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Saturday, April 29, 2023

बर्खास्त बिशप नटवरलाल पीसी सिंह फिर गया जेल, रिमांड के बाद भोपाल से लाकर ईडी ने जबलपुर जेल भेजा

 


बर्खास्त बिशप नटवरलाल पीसी सिंह फिर गया जेल, रिमांड के बाद भोपाल से लाकर ईडी ने जबलपुर जेल भेजा

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विनय जी डेविड : 9893221036

*ED की पूछताछ में हुए कई अहम खुलासे, चर्च की कीमती जमीन को बेचा, कई काले कारनामों का दस्तावेज भी बरामद*

*बर्खास्त बिशप के जबलपुर समेत मुबंई, रांची व नागपुर स्थित ठिकानों पर भी ईडी ने मारा था छापा*

जबलपुर। चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के पूर्व निदेशक बिशप (former bishop) पीसी सिंह (PC Singh) को जेल भेज दिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीसी सिंह से 14 दिन तक पूछताछ की। जिसमें कई अहम खुलासे हुए। बिशप सिंह ने सीएनआई की कीमती कई जमीन को बेचा। कई संस्थानों को बेकार बताकर किराए पर दे दिया। पी सी सिंह के कई काले कारनामों के दस्तावेज भी बरामद किए गए।

बिशप पद से हटाए गए द बोर्ड आफ एजुकेशन चर्च आफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस के पूर्व चेयरमैन पीसी सिंह को कोर्ट के निर्देश पर ईडी ने जबलपुर केंद्रीय जेल भेज दिया है। ईडी ने पीसी सिंह को 12 अप्रैल को जबलपुर में गिरफ्तार किया था। कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगी गई थी। कोर्ट ने 14 दिन की रिमांड स्वीकृत की थी। पूछताछ के लिए उसे भोपाल ले जाया गया था।

रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद पीसी सिंह को 27 अप्रैल को जबलपुर लाया गया जिसके बाद जेल भेज दिया गया। दरअसल, जबलपुर में 2022 में ईओडब्ल्यू की कार्रवाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने मुंबई, रांची, नागपुर स्थित छह ठिकानों पर छापा मारा था।

इन ठिकानों से ईडी ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज और करीब पांच लाख 37 हजार 500 रुपये नकद जब्त किए थे। ईडी ने यह कार्रवाई 15 मार्च को जबलपुर, मुंबई, रांची व नागपुर के छह ठिकानों तथा 18 मार्च को रांची में तीन ठिकानों पर छापामारी की थी। जिसके बाद ईडी की टीम 12 अप्रैल को जबलपुर पहुंची और पीसी सिंह को उसके नेपियर टाउन स्थित बंगले से गिरफ्तार कर लिया था।

बिशप पीसी सिंह के घर में आठ सितंबर 2022 को ईओडब्ल्यू की टीम ने छापा मारा था। वहां से एक करोड़ 65 लाख 14 हजार रुपए, 118 पाउंड, 18352 यूएस डालर, 80 लाख 72 हजार रुपये कीमत के दो किलो वजनी सोने के जेवर समेत 17 संपत्तियों के दस्तावेज और 48 बैंक खातों के संबंधित दस्तावेज जब्त हुए थे। 

पीसी सिंह जर्मनी से 11 सितंबर को स्वदेश लौटने पर उसे नागपुर एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। जबलपुर लाकर पूछताछ व जांच की गई। जांच के दौरान उसकी पौने आठ करोड़ रुपये की एफडी का खुलासा हुआ। यह भी पता चला कि वह स्वयं 128 बैंक खाते संचालित करता था। 46 खाते उसके स्वजन और संस्थाओं के नाम पर थे।


Friday, April 28, 2023

अतीक-अशरफ हत्याकांड में SC का UP सरकार से सवाल, 'एंबुलेंस से सीधे अस्पताल क्यों नहीं लाया गया


अतीक-अशरफ हत्याकांड में SC का UP सरकार से सवाल, 'एंबुलेंस से सीधे अस्पताल क्यों नहीं लाया गया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल किया कि अतीक और अशरफ अहमद को एंबुलेंस में अस्पताल के गेट तक क्यों नहीं ले जाया गया. खूंखार गैंगस्टरों के मारे जाने की शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता वाली स्वतंत्र समिति से जांच कराने की याचिका पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने पूछा, ”उनकी परेड क्यों कराई गई?’ न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की बेंच ने यह भी पूछा कि शूटर्स को कैसे पता चला कि अतीक और अशरफ को चिकित्सकीय परीक्षण के लिए ले जाया जाएगा?

 नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यूपी सरकार से अतीक अहमद (Ateek Ahmed) और अशरफ की हत्या मामले की जांच की स्टेटस रिपोर्ट (Status Report) मांगी है. सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के पहले हुये असद एनकाउंटर (Encounter) पर हलफनामा मांगा है. यूपी सरकार से यह भी पूछा कि विकास दुबे एनकाउंटर के बाद पुलिस कामकाज को लेकर जस्टिस बी एस चौहान की रिपोर्ट पर क्या कार्रवाई की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार पर सवाल उठाए हैं. कहा कि हमने ये घटना टीवी पर देखी है. दोनों को अस्पताल में सीधे एंबूलेंस से क्यों नहीं ले जाया गया. उनकी परेड क्यों कराई जा रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में तीन हफ्ते में सुनवाई को करने के लिए कहा है. जस्टिस एस रवींद्र भट्ट और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच सुनवाई करेगी.


यूपी सरकार की ओर से मुकुल रोहतगी हुए पेश 
उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government)की ओर से मुकुल रोहतगी (Mukul Rohatgi) ने कोर्ट में पक्ष रखा. रोहतगी ने कहा हमने जांच के लिए दो-दो पूर्व चीफ जस्टिस का आयोग बनाया है. इस मामले में यूपी सरकार ने तेजी से काम किया है.

जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई
अतीक और अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या की जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है. जनहित याचिका में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच की मांग की गई है. वहीं वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर 2017 से उत्तर प्रदेश में अब तक हुए 183 एनकाउंटर की जांच सुप्रीम के रिटायर्ड जज की निगरानी में एक्सपर्ट कमेटी से कराने की मांग की है.

बता दें कि माफिया अतीक अहमद और अशरफ अहमद की प्रयागराज में 16 अप्रैल को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. प्रयागराज मेडिकल कॉलेज के पास यह घटना हुई थी. दोनों को ही 10 से अधिक गोली मारी गई थीं. इस मामले में पुलिस ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके पहले 14 अप्रैल को यूपी एसटीएफ (UP STF) की टीम ने अतीक अहमद के बेटे असद को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. झांसी में असद के साथ शूटर गुलाम भी एनकाउंटर में मारा गया था. जब कोर्ट में पेशी के दौरान अतीक को इसकी खबर मिली तो वह फूट-फूटकर रोने लगा था.

पीली कोठी मेथोडिस्ट चर्च संस्थान द्वारा निर्मित अवैध भवन नगर निगम जबलपुर ने बुलडोजर चलाकर ध्वस्त किया


पीली कोठी मेथोडिस्ट चर्च निर्माण भवन तोड़ने की कार्यवाही नगर निगम ने जेसीबी द्वारा अवैध निर्माण तोड़ा 

*जबलपुर से विनय जी. डेविड की रिपोर्ट*
*संपूर्ण जानकारी खबर, वीडियो, फोटो के लिए संपर्क करें : 98932210368989655519

*जबलपुर, नगर पालिक निगम जबलपुर अपर आयुक्त श्री राजेन्द्र मिश्रा द्वारा स्वामी दयानंद सरस्वती वार्ड अन्तर्गत तैय्यबअली मार्ग पीली कोठी पर फादर मनीष एस.गिडियन मेथोडिस्ट द्वारा किए जा रहे निर्माण विषयक् स्वामित्व सहित भवन स्वीकृति दस्तावेज प्रस्तुत करने कहा था। परंतु मनीष गिडियन एवं संस्थान के लोगों द्वारा किसी भी प्रकार के दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए. चर्च के नाम पर मेथोडिस्ट चर्च संस्थान के बिशप एम.ए. डेनियल, एरिक पी नाथ और मनीष गिडियन है मनीष गिडियन अभी सेंट्रल जेल जबलपुर में सलाखों के पीछे है ये सभी मुख्य आरोपी है,

जिस पर संज्ञान लेते हुए नगर निगम ने आज तहसील भेजकर के अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी है जो अभी चल रही है.*

