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Sunday, March 4, 2018

PNB के बाद Infosys के अधिकारियों का फर्जीवाड़ा आया सामने

PNB के बाद Infosys के अधिकारियों का फर्जीवाड़ा आया सामने

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ऐसा लग रहा है बैंकों के घोटाले और टैक्‍स चोरी करने वाले लोगों का भी धीरे-धीरे सफाया हो रहा है। तभी तो आए दिन कोई न कोई फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। पंजाब नेशनल बैंक का मामला अभी ठण्‍डा ही नहीं हुआ था कि आइटी कंपनी इंफोसिस के अधिकारियों का एक फर्जीवाडा सामने आ गया है। माना जा रहा है कि एक फर्जी सीए, इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट के कुछ अधिकारी और इंफोसिस के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया है। तो आइए जानते हैं इंफोसिस के इस फर्जीवाड़े को विस्‍तार से।

दर्ज हुआ था एफआईआर

आपको बता दें कि इस फर्जीवाड़े की जानकारी जनवरी के आखिरी सप्‍ताह में मिली है। एक FIR दर्ज किया गया है जिसमें यह कहा गया है कि इंफोसिस के कुछ अधिकारी, एक फर्जी सीए और इनकम टैक्‍स विभाग के कुछ अधिकारियों की सहायता से 1010 रिवाइज्‍ड टैक्‍स रिटर्न फाइल किए गए। ये रिटर्न तीन अससेमेंट इयर्स से संबंधित थे।

250 टैक्‍सपेयर्स का अवैद्य रिफंड क्‍लेम

फर्जी दस्‍तावेजों के जरिए 250 करदाताओं के नाम पर अवैद्य रुप से रिफंड क्‍लेम किए गए। इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टेड अकाउंट्स ऑफ इंडिया ने इस धोखाधड़ी में शामिल सीए नागेश शास्‍त्री को फर्जी करार दिया है।

सीए नागेश शास्‍त्री का है हाथ

इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट ने इंफोसिस को ई-रिटर्न प्रोसेस का जिम्‍मेदारी दे रखा है। सीबीआई का इस बारे में कहना है कि जब सीए नागेश रिटर्न फाइल कर रहा था तो इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट और इंफोसिस के कुछ कर्मचारियों को जानकारी थी। यह फर्जीवाड़ा बिना उनकी सहमति के संभव नहीं था।

इंफोसिस की ओर से नहीं आया है कोई करारा जवाब

वहीं इंफोसिस के प्रवक्‍ता का कहना है कि वे इस बारे में FIR की कॉफी देखने के बाद कुछ कहने की स्थिति में होंगे। सीबीआई के अनुसार नागेश ने गलत जानकारियां भरकर 5 करोड़ रुपए का रिफंड क्‍लेम कर लिया। CBI का कहना है कि असेसमेंट सिस्‍टम रिवाइज्‍ड रिटर्न्‍स को टैग करता है और उनकी प्रोसेसिंग कर रहे लोगों के साथ-साथ असेसिंग ऑफिसरों का भी ध्‍यान आकार्षित करने के लिए पॉप-अप मैसेज देता रहता है।

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