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Monday, April 16, 2018

ऐतिहासिक धरोहर मिंटो हॉल प्रॉपर्टी बिक्री लीज में 250 करोड़ रू. से अधिक का घोटाला की शाजिस : के.के. मिश्रा


ऐतिहासिक धरोहर मिंटो हॉल प्रॉपर्टी बिक्री लीज में 250 करोड़ रू. से अधिक का घोटाला सरकार बताये सीव्हीसी की गाईड लाईन के विपरीत सिंगल निविदा की लीज डीड को ही मंजूरी क्यों ?: के.के. मिश्रा
यदि मंत्रि-परिषद ने इस गैरकानूनी निविदा को स्वीकृति दी, तो कांग्रेस जायेगी-सुप्रीम कोर्ट

भोपाल 16 अप्रैल 2018 । प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता श्री के.के. मिश्रा ने राजधानी भोपाल की ऐतिहासिक धरोहर मिंटो हॉल (पुरानी विधानसभा) को केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा निविदा के संबंध में जारी दिशा निर्देशों के विपरीत सिंगल निविदा जमा करने वाली कंपनी को राज्य सरकार द्वारा हेरिटेज होटल के उपयोग हेतु 99 साल की लीज पर दिये जाने का तीखा विरोध करते हुए इसमें 250 करोड़ रू. से अधिक के घोटाले का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी कहा है कि जब सर्वोच्च न्यायालय ने मिंटो हॉल की बिक्री पर पाबंदी लगाते हुए इस ऐतिहासिक धरोहर को सरकार के ही अधीन रखे जाने का स्पष्ट आदेश पारित किया है तब इस आदेश की अवमानना करते हुए राज्य सरकार किसे, क्यों और किसलिए विधि विरूद्व तरीके से उपकृत करना चाह रही है? 

श्री मिश्रा ने जारी अपने बयान में कहा है कि निविदा के संबंध में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीव्हीसी) द्वारा जारी दिशा निर्देशों के तहत निविदा सूचना जारी होने के बाद उसके जमा करने की अवधि 60 दिवस निर्धारित की है तथा निर्देशों में यह भी कहा गया है कि सिंगल निविदा को किसी भी रूप में स्वीकृति प्रदान न की जाये, उसके स्थान पर दोबारा निविदा सूचना जारी की जाये, ताकि स्वच्छ-स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के आधार पर निविदा प्रक्रिया न केवल पूरी हो, बल्कि सरकार को किसी भी प्रकार की वित्तीय क्षति न हो, किंतु इस प्रकरण में सरकार ने विधि विरूद्व जाकर निविदा की शर्तों के विपरीत मात्र 30 दिवस का समय निर्धारित कर करोड़ों रू. की आर्थिक हानि उठाते हुए सिंगल निविदा को स्वीकार कर गैरकानूनी और आपराधिक कृत्य किया है, जिससे राज्य सरकार को कम से कम 250 करोड़ रू. से अधिक की क्षति उठानी पड़ेगी!
श्री मिश्रा ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि उच्चस्तरीय राजनैतिक दबाव के कारण निविदा समिति ने सीव्हीसी गाईड लाईन से छूट देने हेतु एक प्रस्ताव बनाकर अनुमोदन हेतु मंत्रिमंडल को प्रेषित किया है और यह पहले से ही तय कर लिया गया है कि मंत्रिमंडल उक्त प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति अवश्य ही प्रदान करेगा, यदि ऐसा होता है तो मंत्रिमंडल एक बड़े भ्रष्टाचार पर अपनी विधि विरूद्व मोहर लगाकर राज्य को भारी वित्तीय क्षति पहुंचाने के साथ ही भ्रष्टाचार को संरक्षित करने के लिए उत्तरदायी होगा? श्री मिश्रा ने कहा कि इस बड़े भ्रष्टाचार को पूर्णता देने, सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के विपरीत कार्य करने और सीव्हीसी के दिशा-निर्देशों के विपरीत आचरण करने वाली सरकार के इस कृत्य को लेकर कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटायेगी। 
श्री मिश्रा ने प्रदेश में भ्रष्टाचार को लेकर ‘जीरो टॉलरेंस’ की दुहाई देने वाले मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान सहित उनके मंत्रि-परिषद के सहयोगी सदस्यों से आग्रह किया है कि वे इस बड़े घोटाले एवं गैरकानूनी कार्य के संपादन में सहभागी न बनें।

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