ज्ञात हो कि नगर निगम में चर्च द्वारा प्रस्तुत जबाब पर नगर निगम द्वारा चर्च को नोटिस दिया कि “स्थल पर किया गया निर्माण अनाधिकृत रूप से बिना स्वीकृति से किया गया है। तदोपरान्त उक्त निर्माण को हटाए जाने हेतु आपको कार्यालय द्वारा मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम नियम अनुसार नोटिस किया गया है ।

जिस पर आपके द्वारा निगम कार्यालय पर दिनांक 27.08.2020 को एक पत्र प्रस्तुत कर चर्च शेड निर्माण की बात कही गई एवं नजूल डीड एवं नजूल अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रस्तुत की गई । आपने उक्त पत्र में स्थल पर किए जा रहे निर्माणाधीन भवन का नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय से स्वीकृति प्राप्त होने पश्चात् निगम से भवन अनुज्ञा अनुमति लिए जाने का लेख किया है।

आपके द्वारा स्थल पर किए गए निर्माण के संबंध में ढाई वर्ष उपरान्त भी आज दिनांक तक निगम कार्यालय पर भवन अनुज्ञा आवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। इतनी बड़ी संरचना का निर्माण बगैर नगर तथा ग्राम निवेश कार्यालय की स्वीकृति के एवं बगैर भवन अनुज्ञा अनुमति प्राप्त किए गंभीर त्रुटी है।

आपको इस पत्र के माध्यम से निर्देशित किया जाता है कि आप पत्र प्राप्ति से 24 घण्टे के भीतर स्थल पर किए गए निर्माण को स्वयं हटा लेवें। अन्यथा कि स्थिति में स्थल पर किया गया अनाधिकृत निर्माण निगम द्वारा मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम में विहित प्रावधानों के अन्तर्गत किसी भी समय हटा दिया जावेगा।

इस मामले में यूसीएनआईटीए के स्पेशल पावर ऑफ अटॉर्नी एडमिन लाल एवं यूसीएनआईटीए के मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र के लीगल एडवाइजर विनय जी. डेविड ने अवैध निर्माण तोड़ने की शिकायत की थी.

आज अभी पीली कोठी  मेथोडिस्ट चर्च निर्माण भवन तोड़ने की कार्यवाही नगर निगम ने जेसीबी लगाकर अभी शुरू कर दी है कार्रवाई चल रही है जेसीबी द्वारा अवैध निर्माण तोड़ा जा रहा है.

Monday, April 24, 2023

7 वर्षों से मध्य प्रदेश तीरंदाजी एकेडमी हॉस्टल में संविदा आर्चरी कोचों ने जमा रखा है अवैध कब्ज़ा, सरकारी खर्चे पर बल्ले-बल्ले


7 वर्षों से मध्य प्रदेश तीरंदाजी एकेडमी हॉस्टल में संविदा आर्चरी कोचों ने जमा रखा है अवैध कब्ज़ा, सरकारी खर्चे पर बल्ले-बल्ले


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विनय जी. डेविड : 9893221036

जबलपुर. मध्य प्रदेश तीरंदाजी अकैडमी जबलपुर परिसर में जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी आशीष पांडे और प्रमुख कोच रिचपाल सिंह सलारिया की कृपा से संविदा शासकीय नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए पिछले 7 वर्षों से सभी कोच एवं कर्मचारी अपने परिवार के साथ एकेडमी परिसर में ही निवास कर रहे हैं जिसकी शिकायत जबलपुर कलेक्टर को की गई.

आशीष पांडे जबलपुर जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी

जबलपुर जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी आशीष पांडे से जब यह जानकारी प्राप्त की गई तो उन्होंने गुमराह करते हुए शिकायत को झूठी बताया जबकि हर एक आदमी को पता है कि आर्चरी एकेडमी परिसर के छात्रा-छात्राओं के होस्टल में सभी कोच कई कमरों में कब्जा करके रह रहे हैं


वही हॉस्टल में छात्रा-छात्राओं के लिए बनने वाला भोजन भी नियमित रूप से प्रतिदिन सेवन कर रहे हैं संविदा आर्चरी  कोचों के अनुबंध के आधार पर नियम अनुसार उनको किसी भी प्रकार की वेतन के अलावा अन्य सुविधा प्रदान नहीं की जा सकती, परंतु सरकारी संपत्ति पर कब्जा करके लाखों रुपए का सरकार के राजस्व का नुकसान, खेल अधिकारियों की मिलीभगत सांठगांठ से हो रहा  है, 

इस मामले में जबलपुर जिला कलेक्टर को भी जबलपुर जिला खेल और युवा कल्याण अधिकारी आशीष पांडे के द्वारा गुमराह किया जा रहा है, सही रिपोर्ट नही मिलने की वजह से जिला जबलपुर कलेक्टर इस मामले में कोई उचित कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं, 

इस मामले में एक शिकायत कलेक्टर जबलपुर को प्राप्त हुई थी जिस परजिला खेल अधिकारी आशीष पांडे ने गुमराह करते हुए कलेक्टर को सही जानकारी नहीं पहुंचाई, जहां छात्रा छात्राओं के लिए यह सुविधा दी गई है वहीं कोचों के यहां पर निशुल्क सरकारी खाते में वारे न्यारे हैं, अब जब यह खुलासा  हुआ है तो अब देखना यह है कि इस मामले में कलेक्टर जबलपुर क्या कार्रवाई की जाती है.

कौन-कौन कोच वं कर्मचारी है नियमों की धज्जियां उड़ा कर शासकीय संपत्ति का उपयोग करने वाले

1. रश्मि सिंह कोच आर्चरी अगस्त 2016 से ही एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है,

2. अशोक कुमार यादव आर्चरी कोच अपनी फैमिली के साथ निवास कर रहे हैं, जिसमें पत्नी एवं 3 बच्चे एवं अपने दो रिश्तेदारों अमित यादव एवं अन्य) के साथ एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है.

3. रवि प्रधान आर्चरीकोच अपनी फैमिली के साथ निवास कर रहे हैं जिसमें पत्नी एवं 1 बच्चा एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है.

4. दशरथ सिंह ठाकुर वार्डन अपनी फैमिली के साथ निवास कर रहे हैं जिसमें पत्नी एवं 1 बच्चा एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है.

5. कप्तान  स्वयं अपने एक दो रिश्तेदारों के साथ एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है.

6. रिचपाल सिंह सलारिया मुख्य आर्चरी कोच स्वयं सत्र 2019 से 2023 निवास कर रहे हैं, अपने 4 रिश्तेदारों 1. सौम्या सिंह उर्फ तनु 2. दीक्षांत सिंग उर्फ देसू एवं अन्य दो रिश्तेदारों के साथ एकेडमी हॉस्टल में निवासरत है

Wednesday, April 19, 2023

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Monday, April 17, 2023

ईडी की बड़ी कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व बिशप पीसी सिंह गिरफ्तार

  

ईडी की बड़ी कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व बिशप पीसी सिंह गिरफ्तार



ईडी की बड़ी कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व बिशप पीसी सिंह गिरफ्तार



भविष्य की आहट : देश के लिए घातक है अपराधियों का महिमा मण्डन


भविष्य की आहट : देश के लिए घातक है अपराधियों का महिमा मण्डन

भविष्य की आहट / डा. रवीन्द्र अरजरिय

चर्चित व्यक्ति को नेतृत्व देने की पुरातन परम्परा रही है। प्रतिभा, योग्यता और समर्पण के आधार पर चर्चाओं का वातावरण सकारात्मकता का पर्याय हुआ करता था। वर्तमान समय में सकारात्मकता को नकारात्मकता ने पछाड दिया है। वातावरण निर्माण हेतु प्रायोजित कार्यक्रमों का दौर शुरू हो गया है। लाभ के अवसरों के लिए आपसी समझौतों की श्रंखला अब नित नई ऊंचाइयां छूने लगीं हैं। इन कार्यक्रमों को विभिन्न माध्यमों से आम आवाम तक पहुंचाने वाले समूह को आधुनिक भाषा में पीआर ग्रुप का नाम दिया गया है। 

व्यक्तिगत संबंधों को व्यापक बनाने के लिए अब विशेषज्ञों की तलाश की जाने लगी है। राजनैतिक धरातल से लेकर वित्तीय संस्थानों तक ने अपने विस्तार के लिए पीआर स्पेशलिस्ट्स की फौज नियुक्त कर ली है। इनसे हटकर अपराधियों, असामाजिक तत्वों और षडयंत्रकारियों ने तो संचार माध्यमों के लिए विधिवत व्यक्तिगत तंत्र ही विकसित कर लिया है। स्वधीनता संग्राम के दौर में धरती से जुडे राष्ट्र भक्तों का बलिदान भी गोरों के षडयंत्र का शिकार हो गया था। उस दौर में भी पैसों की चमक, लालच के दावानल और सत्ता के सम्मान ने इच्छित व्यक्यिों को देश का लोकप्रिय नेता घोषित करवा दिया गया था। 

