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Wednesday, June 7, 2023

मानव अधिकार क्रांति संगठन ने पौधरोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया

 
मानव अधिकार क्रांति संगठन ने पौधरोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया

(मानव अधिकार क्रांति संगठन द्वारा संगोष्ठी) 

जबलपुर में मानव अधिकार क्रांति संगठन के द्वारा एक संगोष्ठी का आयोजन मढा़ताल पार्क में  प्रदेश अध्यक्ष डाँ गीता पांडेय, "ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन" (आइसना) के प्रांतीय अध्यक्ष विनय जी. डेविड की अध्यक्षता में कार्यक्रम का संयोजन जिला अध्यक्ष ममता ठाकुर एवं राजकुअँर के द्वारा किया गया 


मानव अधिकार क्रांति संगठन ने पौधरोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया

और पर्यावरण दिवस पर सभी ने अपने अपने विचार रखें पौधारोपण  करने के पश्चात संगोष्ठी  में सभी अपने विचार रखे कार्यक्रम में संस्था के डाँ मुकेश जैन, जगदीश शर्मा, एड भावना निगम , ज्योति दुबे , मीना पांडे , प्रेमलता ठकार, नीलम शर्मा, रोशनी कुमंरे, हेमलता तिवारी, प्रीति रूसिया, अंजुला दीक्षित, रेखा विश्वकर्मा , सुधा तिवारी, किरण पंडित, नाज, यशवंत कोस्टा, पंकज मेहता ,अशोक चौधरी, संजय शर्मा, तुषार चौहान, अभिषेक गांगुली , प्रवीण मेहरोत्रा, इंद्र कुमार कुशवाहा, साकेत कुमार अग्रहरी दिलीप गोस्वामी, आदर्श शर्मा, राजेश पांडेय आदि सदस्य उपस्थित रहे ।


मानव अधिकार क्रांति संगठन ने पौधरोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया

आज विश्व पर्यावरण दिवस पर उठाएं संकल्प,

ताकि हो सके आपके स्वस्थ जीवन का काया कल्प!

अगर बचाना है प्रलय से मानवता के जीवन तो,

तो पर्यावरण संरक्षण ही है एक मात्र विकल्प!!


विश्व पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएं!

Monday, June 5, 2023

RTI : सूचना के अधिकार की जानकारी छुपाने वाले लोक सूचना अधिकारी केस ट्रांसफर के बाद भी नपे, सूचना आयोग ने लगाया 25 हजार का जुर्माना


RTI : सूचना के अधिकार की जानकारी छुपाने वाले लोक सूचना अधिकारी केस ट्रांसफर के बाद भी नपे, सूचना आयोग ने लगाया 25 हजार का जुर्माना

सूचना आयोग ने लिखार के उपर एक RTI के प्रकरण में ₹25000 का जुर्माना लगाया और दूसरे प्रकरण में लिखार के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के भी आदेश दिए हैं।

खबरें और विज्ञापन के लिए संपर्क में रहें : 9893221036

भोपाल, जुर्माने का नोटिस जारी होते ही राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह के यहाँ से अपनी सुनवाई ट्रांसफर करने पर भी नही बच पाए भोपाल के चीफ़ सिटी प्लानर नीरज आनंद लिखार। सूचना आयोग ने लिखार के उपर एक RTI के प्रकरण में ₹25000 का जुर्माना लगाया और दूसरे प्रकरण में लिखार के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के भी आदेश दिए हैं।

आयोग जारी करने वाला था बेलेबल वारंट
जुर्माने की कार्रवाई  मुख्य सूचना आयुक्त ए. के. शुक्ला द्वारा की गई है। ये दोनो RTI अपील प्रकरण पूर्व में राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह के समक्ष प्रस्तुत किए गए थे। दोनो प्रकरणों में राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने चीफ सिटी प्लानर नीरज आनंद लिखार को दोषी पाते हुए जुर्माने और अनुशासनिक कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किए थे। जनवरी 2023 से बार-बार आयोग के आदेश की अवहेलना करते हुए लिखार आयोग के समक्ष भी हाजिर नहीं हो रहे थे ना वे सिंह द्वारा जारी कार्रवाई की नोटिस का जवाब भी दे रहे थे। इसको भी सिंह ने इस को गंभीरता से लेते हुए निखार को चेतावनी दी थी कि अगर वे आयोग के समक्ष सुनवाई में नहीं आएंगे तो उनके विरुद्ध बेलेबल वारंट जारी किया जायेगा।


