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Thursday, May 21, 2020

कोरोना का इलाज और आसान होगा, मध्य प्रदेश में 1391 फीवर क्लीनिक शुरू

कोरोना का इलाज और आसान होगा, मध्य प्रदेश में 1391 फीवर क्लीनिक शुरू

TOC NEWS @ www.tocnews.org
भोपाल // विनय जी. डेविड 9893221036 
भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के सभी जिलों में 1391 फीवर क्लीनिक ने कार्य करना प्रारंभ कर दिया है जिनमें अभी तक 42 हजार 151 व्यक्तियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इनमें से 30 हजार 555 व्यक्तियों को 'होम आइसोलेशन' में रहने की सलाह दी गई तथा 6050 व्यक्तियों के कोरोना टेस्ट के लिए सैम्पल लिए गए। टेस्ट किए गए व्यक्तियों में से 2959 व्यक्तियों को कोविड केयर सेंटर्स/अस्पताल में भिजवाया गया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी श्री विवेक जौहरी, एसीएस हैल्थ श्री मोहम्मद सुलेमान आदि उपस्थित थे।
कोरोना का इलाज और आसान होगा
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि फीवर क्लीनिक के माध्यम से जनता के लिए स्वास्थ्य जाँच एवं उपचार और आसान होगा। ये फीवर क्लीनिक धीरे-धीरे हर मोहल्ले, वार्ड, क्षेत्र में प्रारंभ की जाएंगी। ये शासकीय एवं निजी दोनों होंगी। यहां कोई भी व्यक्ति जाकर आसानी से स्वास्थ्य जाँच करवा सकेगा तथा चिकित्सकीय परामर्श प्राप्त कर सकेगा। इसके अलावा सभी शासकीय एवं अनुबंधित चिकित्सालयों में कोरोना की नि:शुल्क जाँच व उपचार की सुविधा पूर्ववत जारी रहेगी।
ग्वालियर जिले में टैस्ट के एक प्रतिशत से कम पॉजिटिव
ग्वालियर जिले की समीक्षा में बताया गया कि जिले में अभी तक 9617 कोरोना टेस्ट किए गए, उनमें से 83 पॉजिटिव निकले जो एक प्रतिशत से भी कम है। सभी मरीज अच्छी हालत में हैं। गाइडलाइन अनुसार बाजार खोले जाने एवं रात्रिकालीन प्रतिबंध जारी रखने के निर्देश दिए गए।
मुरैना में 58 में 25 स्वस्थ
मुरैना जिले की समीक्षा में बताया गया कि जिले के 58 कोरोना मरीजों में से 25 ठीक होकर घर चले गए हैं। कोई डैथ नहीं है। मरीजों की हालत अच्छी है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पूरी सावधानी रखें, संक्रमण फैलना नहीं चाहिए।
बारात नहीं निकाली जा सकती
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गाइडलाइन के नियम अनुसार संक्रमित क्षेत्रों के बाहर  शादी में दोनों पक्षों से 25-25 अधिकतम 50 सदस्य शामिल होने की अनुमति दी गई है, परंतु विवाह समारोह नहीं किया जा सकता और न ही बारात निकाली जा सकती है। नियम तोड़ने पर एफआईआर दर्ज की जाए। बताया गया कि जाटखेड़ी भोपाल में एक बारात आई जिसमें दुल्हन संक्रमित हुई तथा 35 बारातियों को क्वारेंटाइन किया गया है।

उत्तर प्रदेश,बिहार एव झारखंड के मजदूरों को भेजने के लिये चल रही कवायद, राजस्थान के मजदूरों के लिये भी मशक्कत जारी

उत्तर प्रदेश,बिहार एव झारखंड के मजदूरों को भेजने के लिये चल रही कवायद, राजस्थान के मजदूरों के लिये भी मशक्कत जारी

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
नागदाऔद्योगिक शहर नागदा से मध्यप्रदेश के बाहर से आए हुवे उत्तर प्रदेश,बिहार,झारखंड,राजस्थान के मजदूरों एव कोरिना के कारण लॉक डाऊन मे फंसे लोगो के लिये भाजपा सांसद अनिल फिरोजिया के प्रतिनिधि के रूप मे प्रकाश जैन द्वारा किये गये प्रयासो को सुने उन्ही की जुबानी। देखे वीडियो न्यूज़ ।

घर पर रहें, सतर्क रहें, सुरक्षित रहें, सावधान रहें, ANI News India की अपील 

मैं 'मज़बूर' मज़दूर क्या...? अधमरे मजदूरों को पूरा मार देंगी सरकारें....?

मैं 'मज़बूर' मज़दूर क्या...? अधमरे मजदूरों को पूरा मार देंगी सरकारें....?