तब षडयंत्र के तहत अंग्रेजी पत्रों में व्यक्ति विशेष के लिए आलेख, समाचार और  उनकी कथित जीवन गाथायें प्रकाशित करवायी जातीं थीं। लोलुप लोगों को व्यक्ति विशेष के पक्ष में वातावरण निर्मित करने के काम में लगा दिया जाता था, जो चौराहों से लेकर चौपालों तक पहुंचकर उसकी प्रशंसा में मनगढन्त कहानियों सुनाता और समाज में उसे चर्चा का विषय बना देता था। धीरे-धीरे उसके वक्तव्यों को कालीदास के इशारों में बदलकर विदुषी विद्योत्मा बनी आवाम के समक्ष परोसा जाता ताकि समाज उस पैरासूट नेता को वास्तविक नेतृत्व प्रदान कर दे। कठपुतली को जीवित शरीर के भ्रम के रूप प्रस्तुत किया गया। अन्त: देश में जब राष्ट्र भक्तों का दबाव बढने लगा, आम आवाम स्वाधीनता के लिए कफन बांधकर खडी हो गई तो गोरों ने अपनी कठपुतलियों को नेता बनाकर पेश किया। 

वार्ता के लिए उन्हें ही आमंत्रित किया और दिखाने शुरू कर दिये देशवासियों को सब्जबाग। इतिहास की गवाही ने एक बार फिर वर्तमान को व्यथित करना शुरू कर दिया है। अतीक, शाइस्ता, असद, गुलाम, अशरफ, अमृतपाल, जोगा जैसों की नकारात्मकता को सुुर्खियां मिलने लगीं। उनके पक्ष में कमर कसकर खडे लोगों की बातों को महात्व दिया जाने लगा। किसी लोकप्रिय जन कल्याणकारी समाजसेवी की तरह उनकी जीवन गाथायें, विश्राम करने के स्थान, सहयोगियों की जमात जैसे कारक आज चारों ओर छाये हुए हैं। नकारात्मकता को समाप्त करने में लगे लोगों पर प्रश्नचिन्ह अंकित करने का फैशन चल निकला है। सत्य को कोसकर असत्य को स्थापित करने का कारोबार तो दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति करने लगा है। विचार मंथन के माध्यम से पेश किये जाने वाले कार्यक्रम समाज को तोडने में महात्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 

सोची समझी योजना के तहत चलने वाले कृत्यों को सामान्य ढंग से होने वाली गतिविधियों की तरह प्रस्तुत करने की पटकथा तो पहले ही लिखी जा चुकी है। कभी कश्मीर में सेना के जवानों पर वहां के आतंकियों के थप्पड पडते थे और थप्पड मारे वालों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने पर राष्ट्र भक्त फौजियों पर मामले दर्ज किये जाते थे, जबाब मांगे जाते थे, आत्मरक्षा में उठाये गये कदमों को अपराध बनाकर न्याय की चौखट पर दस्तक दी जाती थी। ऐसे लोलुप भितरघातियों की जमात अब आतंक की इबारत बनने की हसरत पालने वालों के चारों ओर सुरक्षा कवच लगा रही है। सरेआम हत्या करने वालों के साथ खडे लोगों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। अनेक घरों के चिरागों को बुझाने वालों के दीये पर हवा को लगते अपराधियों ने अपने संरक्षणदाताओं के साथ मिलकर मुल्क की फिजां में जहर घोलने का काम शुरू कर दिया है। 

इस जहर की चर्चा भी प्रमुखता से की जाने लगी है। पीआर के विशेषज्ञों को मैदान में उतार दिया गया है। अपराध की कहानियां सुना सुनाकर आम आवाम में दहशत पैदा करने वाले अपने विदेशी आकाओं के इशारों कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं। राजनीति के पंडितों से लेकर अपराध के जल्लादों तक ने समय के साथ करवट बदल ली है। दहशत के आकाओं को उनकी जाति विशेष के लिए संरक्षक की भूमिका में दिखाया जाने लगा हैं। अपराध से जुटायी गई धन-सम्पत्ति से राजनीति के दरवाजे पर दस्तक देने का क्रम भी चल निकला है। सत्ता का मुखिया बनने वाला व्यक्ति भी अपनी जाति के लिए लचीला रुख अख्यितार करता है। अन्य सशक्त जातियों को नस्तनाबूत करने की मुहिम भी पर्दे के पीछे से निरंतर चलाता है। दूसरी ओर पार्टी के लिए धन संग्रह करने में अपराध जगत की महात्वपूर्ण भूमिका भी तेजी से बढ जा रही है। 

पार्टियों की चंदा राशि को सूचना के अधिकार की सीमा से बाहर रखा गया है। इसी तरह निजिता की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की आजादी और मौलिक अधिकारों की दुहाई जैसी व्यवस्थायें देश को कोढ में खाज देने का काम स्वाधीनता के बाद से निरंतर कर रहीं हैं। पंजाब में सत्ता बदलते ही खालिस्तान के नारे बुलंद होने लगे। खास दलों की सरकारों वाले राज्यों में धार्मिक उन्माद चरम सीमा पहुंचता जा रहा है। व्यक्तिगत हितों पर आदर्श, सिध्दान्त और नीतियों की हत्यायें हो रहीं है। लोगों की महात्वाकांक्षायें अब आसमान छूने लगीं हैं। दल बदलकर इच्छित लक्ष्य की पूर्ति में जुडे लोगों ने स्वयं को जाति विशेष, सम्प्रदाय विशेष तथा क्षेत्र विशेष का कथित ठेकेदार घोषित कर दिया है। ऐसे लोगों को अपने पक्ष में लाने के लिए खद्दरधारियों की टोलियां जुटीं है ताकि आने वाले चुनावों में सत्ता का सिंहासन मिल सके। 

देश के लिए घातक है अपराधियों का महिमा मण्डन, परन्तु संचार माध्यमों के चन्द मठाधीशों को किन्हीं कारणों से यह सब दिखाई नहीं दे रहा है। यही फर्क है धृतराष्ट्र और गांधारी के अंधेपन में। एक तो सत्ता के लालच में अंधा है तो दूसरा वैभव की प्रचुरता के पीछे पागल होकर अंधे का अंधा बनकर अनुशरण कर रहा है। ऐसे में देश के राष्ट्र भक्त नागरिकों को ही आगे आने होगा, तभी बूंद-बूंद पानी से गागर भर सकेगी और पुन: प्राप्त किया जा सकेगा विश्व गुरु का सम्मान। इस बार बस इतना ही। अगले सप्ताह एक नई आहट के साथ फिर मुलाकात होगी।

छत्तीसगढ़ के विकास में बंगाली समाज का महत्वपूर्ण योगदान: बघेल


छत्तीसगढ़ के विकास में बंगाली समाज का महत्वपूर्ण योगदान: बघेल

बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के विकास में बंगाली समाज का महत्वपूर्ण योगदान है। बंगाली समुदाय शुरू से ही सचेत और जागरूक रहा है। बंगाल की धरती क्रांतिकारियों और समाज सुधारकों की रही है। इनके बिना देश की आजादी और नवनिर्माण की कल्पना नहीं की जा सकती है। राजा राममोहन राय और सुभाष चंद्र बोस के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता। 

संत रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद पूरी दुनिया को बंगाल की सर्वश्रेष्ठ देन है। देश के भक्ति आंदोलन में बंगाल के संतो का महत्वपूर्ण योगदान है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज बिलासपुर के कालीबाड़ी मैदान में आयोजित बंगाली नववर्ष एवं बिलासपुर बंगाली एसोसिएशन के शताब्दी समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कालीबाड़ी में मां काली की पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की। कार्यक्रम की अध्यक्षता खाद्य एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने की। 

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बंगाली समुदाय को मोपका और तिफरा में 7 हजार और 5 हजार स्क्वेयर फीट जमीन आबंटित करने के लिए कार्यवाही करने के निर्देश कलेक्टर को दिए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि दुर्गा पूजा और गणेश पूजा हमारी सांस्कृतिक पहचान बन गए हैं। बंगाल से छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक संबंध है। लोगों के साथ उनकी संस्कृति भी चलती है। छत्तीसगढ़ ने बंगाल की संस्कृति को आत्मसात किया है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद और रविंद्रनाथ टैगोर की छत्तीसगढ़ यात्राओं का भी स्मरण किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने बंगाल के बाद सबसे ज्यादा समय छत्तीसगढ़ में ही बिताया है। उन्होंने पूरे 2 वर्ष तक का समय छत्तीसगढ़ में बिताया। स्वामी विवेकानंद के नाम पर ही छत्तीसगढ़ में एयरपोर्ट का नाम रखा गया है। रविंद्रनाथ टैगोर को कौन नहीं जानता है। उनके द्वारा समाज को दिए गए योगदान को नही भुलाया जा सकता। श्री रविंद्रनाथ टैगोर ने भी छत्तीसगढ़ में समय बिताया है। उन्होंने अविभाजित बिलासपुर में अपनी पत्नी का इलाज करवाया था। कार्यक्रम में स्वागत भाषण बंगाली एसोसिएशन बिलासपुर के महासचिव देवाशीष लाल्टू घोष ने दिया।   

