1 मार्च 2016, दिन-मंगलवार : अरुण जेटली-विजय माल्या की मुलाकात पर बड़ा दावा |
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नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया ने दावा किया कि एक मार्च, 2016 को संसद के केंद्रीय कक्ष में शराब कारोबारी विजय माल्या की वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ ‘विधिवत मुलाकात’ हुई थी और इसके वह साक्षी हैं. पुनिया ने चुनौती दी कि अगर उनका यह दावा सच साबित नहीं हुआ तो वह राजनीति छोड़ देंगे.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में पुनिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एक मार्च, 2016 को केंद्रीय कक्ष में जेटली जी और माल्या की मुलाकात हुई. पांच-सात मिनट दोनों ने खड़े होकर बात की और फिर बैठकर बात की. 2016 के बजट सत्र में माल्या सिर्फ एक दिन संसद आए थे और वह सिर्फ जेटली से मिलने आए थे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं मीडिया के साथ बातचीत में कई मौकों पर इसका उल्लेख करता रहा. ढाई साल तक जेटली चुप्पी साधे रहे. अब वह मुलाकात की बात मान रहे हैं.
सच्चाई यह है कि दोनों बीच विधिवत मुलाकात हुई थी.’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मेरी चुनौती है कि केंद्रीय कक्ष में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और उनकी फुटेज देखी जाए. सब पता चल जाएगा। या तो जेटली जी राजनीति छोड़ दें या मैं छोड़ दूंगा.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि माल्या वित्त मंत्री से ‘सलाह-मशविरा करके’ देश से भागा था. दरअसल, माल्या ने बुधवार को कहा था कि वह भारत से रवाना होने से पहले वित्त मंत्री से मिला था। लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश होने के लिए पहुंचे माल्या ने संवाददाताओं को बताया कि उसने मंत्री से मुलाकात की थी और बैंकों के साथ मामले का निपटारा करने की पेशकश की थी.
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उधर, वित्त मंत्री ने माल्या के बयान को झूठा करार देते हुए कहा कि उन्होंने 2014 के बाद उसे कभी मिलने का समय नहीं दिया. जेटली ने कहा कि माल्या राज्यसभा सदस्य के तौर पर हासिल विशेषाधिकार का ‘दुरुपयोग’ करते हुए संसद-भवन के गलियारे में उनके पास आ गया था. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने माल्या के दावे को 'अति गंभीर आरोप' करार दिया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जांच का आदेश देना चाहिए और जांच पूरी होने तक जेटली को इस्तीफा दे देना चाहिए.
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वहीं इन आरोपों के बीच बीजेपी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 1 मार्च को अरुण जेटली सेंट्रल हॉल गए ही नहीं जैसा कि कांग्रेस के नेता पीएल पुनिया ने दावा किया है. उस दिन मंगलवार था और संसदीय दल की बैठक थी. जेटली साढ़े 10 बजे संसद भवन आए और प्रधानमंत्री के साथ बैठक की. जेटली तकरीबन 11 बजे राज्यसभा में गए. वो पौने बारह बजे सदन से निकले और विज्ञान भवन गए. दोपहर 2 बजे तक वो विज्ञान भवन के समारोह में रहे. सूत्रों का दावा है कि पीएल पुनिया जिस समय की बात कर रहे हैं उस समय जेटली सेंट्रल हॉल गए ही नहीं थे. सूत्रों का कहना है कि अगर उनको माल्या की मदद करनी होती तो सार्वजनिक तौर पर उनसे नहीं मिलते.
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वहीं इन आरोपों के बीच बीजेपी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि 1 मार्च को अरुण जेटली सेंट्रल हॉल गए ही नहीं जैसा कि कांग्रेस के नेता पीएल पुनिया ने दावा किया है. उस दिन मंगलवार था और संसदीय दल की बैठक थी. जेटली साढ़े 10 बजे संसद भवन आए और प्रधानमंत्री के साथ बैठक की. जेटली तकरीबन 11 बजे राज्यसभा में गए. वो पौने बारह बजे सदन से निकले और विज्ञान भवन गए. दोपहर 2 बजे तक वो विज्ञान भवन के समारोह में रहे. सूत्रों का दावा है कि पीएल पुनिया जिस समय की बात कर रहे हैं उस समय जेटली सेंट्रल हॉल गए ही नहीं थे. सूत्रों का कहना है कि अगर उनको माल्या की मदद करनी होती तो सार्वजनिक तौर पर उनसे नहीं मिलते.
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