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मजदूरों को लेकर राज्यों के बीच तालमेल का अभाव
  • विजया पाठक
लॉकडाउन को दो माह बीत चुके हैं। इन दो माह में देश के 12 करोड़ मजदूर अभी भी दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर हैं। इरादों से बुलंद मजदूर अपनी बेबसी, लाचारी और कमजोरी के चलते अब राजनीति की भी भेंट चढ़ने लगा है। राज्यों की सीमाओं में फंसे इस प्रवासी मजदूरों की सुध तक नही ली जा रही है। राज्य सरकारें इन्हें बांटने पर तुली हुई हैं। जिसके परिणाम है कि दो माह बाद भी अपने घरों तक नहीं पहुँच पा रहे हैं।
सैकड़ों कि.मी. पैदल चलने के बाद भी राज्यों की सीमाओं पर फंसे हैं। प्रवासी मजदूरों को राज्यों में बांटकर नेताओं ने बेशर्मी की सारी हदें पार कर दी हैं। किसी ने कल्पना नहीं की होगी कि एक दिन मजदूरों की बेबसी पर राजनीति हो सकती है। उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्‍थान, गुजरात जैसे तमाम राज्य हैं जो मजदूरों के पलायन पर एक-दूसरों पर छींटाकशी कर रहे हैं। इन्हें एक बात समझनी चाहिए कि यह सिर्फ देश के निर्माणकर्ता भर हैं। अपने खून-पसीने और मेहनत से इन्हों ने देश को खड़ा किया है।
लेकिन विडम्बना ही है कि राजनेताओं के कारण आज इस लॉकडाउन में सबसे ज्यादा मजदूर वर्ग ही परेशान है। रोजी-रोटी तो छिनी ही अब इन्हें अपनी जन्म-भूमि भी नसीब नहीं हो पा रही है। बड़ी त्रासदी है कि राज्य सरकारें आपसी तालमेल के अभाव में इन्हें अपनाने में आना-कानी कर रही हैं। हर रोज हम इस मीडिया और सोशल मीडिया नेटवर्क पर मजदूरों की बेबसी की तस्वींरें देख रहे हैं। कोई मॉं अपने बच्चों को लेकर चल रही है तो कोई बेटा अपने मॉं-बाप को कंधों पर बिठाकर चल रहा है। तस्वीरें हमें बहुत बिचलित करती हैं। ताज्जुब है कि हमारी सरकारें इन तस्वीरों को देखकर भी पसीज नही रही है। इनकी मानवता और मानवीयता बिल्कुल मर चुकी है।
कोरोना काल में जो दुर्दशा मज़दूर की हुई है उससे सबकी आंखों में पानी उतर रहा है, गले में रुदन हो रही है। आज की स्थिति में लगभग 70% प्रवासी कामगारों के पास न पैसे हैं न काम हैं। वे घर जाना चाहते हैं। अकेले गुजरात में 30 लाख प्रवासी कामगारों ने घर वापसी का आवेदन कर रखा है पर 10% की भी जाने की व्यवस्था सरकार द्वारा नहीं की है बल्कि उनका मार्ग अवरुद्ध कर रखा है।
यही स्थिति कमोवेश सभी औधोगिक राज्यों की है। प्रवासी मज़दूर की दुर्दशा के लिए हमारी प्रतिक्रिया आज के भारत का पतन दर्शाती है, निचले वर्ग (गरीब मज़दूर) की असमानताएं, समाज के नैतिक मूल्यों की हानि, राजनीति का पक्षघात और विषाक्त मीडिया, क्या हम दूर नाइजीरिया में कुछ मानवीय संकटों पर प्रतिक्रिया कर रहे थे उससे खराब स्थिति तो भारत की है। तालाबंदी के कारण 12 करोड़ से अधिक व्यक्तियों को अचानक नौकरी से हाथ धोना पड़ा। इनमें से चार करोड़ से अधिक प्रवासी मजदूर हो सकते हैं। स्ट्रैंडर्ड वर्कर्स एक्शन नेटवर्क (स्वान) द्वारा चलाए जा रहे हेल्पलाइन नंबर पर कॉल के आधार पर एक सर्वेक्षण से उनकी स्थिति के बारे में पता लगता है। उनमें से 90 प्रतिशत को लॉकडाउन अवधि में किसी को भी वेतन का भुगतान नहीं किया गया है।