समारोह में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की महान विभूतियों को छत्तीसगढ़ रत्न अवार्ड से सम्मानित किया। इनमें पद्म विभूषण पंडवानी गायिका श्रीमती तीजन बाई, न्यायमूर्ति श्री किशोर भादुड़ी, नीति आयोग के पूर्व सदस्य और अर्थशास्त्री श्री प्रणव कुमार चट्टोपाध्याय शामिल है। शताब्दी समारोह में संसदीय सचिव श्रीमती रश्मि सिंह, विधायक श्री शैलेश पांडे, महापौर श्री रामशरण यादव, पर्यटन मंडल के अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव, जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री प्रमोद नायक, अरपा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री अभय नारायण राय, श्री विजय केशरवानी, श्री विजय पांडे, रामकृष्ण मिशन कोनी के संत श्री सेवाव्रतनंद महाराज, श्री रविघोष, सहित बंगाली समाज के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में समाज के लोग मौजूद थे। समारोह में बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी गई

गैंगस्टर से माफिया बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में गोली मार कर सरेआम हत्या, यह रहें हत्यारे


गैंगस्टर से माफिया बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में गोली मार कर सरेआम हत्या, यह रहें हत्यारे 


प्रयागराज, गस्टर से माफिया बने अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की शनिवार (15 अप्रैल) की सरेआम हत्या कर दी गई. पुलिस कस्टडी में उस समय गोलियों से भून दिया गया जब दोनों कॉल्विन अस्पताल के बाहर पत्रकारों से बात कर रहे थे. इस घटना ने अशरफ की वो भविष्यवाणी सच कर दी जो उसने दो सप्ताह पहले अपनी मौत को लेकर की थी. अशरफ ने दो सप्ताह में अपनी हत्या किए जाने की बात कही थी. उसने दावा किया था कि एक बड़े पुलिस अधिकारी ने इस बारे में उसे धमकी दी है.

गैंगस्टर से माफिया बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में गोली मार कर सरेआम हत्या, यह रहें हत्यारे 

28 मार्च 2023 की रात अशरफ ने कहा था, दो सप्ताह बाद मुझे मार दिया जाएगा. अशरफ ने ये भी दावा किया कि एक बड़े पुलिस अधिकारी ने उसे धमकी दी है कि किसी बहाने से तुम्हें बाहर निकालेंगे और निपटा देंगे. इसके लगभग दो सप्ताह बाद 15 अप्रैल की शाम को जब अतीक-अशरफ को मेडिकल टेस्ट के लिए बाहर लाया गया तो पत्रकारों के भेष में पहुंचे तीन हमलावरों ने पुलिस की सुरक्षा में घुसकर दोनों को गोलियों से भून दिया. 

गैंगस्टर से माफिया बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में गोली मार कर सरेआम हत्या, यह रहें हत्यारे 

अतीक-अशरफ के हत्यारों की हिरासत में लेने बाद सामने आयी पहली तस्वीर, चेहरे पर दिखा खौफ

माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या करने वाले तीन अपराधियों की पुलिस द्वारा हिरासत में लेने के बाद पहली तस्वीर सामने आयी है। आपको बता दें माफिया भाइयों के इस हत्याकांड में कथित तौर पर तीन आरोपी शामिल थे। जिन्होंने मीडिया की मौजूदगी में ही अतीक अहमद और अशरफ पर फायरिंग की थी।   बता दें कि, हत्यारों के हाथ में उस समय कैमरा और आइडी भी मौजूद थी। पुलिस ने घटनास्थल से हत्याकांड में प्रयुक्त असलहा, कैमरा और आइडी को बरामद किया है। पकड़े गए आरोपित लवलेश तिवारी निवासी बांदा, सनी पुराने हमीरपुर एवं अरुण मौर्य कासगंज बताए जा रहे हैं। अब इनसे पूछताछ चल रही है। पुलिस कोर्ट से इनकी रिमांड भी मांग सकती है।

गैंगस्टर से माफिया बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में गोली मार कर सरेआम हत्या, यह रहें हत्यारे 

ऐसे दिया था वारदात को अंजाम

बताया जाता है कि पुलिस कस्टडी रिमांड पर माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ दिए जाने के साथ ही रोजाना मेडिकल जांच कराए जाने का भी निर्देश दिया गया था। इसी क्रम में शुक्रवार रात भी धूमनगंज पुलिस ने दोनों का काल्विन अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया था। शनिवार रात भी धूमनगंज पुलिस सरकारी जीप से दोनों भाईयों को लेकर वहां पहुंची थी। मुख्य द्वार से भीतर दाखिल होकर कुछ कदम आगे बढ़े ही थे कि सामने मीडियाकर्मी बनकर मौजूद युवकों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें दोनों की मौत हो गई। इस घटना के बाद तीनों हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया गया और अब उनसे पूछताछ की जा रही है।

एक हसीना के दो दिवाने‌, मौसेरा भाई जिस हाथ से छूता था प्रेमिका को, हत्या कर उस हाथ को काट डाला

 


एक हसीना के दो दिवाने‌, मौसेरा भाई जिस हाथ से छूता था प्रेमिका को, हत्या कर उस हाथ को काट डाला

बिलासपुर से हनीफ मेमन

बिलासपुर, जिले के हाई कोर्ट मार्ग पर हुई दीपक यादव हत्याकांड की गुत्थी सुलझाते हुए मौसेरे भाई प्रेमिका व सहयोगी को चकरभाटा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है पुलिस ने हत्या को अंजाम देने में इस्तेमाल ब्रेजा कार बीयर बोतल सेनेटरी पत्थर घारदारपेचकस जप्त कर कार्रवाई कर रही है.

इस सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा करते हुए जिले के पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने बताया कि 14 अप्रैल को चकरभाटा बोदरी मार्ग पर युवक का शव मिला मृतक की पहचान दीपक यादव पिता परदेसिया तो 30 वर्ष निवासी चौबे कॉलोनी अटल आवास के रूप में हुई जांच के दौरान पुलिस को मिले साक्षय के आधार पर चकरभाटापुलिस ने मृतक दीपक यादव की मौसेरे भाई दुर्गेश अशोक यादव 30 वर्ष निवासी सर बनिया मंदिर के पास बंधवापारा सरकंडा मनोज पिता श्याम 30 वर्ष श्रीराम टावर के सामने व्यापार विहार व तारबाहर हत्या की वजह बनी प्रेमिका ललिता यादव पति सोनू यादव 35 वर्ष निवासी अटल आवास योजना चौक सरकंडा को गिरफ्तार कर कार्रवाई कर रही है पुलिस पूछताछ में दुर्गेश यादव ने हत्या की वजह ₹5000 के लेनदेन का होना बताया इस पूरे मामले में ललिता हत्या में कहीं भी शामिल नहीं है यह प्रयास दुर्गेश लगातार करता रहा पूछताछ के दौरान ललिता का फोन दुर्गेश के मोबाइल पर आया ललिता की बात सुन पुलिसने उसे गिरफ्तार किया.

पुलिस जब ललिता से सख्ती से पूछताछ की तो हत्या की वजह सामने आई दुर्गेश का प्रेम प्रसंग ललिता से शादी से पहले सेथा बच्चे होने के बाद भी दुर्गेश ललिता के बीच अवैध संबंध था इस बात का पता चलने पर ललिता के पति ने उसे छोड़ दिया था पुलिस ललिता अटल आवास में दुर्गेश के पास रहने लगी दुर्गेश ललिता के प्रेम संबंध की बात दीपक को पता चली दीपक ललिता को फोन करने लगा इसी बीच दोनों के बीच अवैध संबंध बन गया ललिता यादव दोनों मौसेरे भाइयों की प्रेमिका बनकर दोनों से अवैध संबंध बनाए हुए थे.

