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Tuesday, January 31, 2023

राष्ट्रीय खेल प्राधिकरण साईं के नियमों को धज्जियां उड़ाकर कोच रिचपाल सिंह सलारिया को बनाया आर्चरी चयन कमेटी का सदस्य

राष्ट्रीय खेल प्राधिकरण साईं के नियमों को धज्जियां उड़ाकर कोच रिचपाल सिंह सलारिया को बनाया आर्चरी चयन कमेटी का सदस्य


 विवादित तीरंदाजी कोच रिचपाल पर मेहरबान है मध्य प्रदेश खेल विभाग

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विनय जी. डेविड  9893221036

भोपाल, मध्यप्रदेश में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की तैयारियां जोर शोर से चल रही है, आज शुरुआत भी हो गई, मध्य प्रदेश के संचालनालय खेल एवं युवा कल्याण विभाग भोपाल द्वारा खेलो इंडिया यूथ गेम्स में खिलाड़ियों के चयन के लिए चयन समितियों का निर्माण भी कर लिया है, मध्य प्रदेश के आर्चरी बालक एवं बालिकाओं खिलाड़ी के चयन हेतु जो समिति बनाई गई है वे विवादों के घेरे में आ गई है।

यहां भारतीय खेल प्राधिकरण ( SAI ) भारत का सर्वोच्च राष्ट्रीय खेल निकाय द्वारा जारी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए खेल विभाग ने निर्धारित निर्धारित योग्यता से हटकर अयोग्य लोगों को लेकर कमेटी बना ली। जिस कमेटी पर अब प्रश्न खड़ा हो रहा है।

भारतीय खेल प्राधिकरण ( SAI ) ने खिलाड़ियों की चयन के लिए खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 समिति का गठन किए जाने के लिए मध्य प्रदेश राज्य सरकार को 10 दिसंबर 2022 को लिखित पत्र लिखकर जानकारी दी गई थी की कमेटी का चयन करते समय किन नियमों का पालन किया जाए, पत्र में स्पष्ट था कि कमेटी में अध्यक्ष राज्य खेल विभाग का एक प्रतिनिधि एवं प्रथम सदस्य संबंधित स्पोर्ट्स एसोसिएशन का एक प्रतिनिधि एवं दूसरा सदस्य द्रोणाचार्य अवॉर्डी, अर्जुन अवॉर्डी या प्रख्यात एथलीट्स में से कोई एक होना चाहिए। परंतु इन नियमों को दरकिनार करते हुए.

साईं द्वारा जारी कमेटी के लिए नियम का पत्र दिनांक 10 दिसंबर 2022

मध्य प्रदेश खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सहायक संचालक के द्वारा 27 दिसंबर 2022 को खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 हेतु आर्चरी बालक एवं बालिका खिलाड़ियों के चयन ट्रायल बाबत एक चयन समिति तय की गई जिसमें आशीष पांडे जिला खेल अधिकारी जबलपुर को चेयरमैन एवं रिचपाल सलारिया को सदस्य एवं सुश्री मुस्कान किरार ख्याति प्राप्त खिलाड़ी को सदस्य बनाया गया एवं इनको निर्देशित किया गया कि मध्य प्रदेश आर्चरी बालक एवं बालिका वर्ग अंडर-18 का चयन किया जाना है इसके लिए 30 एवं 31 दिसंबर 2022 को रानीताल स्टेडियम जबलपुर में चयन ट्रायल कर चयन सूची प्रशासन को उपलब्ध कराई जाए।

इसे भी पढ़ें : तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया को नौकरी से बर्खास्त करने याचिका दायर, हाई कोर्ट ने खेल विभाग को नोटिस जारी किया, 4 सप्ताह में जवाब तलब

जानकार सूत्रों का कहना है कि बनाई गई समिति में राष्ट्रीय खेल प्राधिकरण के नियमों का उल्लंघन किया गया है एवं चयन में अध्यक्ष के रूप में जिला खेल अधिकारी आशीष पांडे को लिया गया है वह खेल विभाग की तरफ से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं वही प्रथम सदस्य के रूप में रिचपाल सिंह सलारिया को ख्याति प्राप्त प्रशिक्षक सदस्य बताते हुए कमेटी में लिया गया है, रिचपाल सलारिया ख्याति प्राप्त प्रशिक्षक हो सकते हैं परंतु राष्ट्रीय खेल प्राधिकरण के नियम अनुसार किसी भी प्रकार की योग्यता प्राप्त नहीं किए हुए हैं इनकी नियुक्ति अवैधानिक है जिस पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हुआ है, वही साईं के निर्देशानुसार प्रथम सदस्य संबंधित स्पोर्ट्स एसोसिएशन का एक प्रतिनिधि कमेटी में होना चाहिए एवं दूसरा सदस्य द्रोणाचार्य अवॉर्डी, अर्जुन अवॉर्डी या प्रख्यात एथलीट्स में से कोई एक होना चाहिए। परंतु खेल विभाग द्वारा इस चयन समिति में रिचपाल सिंह सलारिया को नियम विरुद्ध तरीके से शामिल कर लिया गया, दूसरे सदस्य के रूप में सुश्री मुस्कान किरार को समिति में शामिल किया गया है। जिसने तीरंदाजी में कई अवार्ड प्राप्त किए हैं।

संचालनालय खेल और युवा कल्याण मध्य प्रदेश के सहायक संचालक द्वारा जारी चयन कमेटी का पत्र दिनांक 27 दिसंबर 2022

जानकार सूत्रों का मानना है तीरंदाजी खिलाड़ी चेन समिति के चयन में राष्ट्रीय खेल प्राधिकरण साईं के नियमों की धज्जियां उड़ाई गई हैं, इस समिति में नियम विरुद्ध तरीके से रिछपाल सलारिया कोच को स्थान देकर भ्रष्टाचार किया गया है।

समिति द्वारा खिलाड़ियों के चयन में महा भ्रष्टाचार

जब समिति ही भ्रष्टाचार व्याप्त है तो चयन समिति द्वारा खिलाड़ियों के चयन में किस प्रकार की लापरवाही की गई होगी यह जगजाहिर। जबलपुर के रानीताल स्टेडियम में चयन समिति द्वारा 30 और 31 दिसंबर को खेल तीरंदाजी हेतु उम्मीदवार चयन किए गए उसमें भी खोर भ्रष्टाचार किया गया है।

चयन समिति ने चयनित खिलाड़ियों में समिति के रिश्तेदारों को चुना

तीरंदाजी एकेडमी में हुई तीरंदाजी समिति की चयन प्रक्रिया में तीरंदाजी चयन समिति की सदस्य मुस्कान किरार ने अपनी छोटी बहन सलोनी किरार को चयनित करवाया, वही तीरंदाजी एकेडमी रानीताल में निवासरत सहायक कोच अशोक यादव ने अपने रिश्तेदार भतीजे अमित कुमार यादव जो रानीताल तीरंदाजी एकेडमी निवास कर रहा है का चयन करवाया।

तीरंदाजी खिलाड़ियों के चयन में आमंत्रण नहीं दिया गया खिलाड़ियों को, मनमर्जी से हुआ निर्धारित खिलाड़ियों का चयन

विश्व सूत्रों की जानकारी के अनुसार 30 एवं 31 जनवरी को जो चयन खेलो इंडिया यूथ गेम्स के लिए तीरंदाजी करने वाले खिलाड़ियों का चयन किया जाना था उसमें किसी भी प्रकार का नियम अनुसार चयन प्रक्रिया नहीं अपनाई गई अपनी मनमर्जी से जिला खेल अधिकारी आशीष पांडे, तीरंदाजी एकेडमी के सलाहकार एवं कोच रिछपाल सिंह सलारिया एवं मुस्कान किरार ने मिलीभगत करते हुए पहले से तय खिलाड़ियों का चयन किया यहां प्रश्न यह उठता है कि इस चयन प्रक्रिया में कहां-कहां के तीरंदाज खिलाड़ी शामिल हुए क्या तीरंदाजी खिलाड़ियों को इस चयन प्रक्रिया में शामिल किया गया।

चीफ टेक्निकल एडवाइजर कम कोच रिचपाल सिंह सलारिया द्वारा जारी डिवीजन एवं डिस्टिक स्पोर्ट्स ऑफीसर को पत्र दिनांक 27 दिसंबर 2022

खिलाड़ी के चयन हेतु 27 जनवरी को सभी डिवीजन एवं डिस्टिक स्पोर्ट्स ऑफीसर को संबोधित करते हुए रिचपाल सलारिया कोच द्वारा सिलेक्शन ट्रायल के लिए आमंत्रण पत्र जारी किया गया, सिलेक्शन ट्रायल की डेट 30 एवं 31 दिसंबर 2022 रखी गई 3 दिवस में किस तरह पूरे मध्य प्रदेश के जिला खेल अधिकारी खेलो इंडिया में प्रतिभागी बनने के लिए खिलाड़ियों को चयन स्थल तक पहुंचा सके, इतनी कम समय सीमा में आखिर कैसे खिलाड़ी प्रतिभागीता कर सकता है यह भी गंभीर विषय है, वही विश्वस्त सूत्रों की जानकारी अनुसार रिचपाल सलारिया द्वारा तय किए गए छात्र-छात्राओं के लिए तय किए गए स्कोर पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया, वही कई ऐसी शर्त लागू कर दी गई कि तीरंदाजी खिलाड़ी खेलो इंडिया टूर्नामेंट में भाग ही ना ले सके।