80 फीसदी को कोई राशन नहीं मिला है। नौकरी के बिना और भविष्य की आशा के बिना ये प्रवासी श्रमिक अब बस एक चीज़ चाहता है घर वापसी। जाहिर है, एक करोड़ से अधिक श्रमिकों ने अपने घरों में लौटने के लिए पंजीकरण किया है। सरकार की ओर से यह कहते हुए तालाबंदी शुरू हुई कि प्रवासी श्रमिक मौजूद नहीं थे। सरकार के मूल दिशानिर्देशों में उनके बारे में एक शब्द भी नहीं था। उन्हें केवल तभी देखा गया जब उनमें से लाखों ने सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलना शुरू किया। कैमरों को दिखाई देने वाली भीड़ को तितर-बितर कर इस समस्या का प्रबंधन किया गया। उनमें से कुछ को बसों में पैक किया गया, अन्य को अस्थायी राहत शिविरों में भेज दिया गया। किसी को भी यात्रा करने की अनुमति नहीं देने के सख्त आदेश जारी किए गए थे। वे रुके नहीं, लाखों ने चलना जारी रखा।
लेकिन वे टीवी की सुर्खियों में नहीं थे। उस समय पाकिस्तान और हिंदु लिंचिंग प्राइम टाईम मे चल रहा था। जिन लोगों की पहली चिंता की गई उनमें उत्तराखंड में फंसे गुजराती पर्यटक, वाराणसी में फंसे आंध्र के तीर्थयात्री, पंजाबी तीर्थयात्री, कोटा में पढ़ रहे मध्यवर्गीय बच्चे, विदेशी नागरिक जिन्हें विशेष फ्लाइट पकड़ने की जरूरत थी और निश्चित रूप से किसी बड़े या छोटे वीआईपी से संबंधित थे। वे संक्रमित हो सकते हैं; वास्तव में उनमें से कई संक्रमित निकले। अब भारतीय रेलवे ने 15 लाख प्रवासी मज़दूरों के लिये श्रमिक ट्रेनें चलायी। उसके लिये वे शाबासी ले रहे हैं। जबकि भारतीय रेलवे कोरोना काल से पहले 2 करोड़ लोगों का रोज परिवहन करती थी। इसी भारतीय रेलवे ने भूकंप के बाद नेपालियों के लिए भी मुफ्त ट्रेनें चलाईं थी। पर इस देश में गरीब मज़दूर की किसी ने चिंता नहीं की।
बात मध्य प्रदेश की तो पहले से अधमरे मजदूरों को इस लॉकडाउन के बाद पूरा मारा जा रहा है, मध्य प्रदेश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र ने श्रम कानूनों में बदलाव किया गया। इसका एक महत्वपूर्ण भाग है वर्किंग ऑवर बढ़ाना। पहले श्रम कानून के हिसाब से हफ्ते में श्रमिक 6 दिन काम करता था और रोजाना 8 घंटे मतलब हफ्ते के 48 घंटे के बाद एक रेस्ट दिन होता था, जिसे बदलकर अब दिन के 12 घंटे रोज और हफ्ते के 72 घंटे कर दिया गया है। इस नये कानून की मूलभावना सामंतवादी प्रतीत होती है। एक तो पुराने कानून में संशोधन करते वक्त किसी मज़दूर संगठन से मंत्रणा नहीं की। कम से कम भारतीय मजदूर संघ जो कि‍ आर.एस.एस की सह्योगी संस्था है उसी से मंत्रणा कर लेते। 
यह राज्यस सरकारों की बहुत बड़ी गलतफहमी है कि मजदूर किसी का नहीं है। यह वह वर्ग है जो सत्ताह परिवर्तन में अहम रोल अदा कर सकता है। जब मजदूर अपनी ताकत का इस्ते माल करता है तो सबको हिलाकर रख देता है। आज भले ही यह अपनी बेबसी, लाचारी के मारे शांत है, असहाय है लेकिन जब यह ताकतवर बनता है तो पसीने छुड़ा देता है। हमारी सरकारों को आज इनके हाल और हालात पर विशेष ध्यालन देना चाहिए क्योंनकि वर्तमान परिदृश्य में मजदूर बहुत बड़ी त्रासदी से गुजर रहा है। छोटे से प्रयास इन्हेंश खुशी दे सकते हैं।

