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Monday, February 5, 2018

प्याज  के लिए इमेज परिणाम

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नई दिल्ली। किसानों को उनके पैदा किए प्याज का अच्छा भाव दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने दो दिन पहले जो कदम उठाया था उसकी वजह से रिटेल मार्केट में प्याज की कीमतें फिर से बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। प्याज के भाव को नीचे आते देख 2 फरवरी को केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य की शर्त को खत्म कर दिया था। इस कदम के पीछे सरकार का मकसद प्याज निर्यात को बढ़ावा देकर किसानों को अच्छा भाव दिलाने का है।

सरकार ने खत्म की MEP की शर्त
लेकिन सरकार के इस कदम की मार उपभोक्ताओं पर पड़ सकती है। सरकार के इस कदम के बाद थोक बाजार में प्याज का भाव करीब 37 प्रतिशत तक बढ़ गया है जिस वजह से रिटेल मार्केट में भी इसकी कीमतों में बढ़ोतरी होने की आशंका बढ़ गई है। सरकार ने प्याज के निर्यात के लिए 750 डॉलर प्रति टन न्यूनतम निर्यात मूल्य की शर्त लगाई हुई थी लेकिन 2 फरवरी को इस शर्त को खत्म कर दिया गया है। अब निर्यात अपनी मर्जी के भाव पर प्याज का निर्यात कर सकते हैं।

3 दिन में 37 प्रतिशत बढ़ा भाव
2 फरवरी के दिन देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में प्याज का औसत थोक भाव 1500 रुपए प्रति क्विंटल था, लेकिन आज 5 फरवरी सोमवार को भाव करीब 37 प्रतिशत ऊपर यानि 2050 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है।

इस साल निर्यात पहले ही अच्छा
न्यूनतम निर्यात मूल्य खत्म करने के सरकार के कदम से प्याज निर्यात को बढ़ावा मिलेगा जिससे थोक बाजार में कीमतें बढ़ सकती हैं। इस साल अक्टूबर अंत तक जो निर्यात हुआ है वह पिछले साल से बेहतर ही रहा है। अप्रैल से अक्टूबर 2017 के दौरान देश से करीब 16.79 टन प्याज का निर्यात हो चुका है, वित्त वर्ष 2016-17 में इस दौरान देश से 16.34 लाख टन प्याज का निर्यात हुआ था।

इस साल उत्पादन 10 लाख टन कम
सरकार ने इस साल प्याज का उत्पादन भी पिछले साल के मुकाबले कुछ कम रहने का अनुमान लगाया है जिस वजह से सप्लाई सीमित रह सकती है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक फसल वर्ष 2017-18 के दौरान देश में प्याज का उत्पादन 214 लाख टन होने का अनुमान है जबकि 2016-17 के दौरान देश में 224 लाख टन प्याज पैदा हुआ था।

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