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Thursday, May 3, 2018

क्षेत्र की पेयजल समस्या के निराकरण के लिए हर उपाय अपनाये जायें : कलेक्टर छवि भारद्वाज

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पी.एच.ई. के अधिकारियों को बैठक में कलेक्टर के निर्देश 

जबलपुर | 03-मई-2018, कलेक्टर श्रीमती छवि भारद्वाज ने आज अपने कुण्डम प्रवास के दौरान क्षेत्र की पेयजल समस्या के निराकरण को लेकर तहसील कार्यालय में आयोजित बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों के साथ करीब डेढ़ घंटे तक चर्चा की। इस दौरान क्षेत्रीय विधायक श्रीमती नंदिनी मरावी एवं जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अराधना महोविया भी मौजूद थीं।  

कलेक्टर ने बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों से साफ-साफ कहा कि उन्हें आदिवासी बहुल क्षेत्र की पेयजल समस्या के निराकरण को हर हाल में प्राथमिकता देनी होगी।  उन्होंने इस दिशा में विभाग द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना और इस पर अभी तक किये गये कार्य की समीक्षा करते हुए कहा कि अधिकारियों को जहां भी जरूरत महसूस हो वहां वर्तमान स्त्रोतों के साथ जल के नये स्त्रोतों की तलाश की जाये। उन्होंने कहा कि इसके लिए नये नलकूप का खनन भी किया जा सकता है और समीप के जल स्त्रोतों से परिवहन कर भी गांवों में पेयजल की आपूर्ति की जा सकती है। 
श्रीमती भारद्वाज ने बैठक में कहा कि चिन्हित गांवों में परिवहन के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति करने के लिए निजी जल स्त्रोतों के अधिग्रहण की कार्यवाही भी की जा सकती है।  उन्होंने कहा कि ऐसे हैण्डपंप जो जल स्तर नीचे चले जाने के कारण धीमे हो गये या उनमें पानी आना बंद हो गया है उनमें मोटर पंप डालकर गांवों में पेयजल की आपूर्ति की जाये।
कलेक्टर ने कहा यदि हैण्डपंपों में मोटर डालकर भी पेयजल आपूर्ति नहीं की जा सकती है तो फिर वहां नये नलकूप का खनन किया जाना चाहिए।  इसमें भी इस बात का ध्यान रखना होगा कि नये नलकूपों का खनन सर्वे करने के बाद ही हो और कम से कम 700 से 800 फीट गहराई तक इन नलकूपों का खनन किया जाये। 
श्रीमती भारद्वाज ने बैठक में क्षेत्रीय विधायक श्रीमती नंदिनी मरावी ने कुण्डम क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के लिए दिये गये सुझावों पर भी अमल करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा की निर्मल नीर योजना के तहत गांवों में कूप खनन का प्रस्ताव तैयार करने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया।  कलेक्टर ने इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक के चार-पांच गांवों का समूह बनाकर समीप के जल स्त्रोत से पेयजल आपूर्ति करने के सुझाव से सहमति व्यक्त करते हुए अधिकारियों से कहा कि वे सामूहिक नल-जल योजना का प्रस्ताव तैयार भी करें।  

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