कोच रिचपाल सिंह सलारिया

इस समिति के चयन में षड्यंत्र की बू आ रही है कि आखिर राष्ट्रीय खेल प्राधिकरण के नियमों को दरकिनार कर नियम के विरुद्ध रिचपाल सलारिया को चयन समिति में क्यों लिया, आखिर खेल विभाग की मंशा क्या है यह समझ के परे हैं, वही संबंधित खेल तीरंदाजी संघ के सदस्यों को क्यों नहीं चयनित किया गया। यहां गंभीर में सही है कि अगर नियम का पालन करते तो इनके चाहे गए खिलाड़ी आज खेलो इंडिया में प्रतिभागी नहीं बन पाते इन चयन समिति द्वारा जो खिलाड़ियों का चयन किया गया है वह भी नियम विरुद्ध कुछ लोगों के बीच में कर लिया गया।

इस विषय पर मध्य प्रदेश खेल एवं युवा कल्याण विभाग एवं खेलो इंडिया के प्रभारी विकास खडारकर से +919826376133 संपर्क करने की कोशिश की गई परंतु उनसे संपर्क नहीं हो सका।

इस खबर से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए आप मध्यप्रदेश तीरंदाजी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष श्री गिरजा शंकर शर्मा जी से +919425041114 संपर्क करके प्राप्त कर सकते हैं.

खबर कि प्रमाण के लिए

  1. साईं द्वारा जारी कमेटी के लिए नियम का पत्र दिनांक 10 दिसंबर 2022
  2. संचालनालय खेल और युवा कल्याण मध्य प्रदेश के सहायक संचालक द्वारा जारी चयन कमेटी का पत्र दिनांक 27 दिसंबर 2022
  3. चीफ टेक्निकल एडवाइजर कम कोच रिचपाल सिंह सलारिया द्वारा जारी डिवीजन एवं डिस्टिक स्पोर्ट्स ऑफीसर को पत्र दिनांक 27 दिसंबर 2022
  • जनहित में खबर का प्रकाशन अवश्य करें, ताकि खिलाड़ियों के साथ अन्याय ना हो, न्याय जरूर मिले *

Sunday, January 29, 2023

आकर्षण फिलिंग स्टेशन पेट्रोल पंप पर गणतंत्र दिवस धूमधाम से मना


आकर्षण फिलिंग स्टेशन पेट्रोल पंप पर गणतंत्र दिवस धूमधाम से मना


भोपाल. पंप के संचालक मोहम्मद नवेद के नेतृत्व में गणतंत्र दिवस धूमधाम से मना गणतंत्र दिवस पर पंप के कर्मचारियों ने पेट्रोल पंप पर आने वाले ग्राहकों को तिरंगा झंडा दे कर सम्मानित किया एवं झंडा वंदन किया।

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इस अवसर पर मसरूर खान, समीर, अरबाज, महेश पंथी, रवि, शुभम, मोहम्मद शाहिद, शाहिद हुसैन, गोलू रॉय ,रकीब खान, फिरोज, आशिफ, महेंद्र गुर्जर सभी कर्मचारी गण उपस्थित थे।

Friday, January 20, 2023

ICC के साथ ₹20 करोड़ का ऑनलाइन फ्रॉड, मच गया हड़कंप, पड़ताल शुरू


 ICC के साथ ₹20 करोड़ का ऑनलाइन फ्रॉड, मच गया हड़कंप, पड़ताल शुरू

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विनय जी. डेविड  9893221036

नई दिल्‍ली. ऑनलाइन धोखाधड़ी (Online Fraud) की खबरें आए दिन आती रहती है. अकसर आम लोग साइबर अपराधियों के झांसे में आकर अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई गवां देते हैं. ऑनलाइन से कब और कैसे, कोई ठगा जाए, कहा नहीं जा सकता. अब तो बड़ी-बड़ी संस्‍थाएं भी साइबर फ्रॉड का शिकार हो रही हैं.

ऑनलाइन ठगों ने अब क्रिकेट की वैश्विक संस्था, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC Online Fraud) को ही निशाना बना लिया है. अब इतनी बड़ी संस्‍था के साथ ठग ठगी भी मामूली करने से रहे. स्‍कैमर्स ने पूरे 20 करोड़ का चूना आईसीसी को लगाया है.

हालांकि, आईसीसी ने अभी तक उसके साथ हुई धोखाधड़ी पर कुछ भी नहीं कहा है. लेकिन, क्रिकेट जगत की जानकारियां देने वाली वेबसाइट क्रिकबज की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि आईसीसी ने पूरी घटना की जांच शुरू कर दी है. फिशिंग (Phishing) की इस घटना से आईसीसी में हड़कंप मचा हुआ है और हर कोई सकते में हैं.

फ्रॉडस्टर ने अमेरिका में ICC के एक सलाहकार के नाम से फर्जी ईमेल आईडी बनाई. इस ईमेल आईडी से ICC के मुख्य वित्त अधिकारी यानि CFO को 20 करोड़ रुपये से ज्यादा के बिल भेजकर उन्हें भुगतान करने को कहा. CFO दफ्तर झांसे में आ गया और बिल का भुगतान कर दिया. हालांकि, सवाल ये उठ रहा है कि आखिर सीएफओ ऑफिस में किसी ने बैंक अकाउंट नंबर पर ध्‍यान क्‍यों नहीं दिया. हालांकि, ICC इस बारे में फिलहाल कुछ भी नहीं बोल रही है लेकिन उसने खुद अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है और साथ ही अमेरिका में कानूनी एजेंसियों के पास भी शिकायत दी है

वहीं वरिष्ठ पत्रकार के श्रीनिवास राव ने भी ट्विटर के जरिए इस फ्रॉड की जानकारी दी. अपने ट्विटर हैंडल पर उन्‍होंने लिखा, “आईसीसी के साथ एक जामताड़ा हो गया है.” उन्‍होंने आगे लिखा है कि जो लोग जामताड़ा के बारे में नहीं जानते उन्‍हें बता दूं कि “जामताड़ा” नेटफ्लिक्स पर एक शानदार सीरीज है जो “फ़िशिंग” खतरे के बारे में बताती है.

श्रीनिवास राव ने लिखा है कि आईसीसी के साथ ऑनलाइन फ्रॉड पहली बार नहीं हुआ है. धोखाधड़ी की यह तीसरी या चौ‍थी घटना है. अब कहा जा रहा है कि एफबीआई हालिया घटना की जांच कर रही है.

अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव से प्रदेश के सभी विज्ञान महाविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक और आईटीआई को जोड़ा जाए - मुख्यमंत्री श्री चौहान


अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव से प्रदेश के सभी विज्ञान महाविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक और आईटीआई को जोड़ा जाए - मुख्यमंत्री श्री चौहान


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ANI NEWS INDIA  @  aninewsindia.org

विनय जी. डेविड  9893221036

  •  . मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आठवें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव की तैयारियों की जानकारी ली
  • . 21 से 24 जनवरी तक मैनिट भोपाल में होगा महोत्सव
    . विज्ञान और प्रौद्योगिकी को आम जनता तक पहुँचाना और विज्ञान को
    . उत्सव के रूप में मनाना कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य
  • . विज्ञान और प्रौद्योगिकी को आम जनता तक पहुँचाना और विज्ञान को
  • . उत्सव के रूप में मनाना कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य

भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भोपाल में हो रहे आठवें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव का उपयोग प्रदेश के विद्यार्थियों का वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने में किया जाए। महोत्सव से बड़ी संख्या में स्कूली तथा महाविद्यलायीन स्तर के विद्यार्थियों को जोड़ा जाए।

वैज्ञानिक अवधारणाओं को समझने तथा विज्ञान के नये रूझानों की ओर युवाओं को आकर्षित करने में इस आयोजन से सहायता मिलेगी। प्रयास यह हो की विद्यार्थियों को इस आयोजन से प्रेरणा और मार्गदर्शन प्राप्त हो। महोत्सव में भारत के प्राचीन वैज्ञानिक योगदान और दृष्टिकोण को भी प्रस्तुत किया जाए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान 21 जनवरी को मैनिट भोपाल में होने वाले आठवें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। समत्व भवन में हुई बैठक में प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी श्री निकुंज श्रीवास्तव सहित केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा विज्ञान भारती संस्था के पदाधिकारी उपस्थित थे।

मध्यप्रदेश के युवाओं द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में अर्जित उपलब्धियों का प्रचार हो