दीपक का अपनी प्रेमिका ललिता से मिलना दुर्गेश यादव को रास नहीं आ रहा था ललिता ने दुर्गेश को झांसा दिया कि दीपक उसको धमका कर जबरिया संबंध बनाता है इस पर दीपक और दुर्गेश के बीच 5 साल से लगातार विवाद होता रहा है दुर्गेश भाई दीपक की हत्या का पूरा प्लान तैयार किया 14 अप्रैल को दुर्गेश मैं मौसेरे भाई दीपक यादव को नूतन चौक बुलाया और कार क्रमांक CG04 4404 मैं बैठा कर व्यापार विहार अपने दोस्त दिपक यादव के पास पहुंचा योजना के अनुसार व्यापार विहार दुकान से शराब की बोतल बीयर खरीदी दोनों चकरभाटा बोदरी मार्ग पर शराब पी रहे थे शराब पीने के दौरान दुर्गेश ने दिपक के पहला वार पेचकस से उसके कनपटी पर किया दूसरा सर और फिर बीयर बोतल से सर पर वार किया दीपक पेचकस के वार से ढाल होकर गिर पड़ा.

फिर तीसरा बार पीठ पर या जिससे पेचकस टूट कर दीपक के पीठमें फस गया कलाई काटने की बात पर बताया कि जिस हाथ से दिपक ललिता को छूता था इस कारण सेनेटरी पत्थर से वार कर हाथ‌के पंजे को मारा जिससे दिपक की हाथ की कलाई कटकर अलग हो गई जिसे कूछ दूर पर‌ आरोपी ने फेंक दिया यूटयूब में क्राइम स्टोरी देखकर बनाई योजना ललिता और अपने बीच से दीपक को हटाने की दुर्गेश ने यूट्यूब देखकर योजना बनाई दुर्गेश ने अपनी योजना में दोस्त मनोज यादव को शामिल किया वारदात को अंजाम देने कंपनी की कार धार दार पेचकस रख लिया योजना के अनुसार घटना के दिन दुर्गेश मौसेरे भाई दीपक साथ लेकर मनोज के पास व्यापार विहार पहुंचा और शराब खरीदा बिलासपुर एसपी संतोष सिंह ने बताया कि प्रेमिका का मौसेरे भाई से अवैध संबंध होने का पता चलते ही आरोपी ने प्रेमिका को इतना धमकाया कि वह भी हत्या की योजना में शामिल हो गई पूछताछ टेक्निकल साक्ष्य के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है

Thursday, April 13, 2023

मैथोडिस्ट चर्च के कार्यपालिक सचिव मनीष गिडियन की जमानत अर्जी निरस्त, गिडियन को न्यायालय से लगा बड़ा झटका


Manish Gideon, executive secretary of the Methodist Church



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जबलपुर, धोखाधड़ी 420 के मामले में मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज फादर मनीष एस गिडियन की आज फिर सेशन कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज, अभी और जेल की सलाखों में ही रहना पड़ेगा, जेल की रोटी खानी पड़ेगी।  

जबलपुर । विशेष न्यायाधीश ईओडब्ल्यू अमदज अली के न्यायालय ने स्कूल के लिए मिली लीज की जमीन का व्यावसायिक उपयोग करने के मामले में आरोपित बनाए गए मैथोडिस्ट चर्च के कार्यपालिक सचिव मनीष एस गिडियन की जमानत अर्जी निरस्त कर दी। विगत पांच अप्रैल को ईओडब्ल्यू ने गिडियन को गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उसी दिन उसे जेल भेज दिया था। 

अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक सारिका यादव ने पक्ष रखा।  इसके पहले कोर्ट ने मैथोडिस्ट चर्च के पदाधिकारियों बिशप एमए डेनियल व कोषाध्यक्ष एरिक पी नाथ की अग्रिम जमानत भी निरस्त हो चुकी हैं। आरोपितों ने क्रिश्चियन हाई स्कूल के लिए मिली लीज की भूमि पर व्यवसायिक निर्माण किया। भू-भाटक जमा नहीं किया गया। इस तरह आर्थिक अपराध कर शासन को क्षति पहुंचाई। 

आवेदकों पर छल-कपट व धोखाधड़ी का आरोप है। आवेदकों की ओर से दलील दी गई कि दुकानों का निर्माण नगर निगम, से नक्शा पास कराकर किया गया था।

एसपी विनायक वर्मा को तत्काल सस्पेंड करने DGP को निर्देश, वारंट तामील न होने पर जबलपुर हाईकोर्ट सख्त

 


एसपी विनायक वर्मा को तत्काल सस्पेंड करने DGP को निर्देश, वारंट तामील न होने पर जबलपुर हाईकोर्ट सख्त

एसपी विनायक वर्मा को निलंबित करने के आदेश के साथ ही कोर्ट ने अब डीजीपी को वारंट तामील कराने की जिम्मेदारी दी है.

मध्य प्रदेश में अदालत के आदेश की अवमानना का खामियाजा छिंदवाड़ा एसपी विनायक वर्मा को भुगतना पड़ेगा। जबलपुर हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि एसपी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया जाए।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अदालत की अवमानना से जुड़े एक मामले में छिंदवाड़ा के पुलिस अधीक्षक विनायक वर्मा (SP Vinayak Verma) को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड (Chhindwara SP Suspension) करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने अवमानना के मामले में प्रतिवादी को पेश न करने पर छिंदवाड़ा एसपी वर्मा के रवैये को बेहद गंभीरता से लिया है. कोर्ट ने मध्य प्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि छिंदवाड़ा एसपी को तत्काल निलंबित किया जाए और अब प्रतिवादी के खिलाफ वारंट तामीली की जिम्मेदारी उनकी होगी.

दरसअल, छिंदवाड़ा जिले में स्थित तुलसी नारायण संकीर्तन मंडल की तरफ से दायर याचिका में एक कहा गया था कि एनएचएआई ने मंदिर की 1254 वर्ग का अधिग्रहण किया था. जमीन अधिग्रहण करने के बावजूद भी मुआवजा प्रदान नहीं किया गया था. इसके खिलाफ संस्था द्वारा मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद मुआवजा प्रदान करने के निर्देश दिये थे. इसके बावजूद संस्था को सिर्फ 636 वर्ग फीट का मुआवजा एनएचएआई द्वारा दिया गया. हाईकोर्ट ने अगस्त 2018 में शेष 618 वर्ग फ़ीट जमीन का मुआवजा देने के निर्देष देते हुए याचिका का निराकरण कर दिया था.

अवमानना याचिका पर हुई सुनवाई

एनएचआई द्वारा हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद तुलसी रामायण संकीर्तन मंडल को शेष मुआवजा राशि प्रदान नहीं की गई. इसके कारण संस्था ने अवमानना याचिका दायर की थी. 28 मार्च 2023 को पिछली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ की युगलपीठ ने एनएचआई के प्रोजेक्ट अधिकारी अनिल कुमार के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी किया था

पुलिस अधीक्षक विनायक वर्मा को वारंट तामीली के निर्देश दिये गए थे. अवमानना याचिका पर आज बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान एसपी की तरफ से बताया गया कि प्रोजेक्ट अधिकारी का स्थानातंरण हो गया है, जिसके कारण जमानतीय वारंट तामील नहीं हो पाया है. इस दौरान सरकार की तरफ से जमानतीय वारंट को निरस्त करने का आग्रह भी किया गया.

चीफ जस्टिस रवि मलिमठ की युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है पुलिस अधीक्षक ने हाईकोर्ट रजिस्ट्री को लिखे गये पत्र में जमानतीय वारंट तामील नहीं होने का कारण अधिकारी का स्थानातंरण होना बताया है. इससे हम स्तब्ध हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि हमारे आदेशों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है. युगलपीठ ने सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना को आदेश दिए कि छिन्दवाड़ा एसपी विनायक वर्मा को इस मामले में फैसला आने तक ससपेंड कर दिया जाए.

इसके साथ ही प्रतिवादी के खिलाफ वारंट तामीली की जिम्मेदारी डीजीपी को सौंपी गई हों. याचिका पर अगली सुनवाई 19 अप्रैल को निर्धारित की गई है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता वेद प्रकाश नेमा और अधिवक्ता विभा पाठक ने पैरवी की.

बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीमबर्खास्त बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम

 


बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम

संपादक :  विनय जी डेविड // 9893221036

ED Raid : चर्च ऑफ नार्थ इंडिया का पूर्व डायरेक्टर बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम, अरबों रुपये का मनी लॉन्ड्रिंग मामला


*बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम*

आखिरकार चर्च ऑफ नार्थ इंडिया का पूर्व डायरेक्टर बिशप पीसी सिंह कानूनी शिकंजे में आ ही गया. उसे ईडी ने 13 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया. उस पर आरोप है कि उसने करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की और चर्च की बेशकीमती जमीन भू-माफियाओं को अवैध रूप से बेच दी.


