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Saturday, February 16, 2019

सिरपुर पैटर्न शुगर मिल के मालिकों का प्रायोजित कार्यक्रम, नदियों को सदानीरा बनाने के लिए गन्ना की पैदावार कम करे : राजेन्द्र सिंह

नदियों को सदानीरा बनाने के लिए गन्ना की पैदावार कम करे : राजेन्द्र सिंह 

TOC NEWS @ www.tocnews.org 
♦ रामकिशोर पंवार 
बैतूल, अंतराष्ट्रीय रैमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता जल पुरूष श्री राजेन्द्र सिंह ने बैतूल जिले में प्रतिवर्ष आयोजित जल संसद में भाग लेने से पूर्व दैनिक पंजाब केसरी से चर्चा करते हुए कहा कि आपको खेतो से अच्छी फसलों का उत्पादन चाहिए तो फिर आपको गन्ना की ओर ध्यान देना बंद करना पड़ेगा।
सालो से बैतूल जिले में गन्ने के उत्पादन और पैदावार पर सवाल उठाते हुए राजेन्द्र सिंह ने कहा कि हमें मौसमी ऐसी फसलों की पैदावार बढ़ानी होगी जिसमें पानी का खर्च कम आता हो। दालो और ऐसी फसलो के प्रति लोगो में जागरूकता लानी होगी जिससे जिले का पानी कम से कम उपयोग में हो और भूजल बढ़ाया जा सके। बीते वर्ष जल संसद में जिला प्रशासन द्वारा सिरपुर पैटर्न के जनक सुरेश खानापुरक के जल संरक्षण की थीम को एक सिरे से नकारते हुए जल पुरूष राजेन्द्र सिंह ने इसे महाराष्ट्र एवं मध्यप्रदेश के शुगर मिलो के संचालक का प्रायोजित कार्यक्रम बताया।
श्री सिंह ने कहा कि जिस ढंग से सुरेश खानापुरक पानी के रोकने की कहानी बता रहे है उससे आपको त्वरीत लाभ मिलेगा लेकिन हमें भूजल के गिरते स्तर का इलाज करना होगा जो ऐसे भूजल को बढ़ा सके। नदियों से भूमि का कटाव रोकने से लेकर टयूबवेल के खनन तक पर रोक लगाने की वकालत करते हुए राजेन्द्र सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र की प्रकृति और मध्यप्रदेश के बैतूल जिले की प्रकृति में फर्क है भले ही यह जिला पड़ौसी जिला क्यों न हो।
श्री सिंह ने स्वीकार किया कि सरकार ऐसे आयोजनो पर बेकार में पैसा बहा रही है जहां पर सिरपुर जैसे पैटर्न के नाम पर लोगो को भ्रमित किया जा रहा है। जल पुरूष राजेन्द्र सिंह ने कहा कि पुण्य सलिला सूर्यपुत्री ताप्ती नदी के जल संरक्षण की हमे जरूरत ही नही पड़ेगी यदि हम गन्ने की जगह मूंग , उड़द , तिवड़ा, मसूर , ज्वार, बाजरा,मक्का जैसी कम पानी के उपयोग से होने वाली फसलों के उत्पादन पर जोर दे। हमारी नदियों को सदानीरा बनाने के लिए हम सबको दिल-दिमाग से एक.दूसरे से जुडऩा होगा। आज जरूरत है प्रत्येक आदमी मन एवं मस्तिष्क से आसमान से गिरने वाली एक-एक बूंद को पकड़े एवं धरती का पेट भरे।
जल को संरक्षित करने के लिए हमें पानी को सूरज के वाष्पीकरण से भी बचाना होगा। श्री राजेन्द्र सिंह बैतूल जिला मुख्यालय पर पानी को जमीन के भीतर संजोने की सकारात्मक एवं रचनात्मक पहल के उद्देश्य को लेकर आयोजित जल संसद को संबोधित कर रहे थे। जल संसद में विधायक भैंसदेही श्री धरमू सिंह सिरसाम,विधायक आमला डाँ योगेश पंडाग्रे, पूर्व विधायक श्री विनोद डागा, जिला कलैक्टर श्री तरूण कुमार पिथोड़े, पुलिस अधीक्षक श्री कार्तिकेयन, सीईओ जिला पंचायत श्री क्षितिज सिंहल सहित समाजसेवी संगठन एवं जिले के जागरूक नागरिक मौजूद थे।