मैं 9 फरवरी को ही पार्टी से इस्तीफा दे चुका हूं, जब मैं सदस्य ही नहीं तो नोटिस किस बात का : पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू

मैं 9 फरवरी को ही पार्टी से इस्तीफा दे चुका हूं, जब मैं सदस्य ही नहीं तो नोटिस किस बात का : पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू 

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और तुलसी सिलावट का विरोध करने वाले पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्‌डू ने इस बार प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को पत्र भेजा है। गुड्डू ने लिखा- मैं 9 फरवरी को ही भाजपा से इस्तीफा दे चुका हूं। मुझे मीडिया के जरिए पार्टी की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी करने के बारे में पता चला है।
लेकिन, मेरे पास अब तक ऐसा कोई नोटिस नहीं आया है। इसके साथ उन्हाेंने पत्र में भी फिर से सिंधिया और सिलावट पर आरोप लगाए हैं। इधर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि उन्हें आज तक गुड्डू का इस्तीफा नहीं मिला है।
भाजपा नेता प्रेमचंद गुड्डू द्वारा सिलावट और सिंधिया के खिलाफ लगातार टिप्पणी किए जाने पर भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश सोनकर ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। सोनकर ने बताया था कि सांवेर विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों के बीच जिस तरह से गुड्डू भाजपा नेताओं और मंत्रियों के खिलाफ बयान दे रहे हैं उसे पार्टी ने अनुशासनहीनता माना है। इसलिए नोटिस भेजकर सात दिन में जवाब मांगा गया था।
गुड्‌डू ने जवाब देते हुए लिखा- ‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने से पहले 9 फरवरी को पार्टी से इस्तीफा दे चुका हूं। उसके बाद पूरे देश में कोरोना ने अपनी दस्तक दी।लेकिन, केंद्र सरकार काेरोना के नियंत्रण की बजाय मध्यप्रदेश में ऑपरेशन लोटस में लगी रही। उस समय मुझे एहसास हुआ कि देश के सामने पैदा हो रही समस्या का समाधान करना या उसे विकराल रूप में जाने से रोकने के बजाय भाजपा का लक्ष्य दल-बदल कर सत्ता प्राप्त करना है।
मेरे त्यागपत्र देने के बाद ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने सिंधिया पर सीधा हमला बोला था। मैंने कांग्रेस में रहते हुए भी कई बार उनके खिलाफ आवाज उठाई है। सिंधिया परिवार कभी किसी का सगा नहीं हुआ है। जब वे कांग्रेस में थे तो कमलनाथ सरकार को किसानाें की समस्या को लेकर सड़क पर उतरने की चेतावनी दी थी।
अब जब पूरा प्रदेश त्राहिमाम कर रहा है तो वे कहां हैं। अपने राजनीतिक अनुभव के चलते मुझे इस बात का एहसास हो गया था कि मैंने भाजपा की सदस्यता लेकर गलती की है। इसलिए मैंने समय से पहले ही उसे सुधार लिया है। जब मैं पहले ही इस्तीफा दे चुका हूं, ऐसे में जब मैं भाजपा का प्राथमिक सदस्य हूं ही नहीं तो आपको मुझे नोटिस देने का कोई अधिकार नहीं है।’

दोनों "नाथ" लापता, पूर्व सीएम कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ के लापता होने के लगे पोस्टर, अब पोस्टरबाजी पर बवाल

दोनों "नाथ" लापता, पूर्व सीएम कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ के लापता होने के लगे पोस्टर, अब पोस्टरबाजी पर बवाल

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दोनों "नाथ" लापता होने के सड़क पर लगे पोस्टर.
छिन्दवाड़ा, एक तरफ जहां प्रदेश कोरोना के कहर से जूझ रहा है, वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा में उनके और उनके सांसद बेटे के गायब होने के पोस्टर चस्पा किए गए हैं, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और छिंदवाड़ा से उनके सांसद उनके बेटे नकुल नाथ की गुमशुदगी के पोस्टर बाजारों में चस्पा किए गए हैं। जिसमें उन्हें ढूंढ कर लाने वाले को 21000 रूपए इनाम देने का वादा भी किया गया है।
लापता कमलनाथ कुछ दिन पहले ही छिंदवाड़ा में बीजेपी ने सोशल मीडिया पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुल नाथ की गुमशुदगी की बात कही थी, साथ ही कहा था कि पूर्व सीएम और सांसद को ढूंढ़कर लाने वाले को 1100 इनाम घोषित किया था। अब दोनों ही पार्टियों के बीच की राजनीतिक लड़ाई बाजारों में दिखने लगी है।

उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करवाने की जिला कलेक्टर से मांग

उद्योगों में कार्यरत श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करवाने की जिला कलेक्टर से मांग

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
असंगठित मजदूर कांग्रेस के प्रदेश संयोजक ने जिला कलेक्टर के समक्ष उठाई मांग
नागदा जं.। औद्योगिक शहर नागदा मे असंगठित मजदूर कांग्रेस के प्रदेश संयोजक अभिषेक चौरसिया ने जिला कलेक्टर श्री आशीष सिंह से नागदा स्थित ओद्यौगिक इकाइयों मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड (स्टेपल फाइबर डिवीजन), लेक्सेस इंडिया प्रा. लि., ग्रेसिम केमिकल डिवीजन एवं गुलब्रांड सन लि. में कार्यरत श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करवाने हेतु ओचक निरीक्षण एवं वीडियोग्राफी करवाए जाने के संबंध में पत्र भेजकर मांग उठाई हैं ।

