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Saturday, February 16, 2019

शहीद अश्वनी कुमार काछी की अंत्येष्टि में शामिल हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ, अंत्येष्टि में उमड़ा अपार जनसमूह

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शहीद अश्वनी कुमार काछी की अंत्येष्टि में शामिल हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ, अंत्येष्टि में उमड़ा अपार जनसमूह
TOC NEWS @ http://tocnews.org
जिला ब्यूरो चीफ जबलपुर // प्रशांत वैश्य : 79990 57770
जबलपुर 16 फरवरी 2019 . पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को हुई आतंकवादी घटना में शहीद हुए जबलपुर जिले की मझौली तहसील के ग्राम खुडावल के शहीद अश्वनी कुमार काछी की आज उनके गृह ग्राम में राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री कमलनाथ, सहकारिता एवं सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह, उच्च शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री जीतू पटवारी, सांसद श्री राकेश सिंह, विधायक श्री अजय विश्नोई, मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव श्री सुधीर रंजन मोहंती, अन्य गणमान्य नागरिक एवं बडी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित थे.   
ग्राम खुडावल में शहीद अश्वनी कुमार काछी को अंतिम विदाई देने के लिए अपार जनसमूह उमड़ पड़ा था। गांव में शहीद अश्विनी कुमार काछी की पार्थिव देह पहुंचने पर माहौल गमगीन हो गया.  मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने अंत्येष्टि स्थल पर शहीद अश्वनी कुमार काछी के चित्र पर पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और शहीद के परिजनों को सांत्वना दी कि प्रदेश सरकार दुख की इस घड़ी में उनके साथ है।
शहीद अश्विनी कुमार मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए इमेज परिणाम
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने शहीद के परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कल शुक्रवार को ही शहीद के परिवार को एक करोड़ रूपए की आर्थिक सहायता, शहीद परिवार को एक नि:शुल्क आवास और नौकरी देने की बात कही थी। ज्ञात हो कि शहीद अश्वनी कुमार काछी एक गरीब परिवार से थे और चार भाई और एक बहन के परिवार में वे सबसे छोटे थे अश्वनी कुमार के गांव के सहपाठी मित्रों ने बताया कि अश्विनी निडर और जांबाज युवा था और वह अक्सर कहता था कि सीमा पर वह जब भी मरेगा तो अपने साथ चार दुश्मनों को मार कर मारेगा और उसका शव तिरंगे में लिपटकर ही गांव आएगा.
खुड़ावल गांव को सैनिकों के गांव के नाम से जाना जाता है . आज भी इस गांव में 50 से 60 युवा ऐसे हैं जो सशस्त्र सेना अर्धसैनिक बलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं पुलिस के जवानों की संख्या को भी इसमें मिला दिया जाए तो यह संख्या 80 तक पहुंच जाती है अश्विनी कुमार काछी से पहले गांव के दो अन्य जवान भी शहीद हो चुके हैं.

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