जबलपुर । बर्खास्त बिशप और द बोर्ड आफ एजुकेशन चर्च आफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस के पूर्व चैयरमैन पीसी सिंह के नेपियर टाउन के बंगले से ईडी ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया । सुबह के वक्त ये करवाई की गई। टीम पूर्व बिशप को लेकर भोपाल निकल गई। बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को ईडी ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। ईडी ने मनी लान्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। ज्ञात हो कि टीम संस्था को मिलने वाली विदेशी फंडिंग, चर्च की जमीन समेत अन्य बिन्दुओं पर जांच की और साक्ष्य जुटाए।


बर्खास्त बिशप पीसी सिंह को आज ईडी ने किया गिरफ्तार, भोपाल ले गई टीम

केन्द्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. ईडी ने चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के पूर्व डायरेक्टर बिशप पीसी सिंह ( Former Bishop PC Singh) को गिरफ्तार कर लिया है. ईडी ने उन्हें अरबों रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है . इसके साथ ही ये भी आरोप है कि पीसी सिंह और उनके सहयोगियों ने चर्च ऑफ नार्थ इंडिया की अरबों रुपये की कीमती जमीन और अन्य संपत्तियों को भू-माफियाओं को अवैध रूप से बेचकर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया. इस मामले में ही जांच एजेंसी ने कुछ समय पहले मुंबई, नागपुर सहित कई अन्य लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया था.

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संपादक :  विनय जी डेविड
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Wednesday, April 12, 2023

ईस्टर की पूर्व संध्या पर चर्चो में आयोजित रात्री पास्का जागरण में ख्रीस्त विश्वासियों ने भक्ति और श्रद्धा के साथ भाग लिया

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भोपाल। शहर के विभिन्न गिरजाघरों में चर्च कैलेंडर के अनुसार सबसे पुराना वार्षिक धर्मविधि, ईस्टर विजिल या पास्का जागरण शनिवार की रात को चार भागों में मनाया गयाः प्रकाश, शब्द, बपतिस्मा, और यूख्र्रीस्तीय समारोह। पास्का जागरण के पहले भाग में ब्रह्मांड के चार तत्वोंः अग्नि, वायु, जल और पृथ्वी को आशीषित किया गया। पवित्र धर्म विधि की शुरूआत नई आग की रोशनी की आशीष के साथ शुरू हुई। इस नई आग से पास्का मोमबत्ती जलाया गया। लोगों ने हाथों में मोमबत्ती थामकर जुलूस के रूप में चर्च में प्रवेश किया।  

पास्का जागरण के दुसरे भाग के आरंभ में ओल्ड टेस्टामेंट से रीडिंग निम्नलिखित अध्यायों से पढ़ी गई, इसहाक का बलिदान, लाल सागर को पार करना जो लोगों की मुक्ति की कहानी को दर्शाता है। ठीक रात 12 बजे लोगों ने प्रभु येशु के पुनरूत्थान के गीत गाकर हर्ष मनाया। ‘‘जी उठे प्रभु विजयी बनकर’’ ‘‘ख्रीस्त राजा जी उठे’’ ‘‘मुक्ति विधाता जी उठे’’  जैसे गीतो के माध्यम से प्रभु के जी उठने की खुशियों मनाई गई। यूख्रीस्तीय समारोह के समाप्त होने पर एक दुसरे से हाथ मिलाकर ‘हेप्पी ईस्टर’ कहते हुए बधाईयां दी।



 संत पीटर चर्च में यूख्रीस्तीय समारोह में मुख्य अनुष्ठानकर्ता आर्चबिशप ए. ए. एस दुरईराज थे अपने धर्म उपदेश में उन्होने कहा कि ‘‘ख्रस्तीयों ने यीशु के पुनरुत्थान जिसमें यीशु ने स्वयं को रूपांतरित किया था, इस सच्चाई का वरण कर लिया है, कि यह केवल महान सत्य के राज्य को प्रस्तुत नहीं करता है, बल्कि कब्र से परे जीवन में, एक अनूठे और अनन्त खुशी का प्रयाय भी है। जो भी हम हैं, मौत पर विजय की जीत का स्मरण सदैव रखें। ईस्टर हर्षित और आशा भरी घटना है, इसे हम न केवल मनाते हैं, बल्कि हर रविवार को दुनिया भर में इसका अनुपालन किया जाता है। यह उन सभी लोगों के लिए स्मरणीय घटना है, जो अनंत जीवन मे विश्वास करते हैं।  

फादर मारिया स्टीफन, ने ईस्टर की शुभकमना देते हुए कहा, ‘‘हमें अपनी गलतियो, निराशाओं, विश्वासघात, असफलताओं, अन्यायपूर्ण मौतों आदि के साथ पृथ्वी पर निरंतर रंग बदलती दुनिया में अपने जीवन में ‘छोटा पुनर्जीवन‘ खोजने की जरूरत है। अंत में उन्होने ‘ईस्टर महोत्सव‘ जो कि अगले रविवार १६ अप्रैल  6.30 बजे, संत जोसफ कोएड स्कूल . में आयेजित हो रहा है, में सबको शामिल होने का निमंत्रण दिया। इसमें विभिन्न स्वादिष्ट फूड स्टालों के साथ-साथ चर्चों और स्कूलों के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे।


फा. मारिया स्टीफन- पी.आर.ओ. - आर्चडायसिस ऑफ भोपाल - 9425192954

Sunday, April 9, 2023

धर्मांतरण कर ईसाई बने थे पी सी सिंह, फादर से बिशप बन किया करोड़ों का गबन, जानिए इनकी कहानी



धर्मांतरण कर ईसाई बने थे पी सी सिंह, फादर से बिशप बन किया करोड़ों का गबन, जानिए इनकी कहानी

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विनय जी. डेविड  9893221036

जबलपुर में द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के चेयरमैन बिशप पीसी सिंह के घर गुरुवार को आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो ( EOW) ने छापा मारा। बिशप के घर से करीब 1.65 करोड़ की नगदी बरामद की गई है। एसबीआई की टीम ने नोटों को मशीन से गिना, जिसमें करोड़ों रुपये होने का खुलासा हुआ। ईसाई धर्मगुरु के घर से भारतीय रुपये के साथ ही विदेशी मुद्रा भी मिली है। बिशप के घर से 18 हजार यूएस डॉलर भी बरामद किए गए हैं, जिसका भारतीय मूल्य करीब 14.35 लाख रुपये है। फिलहाल बिशप पीसी सिंह जर्मनी में हैं।  

जानकारी के अनुसार बिशप पीसी सिंह पर कूट रचित दस्तावेज तैयार कर मूल सोसाइटी का नाम बदलने और चेयरमैन रहते हुए करीब 2 करोड़ 70 लाख रुपये धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर कर गबन करने का आरोप है। ईओडब्ल्यू की टीम उनके घर और ऑफिस में संबंधित दस्तावेजों के अतिरिक्त कुल 17 संपत्तियों के दस्तावेज, कुल 48 बैंक खातों से संबंधित दस्तावेज, नगद 1 करोड़ 65 लाख 14 हजार रुपये, 18352 डॉलर, 118 पाउंड, कुल अस्सी लाख बहत्तर हज़ार के सोने के ज़ेवर प्राप्त हुए हैं। 



बिशप के घर छापे में क्या मिला 

जबलपुर के ईसाई धर्मगुरु बिशप पीसी सिंह बिहार के रहने वाले हैं। धर्मांतरण कर वे ईसाई बने थे। पीसी सिंह  हायर एजुकेशन के दौरान ईसाई धर्म स्वीकार किया था। जिसके बाद उन्हें पास्टर की शिक्षा के लिए दिल्ली भेजा गया। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें जबलपुर आ गए। जहां वे एक चर्च में पांच साल तक फादर बने रहे। फादर से वे बिशप बने और इसके बाद उन्होंने बच्चों के फीस के पैसों को धार्मिक संस्थाओं पर खर्च कर करीब 2.7 करोड़ का गबन किया। EOW के छापे में घर पर करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हुआ है।  