शासन का ध्यान आकर्षित करवाते हुए तत्काल कार्यवाहीं की निम्नलिखित बिंदुओं पर की है मांग

1) मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड (स्टेपल फाइबर डिवीजन), लेक्सेस इंडिया प्रा. लि., ग्रेसिम केमिकल डिवीजन एवं गुलब्रांड सन लि. के समस्त श्रमिकों को उद्योग द्वारा उपलब्ध करवाए जा रहे भोजन एवं अन्य खाद्य सामग्रियों का निरीक्षण करवाया जाए ।
2) मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड (स्टेपल फाइबर डिवीजन), लेक्सेस इंडिया प्रा. लि., ग्रेसिम केमिकल डिवीजन एवं गुलब्रांड सन लि. के समस्त श्रमिकों के पेयजल की व्यवस्था की वीडियोग्राफी करवाई जाए ।
3) मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड (स्टेपल फाइबर डिवीजन), लेक्सेस इंडिया प्रा. लि., ग्रेसिम केमिकल डिवीजन एवं गुलब्रांड सन लि. के समस्त श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करवाने हेतु उद्योग के भीतर प्रवेश से लेकर बाहर आगमन तक की वीडियोग्राफी करवाई जाए ।
4) मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड (स्टेपल फाइबर डिवीजन), लेक्सेस इंडिया प्रा. लि., ग्रेसिम केमिकल डिवीजन एवं गुलब्रांड सन लि. के प्रोडक्शन प्लांट के भीतर मजदूरों के मध्य सोशल डिस्टेंसिंग की वीडियोग्राफी करवाई जाए ।
5) मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड (स्टेपल फाइबर डिवीजन), लेक्सेस इंडिया प्रा. लि., ग्रेसिम केमिकल डिवीजन एवं गुलब्रांड सन लि. में कितने मजदूर प्रतिदिन किस शिफ्ट में कार्य कर रहे हैं उनकी पूर्ण सूची शासन को उपलब्ध करवाई जाए ।
6) मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड (स्टेपल फाइबर डिवीजन), लेक्सेस इंडिया प्रा. लि., ग्रेसिम केमिकल डिवीजन एवं गुलब्रांड सन लि. में कार्यरत समस्त श्रमिकों की सुरक्षा के लिए शासन द्वारा सप्ताह में दो बार ओचक निरीक्षण करवाया जाएं । जिससे मजदूरों में सुरक्षा की भावना जागृत हो सकें ।
7) मेसर्स ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड (स्टेपल फाइबर डिवीजन), लेक्सेस इंडिया प्रा. लि., ग्रेसिम केमिकल डिवीजन एवं गुलब्रांड सन लि. में कार्यरत समस्त श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जाए । ताकि श्रमिकों में किसी तरह का संक्रमण का ख़तरा नहीं हो ।
चौरसिया ने बताया कि इन उद्योगों में कार्यरत समस्त श्रमिक नागदा शहर एवं आसपास स्थित विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से कार्य पर आते हैं । अगर एक भी श्रमिक संक्रमित हो गया तो संक्रमण फैलने का ख़तरा शहर में बढ़ने की संभावना बड़ जाएगी इसीलिए शासन को तत्काल श्रमिकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उनका स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जाना जरूरी हैं।

कोरोना लॉक डाऊन में फंसे उत्तर प्रदेश के लोगों को भेजा उनके गंतव्य स्थान तक

कोरोना लॉक डाऊन में फंसे उत्तर प्रदेश के लोगों को भेजा उनके गंतव्य स्थान तक

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
भाजपा के द्वारा किये जा रहे प्रयासों से उत्तर प्रदेश के जो लोग नागदा शहर मे पिछ्ले दो माह से फंसे हुवे थे उन्हे बसों द्वारा उनके गंतव्य स्थान तक भेजा गया । वही कॉग्रेस द्वारा भाजपा पर श्रमिकों के वेतन को लेकर लगाये गये आरोपों पर क्या कहा भाजपा मंडल अध्यक्ष सी एम अतुल ने ।

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शहर में बाहर से आने वाले हर व्यक्ति पर है प्रशासन की पैनी नजर, अनुविभागीय अधिकारी ने बनाई कोरोना से जंग मे नई रणनीति

शहर में बाहर से आने वाले हर व्यक्ति पर है प्रशासन की पैनी नजर, अनुविभागीय अधिकारी ने बनाई कोरोना से जंग मे नई रणनीति

