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Thursday, January 4, 2018

इसलिए आज नहीं सुनाई गई लालू को सजा, जज बोले- कई लोग कर रहे सिफारिश

कल होगा लालू की सजा का ऐलान, वापस जेल भेजा के लिए इमेज परिणाम

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रांची : देवघर चारा घोटाले में राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की सजा का ऐलान आज फिर टल गया है. लालू की सजा का ऐलान अब शुक्रवार को होगा. अल्फाबेटिकल लेटर के आधार पर सजा सुनायी जा रही है और लालू का नंबर सातवां है. आपको बता दें कि रांची की विशेष सीबीआइ कोर्ट को ये फैसला पहले बुधवार को सुनाना था, लेकिन उसे टाल दिया गया था.

आज लालू प्रसाद यादव ने कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि हमने कुछ नहीं किया. कोर्ट रूम में लालू प्रसाद यादव अपने अंदाज में नजर आये. उन्‍होंने कहा कि जज साहब जेल में बहुत ठंड लगती है. इसपर जज ने कहा कि आप जेल में कोई डिग्री ले लीजिए. जज ने लालू से कहा कि यदि आपको यहां आने में परेशानी होती हो तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का सहारा ले सकते हैं. इसपर लालू प्रसाद ने कहा कि हुजूर हम रांची में ही हैं जब बुलाईएगा आ जाऊंगा.

इस बातचीत के बाद लालू प्रसाद को कोर्ट से होटवार जेल ले जाया गया.

कोर्ट के बाहर मौजूद आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद ने कहा कि तेजस्वी ने आरजेडी को संभाल लिया है. लड़ाई को आगे बढ़ाना है. हमें कोर्ट के फैसले का इंतजार है. देश के सभी लोगों की नजर लालू प्रसाद यादव पर है. राजद के टूटने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम भाजपा के सपने का चकनाचूर कर देंगे. हम एकजुट हैं.

इससे पहले, राजद नेता भोला यादव ने लालू की सुरक्षा पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि मजबूर होकर मुझे उनकी गाड़ी को सुरक्षा देनी पड़ी. वहीं जेडीयू के वरिष्ठ नेता विजेंद्र यादव ने कहा- लालू की सजा का बिहार की राजनीति पर असर नहीं पड़ेगा. विपक्ष में राजद है और रहेगा.

राजद विधायक शक्ति सिंह यादव ने कहा कि कोर्ट का जो भी फैसला आएगा हम उसका सम्मान करेंगे...जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट जायेंगे... हमारी पार्टी जन समस्याओं को लेकर आवाज उठाती रहेगी.

गुरुवार को लालू प्रसाद यादव ने जेल के भीतर सुबह-सुबह नहा धोकर दुर्गा चालीसा का पाठ किया.

इनकी सजा पर होना है निर्णय :
  -लालू प्रसाद, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह राजद प्रमुख
-जगदीश शर्मा, पूर्व सांसद
 -आरके राणा, पूर्व विधायक
-फूलचंद सिंह, पूर्व विकास आयुक्त
-बेक जूलियस, पूर्व पशुपालन सचिव, बिहार
-महेश प्रसाद, पूर्व पशुपालन सचिव, बिहार
-डॉ कृष्ण कुमार, पूर्व पशुपालन पदाधिकारी
-सुबीर भट्टाचार्य, पूर्व ट्रेजरी आॅफिसर पूर्व आपूर्तिकर्ता
 -त्रिपुरारी मोहन प्रसाद 
-राजा राम जोशी 
-सुनील कुमार सिन्हा
-सुशील कुमार सिन्हा
-सुनील गांधी
-संजय कुमार अग्रवाल
-ज्योति कुमार झा 
-गोपीनाथ दास
मिश्रा सहित छह हो चुके हैं बरी : उक्त मामले में अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, बिहार विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, अधीरचंद्र  चौधरी, सरस्वती चंद्रा और साधना सिंह  को निर्दोष करार देते हुए मामले से बरी कर दिया था.

ट्रायल के दौरान इन आरोपियों की हुई मौत : ट्रायल के दौरान आरोपियों में श्याम बिहारी सिन्हा, शेषमुनी राम, भोला  राम तूफानी, चंद्रदेव प्रसद वर्मा, राजो सिंह, ब्रजभूषण प्रसाद, ओमप्रकाश  गुप्ता, महेंद्र प्रसाद, के. अरुमुगम. इनके अलावा एक सरकारी गवाह राघवेंद्र किशोर दास की भी मौत हो चुकी है.

एक नजर:
 -देवघर कोषागार से अवैध निकासी मई-जून 1991 से अगस्त 1994 के बीच हुआ
-निकासी की राशि 89 लाख रुपये से ज्यादा थी
-सीबीआइ ने मामले में 15 मई 1996 को दर्ज की थी प्राथमिकी
-जांच एजेंसी ने 27 अक्तूबर 1997 और 25 अगस्त 2004 को चार्जशीट की
-आरोप गठन 29 मई 2005
-कुल आरोपी 38-11 की हो चुकी मौत
 -तीन बने सरकारी गवाह, एक की मौत
-ट्रायल के आरोपी 22
-आरोपियों का बयान जुलाई 2014 काे हुआ था दर्ज
-सीबीआइ की ओर से 160 गवाहों को किया गया पेश
-लालू की ओर से 16 गवाह किये गये पेश
-दो मामलों आरसी 64ए/96 और आरसी 20ए/96 में लालू ने सीबीआइ जज बदलने की मांग हाइ कोर्ट से की थी 

कम से कम सजा की मांग करेंगे लालू के अधिवक्ता

मामले में लालू के अधिवक्ता विष्णु कुमार ने कहा कि वे गुरुवार को कोर्ट में अपने मुवक्किल को कम से कम सजा दिलाने का आग्रह कोर्ट से करेंगे. वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभात कुमार ने कहा कि सीबीआइ कोर्ट ने पहले चार-चार दोषियों के सजा के बिंदु पर एक दिन में फैसला किये जाने की बात कही थी. इस पर उनकी ओर से आग्रह किया गया कि कम से कम आठ दोषियों पर एक दिन में फैसला ले लिया जाये. इस पर कोर्ट ने कहा कि कल देखा जायेगा.

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