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Wednesday, January 3, 2018

पसलियों में दर्द का कारण और उपचार


pasli mein dard
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आजकल पसलियों में दर्द की समस्या अधिकतर लोगों में आम बात हो गई है। आज के तनावयुक्त जीवन में सिर्फ युवा ही नही बल्कि बच्चे भी इस समस्या से पीड़ित है। ये दर्द खांसी व छींक आने से और ज्यादा होता है, क्योंकि ऐसा होने पर पसलियों पर दबाव पड़ता है और वे दुखने लगती है। अधिक दर्द के कारण पसलियों में भयंकर जकड़न महसूस होती है जो बहुत जानलेवा महसूस कराती है। वैसे यह खतरनाक रोग नहीं है लेकिन दर्द शुरू होने पर रोगी को अपार कष्ट का सामना करना पड़ता है। फेफड़ों में कफ जम जाने से या फेफड़ों में सर्दी का अधिक प्रकोप होने से वायु का उभार तेज हो जाता है और सांस की गति अनियंत्रित हो जाती है। वायु बार-बार पसलियों से टकराती हैं और कफ उसके निकलने के मार्ग को बाधित करता है। अत: पसलियों में हलचल होने लगती है, इसी हलचल को हम पसलियों का दर्द कहते है।
पसलियों में दर्द का कारण और पहचान –
पसलियों में दर्द होने का मुख्य कारण है शरीर में खून और विटामिन डी की कमी का होना। अधिक ठंडी चीजों तथा फ्रिज में रखे पानी का उपयोग हर समय करने से पसलियों में दर्द की शिकायत अक्सर रहती है। यह तकलीफ बच्चों को अधिक होती है, क्योंकि उनके नाजुक शरीर को ठंड बड़ी जल्दी लगती है। मौसम में अचानक बदलाव तथा धूप से आते ही फ्रिज का ठंडा पानी पी लेने से भी फेफड़ों को ठंड लग जाती है, यही ठंड पसलियों में पीड़ा के रूप में परिवर्तित हो जाती है। बर्फ, ठंडा पानी, लौकी, तरबूज, खीरा, सेब, नारंगी, संतरा, केला एवं अनार का सेवन अत्यधिक मात्रा में करने से व बासी और ठंडा दूध अधिक मात्रा में पीने से पसलियों में कफ जम जाता है जिसके परिणाम स्वरूप पसलियों में दर्द होने लगता है।
यदि बिना मलाई वाले दूध का सेवन प्रतिदिन करते हैं तो पसलियो की इस बीमारी से कोसों दूर रहेंगे। प्रोटीन युक्त संतुलित भोजन व विटामिन से भरपूर सलाद नित्य लेने से पसलियों के दर्द से राहत मिलती है।
रोगी अपना हाथ बार-बार पसलियों पर ले जाता है, सांस तेज गति से चलने लगती है, भूख-प्यास बंद हो जाती है, हाथ-पैर ढीले पड़ने लगते है, कभी-कभी बुखार भी आ जाता है। बेचैनी बढ़ने के कारण पसीना आने लगता है, उठते-बैठते, लेटते अथवा करवट लेते किसी भी प्रकार आराम नहीं मिलता, गले में खुश्की तथा शरीर की हरकत बढ़ जाती है।
पसलियों में दर्द की शिकायत होने पर इन नुस्‍खों को आजमाएं –
1. शहद और पान में खाया जाने वाले चूने को मिलाकर पेस्ट बनाएं और इसका लेप पसलियों में दर्द वाली जगह पर करने से आराम मिलता है।
2. सरसों के तेल में तारपीन का तेल मिलाकर थोड़ी-थोड़ी देर बाद रोगी की पसलियों पर हल्के हाथों से मालिश करें।
3. अदरक, तुलसी तथा कालीमिर्च का काढ़ा बनाकर उसमें एक चुटकी सेंधा नमक मिलाकर सेवन कराना चाहिए।
4. गेहूं की एक मोटी रोटी बनाए और उसे एक तरफ से सेक लें व दूसरी ओर से कच्‍ची रखे। कच्चे वाले भाग पर सरसों का गर्म तेल और हल्दी मल कर दर्द वाले स्‍थान पर बांध दें, इससे रोगी को बहुत आराम मिलेगा।
5. लहसुन की कली को हल्का भूनकर चूर्ण के रूप में शहद के साथ रोगी को सेवन करवायें।
6. दो चम्मच जीरा को एक गिलास गर्म पानी में मिला लें और किसी कपड़े में डालकर निचोड़ लें। फिर इसकी सिकाई पसली पर दर्द वाली जगह पर करें, इससे काफी आराम मिलता है।
7. रात में सोते समय गर्म दूध में तीन-चार छोटी इलायची पीसकर व एक चुटकी हल्‍दी डालकर पिएं।