48 बैंक खाते मिले 

EOW की कार्रवाई में कुल 17 संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। बिशप और परिवार के 48 बैंक खाते मिले हैं। 80,72,000 रुपये के सोने के जेवर मिले हैं। उनके घर से 9 लग्जरी गाड़ियां जैसे इंडीवर कार, टोयोटा इनोवा, महिन्द्रा TUV 300, फोर्स ट्रेवलर, हुंडई सेंट्रो, डिस्कवरी, होंडा सिटी और रॉयल इनफील्ड मिली हैं। 32 महंगी घड़ियां, बेशकीमती कपड़े, 18 हजार डॉलर, सोने के जेवरात समेत कैश व अन्य सामान मिला। बिशप के विजयनगर-सालीवाड़ा में दो स्कूल हैं, जबकि जबलपुर के कटंगा, विजयनगर और नेपियर टाउन में उनके तीन मकान हैं। बिशप का बेटा पीयूष पॉल क्राइस्ट चर्च बॉय स्कूल का प्रिंसिपल है।



आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को शिकायत मिली थी, जिसकी जांच उप पुलिस अधीक्षक मनजीत सिंह से कराई गई थी। शिकायत में बिशप पी. सी. सिंह, चेयरमैन "द बोर्ड ऑफ एजूकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस' जबलपुर के विरूद्ध कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर मूल सोसायटी का नाम परिवर्तन करना तथा उसका चेयरमैन बनकर पद का दुरूपयोग करते हुए सोसायटी की विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में प्राप्त होने वाली छात्रों की फीस की राशि का उपयोग धार्मिक संस्थाओं को चलाने एवं स्वयं के उपयोग में लेकर गबन करने के आरोप लगाये गये थे।

जांच में शैक्षणिक संस्थाओं से वर्ष 2004-05 से वर्ष 2011-12 के बीच लगभग दो करोड़ सत्तर लाख रुपये की राशि धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर कर इसका दुर्विनियोग करना तथा स्वयं के उपयोग में लेकर गबन करने के आरोप प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाए गए। शिकायत जांच में आये साक्ष्यों के आधार पर आरोपी बिशप पी. सी. सिंह, बी. एस. सोलंकी, तत्कालीन असिस्टेंट रजिस्ट्रार फर्म्स एण्ड संस्थाएं जबलपुर के विरूद्ध धारा 406, 420, 468, 471,120बी भादंवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।



प्रकरण की जांच उप निरीक्षक विशाखा तिवारी कर रही हैं। प्रकरण की विवेचना के दौरान प्रकरण से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेजों एवं गबन की राशि से अर्जित संपत्तियों की जानकारी जुटाने के लिए न्यायालय से विधिवत सर्च वारंट लेकर ईओडब्ल्यू ने गुरुवार सुबह बिशप पी. सी. सिंह के निवास बिशप हाउस, म.नं. 2131 नेपियर टाउन, जबलपुर एवं कार्यालय 2272, नेपियर टाउन, जबलपुर में तलाशी कार्रवाई की जा रही है।



चार्टर्ड प्लेन में सफर करता था बिशप पीसी सिंह

क्या है प्राइवेट जेट में सफर करने वाले ईसाई धर्मगुरु PC सिंह का D कंपनी कनेक्शन?

दाऊद इब्राहिम के खास गुर्गे रियाज भाटी से बिशप पीसी सिंह का कनेक्शन है. बिशप ने रियाज भाटी से मिशनरी के मुंबई स्थित जिमखाना का सौदा 3 करोड़ रुपये में किया था, जिसका एग्रीमेंट मुंबई पुलिस ने रियाज भाटी से पूर्व में ही जब्त किया कर लिया है. क्या है प्राइवेट जेट में सफर करने वाले ईसाई धर्मगुरु PC सिंह का D कंपनी कनेक्शन? .

मध्य प्रदेश के जबलपुर में ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) द्वारा द बोर्ड ऑफ एजूकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया डायोसिस के बिशप पीसी सिंह के निवास एवं कार्यालय में की गई कार्रवाई के बाद रोज एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं, जिसकी चर्चा पूरे प्रदेश के साथ देश के कई राज्यों में हो रही है. इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी समीक्षा बैठक की. उन्होंने अधिकारियों को धर्मांतरण, पैसों का उपयोग कहां किया जाता था, इन सभी बिंदुओं पर जिला प्रशासन और ईओडब्ल्यू को जांच करने के निर्देश दिए हैं. 

 हालांकि धनकुबेर बिशप पीसी सिंह का अब एक और नया कनेक्शन सामने आया है. सूत्र बताते हैं कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के खास गुर्गे रियाज भाटी से भी बिशप पीसी सिंह का कनेक्शन है. बताया जा रहा है कि बिशप ने रियाज भाटी से मिशनरी के मुंबई स्थित जिमखाना का सौदा तीन करोड़ रुपये में किया था, जिसका एग्रीमेंट मुंबई पुलिस ने रियाज भाटी से पूर्व में ही जब्त किया कर लिया है.

Friday, April 7, 2023

क्रूस पर कहे गए यीशु के अन्तिम सात वचन कौन से हैं और उनका क्या अर्थ है?

 

क्रूस पर कहे गए यीशु के अन्तिम सात वचन

क्रूस पर कहे गए यीशु के अन्तिम सात वचन कौन से हैं और उनका क्या अर्थ है?

यहाँ नीचे वे सात कथन पाए जाते हैं, जिन्हें यीशु मसीह ने क्रूस के ऊपर से बोला था (किसी विशेष व्यवस्था में नहीं दिए गए हैं):

(1) मत्ती 27:46 हमें उस नौवें घण्टे के बारे में बताता है, जब यीशु ने ऊँची आवाज में पुकार कर कहा था, "एली, एली, लमा शबक्तनी?" जिसका अर्थ, "हे मेरे परमेश्‍वर, तूने मुझे क्यों छोड़ दिया है?" यहाँ पर, यीशु त्यागे जाने की अपनी भावना को व्यक्त कर रहा था जब परमेश्‍वर ने उसके ऊपर संसार के पापों को डाल दिया था — और इस कारण परमेश्‍वर को यीशु की ओर से "मुड जाना" पड़ा था। जब यीशु पाप के भार को महसूस कर रहा था, वह शाश्‍वतकाल से लेकर अब तक केवल इसी समय में परमेश्‍वर से पृथकता का अनुभव कर रहा था। यह साथ ही भजन संहिता 22:1 के भविष्यद्वाणी किए हुए कथन की पूर्णता थी।

(2) "हे पिता, इन्हें क्षमा कर क्योंकि यह नहीं जानते कि क्या कर रहे हैं" (लूका 23:46)। यीशु को क्रूसित करने वाले पूर्ण व्यापकता के साथ नहीं जानते थे, कि वे क्या कर रहे थे, क्योंकि उन्होंने उसे मसीह के रूप में नहीं पहचाना था। ईश्‍वरीय सत्य के प्रति उनकी अज्ञानता का अर्थ यह नहीं है कि वे क्षमा को पाने के पात्र थे, और उनके द्वारा किए जाने वाले ठट्ठों के मध्य में मसीह की प्रार्थना ईश्‍वरीय अनुग्रह की असीमित दया की एक अभिव्यक्ति है।

(3) "मैं तुझ से सच कहता हूँ कि आज ही तू मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा" (लूका 23:43)। इस कथन में, यीशु क्रूस के ऊपर लटके हुए एक अपराधी को आश्‍वस्त कर रहा है कि जब उसकी मृत्यु होगी, तब वह यीशु के साथ स्वर्गलोक में होगा। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि यहाँ तक मृत्यु के क्षण में भी, उस अपराधी ने यीशु में अपने विश्‍वास को जो वह था उसकी पहचान करते हुए व्यक्त किया था (लूका 23:42)।

(4) "हे पिता, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूँ" (लूका 23:46)। यहाँ पर, यीशु स्वेच्छा से अपने प्राण को पिता के हाथों में सौंप देता है, जो इस बात का द्योतक है कि वह मरने वाला है और परमेश्‍वर ने उसके बलिदान को स्वीकार कर लिया है। "उसने अपने आप को सनातन आत्मा के द्वारा परमेश्‍वर के सामने निर्दोष चढ़ाया" (इब्रानियों 9:14)।

(5) "हे नारी, देख, यह तेरा पुत्र है!" और "यह तेरी माता है!" जब यीशु ने क्रूस के पास प्रेरित यूहन्ना को अपनी माता के साथ खड़ा हुआ देखा, जिसको वह प्रेम करता था, तब उसने यूहन्ना के हाथों में अपनी माता की देखभाल किए जाने के लिए उसे सौंप दिया। और उस घड़ी से ही यूहन्ना उसे अपने घर ले गया (यूहन्ना 19:26-27)। इस वचन में यीशु, सदैव के लिए एक तरस से भरे हुए पुत्र के रूप में, यह सुनिश्चित कर रहा है, कि उसकी पार्थिव माता की देखभाल मृत्यु उपरान्त की जानी चाहिए।