कार्रवाई से बचने के लिए प्रकरण ही ट्रांसफर कराया


लिखार ने सिंह की कार्रवाई से बचने के लिए अपने दोनों प्रकरणों को सूचना आयुक्त राहुल सिंह की कोर्ट से किसी अन्य स्थान पर ट्रांसफर करने की एप्लीकेशन दे दी यह कहते हुए कि उन्हें सिंह से न्याय मिलने की उम्मीद कम है। वही इस इस प्रकरण में सिंह ने भी तत्काल कार्रवाई करते हुए लिखार की दोनों आरटीआई अपील प्रकरणों को अपने खंडपीठ से अन्य खंडपीठ में सुनवाई के लिए अंतरित करने के लिए मुख्य सूचना आयुक्त एके शुक्ला को लिख दिया था। साथ में सिंह ने यह भी टिप्पणी कर दी कि उनके द्वारा इस प्रकरण में  कार्रवाई करते हुए लिखार को प्रथम दृष्टया दोषी भी पाया गया था तब से जुर्माने से बचने के लिए निखार द्वारा अपने प्रकरण में न्याय की उम्मीद कम दिखने लगी।


जुर्माने  के साथ हुई अनुशासनिक कार्रवाई

सिंह के पास से यह मामला ट्रांसफर होने पर मुख्य सूचना आयुक्त एके शुक्ला ने इस प्रकरण में कार्रवाई करते हुए सिंह द्वारा जारी किए गए शो कॉज नोटिस को सही पाया और आनंद नीरज निखार के ऊपर ₹25000 का जुर्माना लगा दिया वही दूसरे प्रकरण में भी सिंह द्वारा जारी शो कॉज नोटिस के तथ्यों को सही पाते हुए एके शुक्ला ने भोपाल नगर निगम के आयुक्त को आनंद नीरज लिखार के  विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई के लिए आदेशित किया है।


RTI  में यह जानकारी मांगी थी


भोपाल के आरटीआई आवेदक समीउल्लाह खान नगर निगम के चीफ सिटी प्लानर से भवन अनुज्ञा शाखा द्वारा जारी एक मकान के कंस्ट्रक्शन की एनओसी की जानकारी मांगी थी। जिसे नीरज आनंद निखारने देने से मना कर दिया यह कहते हुए कि यह मकान मालिक की व्यक्तिगत जानकारी है। इस मामले में अपर आयुक्त नगर निगम शाश्वत मीणा भी जानकारी उपलब्ध कराने के आदेश जारी किए थे लेकिन उनके आदेशों की भी अवहेलना करते हुए लिखार ने जानकारी उपलब्ध नहीं कराई थी। वही दूसरे आरटीआई प्रकरण में समीउल्लाह खान ने एक अतिक्रमण की शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई है उसकी जानकारी मांगी थी यह जानकारी भी चीफ सिटी प्लानर ने समीउल्लाह को उपलब्ध नहीं कराई।


अतिक्रमण की जानकारी को RTI मे रोका नही जा सकता: सिंह

इन दोनों प्रकरणों में स्थिति को साफ करते हुए सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने यह कहा था कि अतिक्रमण की जानकारी को जनहित में दिया जाना चाहिए था वही किसी भी मकान के निर्माण के लिए जारी एनओसी को व्यक्तिगत जानकारी होने के आधार पर नहीं रोका जा सकता है। ये पूरी तरह से जनहित का मुद्दा है और अवैध निर्माण के ऊपर कारवाई शासन नियम और कानून के अनुरूप करता है। सिंह ने यह भी स्पष्ट किया था कि  अवैध निर्माण और अतिक्रमण में की गई कार्रवाई को अधिकारियों को स्वतः वेबसाइट  पर ही उपलब्ध करा देना चाहिए।  ताकि अवैध निर्माण के संबंध में चल रही कार्रवाई में कसावट सुनिश्चित होगी, साथ ही अधिकारियों की जवाबदेही भी बनेगी। इंदौर के मंदिर में हुए हादसे का जिक्र करते हुए सूचना आयुक्त सिंह ने यह भी लिखा कि अगर इस तरह की जानकारी को पारदर्शी तरीके से पहले ही जनता के सामने रखा जाएगा तो अवैध निर्माण की वजह से होने वाले हादसों पर भी रोक लगेगी।