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सोशल मीडिया का उपयोग कर मध्यप्रदेश के युवाओं द्वारा विज्ञान के क्षेत्र में अर्जित उपलब्धियों का प्रचार किया जाए। महोत्सव में होने वाली विभिन्न गतिविधियों से प्रदेश के सभी विज्ञान महाविद्यायल, इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक, आईटीआई आदि को वर्चुअली जोड़ा जाए। महोत्सव में अद्वैत वेदांत को विज्ञान से संबद्ध करते हुए प्रस्तुत करें। युवा पीढ़ी को यह बताने की आवश्यकता है कि धर्म और विज्ञान एक दूसरे के विरोधी नहीं अपितु पूरक हैं।

मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद कर रही है स्थानीय स्तर पर समन्वय

जानकारी दी गई कि आठवां अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 21 से 24 जनवरी तक मेनिट भोपाल में किया जा रहा है। केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा विज्ञान भारती द्वारा किये जा रहे इस कार्यक्रम का स्थानीय स्तर पर मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा समन्वय किया जा रहा है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित कर आम जनता तक पहुँचाना और विज्ञान को उत्सव के रूप में मनाना कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। मुख्यमंत्री श्री चौहान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे और केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री जितेन्द्र सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए स्कूली बच्चे भी महोत्सव में सम्मिलित होंगे।

जन-सामान्य को विज्ञान से जोड़ने के लिए कार्यक्रम के होंगे 15 प्रमुख घटक

कार्यक्रम के 15 प्रमुख घटक होंगे। इसमें भारतीय कारीगरों की प्रौद्योगिकी पर केंद्रित आर्टिंसंस टेक्नोलॉजी विलेज-वोकल फॉर -लोकल, शोधकर्ताओं के बीच वैचारिक आदान-प्रदान के लिए फेस टू फेस विथ न्यू फ्रांटियर्स इन साइंस, गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड्स, इंटरनेशनल साइंस फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया, मेगा साइंस एंड टेक्नालॉजी एग्जीबिशन, नेशनल सोशल ऑर्गनाइजेशन एंड इंस्टीट्यूशंस मीट, न्यू एज टेक्नॉलॉजी शो, साइंस थ्रू गेम्स एंड ट्वाइज, स्टार्टअप कॉनक्लेव, स्टेट साइंस एंड टेक्नालॉजी कांउसिल्स कॉनक्लेव, स्टूडेंट इनोवेशन फेस्टिवल, स्टूडेन्ट्स साइंस विलेज, वैज्ञानिका-साइंस लिटरेचर फेस्टिवल, यंग साइंटिस्ट कॉन्फ्रेंस, मेंटरिंग एंड कॉउंसिलिंग साइंटिफिक डिस्कशन सम्मिलित हैं।

विभागीय प्रदर्शनी और सांस्कृतिक आयोजन होंगे आकर्षण का केन्द्र

अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विज्ञान महोत्सव में इसरो के चेयरमेन श्री एस. सोमनाथ, भारत बॉयोटेक के सीएमडी श्री कृष्णा एल्ला सहित कई वैज्ञानिक सम्मिलित होंगे। समारोह में मध्यप्रदेश पर्यटन, संस्कृति, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन, जनजातीय कल्याण, स्कूल शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, आयुष, स्वास्थ्य, पर्यावरण, नगरीय विकास एवं आवास, खनिज, कुटीर एवं ग्रामोद्योग, कृषि, वन, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण तथा जल संसाधन विभाग द्वारा प्रदर्शिनी लगाई जाएगी। महोत्सव में 21 जनवरी की शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम में पार्श्व गायक श्री कैलाश खेर, 22 जनवरी को मध्यप्रदेश के कलाकार और 23 जनवरी को इंडियन ओशन रॉक बैंड प्रस्तुतियाँ देंगे। महोत्सव में विद्यार्थियों की प्रत्यक्ष सहभागिता की व्यवस्था रखी गई है।

अनियमित नियुक्ति-पदोन्नति देने के मामले में उपायुक्त सहकारिता श्री पाटनकर निलंबित


अनियमित नियुक्ति-पदोन्नति देने के मामले में उपायुक्त सहकारिता श्री पाटनकर निलंबित

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विनय जी. डेविड  9893221036


भोपाल : उपायुक्त सहकारिता जिला सतना श्री के. पाटनकर को अनियमित नियुक्ति एवं पदोन्नतियों के प्रस्तावों पर अनुमोदन देने के मामले में तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।

सहकारिता विभाग द्वारा जारी निलंबन आदेश में निलंबन के दौरान श्री पाटनकर का मुख्यालय कार्यालय आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएँ भोपाल होगा। सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ने कहा है कि विभाग में अनियमिता करने वालों को बख्शा नहीं जायेगा।

अनियमित नियुक्ति-पदोन्नति देने के मामले में उपायुक्त सहकारिता श्री पाटनकर निलंबित

वर्तमान में सतना जिले में पदस्थ उपायुक्त सहकारिता श्री पाटनकर ने पूर्व में छतरपुर जिले में पद-स्थापना के दौरान जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से संबद्ध 5 प्राथमिक साख सहकारी संस्थाओं में विक्रेताओं/सहायक समिति प्रबंधकों की अनियमित नियुक्तियों और पदोन्नतियों के प्रस्तावों पर अनुमोदन कर स्वीकृति दी थी।

छतरपुर जिले की प्राथमिक साख सहकारी समिति मर्यादित पिपट बिजावर, गुलगंज, मउखेरा में सहायक प्रबंधक से प्रबंधक के पद पर पदोन्नति और वेतन आहरण की स्वीकृति दिये जाने में आयुक्त सहकारिता के वर्ष 2010 एवं 2011 में जारी निर्देशों का श्री पाटनकर द्वारा उल्लंघन किया गया था।

2035 विकास योजना को संशोधित करने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से संवाद


2035 विकास योजना को संशोधित करने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से संवाद

जबलपुर। विकास योजना मास्टर प्लान को संशोधन करने पर संवाद जबलपुर केंट विधानसभा के नेता पं निशांत शर्मा ने एका एक मध्य प्रदेश के मुखिया श्री शिवराज सिंह चौहान जी के समक्ष बात रखी पँ निशांत शर्मा, समाज सेवी, केंट विधान सभा जबलपुर ने मास्टर प्लान को संशोधित करने में बीच में भी आपत्ति लगाने हेतु ऐसा कोई प्रावधान या अधिनियम लाया जाने और जरूरत पड़े तो उस अधिनियम प्रावधान को जनहित में कैबिनेट से भी मंजूरी मिले ताकि किसी भी व्यक्ति विशेष का निजी अहित ना हो सके विकास मॉडल आमजन के लिए लचीला एवं सुलभ साबित हो उन्होंने विकास कार्यों की प्रशंसा भी की इस दौरान शहर के सभी जनप्रतिनिधि समाजसेवी एवं बड़ी संख्या में भाजपा वरिष्ठ व जेस्ट कार्यकर्ता मौजूद थे

Thursday, January 19, 2023

चलती स्कूटी पर रोमांस करना पड़ा महंगा, वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने किया गिरफ्तार

 


चलती स्कूटी पर रोमांस करना पड़ा महंगा, वीडियो वायरल होने पर पुलिस ने किया गिरफ्तार

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विनय जी. डेविड  9893221036

सोशल मीडिया पर मंगलवार शाम से ही एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा था। यह वीडियो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का बताया जा रहा था।

सोशल मीडिया पर मंगलवार शाम से ही एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा था। यह वीडियो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का बताया जा रहा था। वायरल वीडियो में लड़का-लड़की की हरकत देख लोगों में काफी गुस्सा देखा गया। इसको लेकर लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस हरकत में आई।

ट्रैफिक के नियम तोड़कर रहे थे रोमांस

आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो लखनऊ के हजरतगंज का था। वीडियो चौंकाने वाला था क्योंकि लड़की के बैठने के तरीके से सभी के होश उड़ गए थे। वहीं वीडियो में दिख रहा था कि लड़की अपने बॉयफ्रेंड से लिपट कर बैठी हुई थी। वह उससे लिपट कर बात कर रही थी। दोनों चलती स्कूटी पर रोमांस भी कर रहे थे। ट्रैफिक के सारे नियम तोड़कर कपल अपने प्यार का इजहार कर रहे थे। तभी पीछे से एक युवक ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया, जिसके बाद यह वीडियो तेजी से वायरल हो गया। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में एक्शन में आ गई।

पुलिस ने की कार्रवाई
लखनऊ पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बुधवार यानी आज युवक को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आईपीसी की धारा 294,279 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। वहीं स्कूटी भी पुलिस ने जब्त कर ली है। पुलिस ने बताया कि स्कूटी चला रहे युवक विक्की के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। विक्की के पिता का नाम विशंभर है, जो चिनहट इलाके का रहने वाला हैं। वहीं पुलिस ने बताया कि लड़की नाबालिग है।

पूर्व डीजी जेल संजय चौधरी पर लोकायुक्त ने दर्ज किया केस, आय से अधिक संपत्ति का आरोप

पूर्व डीजी जेल संजय चौधरी पर लोकायुक्त ने दर्ज किया केस, आय से अधिक संपत्ति का आरोप

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विनय जी. डेविड  9893221036

भोपाल, मध्य प्रदेश में आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में इस बार भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी संजय चौधरी घिरे हैं. इनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आईं हैं. 