8. 100 ग्राम मेथी दाना को हल्का सा भून लें, फिर इसे कूटकर चूर्ण बना लें और चौथाई भाग काला नमक मिलाकर सुबह-शाम दो चम्मच गरम पानी के साथ इस चूर्ण की फाँकी लें। इस उपाय को नियमित 15 दिनों तक करने से पसलियों का कैसा भी असह्य दर्द हो दूर हो जाता है।
9. गाय के घी में जायफल को घिसकर पसलियो पर दिन में तीन-चार बार लेप करें। रीठे के काले बीजों को पानी में घिसकर छाती पर लेप करने से दर्द से राहत मिलती है।
10. चौलाई को पीसकर उसका रस निकाल लें, इस रस को सरसों के तेल में मिलाकर छाती तथा पसलियों पर मालिश करें। नाक के नथुनों एवं माथे पर भी इस तेल को मलें, दर्द से जल्द राहत मिलेगी।
11. नीम की पत्तियों को जलाकर उसकी दो चुटकी राख, शहद या गरम पानी के साथ रोगी को देने से लाभ मिलता है।
12. कालीमिर्च 6 ग्राम, लौंग 3 ग्राम, हल्दी 6 ग्राम एवं सेंधा नमक 4 ग्राम सबको पीसकर एक गिलास पानी में उबालें और जब पानी आधा रह जाए तो हल्का गर्म पिएं।
13. एक गिलास पानी में थोड़ा सा शहद मिलाकर रोगी को दिन में तीन बार पिलाएं। पानी में चुटकी भर हींग घोलकर बच्चे को पिलाएं, पसलियों के दर्द से राहत मिलेगी।
14. राई के दानों को महीन पीसकर गर्म करें और दर्द वाले स्‍थान पर बार-बार उसका लेप करें, दर्द से आराम मिलेगा।
15. एक ग्राम महीन शुद्ध हींग को अंडे की जर्दी में मिलाकर पसली पर लेप करने से रोगी को आराम मिलेगा।
16. पानी में पुदीना की पांच पत्तियां तथा पांच कालीमिर्च डालकर चाय बनाकर पिलायें।
17. पानी में लहसुन तथा चार लौंग डालकर काढ़ा बनाकर रोगी को सेवन करायें।
18. सोंठ, पीपल, कालीमिर्च तथा लौंग सभी को 5-5 ग्राम समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इसमें से 4 ग्राम चूर्ण शहद के साथ दिनभर में दो-चार बार चाटें, दर्द से राहत मिलेगी।
19. तारपीन के सफेद तेल में थोड़ा सा कपूर मिलाकर थोड़ी-थोड़ी देर बाद पसलियों पर हल्के हाथों से मालिश करें तथा सीने तथा पसलियों पर शुद्ध शहद का लेप लगाएं।
20. पीपल के पत्तों को जलाकर इसका चौथाई चम्मच भस्म शहद के साथ चाटने से पसलियों में गरमी भरने लगती है।
क्या खाएं क्या नहीं –
यदि बच्चों को पसली का दर्द हो रहा है तो उसे गाय या बकरी का दूध, चपाती, मूंग की दाल, तौराई, पालक, चौलाई, मेथी एवं शलजम की सब्जियां खिलाएं। बर्फ, कुल्फी, फ्रिज का पानी, आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक आदि भूलकर भी न दें। भोजन के उपरांत बच्चे को थोड़ी देर धूप में बैठने का निर्देश दें। बड़ों को ऐसी समस्या होने पर ठंडी सब्जियों तथा ठंडी तासीर वाले पदार्थों से दूर रखें। अरहर दाल, छोले, चावल, पुलाव, बासी खाना आदि का सेवन न करें।
समस्या गंभीर होने पर दही, केला, अनार, मछली तथा अंडे से परहेज करें। सर्दी के दिनों में दोपहर को शरीर पर सरसों के तेल की मालिश और थोड़ी देर धूप लेने के बाद स्नान करें। धूप शरीर को खाद्य और उर्जा प्रदान करती है, जिससे पेट तथा त्वचा में पनपने वाले जीवाणु मर जाते हैं। कफ बनाने वाले पदार्थ जैसे – दूध, मलाई, मिठाई, दालमोठ, बेसन के पकौड़े आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। खान-पान के प्रति थोड़ा सजग रहने से पसलियों की समस्या को दूर रखा जा सकता है।
समस्या गंभीर हो उससे पहले ही पसलियों में दर्द का कारण जानने के लिए अपने डॉक्टर को ज़रूर दिखायें। क्योंकि पसलियों में दर्द का अत्यधिक होना किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है। डॉक्टर की सलाह के बाद अपने शरीर की क्षमता के आधार पर व्यायाम, आसन या ख़ान-पान में बदलाव लायें। हमारा उद्देश्य आपका सामान्य ज्ञान बढ़ाना है, पसलियों के दर्द से मुक्ति पाने के लिए आप अपने चिकित्सक से परामर्श ज़रूर करें।

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