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
36 वार्डो मे निगरानी दल रखेगा हर वार्ड वासी पर नजर
नागदा जं.। औद्योगिक शहर नागदा कोरोना से प्रभावित भी हुवा और आज कोरोना संक्रमण को शुन्य पर लाकर खड़ा भी कर दिखाया। यह सब तभी सम्भव हो पाया है जब नागदा शहर मे हर अधिकारी ने अपनी जिम्मेदारी को बखुबी निभाया है ओर इस पुरी संरचना के सुत्रधार है नगर के अनुविभागीय अधिकारी आर पी वर्मा ओर उनके साथ क्षेत्र रक्षण के लिये नगर पुलिस अधीक्षक मनोज रत्नाकर जिन्होने अपनी रणनीति से कोरोना को फिलहाल तो हराया है। 
जंग अभी जारी है
नगर मे अनुविभागीय अधिकारी आर पी वर्मा को यह भी ज्ञात है की कोरोना की इस जंग मे यह बहुत ही छोटी जीत है क्यो की आने वाला तुफान कोरोना के संक्रमण को किस दिशा मे ले जायेगा उसका आभास भी अधिकारी को है कोरोना को लेकर गहन चिंतन करने वाले अनुविभागीय अधिकारी देखा जाये तो अपने निवास पर ही रहते है किन्तु उनकी कार्य क्षमता किसी भी मायने मे कम नही है हर समय लोगो की परेशानियों को दुर करते हुवे कोरोना के युद्ध मे चक्रव्यूह की संरचना भी करते रहते है.

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उसी संरचना मे श्री वर्मा ने नागदा नगर पालिका क्षेत्र के सभी 36 वार्डो मे बाहर से आने वाले हर व्यक्ति पर पैनी नजर रखने के लिये टीम गठित की है। हर टीम मे आगन वाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ नगर पालिका का एक कर्मचारी रहेगा ओर वार्ड के हर व्यक्ति की जानकारी निकालेगा कौन कहाँ से आया कौन गया। जिसकी सूचना स्वास्थ विभाग ओर अपने उच्च अधिकारी को दी जायेगी। यदि वार्ड मे बाहर से व्यक्ति के आने की सूचना अधिकारी को कही बाहरी सूत्रो से मिलती है तो निगरानी दल पर कार्यवाही का भी प्रावधान रखा गया है। इस खतरा अभी टला नही है । कोरोना से जंग अभी जारी है। क्योकी यह तो तुफान के आने से पहले की खामोशि है ।

बिजली के बिलों से लग रहा जनता को करंट आज जलेगी यहां बिजली बिल की होली

बिजली के बिलों से लग रहा जनता को करंट आज जलेगी यहां बिजली बिल की होली

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
बिजली बिल की प्रतीकात्मक कागज होली जलाने का किया आह्वान
नागदा जं.। कोरोना काल में पिछले दो माह से निरंतर आ रहे अधिक राशि के बिजली बिलों को देख कर जनता को करंट लग रहा है इस विषम परिस्थिती मे जहाँ जनता घरो मे बैठी है ना रोजगार है ना पैसा आम जनता जाये तो जाये कहाँ।
उपर से बिजली के बिलों को देख जनता को दोहरी मार पड़ रही है जिसे देखते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधि बसंत मालपानी ने जनता से अपील की है कि 21 मई को अपनी-अपनी गैलरी एवं छतों पर आकर बिजली के बिलों कि कागज के रूप में प्रतीकात्मक होली जलाने का आह्वान किया है। इस प्रतीकात्मक होली के माध्यम से अधिकारियो को जनता अपना विरोध दर्ज करवा कर बिजली विभाग के अधिकारियों तक अपनी बात पहुंचा सके।

अधिक राशि के बिजली के बिलों को लेकर आम जनता बुरी तरह परेशान हैं अपना घर चलाना मुस्किल हो रहा है उपर से सरकार के द्वारा किये गये वादे भी झूठे होते दिखाई दे रहे है। ऐसे में जनता की परेशानी सुनने वाला कोई नहीं है अधिकारी लॉक डाउन का बहाना बनाकर उनकी परेशानी को नजर अंदाज करने में लगे हैं पूर्व में भी कांग्रेस नेता बसंत मालपानी ने मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर बिजली बिलों की समस्या से अवगत कराया था लेकिन उस का भी कोई नतीजा आज तक सामने नहीं आया।
बसंत मालपानी ने 21 मई को बिजली के बिलों की प्रतिकात्मक होली जलाने का आह्वान जनता से किया है।