आरोप है कि जब संजय चौधरी खेल विभाग में डायरेक्टर थे तब उन्होंने कई तरह के घोटाले किए हैं. दरअसल, लोकायुक्त पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई की है. शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर मध्य प्रदेश के पूर्व डीजी जेल संजय चौधरी और उनकी सास प्रेमलता पंचोली के खिलाफ बेनामी संपत्ति के मामले में लोकायुक्त विशेष स्थापना पुलिस भोपाल ने केस दर्ज किया है.  

इनके नाम इंदौर, भोपाल, पुणे और ग्वालियर में कई मकान और फ्लैट मिले हैं. वहीं शिकायत में पूर्व डीजी चौधरी पर आरोप है कि चौधरी ने अपनी सास प्रेमलता पंचोली के नाम पर संपत्तियां खरीदी है. जबकि सास सेवानिवृत्त सरकारी शिक्षक हैं. 

अधिकारियों के सहयोग से अन्तर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग लेंगे जुडो कराटे खिलाड़ी कपिल


 अधिकारियों के सहयोग से अन्तर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग लेंगे जुडो कराटे खिलाड़ी कपिल

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विनय जी. डेविड  9893221036


▪︎कलेक्टर एवं अन्य अधिकारियों के सहयोग से कपिल जाएगा इजिप्त

▪︎कलेक्टर के अनुरोध पर कपिल के लिए 10 मिनिट में एकत्रित हुई दो लाख रूपये की राशि

     सीहोर नगर के अन्तर्राष्ट्रीय पेरा ओलंपिक खिलाड़ी कपिल परमार को इजिप्त में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में भाग लेने जाना था। लेकिन कपिल के पास इतने रूपये नहीं थे की वे इजिप्त जा पाते। उनके परविार की भी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। कपिल चाय का ठेला लगाकर अपने परिवार का जीवन यापन कर रहे है। कपिल ने कलेक्टर श्री प्रवीण सिंह से भेंट कर इस अन्तर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए अर्थिक सहयोग के लिए निवेदन किया।

कलेक्टर श्री सिंह ने कपिल परमार को इस अन्तर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए दो लाख रूपये का सहयोग करने का वादा किया। कलेक्टर श्री सिंह ने आज टीएल बैठक में सभी अधिकारियों से शहर के खिलाड़ी कपिल परमार को आर्थिक सहयोग करने का आग्रह किया। कलेक्टर श्री सिंह के अनुरोध पर बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों ने अपनी स्वेच्छानुसार सहयोग राशि तुरन्त प्रदान की और 10 मिनिट में दो लाख रूपये नगद एकत्रित कर कपिल को प्रदान किये गये है।

कलेक्टर श्री प्रवीण सिंह ने स्वयं पॉंच हजार एक सौ रूपये की सहयोग राशि कपिल को प्रदान की। कलेक्टर श्री प्रवीण सिंह ने दो लाख रूपये नगद राशि कपिल को प्रदान करते हुए उन्हें इजिप्त में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में विजयी होने के लिए शुभकामनाएं दी। कपिल ने इस सहयोग के लिए कलेक्टर एवं अन्य सभी अधिकारियों का हृदय से आभार व्यक्त किया।

उल्लेखनीय है कि अन्तर्राष्ट्रीय जुडो कराटे खिलाड़ी कपिल परमार ने अनेक अन्तर्राष्ट्रीय टूनामेंट में भाग लेकर अपने जिले, प्रदेश एवं देश का नाम रोशन किया है। वर्ष 2019 में कपिल ने इंग्लैंड में आयोजित का कॉमनवेलथ चेमपियनशिप में गोल्ड मेडल और वर्ष 2022 में टोक्यो में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय ओपन टूनामेंटल में गोल्ड मेडल जीता था। इसके अलवा कजाकिस्तान में आयोजित ग्रैंड प्रिक्स नूरसुल्तान प्रतियोगिता में ब्रांज मेंडल जीता था। कपिल ने वर्ष 2018, 2019, 2021 और फिर 2022 में आयोजित सीनियर नेशनल चैपियन शीप में गोड मेडल जीत चुके हैं

फायर कर प्राणघातक हमला करने वाले फरार दोनों आरोपी गिरफ्तार, पिस्टल एवं 2 कारतूस तथा बुलट मोटर सायकिल जप्त


फायर कर प्राणघातक हमला करने वाले फरार दोनों आरोपी गिरफ्तार, पिस्टल एवं 2 कारतूस तथा बुलट मोटर सायकिल जप्त


जबलपुर। थाना घमापुर में दिनांक 10-1-23 की रात मारपीट में घायल को उपचार हेतु विक्टोरिया अस्पताल लाये जाने की सूचना पर पहुॅची पुलिस को किशोर उर्फ जानू चांदवानी उम्र 35 वर्ष निवासी गोपाल होटल ने बताया था कि वह बाबा अण्डे की दुकान के नाम से दुकान संचालित करता है गुल्लूू रजक तोता का लड़का है

जो सट्टा खिलाने का काम करता है 3-4 दिन पहले तोता का सट्टा पकड़ा गया था जो मुखबिरी की बात को लेकर उससे बुराई रखता है दिनांक 10-1-22 की शाम को गुल्लू ने उसे फोन कर सट्टा पकड़वाने की बात पर से धमकी दी एवं आज से सब सम्मान खत्म कहते हुये फोन काट दिया ।

रात लगभग 9-45 बजे वह अपनी दुकान के बाहर खड़ा होकर दुकानदारी कर रहा था पिताजी दुकान के अंदर थे वहीं पास में प्रकाश चांदवानी खड़े हुये थे तभी गुल्लू रजक अपने साथी के साथ बुलेट गाड़ी में आये गुल्लू पीछे बैठा था गुल्लू अपने हाथ मे पिस्टल/कट्टा लिये था ने उसकी दुकान के सामने गाड़ी रोक कर गाली गलौज कर आज बच गया है कहते हुये जान से मारने की नियत से उस पर फायर कर उसे जांघ में चोट पहुंचा दी हैं रिपोर्ट पर धारा 307, 34 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

        पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री सिद्धार्थ बहुगुणा (भा.पु.से.) द्वारा घटित हुई घटना को गम्भीरता से लेते हुये आरोपी की शीघ्र गिरफ्तारी हेतु आदेशित किये जाने पर अति. पुलिस अधीक्षक शहर उत्तर/यातायात श्री प्रदीप कुमार शेण्डे एवं  नगर पुलिस अधीक्षक रांझी श्री एमपी प्रजापति के मार्गनिर्देशन में थाना प्रभारी घमापुर श्री चंद्रकात झा के नेतृत्व में  टीम गठित कर लगायी गयी।
       गठित टीम द्वारा सरगर्मी से तलाश कर दिनॉक 17-1-23 को विश्वसनीय मुखबिर की सूचना पर चांदमारी टेस्टिंग रोड में दबिश देते हुये आरोपी गुल्लू उर्फ रोहित रजक उम्र 22 वर्ष निवासी गोपाल होटल घमापुर एवं विशाल उर्फ पप्पू उर्फ प्रिंस चौहान उम्र 21 वर्ष निवासी चंादमारी तलैया को अभिरक्षा मे लेकर पूछताछ की दोनो ने घटना करना स्वीकार करते हुये बताया कि घटना करने के बाद भाग कर बरगी चले गये थे, रूपये खत्म हो जाने पर रूपयों की व्यवस्था करने वापस आये थे।  आरोपियों की निशादेही पर घटना में प्रयुक्त देशी पिस्टल, 2 कारतूस एवं बुलट मोटर सायकिल जप्त करते हुये दोनों आरोपियों को प्रकरण मे विधिवत गिरफ्तार कर मान्नीय न्यायालय के समक्ष पेश किया जा रहा है।

उल्लेखनीय भूमिका- फायर कर प्राणघातक हमला करने वाले फरार आरोपियों को सरगर्मी से तलाश कर पकडने में थाना प्रभारी घमापुर श्री चंद्रकात झा के नेतृत्व में उप निरीक्षक योगेन्द सिंह , प्रधान आरक्षक राकेश पाण्डे, राकेश सिंह, आरक्षक सुनील, विवेक तथा सायबर सेल के आरक्षक अभिषेक, संदीप मेहरा की सराहनीय भूमिका रही।

ईसाई समाज का नटवरलाल पूर्व बिशप पी सी सिंह को 120 दिन की जेल के बाद दी सशर्त जमानत, देशभर में दर्ज हैं 100 से ज्यादा मामले


ईसाई समाज का नटवरलाल पूर्व बिशप पी सी सिंह को 120 दिन की जेल के बाद दी सशर्त जमानत, देशभर में दर्ज हैं 100 से ज्यादा मामले

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विनय जी. डेविड  9893221036


120 दिन की जेल के बाद जबलपुर (Jabalpur) के पूर्व बिशप को बेल मिल गई है.मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (MP High Court) ने पूर्व बिशप पीसी सिंह (P.C Singh) को इस आधार पर बेल दी है कि वह अपना पासपोर्ट (Passport) जमा करें और इस दौरान किसी भी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश ना करें. साक्ष्य व सबूतों से छेड़छाड़ न करने की शर्त भी कोर्ट ने रखी है. यहां बता दें कि पूर्व बिशप पीसी सिंह के खिलाफ देश भर में 80 मामले दर्ज है.