Friday, June 2, 2023

RTI : सूचना के अधिकार की धज्जियां उड़ाने वाली महिला बाल विकास विभाग की दो अधिकारियों पर 25-25 हजार का जुर्माना

RTI : सूचना के अधिकार

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महिला बाल विकास विभाग की दो महिला अधिकारियों रचना बुधोलिया और प्रेमवती चढ़ार पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना किया गया है।

MP State Information Commission: 

भोपाल । मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग ने महिला बाल विकास विभाग की दो महिला अधिकारियों रचना बुधोलिया और प्रेमवती चढ़ार पर 25-25 हजार रुपये के जुर्माना लगाया हैं। विभाग की ही एक महिला कर्मचारी को सूचना का अधिकार के अंतर्गत जानकारी नहीं देने पर यह निर्णय लिया गया है। साथ ही आवेदक से लिया गया तीन हजार दो सौ रुपये का शुल्क भी लौटाने का आदेश दिया।

आवेदक ऋचा दुबे ने 25 मई 2022 को महिला एवं बाल विकास विभाग के सागर कार्यालय से आवक-जावक पंजी की प्रति मांगी थी। लोक सूचना अधिकारी ने समय सीमा में उनसे तीन हजार दो सौ रुपये का शुल्क भी ले लिया पर उन्हें जानकारी नहीं मिली। प्रथम अपीलीय आदेश के बावजूद 15 दिन में दस्तावेज नहीं दिए गए तो प्रकरण राज्य सूचना आयोग के समक्ष आया।

आयोग ने धारा 20 के अंतर्गत जुर्माने का नोटिस जारी किया। अपने बचाव में लोक सूचना अधिकारी रचना बुधौलिया ने कहा कि जानकारी विस्तृत थी और पंचायत चुनाव के कारण जानकारी देना संभव नहीं हुआ। सुनवाई में सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी ने बचाव पक्ष की दलीलों को अमान्य करते हुए 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और शुल्क की राशि लौटाने के आदेश दिए।

इसी तरह एक अन्य आवेदन में विभाग के मालथौन कार्यालय में सात अप्रैल 2022 को ऋचा दुबे ने आंगनबाड़ी भवनों के किराए से जुड़े दस्तावेज मांगे थे, लेकिन न तो 30 दिन में कोई जवाब दिया गया और न ही प्रथम अपीलीय आदेश का पालन हुआ। आयोग की सुनवाई में यह हर स्तर पर सूचना के अधिकार की अवहेलना का प्रकरण माना गया।

अपीलार्थी का कहना था कि आंगनबाड़ियों के किराए के नाम पर यह वित्तीय अनियमितताओं के दस्तावेज हैं, इसलिए जानबूझकर टालमटोल की गई। उन्हें मजबूर होकर आयोग तक आना पड़ा। अंतत: दस माह के विलंब से उन्हें जानकारी मिली। लोक सूचना अधिकारी प्रेमवती चढ़ार को भी इस मामले में नोटिस दिया गया और 25 हजार रुपए जुर्माना का आदेश हुआ।

आयोग ने अपने निर्णय में कहा कि महिला बाल विकास विभाग के एक से अधिक मामलों में यह देखा गया है कि लोक सूचना आधिकारियों को अपनी भूमिका का ही ज्ञान नहीं है। राज्य सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी का कहना है कि सूचना का अधिकार कानून 18 साल पुराना हो चुका है लेकिन लोक सूचना अधिकारियों को 30 दिन की अमूल्य समय सीमा संज्ञान में नहीं है। मामूली सी जानकारियों के प्रकरण आयोग तक आते हैं। कुछ विभागोंं का रवैया तो बेहद चिंताजनक है।