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Saturday, February 16, 2019

न्याय मिलने से ही लोकतंत्र सुदृढ़ होता है 3 दिसम्बर अधिवक्ता दिवस के रूप में मनेगा



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मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने म.प्र. न्यायाधीश संघ के अधिवेशन का उद्घाटन किया

जबलपुर 16 फरवरी 2019. मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने आज जबलपुर में कहा कि लोकतंत्र की मजबूती का सबसे बड़ा आधार न्याय है। सबको समय पर न्याय मिलेगा तो लोकतंत्र मजबूत होगा। मुख्यमंत्री आज जबलपुर में मध्यप्रदेश न्यायाधीश संघ के अधिवेशन का शुभारंभ कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर तीन दिसम्बर को अधिवक्ता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति श्री एस.के. सेठ ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में विधि एवं विधायी कार्य, जनसम्पर्क तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री पी.सी.शर्मा मौजूद थे।       
मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। उन्होंने कहा कि लोगों को न्याय मिलने से ही लोकतंत्र सुदृढ़ होता है। मध्यप्रदेश सरकार न्यायिक व्यवस्था को सभी आवश्यक संसाधन और सुविधाएँ उपलब्ध करवाने में पीछे नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री ने भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को दुनिया के लिए आदर्श बताते हुए कहा कि विविधता से परिपूर्ण हमारे देश की न्यायिक व्यवस्था ही हमारे लोकतंत्र को पोषित और संरक्षित कर रही है। लोकतंत्र का अर्थ है स्वतंत्रता, समानता और न्याय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता और समानता की सीमाएँ हैं परन्तु न्याय असीमित है। न्याय ही हमें स्वतंत्रता और समानता दिलाता है। हमें यह बात हमेशा ध्यान रखना होगी की जब तक सबसे निर्धन और कमजोर तबके तक न्याय नहीं पहुँच जाता, तब तक न्याय का काम पूरा नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए न्यायिक संरचना को और अधिक सशक्त करना होगा। उन्होंने कहा कि निचली अदालतों को सुदृढ़ बनाया जाएगा। पीड़ित लोगों को न्याय मिल सके इस दिशा में सरकार पूरा सहयोग करेगी।       
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दौर में न्यायपालिका को नए प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए आधुनिक रणनीति अपनानी होगी। मुख्यमंत्री ने उच्च न्यायालय और जिला न्यायालयों को अत्याधुनिक तकनीक से जोड़ने की बात कही। उन्होंने तीन दिसम्बर को अधिवक्ता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।       
मध्यप्रदेश उच्चन्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति श्री एसके सेठ ने कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद मध्यप्रदेश में न्यायिक प्रतिबद्धता का स्तर सराहनीय है। उन्होंने मेडिकोलीगल प्रकरण, मुकदमों एवं लम्बित मामलों की बढ़ती संख्या का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि न्यायालयों में नई भर्तियों, सुचारू संचालन के साथ-साथ आवश्यक वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता से न्यायपालिका की दक्षता को बढ़ाया जा सकता है।       
विधि एवं जनसम्पर्क मंत्री श्री शर्मा ने पुलवामा में शहीद हुए जबलपुर जिले के श्री अश्वनी कुमार को श्रद्धाजंलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि जबलपुर को ऐसे ही संस्कारधानी नहीं कहा जाता। यहाँ से पूरे प्रदेश में संस्कार का संचार होता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ को महाकौशल क्षेत्र से विशेष लगाव है। यही कारण है कि पहली बार राजधानी के बाहर जबलपुर में कैबिनेट की बैठक रखी गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा है कि प्रदेश का सर्वांगीण विकास हो। प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश आए और स्थानीय युवाओं को रोजगार के भरपूर अवसर मिलें। मुख्यमंत्री द्वारा महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया जा रहा है।उन्होंने कहा कि सरकार वचन-पत्र के मुताबिक न्यायिक क्षेत्र में अधोसंरचना विकास और न्यायालयों के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान देगी।      
कार्यक्रम में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के प्रशासनिक जज एच.जी. रमेश, पोर्टफोलियो जज आर.एस. झा, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा, महाधिवक्ता राजेन्द्र तिवारी, न्यायाधीश संघ के अध्यक्ष डीके नायक ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर म.प्र. उच्च न्यायालय के न्यायाधीशगण एवं प्रदेश के जिला न्यायालयों के न्यायाधीशगण, न्यायाधीश संघ के पदाधिकारी मौजूद थे। अधिवेशन का आयोजन मप्र न्यायाधीश संघ की जबलपुर जिला इकाई द्वारा किया गया था।

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