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जस्टिस नंदिता दुबे (Nandita Dubey) की बेंच ने मंगलवार को 10 लाख के मुचलके और पासपोर्ट जमा करने की शर्त पर पीसी सिंह को जमानत का लाभ दे दिया. कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी ने चालान पेश कर दिया है. आरोपी के सभी बैंक अकाउंट सीज हो गए हैं और उसे सभी पदों से हटा दिया गया है. इसलिए अब जमानत दी जा सकती है. कोर्ट ने पीसी सिंह से यह भी कहा कि वे ट्रायल में पूरा सहयोग करेंगे. किसी भी गवाह पर दबाव नहीं डालेंगे और न ही साक्ष्य व सबूतों से छेड़छाड़ करेंगे.

फर्जीवाड़ा समेत बिशप पर ये आरोप

यहां बता दें कि पूर्व बिशप पीसी सिंह पर मिशनरियों की शैक्षणिक संस्थाओं की राशि के दुरुपयोग व मिशन की संपत्ति में फर्जीवाड़ा करने का आरोप है.आवेदक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल खरे ने दलील दी कि पी सी सिंह पिछले चार माह से न्यायिक अभिरक्षा में है. उसके विरुद्ध चालान भी पेश हो चुका है. इसके अलावा उसकी आयु व शारीरिक स्वास्थ्य को देखते हुए जमानत
अर्जी मंजूर कर ली जाए. वहीं, राज्य शासन की ओर से जमानत अर्जी का विरोध किया गया. सरकार की ओर से दलील दी गई कि मामला गंभीर प्रकृति का है.

बिशप के पास 10 FD समेत 174 बैंक खाते

गौरतलब है कि इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) की टीम ने 8 सितम्बर 2022 को पूर्व बिशप पीसी सिंह के नेपियर टाउन स्थित कार्यालय व घर पर दबिश दी थी. इस दौरान 80 लाख का सोना, 1.65 करोड़ रुपए नकद, 48 बैंक खाते, 18 हजार 352 यूएस डालर, 118 पाउंड, 9 लग्जरी गाड़ियां तथा 17 संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे. छापे के दौरान पीसी सिंह देश के बाहर थे. ईओडब्ल्यू ने उसे नागपुर एयरपोर्ट से 12 सितम्बर को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था. ईओडब्ल्यू द्वारा उसे 4 दिन की रिमांड पर लिए जाने के दौरान उसने 10 एफडी सहित 174 बैंक खातों की जानकारी दी थी. पूर्व बिशप ने मिशन कंपाउंड स्थित बेशकीमती जमीन खुद के नाम आधे दामों में खरीदी थी. आरोप है कि उसने बिशप रहते हुए जमीन बेची और क्रेता के तौर पर स्वयं खरीद ली.

अधिकारियों की संवेदनहीनता से उपजे हैं देवभूमि में विनाशकारी संकेत

 


अधिकारियों की संवेदनहीनता से उपजे हैं देवभूमि में विनाशकारी संकेत


भविष्य की आहट / डा. रवीन्द्र अरजरिया

उत्तराखण्ड का जोशीमठ संकट के बादलों में घिर चुका है। प्रकृति के साथ खिलवाड करने का खामियाजा सामने आ रहा है। नौकरशाहों की मनमानी का उदाहरण कष्टदायी परिस्थितियों के रूप ठहाके लगा रहा है। जनसामान्य को सुविधायें मुहैया कराने के लिए सरकारें हमेशा से ही कटिबध्द रहीं हैं। सुविधाओं के लिए मसौदा तैयार करने वाले वरिष्ठतम अधिकारियों की फौज परियोजना के लिए तकनीकी संसाधनों के माध्यम से सर्वे करती है। विशेषज्ञों के साथ सलाह-मशवरा करके चरणवध्द कार्यक्रम तैयार किया जाता है। बजट निर्धारित होता है। 

परियोजनाओं के सभी पहलुओं का गहराई तक मंथन किया जाता है। इस हेतु भारी भरकम वेतन लेने वाले वरिष्ठ और वरिष्ठतम अधिकारियों की अनगिनत संख्या है तिस पर भी अतिरिक्त सलाह हेतु अतिविशिष्ट विशेषज्ञों को मोटे मेहनताने पर आयातित किया जाता है। अनगिनत विभागों की मंजूरी, अनापत्ति प्रमाण पत्र, सहयोग, सहायता और परामर्श लिया जाता है ताकि परियोजना पूरी तरह से कल्याणकारी साबित हो। सभी विभागों में करोडों की तनख्वाय इस आशय से बांटी जाती है कि कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी अपने दायित्वों का सही ढंग से निर्वहन करेगें। मगर मनमानियों, स्वार्थपरिता और व्यक्तिगत लाभ के मकडजाल को बुनने में तल्लीन अधिकांश नौकरपेशा लोग अब नौकरशाह बनकर अपने, अपनों और आसपास का हित साधने में तल्लीन हैं। जोशीमठ तो केवल आने वाले कल का एक संकेत मात्र है। जब नियमों के विरुध्द जोशीमठ में निर्माण कार्य चल रहा था तब उत्तरदायी अधिकारियों का कर्तव्यबोध कहां चला गया था। 

जब एनटीपीसी की परियोजना के लिए जोशीमठ का निर्धारण किया जा रहा था तब विशेषज्ञों का ज्ञान कहां चला गया था। जब सडक के चौडीकरण करने की योजना को मूर्तरूप देने की प्रक्रिया प्रारम्भ होना थी तब पहाडों की वास्तविक स्थिति को नजरंदाज क्यों कर दिया गया था। पहाडों का गहराई से सर्वे किये बिना ही सुरंगों के निर्माण की मंजूरी क्यों दे दी गई थी। स्थानीय लोगों ने शुरूआत से ही विरोध के स्वरों को मुखरित क्यों नहीं किया था। ऐसे अनगिनत प्रश्न हैं जिनके उत्तरों की तह तक पहुंचे बिना सुरक्षित भविष्य की कल्पना मात्र कल्पना बनकर ही रह जायेगी। किसी भी परियोजना को मंजूरी देने के पहले उसके प्रत्येक पक्ष पर गहराई तक विवेचना करने, सभी पहलुओं की समीक्षा करने तथा आवश्यक तकनीकी जांच करने का प्राविधान होता है। इस पूरी प्रक्रिया पर अच्छी खासी धनराशि व्यय होती है। परियोजना की अनेक स्तरों पर जांच, प्रतिजांच और अंत में समग्र जांच करने का प्राविधान है परन्तु परियोजनाओं को बनाने वाले, उनके क्रियान्वयन करवाये वाले तथा वाहवाही लूटने वाले अपने-अपने हितों को साधने में जुटे रहते हैं। 

कार्य की गम्भीरता से कहीं अधिक लाभ के अवसर तलाशने में तल्लीन प्रशासनिक तंत्र अपने ढंग से सरकारों की मंशा को मोडने में पूरी तरह सक्षम है। पांच साल के लिए आने वाली सरकार पर हमेशा ही स्थार्ई अधिकारी-कर्मचारी हावी रहते हैं। मंत्रियों को विषय विशेषज्ञों की राय पर चलने की बाध्यता होती है। तकनीकी ज्ञान का अभाव होने के कारण सरकारों के ओहदेदार कभी भी अधिकारियों के जाल से बाहर नहीं हो पाते। ऐसे में आम आवाम को सरकारों की मंशा तथा अधिकारियों की कार्य कुशलता का मूल्यांकन करना चाहिए। मगर ऐसा न होकर परियोजनाओं की सफलता और असफलता के लिए केवल और केवल नेताजी को ही जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है। ईमानदार करदाताओं के करोडों रुपये से निर्धारित की जाने वाली परियोजनाओं की असफलता के लिए शायद ही कभी किसी अधिकारियों पर दण्डात्मक कार्यवाही की गाज गिरी हो। उत्तरदायी अधिकारियों का खामियों के लिए एक पायदान ऊपर के अधिकारी को जांच हेतु दायित्व सौंपा जाता है और परिणाम वही ढाक के तीन पात ही निकलता है। स्थाई अधिकारी-कर्मचारी संघ जिन्दाबाद। आने वाले कल को वही आरोपी अधिकारी ही तो एक पायदान ऊपर चढकर वरिष्ठ अधिकारी की कुर्सी पर आसन जमायेगा।  