जल संसद को संबोधित करते हुए श्री राजेन्द्र सिंह ने आगे कहा कि आज जरूरत पानी को सनातन बनाने की है। सनातन से आशय पानी बचाने के लिए हमें सदैव नित्य एवं नूतन प्रयास करना होंगे। हमारे क्षेत्र को सदा के लिए पानीदार बनाने के लिए हमें धरती की अंदरूनी संरचना समझनी होगी और उस संरचना के आधार पर पानी बचाने के कार्य करना होंगे। धरती को पानी से समृद्ध बनाने के साथ-साथ पानी की अनावश्यक लूट को भी हमें रोकना होगा। समय की मांग उपलब्ध पानी के उपयोग की दक्षता सीखना भी है। जल पुरूष ने कहा कि किसी भी क्षेत्र की प्रगति या अवनति में वहां की जल सम्पदा का काफी महत्व होता है।
जल की उपलब्धि या प्रभाव के कारण ही बहुत सी सभ्यताएं एवं संस्कृतियां बनती बिगड़ती हैं। इसीलिए हमारे देश की सांस्कृतिक चेतना में जल का काफी ऊंचा स्थान रहा है। हमारे पूर्वज जानते थे कि तालाबों से जंगल व जमीन का पोषण होता है, इसलिए पुराने समय में तालाबों के निर्माण पर काफी जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि भूमि का कटाव एवं जल संरचनाओं में मिट्टी का जमाव रोकना भी जल संरक्षण का आवश्यक उपाय है।
उन्होंने कहा कि जब हम जल ही जीवन हैए यह मानने लगते हैं, तभी से व्यवहार बदल जाती हैं। जल बचाने का काम किसी सरकार का काम नहीं होता। जल का काम सभी के लिए और सभी के साथ मिलकर किया जाता है। आज जरूरत है जल के बहाव को धीमा कर उसे धरती के पेट में समान के उपाय अपनाया जाए। इसके अलावा पुरानी जल संरचनाओं को अतिक्रमण, प्रदूषण एवं शोषण से बचाया जाए। पुरानी जल संरचनाओं का चिन्हांकन कर उनके नक्शे भी घोषित किए जाएं। पानी के सदुपयोग के लिए फसल चक्र को वर्षा चक्रके साथ जोड़ा जाए।
इसके अलावा समूचे जिले में जल साक्षरता प्रारंभ कर सभी जगह जल को बचाने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए। इस अवसर पर उपस्थित जन समुदाय से उन्होंने आग्रह किया कि प्रत्येक व्यक्ति बैतूल को पानीदार बनाने का संकल्प ले, तभी ऐसे आयोजन सार्थक सिद्ध होंगे। जल संसद में कलैक्टर श्री तरूण कुमार पिथोड़े ने कहा कि जिले में मौजूदा समय में व्याप्त जल संकट एक चुनौती है। भविष्य में जिले में पर्याप्त पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन ने जल संरक्षित करने के उपाय अपनाने का बीड़ा उठाया है।
जिला प्रशासन की अपील है कि जल बचाने के कार्य में हर नागरिक सहयोग दे। जल संसद का आयोजन जिले में जल संरक्षण के कार्यों की शुरुआत है। प्रत्येक नागरिक से हमारी अपील है कि वह अपने क्षेत्र की ग्राम पंचायतए वार्ड को गोद लेकर वहां जल संरक्षण के कार्यों की शुरुआत करे, ताकि हम बैतूल जिले को शीघ्र पानीदार बना सकें। श्री राजेन्द्र सिंह द्वारा जल संरक्षण को लेकर आमजन की जिज्ञासाओं का भी समाधान किया गया।

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