(6) "मैं प्यासा हूँ" (यूहन्ना 19:28)। यीशु यहाँ पर भजन संहिता 69:21 में दी हुई मसीही सम्बन्धी भविष्यद्वाणी को पूरा कर रहा है : "लोगों ने मेरे खाने के लिये इन्द्रायन दिया, और मेरी प्यास बुझाने के लिए मुझे सिरका पिलाया।" यह कहने के द्वारा कि वह प्यासा था, उसने रोमी सुरक्षा प्रहरी को उसे सिरका पिलाने के लिए प्रेरित किया, जिसे क्रूसीकरण के समय दिए जाने की प्रथा थी, इस तरह से उसने भविष्यद्वाणी को पूरा किया।

(7) "पूरा हुआ!" (यूहन्ना 19:30)। यीशु के इस अन्तिम वचन का अर्थ यह है कि उसके दु:ख पूरे हो गए थे और उसके पिता के द्वारा दिए हुए सारे कार्य को उसने पूरा कर दिया था, जिसमें सुसमाचार का प्रचार करना, आश्चर्यकर्मों को प्रगट करना, और उसके लोगों के लिए शाश्‍वतकालीन उद्धार की प्राप्ति थी, को पूरा कर दिया गया था। पाप के ऋण को चुका दिया गया था।

Thursday, April 6, 2023

मेथोडिस चर्च के रेवरेंट मनीष गेडियन गया जेल विशप एम. ए. डेनियल, एरिक पी. नाथ फरार

 


मेथोडिस चर्च के रेवरेंट मनीष गेडियन गया जेल विशप एम. ए. डेनियल, एरिक पी. नाथ फरार

मेथोडिस चर्च के रेवरेंट मनीष गेडियन गया जेल विशप एम. ए. डेनियल, एरिक पी. नाथ फरार

पूर्व मॉडरेटर पीसी सिंह के बाद ईसाई समाज का एक और नटवरलाल मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज  पादरी मनीष गिडियन एग्जीक्यूटिव सेक्रेट्री एवं मैनेजर जॉनसन स्कूल को सुबह गिरफ्तार किया, आज मनीष गिडियन को माननीय न्यायालय ने जबलपुर सेंट्रल जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया, आर्थिक अपराध इकाई जबलपुर ने सुबह गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया और शाम 6:00 बजे न्यायालय से लेकर विक्टोरिया हॉस्पिटल मेडिकल कराकर उनको जेल की अंदर प्रवेश करा दिया जबलपुर की माननीय न्यायालय ने 14 दिन के लिए जेल भेज दीया जेल पहुंचने पर समाज के कम से कम 40 से 45 सदस्यगण जेल परिसर के बाहर खड़े रहे ईसाई समाज के खड़े रहे 

मेथोडिस चर्च के रेवरेंट मनीष गेडियन गया जेल विशप एम. ए. डेनियल, एरिक पी. नाथ फरार

उनके चेहरे पर इनकी जेल जाने की खबर हजम नहीं हो रही थी कई सदस्य गणों ने और इस प्रकरण में आरोपी के वकील द्वारा भी पत्रकारों के साथ जेल जाने की वीडियो कवरेज के समय में गाली गलौज और जान से मारने की धमकी दी गई, की जेल में प्रवेश करने की कोई भी वीडियो पत्रकार नहीं बनाए और पत्रकारों के मोबाइल भी छीनने की कोशिश की, मनीष गिडियन की जमानत अर्जी खारिज होने और पक्ष की बहस में अपनी नाकामी के आक्रोश में उक्त वकील ने पत्रकारों को दिल खोलकर मां बहन की गालियां दी और बोले वीडियो बनाना का पत्रकारों कोई हक नहीं. 

मेथोडिस चर्च के रेवरेंट मनीष गेडियन गया जेल विशप एम. ए. डेनियल, एरिक पी. नाथ फरार

खैर मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज रेवरेंट मनीष गेडियन को जेल भेजने के बाद अभी दो आरोपी और फरार विशप एम. ए. डेनियल, एरिक पी. नाथ फरार हैं जिसकी जानकारी आप लोग मुझे भेज सकते हैं लोकेशन मिलने पर हम फरार लोग गिरफ्तार कराने में शासन की मदद करेंगे

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Tuesday, April 4, 2023

मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज विशप एम. ए. डेनियल, मनीष एस गिडियन, एरिक पी. नाथ की अग्रिम जमानत की सुनवाई 3 अप्रैल २०२३ को जबलपुर कोर्ट में हुई माननीय न्यायालय ने इन चिटरबाजों की जमानत निरस्त, जल्द जायेंगे गिरफ्तार होकर जेल

 

मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज विशप एम. ए. डेनियल, मनीष एस गिडियन, एरिक पी. नाथ की अग्रिम जमानत की सुनवाई 3 अप्रैल २०२३ को जबलपुर कोर्ट में हुई माननीय न्यायालय ने इन चिटरबाजों की जमानत निरस्त, जल्द जायेंगे गिरफ्तार होकर जेल


जबलपुर, मेथोडिस चर्च संस्थान के घोटालेबाज विशप एम. ए. डेनियल, मनीष एस गिडियन, एरिक पी. नाथ की अग्रिम जमानत की सुनवाई 4अप्रैल २०२३ को जबलपुर कोर्ट में हुई माननीय न्यायालय ने इन चिटरबाजों की जमानत निरस्त, जल्द जायेंगे गिरफ्तार होकर जेल

राहुल गांधी ने मानहानि मामले में सजा के खिलाफ सूरत कोर्ट में अर्जी की दाखिल

 


राहुल गांधी ने मानहानि मामले में सजा के खिलाफ सूरत कोर्ट में अर्जी की दाखिल

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सूरत;  'मोदी सरनेम' केस में लोकसभा की सदस्यता गंवा चुके कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इस फैसले को चुनौती देने के लिए सोमवार (3 अप्रैल) को सूरत कोर्ट पहुंचे. इस मामले में उनकी तरफ से दो याचिकाएं दाखिल की गईं. पहली याचिका दोषसिद्धि (Conviction) पर रोक लगाने की है और दूसरी याचिका सजा को सस्पेंड करने से जुड़ी है. कोर्ट ने उनको जमानत देते हुए.

इस याचिका पर 13 अप्रैल को सुनवाई करने का फैसला लिया. चलिए आपको बताते हैं राहुल ने अपनी अर्जी में क्या कहा है.   राहुल गांधी ने कहा कि निचली अदालत ने उनके साथ सख्ती बरती, जो एक सांसद के तौर पर उनके दर्जे से अत्यधिक प्रभावित थी. उन्होंने कहा कि 'मोदी समाज या रिकॉर्ड पर समुदाय' जैसी कोई चीज नहीं है. आपराधिक मानहानि मामले में 23 मार्च को मजिस्ट्रेट अदालत की ओर से उनकी दोषसिद्धि 'त्रुटिपूर्ण' और स्पष्ट रूप से गलत थी.

उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें एक ऐसे तरीके से सजा सुनाई गई कि वह संसद सदस्य के तौर पर अयोग्य हो जाएं. उनका कहना है कि विपक्ष में एक राजनेता हमेशा अच्छे शब्दों में नहीं तौला जा सकता है. इसलिए कोर्ट पर निर्भर है कि भाषण के सार और भावना पर ध्यान केंद्रित किया जाए न कि टोन और टेनर पर. अर्जी के मुताबिक, मजिस्ट्रेट अदालत का फैसला पूर्वधारणा, अनुमान, अटकलबाजी और परिकल्पना के आधार पर जारी किया गया, जिसकी कहीं से भी आपराधिक कानून में अनुमति नहीं है.

उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि एक मजबूत और समझौता न करने वाला विपक्ष एक "सच्चे और स्वस्थ लोकतंत्र" के लिए बेहद जरूरी है. विपक्ष के किसी सांसद से सतर्क और आलोचनात्मक बयानों की ही उम्मीद या अपेक्षा की जाती है. ट्रायल कोर्ट का यह विचार कि एक सांसद को उसकी हैसियत के कारण बड़ी सजा दी जानी चाहिए, ये पूरी तरह से अनुचित और स्पष्ट रूप से अन्याय है. 

दरअसल, राहुल गांधी को 'मोदी सरनेम' से जुड़ी उनकी 2019 की टिप्पणी के लिए कोर्ट ने दो साल की जेल की सजा सुनाई थी. राहुल गांधी ने 13 अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान एक रैली को संबोधित करते हुए ये टिप्पणी की थी. अब इस मामले में 13 अप्रैल को अगली सुनवाई होनी है. हालांकि, राहुल गांधी को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश होने की जरूरत नहीं होगी. सोमवार को कोर्ट में राहुल के साथ उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के अन्य नेता भी मौजूद थे.