ज्यादा हो हल्ला होने पर किसी संविदाकर्मी या किसी निजी कम्पनी को बलि का बकरा बना दिया जाता है। गणतंत्र की व्यवस्था को संविधान के निर्माण के दौरान ही इतनी लचीला बना दिया गया था कि अनुशासन के कवच को आसानी से भेदा जा सके। आज कर्तव्य और दायित्वों जैसे शब्दों ने स्थाई अधिकारियों-कर्मचारियों के पास पहुंचते-पहुंचते दम तोड दी है। संविदाकर्मियों को व्यक्तिगत गुलाम मानने वाले स्थाई अधिकारी-कर्मचारी अब मनमानियों के आसन पर बैठकर लाभ का हुक्का गुडगुडा रहे हैं। सरकारी महकमों में भर्ती के दौरान मिलने वाले नियुक्ति-पत्र पर स्पष्ट रूप से गवर्नमेंट सर्वेंट यानी कि सरकारी सेवक लिखा होता है जबकि पद सम्हालते ही वह केवल और केवल अधिकारी बनकर बैठ जाते है। सेवा का भाव पर्दे के पीछे कहीं छुपकर अपनी बद्किस्मती पर आंसू बहाता हुआ किस्तों में कत्ल होकर अपनी अंतिम यात्रा तक पहुंचता है। उदाहरण सामने है कि दिल्ली के कंझावला केस ने जब तूल पकडा तब केन्द्र सरकार के दखल के बाद पुलिस विभाग के आला अफसरों को मजबूरन 11 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करना पडा जिसमें दो सब-इंस्पक्टर, चार असिस्टेंट सब इंस्पक्टर, चार हैड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल शामिल हैं। 

इतने दिनों तक विभाग को अपने अधिकारियों-कर्मचारियों की मनमानियां क्यों दिखाई नहीं दीं। एक चश्मदीद डिलेवरी मैन ने जब मानवता के सहारे उत्तदायी पुलिसकर्मियों को जगाने की कोशिश तो उसे ही प्रताडित करने किया गया। चश्मदीद ने मीडिया के सामने अपनी बात रखी। उसके बाद भी विभाग की कान पर जूं भी नहीं रैंगा। उत्तरदायी अधिकारियों-कर्मचारियों पर केन्द्र सरकार की गाज गिरने के बाद अब वह चश्मदीद स्वयं को बेहद असुरक्षित महसूस कर रहा है। उसे डर ही कि विभाग के अन्य लोग उससे जरूर ही अपने साथियों के सस्पेंड होने का बदला लेंगे। इस काण्ड में प्रथम दृष्टा मिले उत्तरदायी लोगों के विरुध्द प्राथमिक कार्यवाही से तो देश अवगत हुआ है परन्तु विभागीय जांच के परिणामों का शायद ही खुलासा हो। ऐसी ही कम-ज्यादा स्थिति देश के हर कोने में देखने-सुनने को मिल रही है मगर हर जगह न तो मीडिया के बडे घरानों के कैमरे पहुंचते हैं और न ही समाज सेवा के नाम पर स्वयं की पीठ थपथपाने वाले नामीगरामी लोग। 

देश में अनेक नौकरशाहों के चाबुकों से लहूलुहान हो रहा आवाम अब द कश्मीर फाइल्स के खून सने चावल खाने को विवश हो रहा है। पांच साल तक चलने वाली अनेक सरकारों को अपनी अंगुलियों पर घुमाने वाले स्थाई अधिकारियों-कर्मचारियों को दोषी होने के बाद भी तत्काल सेवा से मुक्त नहीं किया जा सकता है। संविधान की व्यवस्था के तहत विभागीय अपील से लेकर न्यायालयीन प्रक्रिया तक के अनेक चरणों को पार करना पडता है जिसमें लम्बा समय गुजर जाता है। दिल्ली के कंझावला केस की व्यवहारिक स्थिति से जोशीमठ के वर्तमान हालातों के लिए जिम्मेवारी तय की जा सकती है। यह कहना अतिशयोक्ति न होगा कि अधिकारियों की संवेदनहीनता से उपजे हैं देवभूमि में विनाशकारी संकेत जिनको रेखाकिंत करते हुए आने वाले कल के प्रति सजग होना बेहद आवश्यक है तभी पहाड बच सकेंगे, देश बच सकेगा और बच सकेंगे देशवासी। इस बार बस इतना ही। अगले सप्ताह एक नई आहट के साथ फिर मुलाकात होगी।

नशे में गर्भवती बहू से की छेड़खानी विरोध करने पर की हत्या

 

नशे में गर्भवती बहू से की छेड़खानी विरोध करने पर की हत्या

बिलासपुर से ब्यूरो चीफ हनीफ की रिपोर्ट

जेठ गिरफ्तार बीती रात छोटे भाई के बाहर जाने के बाद नशे में धुत जेठ ने गर्भवती बहू को कमरे में जाकर अंदर से दरवाजा बंद कर दिया धरपकड़ व जोर-जबर्दस्ती करने की कोशिश की बहू के विरोध करने पर दोनों के बीच जमकर संघर्ष हुआ

आरोपी ने महिला का मुंह व नाक दबा दिया जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है मंगलवार की सुबह सिविल लाइन थाने के अंतर्गत पुलिस को सूचना मिली कि इंदु चौक निवासी पीटर सिंह की पत्नी सत्या सिंह 22 साल बेड रूम में मृत पड़ी है उसके चेहरे पर नोचने के निशान व नाक से खून निकल रहा था


नशे में गर्भवती बहू से की छेड़खानी विरोध करने पर की हत्या

और बेड के बगल में टूटी हुई चुड़ी पड़ी हुई थी मृतक का पति घर से गायब था पुलिस के पूछताछ करने पर पता चला कि उसका पति रात में नागपुर गया हुआ है सिविल लाइन के परिवेश तिवारी ले उसके पति को मोबाइल से संपर्क कर बिलासपुर वापस बुलाया वही रात उक्त मकान में रहने वाले मृतक के गेट प्रकाश सिंह पिता अनिल सिंह 28 साल चाचा सुनील सिंह चचेरा भाई बंटी को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई मृतक के गर्भवती होने पर न्यायिक मजिस्ट्रेट से शव का पंचनामा कर पोस्ट मार्टम कराया गया पुलिस को पर पति पर हत्या कर नागपुर भागने का शक था पुलिस जेठ चाचा चचेरे भाई को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी तीनों पुलिस को गुमराह कर रहे थे

मंगलवार की दोपहर पीटर सिंह सिविल लाईन थाना पहुंचा पुछताछ में उसने बताया कि वह घर के सामने देवी का ठेला चलाता है मंगलवार की रात देवी बेचने के बाद रात 10 बजे उसके बड़े भाई प्रकाश सिंह के साथ घर में शराब पी शराब के नशे में दोनों भाइयों के बीच विवाद हुआ वह एक पैर से विकलांग है और नकली पैर लगाकर चलता फिरता है

वह नक़ली पैर को दिखावे के लिए रात 11 30 बजे नागपुर चला गया था उसका चाचा सुनील सिंह उसे छोड़ने रेल्वे स्टेशन गया हुआ था उसके बाद अत्याधिक शराब पीने वाले उसके बड़े भाई प्रकाश सिंह पर पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ शुरू की तो उसने हत्या करना स्वीकार कर लिया पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है खुद जाकर पुलिस को दी सूचना घटना को अंजाम देने के पश्चात आरोपी ख़ुद थाने पहुंचकर बहू के अज्ञात कारणों से अचेतावस्था में पड़ी रहने की बात कही

मास्टर से बाइक लूटकर पेट्रोल पंप में फायरिंग कर हुए फरार आरोपी पुलिस के गिरफ्त में

मास्टर से बाइक लूटकर पेट्रोल पंप में फायरिंग कर हुए फरार आरोपी पुलिस के गिरफ्त में

 बिलासपुर से ब्यूरो चीफ हनीफ मेमन की रिपोर्ट

स्टेशन मास्टर से लूटी गई बाइक का रंग रोगन कर बिलासपुर जिले‌के‌ कोटा पेट्रोल में फायरिंग कर लूट की कोशिश करने‌ वाले तीन बदमाशों को पुलिस ने पकड़ लिया है इस पूरे मामले में पुलिस ने दिन रात मेहनत कर 3 सौ गांव की खाक छानने तथा पांच सौ सीसीटीवी फुटेज तथा 100 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ के पश्चात बिलासपुर पुलिस को कहीं जाकर‌ सफ़लता मिलती है

इस पूरे मामले बिलासपुर की तेजतर्रार डीआईजी पारुल माथुर की प्रदेस‌ स्तर पर सराहना हुई है इस पूरे मामले का खुलासा करते हुए डीआईजी माथुर ने बताया कि 3 जनवरी को रात 8:00 बजे कोटा स्थित पेट्रोल पंप में तीन नकाबपोश पेट्रोल डलवाने गए और पंप की रेकी कर चले गए 8:32 मिनट पर तीनों फिर पेट्रोल पंप पहुंचे और कैसियर पैसा निकालो कहकर कट्टे से एक गोली जमीन में फायरिंग की दूसरी फायरिंग के दौरान शायद मिस हो गया इस पर कर्मचारियों ने आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की जिससे तीनों नकाबपोश बाइक लेकर फरार हो गए

