आजादी के पहले भारत में प्रथा और परंपराओं के नाम पर न जानें कितनी ही कुरितियों को बढ़ावा दिया जाता था परंतु आजादी के बाद लोगो के विचारो में थोड़ा परिवर्तन आया| लोगो के अंदर सही गलत में फर्क करना आया|
जिसका नतीजा यह हुआ की धीरे-धीरे देश में कुप्रथाओ के बादल छटने लगे| लेकिन आज भी कुछ ऐसी प्रथाओ को देखकर लगता हैं की हम आज भी वही खड़ें जहा 70 साल पहले थे| इस समय इतनी जागरूकता होने के बावजूद देश के कई जगहों पर कई कुरीतिया देखने को मिल जाती हैं| जहां देश मे ‘बेटी पड़ाओ बेटी बचाओ’ का नारा दिया जा रहा हैं, वही पर कई जगह आज भी बेटियो को बेचा जा रहा हैं|
यहाँ के लोग हर साल अपनी बेटियो का सौदा करते हैं, दिलचस्प बात ये भी हैं की इसको बाकायदे रजिस्टर मे नोट किया जाता हैं| लड़के को लड़की पसंद आ गयी तो वह ज्यादा कीमत देकर लड़की को एक साल से अधिक समय तक रख सकता हैं| बशर्ते लड़की को उस एक साल या उससे ज्यादे समय तक उस आदमी की पत्नी बनकर रहना पड़ता है| यदि वे समय रहते ही शादी करने का फैसला कर लेते हैं तो समय रहते ही उनकी शादी तय कर दी जाती हैं |
सोचने वाली बात यह हैं की इस कुप्रथा के खिलाफ आज तक किसी ने भी आवाज नहीं उठाई| ना ही किसी शख्स ने और ना ही किसी परिवार ने किसी के खिलाफ कोई रिपोर्ट दर्ज करवाई हैं| इस घटना से लगता हैं की आज भी हमारा भारत कितना पीछे हैं| हमे इस बात पर गौर करना चाहिए की लडकीया भी इंसान हैं उनकी भी कुछ इच्छाए होती हैं| ऐसे ही नहीं किसी के हाथो उन्हे बेच देना चाहिए| इस ‘धड़ीचा प्रथा’ के खिलाफ लोगो को आवाज उठानी चाहिए तथा इसका विरोध करना चाहिए|
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