Wednesday, May 20, 2020

प्रवासी मजदूरों का पंजीयन किया जाए मजदूरी व अन्य कार्य दिलाए जाएंगे

प्रवासी मजदूरों का पंजीयन किया जाए मजदूरी व अन्य कार्य दिलाए जाएंगे

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भोपाल // विनय जी. डेविड 9893221036 
भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सभी प्रवासी मजदूरों का पंजीयन किया जाए जिससे उनके जॉब कार्ड बनवाए जाकर उन्हें मनरेगा के अंतर्गत कार्य दिया जा सके। पंजीयन में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया जाए कि मजदूर कुशल है, अकुशल है, अथवा अर्द्धकुशल है।
उनकी कुशलता के आधार पर उनको विभिन्न उद्योगों एवं अन्य कार्यों में नियोजित किया जाएगा। हर मजदूर को उसकी योग्यता के अनुरूप कार्य दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी श्री विवेक जौहरी, एसीएस हैल्थ श्री मोहम्मद सुलेमान आदि उपस्थित थे।
संक्रमित क्षेत्रों की संख्या में आयी कमी
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री सुलेमान ने बताया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमित क्षेत्रों की संख्या में कमी आयी है। अब ये क्षेत्र 701 हो गए हैं। प्रदेश के कुल 10 जिले संक्रमण मुक्त हैं, जिसमें कटनी, नरसिंहपुर तथा बालाघाट में कोरोना का अभी तक कोई भी प्रकरण नहीं आया है। वहीं सात जिले आगर-मालवा, अलीराजपुर, अनूपपुर, छिंदवाड़ा, हरदा, शहडोल तथा शाजापुर हैं जहाँ कोरोना प्रकरण थे परंतु अब वे संक्रमण मुक्त हो गए हैं।
पहले रैड था अब ग्रीन हुआ
खरगौन जिले की समीक्षा के दौरान बताया गया कि पहले खरगौन जिला रेड जोन में था, अब ग्रीन जोन में आ गया है। जिले में कोरोना के 114 मरीज थे, जिनमें से 87 डिस्चार्ज होकर घर जा चुके हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि आगे भी पूरी सावधानी रखी जाए, जिससे संक्रमण फैले नहीं।
कोई किसान छूटे नहीं, अन्य व्यक्ति गेहूँ बेच न पाए
गेहूँ उपार्जन की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि हर जिले में यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी पात्र किसान अपना गेहूँ समर्थन मूल्य पर बेचने से वंचित न रहे, साथ ही कोई भी दीगर व्यक्ति समर्थन मूल्य पर गेहूँ न बेच पाए। गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। प्रमुख सचिव श्री शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में अभी तक 13 लाख 60 हजार किसानों से 98 लाख 14 हजार मीट्रिक टन गेहूँ उपार्जित किया जा चुका है। उपार्जित गेहूँ में से 83 लाख 32 हजार मीट्रिक टन लगभग 85 प्रतिशत का परिवहन एवं भंडारण किया जा चुका है। साथ ही 10 लाख 8 हजार किसानों को 11 हजार 500 करोड़ रूपए का भुगतान भी कर दिया गया है।
कुल 4 लाख 63 हजार मजदूर वापस लौटे
प्रवासी मजदूरों के प्रदेश लौटने के विषय में अपर मुख्य सचिव श्री आईसीपी केशरी ने बताया कि अभी तक ट्रेन एवं बसों के माध्यम से कुल 4 लाख 63 हजार मजदूर मध्यप्रदेश लौटे हैं। अभी लगभग 50 हजार मजदूरों की वापसी संभावित है। इनमें से 1 लाख 35 हजार मजदूर ट्रेनों से तथा 3 लाख 28 हजार मजदूर बसों से आए हैं। आज तक कुल 107 ट्रेनें मजदूरों को लेकर आयी हैं तथा अभी तक 125 ट्रेनों की माँग रेलवे को भिजवायी गयी है। प्रदेश की सीमा पर आ रहे अन्य प्रदेशों के श्रमिकों को राज्य की सीमा तक पहुंचाने के लिए 850 बसें लगायी गयी हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान 22 को सरपंचों से संवाद करेंगे
बताया गया कि 22 मई को मुख्यमंत्री श्री चौहान वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सरपंचों से संवाद करेंगे। अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि इस अवसर पर श्रमिक भी उपस्थित रहेंगे जिन्हें मनरेगा के लिए जॉब कार्ड का वितरण किया जाएगा।

Tuesday, May 19, 2020

कोई नहीं होगा बेरोजगार-सबको मिलेगा रोजगार, सभी नगरीय निकायों में लागू होगी पथ विक्रेता कल्याण योजना, जाने यह योजना है क्या

कोई नहीं होगा बेरोजगार-सबको मिलेगा रोजगार, सभी नगरीय निकायों में लागू होगी पथ विक्रेता कल्याण योजना, जाने यह योजना है क्या