इस पूरे घटना की जानकारी तत्काल बिलासपुर आईजी बद्रीनारायण मीणा डीआईजी पारुल माथुर को दी गई पुलिस अफसरों ने इसेगंभीरता से लेते हुए एडिशनल एसपी ग्रामीण राहुल देव शर्मा के नेतृत्व में लुटेरों को पकड़ने 15 सदस्य टीम गठित की गई पुलिस ने लुटेरों की सूचना देने वालों को ₹5000 इनाम की भी घोषणा की पुलिस कोटा क्षेत्र में कैंपकर कोटा क्षेत्र में लुटेरों की पतासाजी में जुट गई फूंको सफलता जब मिल‌ गई जब जिले‌के खमतराई एक युवक ने हीरो होंडा स्प्लेंडर बाइक का रंग बदल कर चोरिया लूट के‌शक पर‌ पुलिसिया अंदाज मे‌ पूछ्ताछ प्रारंभ कर‌ना शुरू किया तो प्याज के छिलके‌की तरह पूरा मामला सुलझता गया

युवक से पूछताछ करने के पश्चात पुलिस ने पकड़े गए आरोपी ने बताया कि यह बाइक उसने कोनी क्षेत्र में स्टेशन मास्टर से लूट करने के पश्चात रंग रोगन कर कोटा पेट्रोल पंप में फायरिंग कर लूट करना स्वीकार कर लिया आरोपी उसकी निशानदेही पर उसके अन्य दोनों आरोपियों को पुलिस ने पकड़ लिया पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से एक 315 बोर का देसी कट्टा एक जिंदा कारतूस लूट की बाइक काले रंग की पेंट मोबाइल जैकेट गमछा बरामद कर लिया है डी आइ जी पारुल माथुर ने बताया कि इस पूरे प्रकरण का मास्टरमाइंड धौलपुर राजस्थान निवासी इंसान ने बताया कि बहन की शादी तालापारा में हुई थी

वह शादी करवाने के पश्चात मुरूम खदान में रहकर ऑटो चला रहा था बहन की डिलीवरी कराने के लिए लूट की वारदात को अंजाम दिया पकड़े गए आरोपी अब्दुल इरशाद पिता अब्दुल रशीद 25 साल दुल्हन कोट धौलपुर राजस्थान दूसरा आरोपी शेख मुस्तफा पिता शेख रोशन 25 साल ताला पारा बिलासपुर अब्दुल खान पिता खलील खान संजय नगर तालापारा अटल आवास पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है

Saturday, January 14, 2023

तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह को बर्खास्त करने की मांग





तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह को बर्खास्त करने की मांग

हाई कोर्ट ने प्रमुख सचिव खेल एवं युवा कल्याण सहित अन्य से तलब जवाब किया। आपरधिक प्रकरण दर्ज होनेे पर भी शासकीय नौकरी में है।

जबलपुर । हाई कोर्ट ने तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया को बर्खास्त करने की मांग संबंधी याचिका पर जवाब-तलब कर लिया है। इस सिलसिले में राज्य खेल एवं युवा कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव, संचालक, आर्चरी एसोसिएशन आफ इंडिया, मप्र तीरंदाजी संघ के सचिव व अन्य को नोटिस जारी किए गए हैं।

न्यायमूर्ति आनंद पाठक की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी विनय डेविड की ओर से अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि आपराधिक प्रकरण दर्ज होने की जानकारी छिपाकर तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया शासकीय नौकरी पर काबिज है, जो कि अवैधानिक है। इसीलिए याचिका के जरिये सलारिया को नौकरी से बर्खास्त करने की मांग की गई है।

बहस के दौरान दलील दी गई कि मध्य प्रदेश राज्य तीरंदाजी अकादमी, जबलपुर में पदस्थ तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया को अविलंब बर्खास्त किया जाना चाहिए। खेल एवं युवा कल्याण अनुबंध सेवा भर्ती (नियोजन एवं सेवा की शर्ते) नियम 2017 के विपरीत वह पद पर बना हुआ है। उसने अपराधिक रिकार्ड की जानकारी छिपाकर विभाग के साथ अनुबंध किया है।संविदा नियम के अनुसार खेल विभाग को नियुक्ति तिथि से 15 दिवस के अंदर कोच रिचपाल सिंह सलारिया का चरित्र सत्यापन करवाना अनिवार्य था, जो कि नहीं किया गया। संविदा नियम में ऐसे अपराधिक प्रकरण वाले आरोपितों को नौकरी से बर्खास्त किए जाने का प्रविधान है। पुलिस डायरी के अनुसार लार्डगंज थाने में 12 जनवरी, 2021 को अपराध दर्ज हुआ था। इसके बाद रिछपाल सिंह सलारिया की गिरफ्तारी हुई और उसके विरुद्ध न्यायालय में चालान पेश किया गया। मामला अभी भी विचाराधीन है। इसके बावजूद वह शासकीय सेवा में बना हुआ है।

तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया को नौकरी से बर्खास्त करने याचिका दायर, हाई कोर्ट ने खेल विभाग को नोटिस जारी किया, 4 सप्ताह में जवाब तलब

  


तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया 


तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया 

विनय जी. डेविड 8989655519

जबलपुर। तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया को नौकरी से बर्खास्त करने याचिका दायर की गई हैं याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आज मध्य प्रदेश राज्य खेल एवं युवा कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव, संचालक एवं अन्य को 4 हफ्तों में ये जवाब देने का निर्देश दिया है जिसके बाद मामले पर अगली सुनवाई 27 फरवरी 2023 में की जाएगी। 

हाईकोर्ट में एक याचिका समाजसेवी विनय जी. डेविड ने दायर की है, याचिका में कहा गया है कि मध्यप्रदेश राज्य तीरंदाजी अकैडमी जबलपुर में तीरंदाजी कोच रिचपाल सिंह सलारिया पर आपराधिक प्रकरण दर्ज है उक्त प्रकरण की जानकारी छुपाकर रिचपाल शासकीय नौकरी पर काबिज हैं खेल एवं युवा कल्याण अनुबंध सेवा भर्ती (नियोजन एवं सेवा की शर्ते ) नियम 2017 शासकीय नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। जबकि प्रकरण होने के बाद रिचपाल सलारिया को विभाग द्वारा बर्खास्त किए जाने की कार्रवाई की जानी चाहिए थी।


तीरंदाजी एकेडमी का कोच रिचपाल सिंह सलारिया खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के साथ 

कोच रिचपाल सिंह सलारिया शासकीय नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए खेल एवं युवा कल्याण विभाग के मुख्य सचिव और संचालक की कृपा से लगातार मध्यप्रदेश तीरंदाजी अकैडमी में नियम विरुद्ध तरीके से पदस्थ है कोच रिचपाल सिंह सलारिया पर याचिका में याचिका में आरोप लगाया गया है कि इन्होंने अपराधिक प्रकरण की जानकारी छुपाते हुए खेल विभाग में मुख्य कोच की संविदा नौकरी हासिल कर ली है, कोच रिचपाल ने अपराधिक प्रकरण दर्ज होने और न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन होने की जानकारी, अपने अपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी छिपाकर विभाग के साथ अनुबंध किया। संविदा नियम के अनुसार खेल विभाग को नियुक्ति दिनांक से 15 दिवस के अंदर कोच रिचपाल सिंह सलारिया का चरित्र सत्यापन करवाना अनिवार्य था। जो विभाग के द्वारा भी नहीं कराते हुए रिचपाल सलारिया को नियम विरुद्ध तरीके से संविदा नौकरी पर रखा गया है। प्रस्तुत याचिका में कहा गया है कि संविदा नियम में ऐसे अपराधिक प्रकरण वाले आरोपियों को नौकरी से बर्खास्त किए जाने का प्रावधान है। परंतु विभाग के आला अधिकारियों ने नियमों के विपरीत नियुक्ति पाने वाले कोच रिचपाल सलारिया को नौकरी से बर्खास्त नहीं किया है।

न्यायाधीश आनंद पाठक की न्यायालय ने मध्य प्रदेश खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संचालक एवं प्रमुख सचिव एवं अन्य को 4 सप्ताह में जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया

पुलिस डायरी के अनुसार लॉर्डगंज थाने में 12 जनवरी 2021 को अपराध क्रमांक 38 / 2021 धारा 294, 223, 506 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ, मुकदमा दर्ज होने के बाद रिछपाल सिंह सलारिया की गिरफ्तारी हुई एवं उसके खिलाफ माननीय न्यायालय कोर्ट नंबर और जज 22 - सिविल जज क्लास- I और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आलोक प्रताप सिंह की अदालत में 23 जून 2021 को आरसीटी 3314 / 2021 चालान पेश किया गया. और अभी वर्तमान में न्यायालय में प्रकरण विचाराधीन है। यह जानकारी रिचपाल द्वारा छुपाते हुए खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संचालक के साथ 19 मई 2021 को अनुबंध हस्ताक्षर किए । इस अपराधिक प्रकरण में 4 नवंबर 2022 को माननीय न्यायालय में सुनवाई हुई एवं आगामी फरवरी माह में पेशी नियत है.

