राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके परिवार की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. आइआरसीटीसी घोटाला मामले में सीबीआई ने बुधवार को दिल्ली के पटियाला कोर्ट में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत 14 आरोपितों के खिलाफ 20,000 पृष्ठों का दस्तावेज जमा किया है. मालूम हो कि बहुचर्चित रेलवे होटल टेंडर घोटाला मामले में सीबीआई ने 16 अप्रैल को नयी दिल्ली स्थित पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी.
रेल मंत्री के पद पर रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने मई 2004 में इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) की ओर से संचालित रेलवे के पुरी और रांची के दो रेल रत्न होटलों का ठेका कोचर बंधु की कंपनी सुजाता होटल्स को दे दिया था. साथ ही टेंडर की प्रक्रिया में बड़े स्तर पर धांधली की गयी थी. इसके बदले में एक शेल कंपनी लारा प्राइवेट लिमिटेड, जिसका नाम पहले डिलाइट मार्केटिंग था,
के जरिये राजधानी पटना में तीन एकड़ का भू-खंड लिया गया. बताया जाता है कि इस भू-खंड पर बड़ा मॉल बनाया जा रहा था. लारा कंपनी के निदेशक राबड़ी देवी और तेजस्वी प्रसाद हैं, जबकि डिलाइट कंपनी की निदेशक सरला गुप्ता हैं. बताया जाता है कि इस लेन-देन में राजद सांसद प्रेमचंद गुप्ता की सक्रिय भूमिका रही है.
उन्होंने ही शेल कंपनी का गठन करा कर रुपये का अवैध ट्रांजेक्शन कराया और इसे दूसरी कंपनी के जरिये लालू परिवार को ट्रांसफर करा दिया. सुजाता होटल्स को ठेका मिलने के बाद 2010-14 के बीच डिलाइट मार्केटिंग कंपनी का मालिकाना हक प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता से राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के नाम पर हो गया, तब तक लालू प्रसाद रेल मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके थे.
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