यात्रा पर रवाना कर दिया जाए.नहीं तो वे राज्य को ही मसाण बना कर उसकी पुजई करते रहेंगे !

भ्रष्ट अफसर नहीं सुधरे तो उन्हें हेलीकॉप्टर से नीचे फेंकूंगा

Toc News
भ्रष्ट अफसर नहीं सुधरे तो उन्हें हेलीकॉप्टर से नीचे फेंकूंगा फिलीपींस के चर्चित राष्ट्रपति दुर्तेते ने कहा, वह पहले भी एक को फेंक चुके हैं और भ्रष्‍ट अधिकारियों को फिर से फेंकने की चेतावनी दी है।

मनीला (रायटर)। फिलीपींस के चर्चित राष्ट्रपति रोड्रिगो दुर्तेते ने एक बार फिर चौंकाने वाला बयान दिया है। उन्होंने भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों को हेलीकॉप्टर से आकाश में ले जाकर नीचे फेंकने की चेतावनी दी है। राष्ट्रपति ने कहा, वह एक बार पहले यह काम कर चुके हैं। दोबारा ऐसा करने में उन्हें कोई हिचक नहीं होगी। उल्लेखनीय है कि देश में नशा विरोधी अभियान में वह हजारों लोगों को अदालत में सुनवाई के बगैर ही मरवा चुके हैं जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी आलोचना हुई है। वह अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को भी भद्दी गाली दे चुके हैं।

गुस्सैल स्वभाव के पूर्व अधिवक्ता दुर्तेते ने बताया कि बलात्कार और हत्या के आरोपी एक चीनी आदमी को वह पहले भी हेलीकॉप्टर से नीचे फेंक चुके हैं। इसलिए उन्हें भ्रष्ट अधिकारियों को हेलीकॉप्टर से नीचे फेंकने के ज्यादा सोचना नहीं पड़ेगा। दुर्तेते ने यह बात तूफान पीडि़त लोगों को संबोधित करते हुए कही। उन्हें सहायता कार्यक्रम में गड़बड़ी किए जाने की शिकायत मिली थी। राष्ट्रपति कार्यालय ने उनके भाषण का वीडियो फुटेज जारी किया है।

यह बयान उनके कुछ हफ्ते पहले दिए उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने दावाओ शहर के मेयर के रूप में अपने 22 साल के कार्यकाल के दौरान कई लोगों की हत्या की बात कही थी। बताया था कि वह मोटरसाइकिल पर बैठकर निकलते थे और असामाजिक तत्वों से मुठभेड़ करके उन्हें मारते थे। उन्होंने बताया था कि वे हत्याएं पुलिस ऑपरेशन के दौरान हुई थीं। इनमें एक अपहरण की वारदात भी शामिल है। कई सांसदों ने चेतावनी दी है कि उनके ये बयान उनके खिलाफ संसद में महाभियोग की वजह बन सकते हैं।

मनीला में पिछले हफ्ते करीब पांच क्विंटल नशीले मेथामाफेटामाइन के साथ पकड़े गए छह लोगों के बारे में दुर्तेते ने कहा था कि वह भाग्यशाली हैं कि वह (राष्ट्रपति) उस समय मनीला से बाहर थे। अगर वह राजधानी मनीला में होते तो निश्चित रूप से घर में इतना नशीला पदार्थ रखने वालों को गोली मार देते। यह कोई ड्रामा नहीं है। उनके पास बंदूक है और उसका यही इस्तेमाल है।

राष्ट्रपति रोड्रिग डूटर्टे के बोल, फिलीपींस को पट्टे से बंधा कुत्ता समझना बंद करे यूएस
फिलीपींस के राष्ट्रपति बोले अब नहीं कहूंगा अपशब्द, भगवान ने दी है चेतावनी

Wednesday, December 28, 2016

बीडीए भोपाल के सामने खुली जमीन पर कब्जा कर दुकाने डाली

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भोपाल, राजधानी भोपाल में कब्जाधारियों ने अपने बाप की बपौती समझ रखी है जहां मर्जी होती है कब्जा कर लिया जाता है, यह खेल खुलेआम चल रहा है प्रेस काम्पलेक्स एमपी नगर जोन 1 में बीडीए भोपाल के कार्यालय के सामने. यहा पर कुछ वर्षो पहले कुछ शेड आवंटन किया गया था, जहां पर कई प्रकार की दुकाने संचालित थी यहां गेरैज फोटोकापी की दुकाने चल रही थी,

इन दुकानों के सामने 80 - 100 फीट जमीन पार्किग हेतु छोड़ी गई थी. उस जमीन पर सभी दुकानदारों ने कब्जा कर दुकानों के शेड को सड़क तक बड़ा दिया और दुकान लगा ली. इन दुकानदारों के कब्जे की वजह से इनकी पार्किग सड़क पर होने लगी जिस वजह से हर समय यहा जाम की स्थिति बन जाती है, अकसर शाम को आफिस की छुट्टी के समय घंटों तक जाम लग जाता है.

इस कब्जे में प्रशासन की मिलीभगत की होने की चर्चा गर्म है वही हर माह रिश्वत रुपी प्रसाद प्रशासनिक अधिकारी को पहुंच रहा है जिस कारण इन कब्जेधारियों के हौसले बुलंद है. कब्जेधारियों की और प्रशासन आंखे बंद रखी है शासन को चाहिए अधिकारियों के खिलाफ जो कब्जा करवाने में सहयोगी उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही कर अापराधिक मामला दर्ज करवाया जावे.

नीतीश सरकार का बड़ा फैसला, SC-ST ओबीसी और इबीसी को 50% आरक्षण!

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बिहार सरकार ने सूबे में पिछड़ा अति पिछड़ा,अनुसूचित जाति व जनजाति को 50 फीसदी तक नौकरियों में आरक्षण देने का ऐलान किया है। राजनीतिक नजरिए से यहीं नीतीश कुमार का बड़ा वोट बैंक भी है और तो वहीं नीतीश ने उन्हें आरक्षण के रूप में बड़ा तोहफा भी दिया है।
वहीं बिहार सरकार का कहना है कि आरक्षण का मकसद केवल सूबे में पिछड़ा अति पिछड़ा,अनुसूचित जाति व जनजाति को बढ़ावा देना है।
बता दें कि मंगलवार को हुई राज्य कैबिनेट बैठक में इस अहम प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी।नौकरियों में मिले इस आरक्षण का प्रावधान बिहार उच्च न्यायिक सेवा(एडेजी) और बिहार असैनिक सेवा,न्याय(जूडिशियल मजिस्ट्रेट) में लागू होगा।
इस प्रस्ताव को लेकर कैबिनेट में हुए फैसले के मुताबिक अब बिहार न्यायिक सेवा और उच्च न्यायिक सेवा में अति पिछड़ा को 21 प्रतिशत,तो अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत ,इसके साथ साथ पिछड़ा वर्ग को 12 प्रतिशत और अनुसूचित जाति को एक प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा,जो कि कुल मिलाकर 50 प्रतिशत होगा।