याचिकाकर्ता ने निम्नलिखित याचिका में न्यायालय से प्रार्थना की है कि रिचपाल सलारिया का अनुबंध कोच/तकनीकी विशेषज्ञ के पद से हटाने/समाप्त करने के लिए खेल एवं युवा कल्याण विभाग संचालक को निर्देशित करें। अनुबंध समझौते को रद्द कर दिया जाए और निष्पक्ष जांच और कानून के अनुसार नियम विरुद्ध तरीके से नौकरी प्राप्त करने वाले रिछपाल सिंह सलारिया कोच के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और प्राधिकरण को वसूली के लिए निर्देशित किया जाए जिस पर माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर ने सुनवाई करते हुए न्यायाधीश आनंद पाठक की न्यायालय ने कि न्यायालय ने मध्य प्रदेश खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संचालक एवं प्रमुख सचिव एवं अन्य को 4 सप्ताह में जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है, याचिकाकर्ता की ओर से याचिका की पैरवी अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने की ।

याचिकाकर्ता
विनय जी. डेविड 9893221036

Monday, January 2, 2023

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय सूचना का अधिकार अधिनियम 2006

   


*मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय सूचना का अधिकार अधिनियम 2006*

अधिसूचना संख्या 15-आर (जे), दिनांक 19-1-2006, म.प्र. राजपत्र भाग 4 (गा), दिनांक 17-2-2006 के पृष्ठ 161-166 mp694

सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 28 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (सक्षम प्राधिकारी), इसके द्वारा निम्नलिखित नियम बनाते हैं: -

*1. संक्षिप्त शीर्षक और प्रारंभ।*

- (1) इन नियमों का संक्षिप्त नाम मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (सूचना का अधिकार) नियम, 2006 है। (2) वे आधिकारिक राजपत्र में उनके प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे।

*2. परिभाषाएँ।*

- (1) इन नियमों में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो:- (ए) "अधिनियम" का अर्थ सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (2005 की संख्या 22) है; (बी) "अपील प्राधिकरण" का अर्थ है मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा नामित; (सी) "अधिकृत व्यक्ति" का अर्थ है मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा नामित जन सूचना अधिकारी और सहायक जन सूचना अधिकारी; (डी) "फॉर्म" का मतलब इन नियमों से जुड़ा फॉर्म है; (ई) "धारा" का अर्थ अधिनियम का एक खंड है।
(2) इन नियमों में प्रयुक्त लेकिन परिभाषित नहीं किए गए शब्दों और अभिव्यक्तियों का वही अर्थ होगा जो उन्हें अधिनियम में दिया गया है।

*3. सूचना मांगने के लिए आवेदन।*

- अधिनियम के तहत जानकारी मांगने वाला कोई भी व्यक्ति अधिकृत व्यक्ति को फॉर्म 'ए' में आवेदन करेगा और अधिकृत व्यक्ति के पास नियम 8 के अनुसार आवेदन शुल्क जमा करेगा। प्राधिकृत व्यक्ति फॉर्म 'बी' में दिए गए अनुसार आवेदन को विधिवत स्वीकार करेगा।

*4. प्राधिकृत व्यक्ति द्वारा आवेदन का निपटान*।

- (1) यदि अनुरोधित जानकारी अधिकृत व्यक्ति के अधिकार क्षेत्र में नहीं आती है, तो यह आवेदक को आवेदन पत्र को फॉर्म 'सी' में जल्द से जल्द, सामान्य रूप से पंद्रह दिनों के भीतर और किसी भी मामले में बाद में नहीं लौटाने का आदेश देगा। आवेदन की प्राप्ति की तारीख से तीस दिन, आवेदक को सूचित करना। जहां भी संभव हो, संबंधित प्राधिकारी के बारे में जिसे: आवेदन किया जाना चाहिए। ऐसे मामलों में जमा किया गया आवेदन शुल्क वापस नहीं किया जाएगा। (2) यदि अनुरोधित जानकारी अधिकृत व्यक्ति के अधिकार क्षेत्र में आती है और अधिनियम की धारा 8 और 9 में सूचीबद्ध प्रतिबंधों की एक या अधिक श्रेणियों में आती है, तो अधिकृत व्यक्ति संतुष्ट होने पर फॉर्म 'डी' में अस्वीकृति आदेश जारी करेगा। ' जितनी जल्दी हो सके, आम तौर पर पंद्रह दिनों के भीतर और किसी भी मामले में आवेदन प्राप्त होने की तारीख से तीस दिनों के बाद नहीं। ऐसे मामलों में जमा किया गया आवेदन शुल्क वापस नहीं किया जाएगा। (3) यदि अनुरोधित जानकारी अधिकृत व्यक्ति के अधिकार क्षेत्र में आती है, लेकिन अधिनियम की धारा 8 और 9 में सूचीबद्ध एक या अधिक श्रेणियों में नहीं आती है, तो अधिकृत व्यक्ति, संतुष्ट होने पर, आवेदक को फॉर्म में जानकारी की आपूर्ति करेगा। 'ई', अपने अधिकार क्षेत्र में आता है। यदि मांगी गई जानकारी आंशिक रूप से अधिकृत व्यक्ति के अधिकार क्षेत्र से बाहर है या आंशिक रूप से अधिनियम की धारा 8 और 9 में सूचीबद्ध श्रेणियों में आती है, तो अधिकृत व्यक्ति केवल वही जानकारी प्रदान करेगा जो अधिनियम के तहत अनुमत है और अपने अधिकार क्षेत्र में है और शेष भाग को कारण बताते हुए अस्वीकृत करें। (4) सूचना की आपूर्ति यथाशीघ्र, सामान्यतया पंद्रह दिनों के भीतर और किसी भी स्थिति में आवेदन प्राप्त होने की तारीख से तीस दिनों के भीतर, शेष राशि, यदि कोई हो, को अधिकृत व्यक्ति को जमा करने पर की जाएगी, जानकारी एकत्र करने से पहले। फॉर्म 'एफ' में सूचना की प्राप्ति के टोकन के रूप में आवेदक से एक उचित 'पावती' प्राप्त की जाएगी।

*5. अपील।*
- (1) कोई भी व्यक्ति:- (ए) जो फॉर्म 'ए' जमा करने के तीस दिनों के भीतर अधिकृत व्यक्ति से फॉर्म 'सी' या फॉर्म 'डी' में प्रतिक्रिया देने में विफल रहता है, या (बी) निर्धारित अवधि के भीतर प्राप्त प्रतिक्रिया से व्यथित है, अपीलीय प्राधिकारी के पास प्रपत्र 'एफ' में अपील और अपीलीय प्राधिकारी के पास नियम 8 के अनुसार अपील के लिए शुल्क जमा करता है। (2) अपील प्राप्त होने पर, अपील प्राधिकारी अपील की प्राप्ति की पावती देगा और आवेदक को सुनवाई का अवसर देने के बाद इसे प्रस्तुत करने की तारीख से तीस दिनों के भीतर निपटाने का प्रयास करेगा और इसकी एक प्रति भेजेगा संबंधित अधिकृत व्यक्ति को निर्णय। (3) यदि अपील की अनुमति दी जाती है, तो अपील प्राधिकारी द्वारा आदेशित अवधि के भीतर अधिकृत व्यक्ति द्वारा आवेदक को जानकारी प्रदान की जाएगी। यह अवधि आदेश प्राप्त होने की तिथि से तीस दिनों से अधिक नहीं होगी।

*6. लोक प्राधिकरण द्वारा सूचना का स्वत: प्रकाशन।*

- (1) लोक प्राधिकरण अधिनियम की धारा 4 की उप-धारा (1) के अनुसार प्रत्येक वर्ष उप-धारा ( 1) अधिनियम की धारा 4 के। (2) ऐसी सूचना सूचना काउंटरों, इंटरनेट के माध्यम से भी जनता को उपलब्ध करायी जा सकती है और प्राधिकृत व्यक्ति और अपीलीय प्राधिकारी के कार्यालय में विशिष्ट स्थानों पर नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित की जा सकती है।

*7. शुल्क लगाना।*

- (1) प्राधिकृत व्यक्ति निम्नलिखित दरों पर शुल्क वसूल करेगा, अर्थात्:- (ए) आवेदन शुल्क :

(i) निविदाओं से संबंधित जानकारी दस्तावेज़/बोली/उद्धरण/व्यवसाय संपर्क : पांच सौ रुपए प्रति आवेदन। (ii) उपरोक्त (i) के अलावा अन्य जानकारी पचास रुपये प्रति आवेदन (बी) अन्य शुल्क: क्र.सं. जानकारी का विवरण कीमत/शुल्क रुपये में 1 जहां जानकारी उपलब्ध है एक मूल्य प्रकाशन का रूप। प्रकाशन की कीमत इतनी तय। 2 मूल्य प्रकाशन के अलावा अन्य के लिए। माध्यम की लागत या प्रिंट लागत मूल्य। (2) अपीलीय प्राधिकारी प्रति अपील पचास रुपए का शुल्क वसूल करेगा।