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भोपाल // विनय जी. डेविड 9893221036 
सभी नगरीय निकायों में लागू होगी पथ विक्रेता कल्याण योजना आत्मनिर्भर म.प्र. के संकल्प के साथ आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सहयोग देंगे : मुख्यमंत्री श्री चौहान   
भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने भारत सरकार द्वारा घोषित आर्थिक निर्भरता पैकेज का लाभ प्रदेश में सुनिश्चित करने के लिये तैयारियाँ तत्काल करने के निर्देश दिये हैं। मनरेगा, शहरी पथ विक्रेता और छोटे उद्योगों के लिये पैकेज में महत्वपूर्ण रियायतें और योजनाएँ घोषित की गई हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारत सरकार द्वारा शहरी पथ विक्रेताओं को ऋण और क्रियाशील पूँजी उपलब्ध करवाने की योजना में नगर निगम सीमा के पथ विक्रेताओं के साथ ही प्रदेश के सभी नगरीय निकाय क्षेत्रों में कार्यरत पथ विक्रेताओं को लाभान्वित किया जाये।
योजना में हितग्राही को ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये 10 हजार रुपये की पूँजी दी जायेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारत सरकार के पैकेज के साथ ही राज्य स्तर पर विभागों की योजनाओं को इस तरह जमीन पर उतारा जाएगा जिससे निर्धन तबके को विशेष रूप से राहत मिले। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में मंत्रि-परिषद के सदस्यों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भारत सरकार द्वारा घोषित पैकेज "आत्मनिर्भर भारत अभियान" और "आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश" संदर्भ में चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि, प्रधानमंत्री श्री मोदी वैश्विक नेता हैं। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के लिए पैकेज घोषित कर विभिन्न क्षेत्रों में योजनाबद्ध ढंग से प्रावधान किये हैं। मध्यप्रदेश की स्थानीय परिस्थितियों की दृष्टि से आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण का संकल्प है, जिससे उद्योग, रोजगार, ग्रामीण विकास, कृषि के क्षेत्रों में कार्यों से बड़े वर्ग को लाभ मिलेगा।
बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग और नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रेजेंटेशन हुए। बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और गृह मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्र, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल, खाद्य नागरिक आपूर्ति उपभोक्ता संरक्षण एवं सहकारिता मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत, आदिम जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह सहित मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस उपस्थित थे।
हर जरूरतमंद को मिले काम, नये जॉब कार्ड भी बनायें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में इस समय जरूरतमंद श्रमिकों को काम की आवश्यकता है, जिससे उनकी रोजी-रोटी का ठीक से प्रबंध हो सके। इस उद्देश्य से गौशाला निर्माण, मंदिर सरोवर, मंदिर उद्यान के अधिकाधिक कार्य मनरेगा के अन्तर्गत लिए जायें। मंदिर गौशाला के कार्यो को प्राथमिकता दी जाये। इसके लिए ग्रामीण विकास और पशुपालन विभाग संयुक्त रूप से कार्यवाही करें। उन्होंने निर्देश दिए कि मनरेगा के अन्तर्गत ऐसी संरचनाएं निर्मित की जाएं जिनमें बारिश में भी कार्य संभव हो सकें। हर जरूरतमंद को कार्य मिले। इन कार्यों में मशीनों का प्रयोग न किया जाए। इसके साथ ही स्थायी प्रभाव वाले कार्य सम्पन्न हों। स्टाप डेम, चेक डेम, सरोवर निर्माण, खेत तालाब, मेड़ बन्धान, नंदन फलोद्यान जैसे कार्य करवाये जायें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि, स्थानीय श्रमिकों के साथ ही बाहर के श्रमिकों को भी जॉब कार्ड प्रदान किये जायें।
मनरेगा बना मजदूरों का सहारा
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव ने प्रजेंटेशन में बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 20 लाख से अधिक श्रमिकों को मनरेगा कार्यो से रोजगार का बड़ा सहारा मिल रहा है। यहां तक कि साढ़े सत्रह हजार दिव्यांग भी कार्यो से जुड़े हैं। प्रति ग्राम पंचायत औसतन 90 श्रमिक काम कर रहे हैं। प्रदेश में गत वर्ष मई माह में करीब 10 लाख श्रमिक ही मनरेगा कार्यों से जुड़े थे। इस वर्ष इनकी संख्या बढ़कर 20 लाख अर्थात दोगुनी हो गई है।
सभी निकायों में शहरी पथ विक्रेता लाभान्वित होंगे, दीनदयाल रसोई के संचालन पर ध्यान देंगे
प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास विभाग श्री नीतेश व्यास ने प्रजेंटेशन में शहरी पथ विक्रताओं की कल्याण योजना सहित राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (NULM) के अन्तर्गत हितग्राहियों को लाभान्वित करने, शहरी गरीबों को नि:शुल्क भोजन देने और मुख्यमंत्री जीवन शक्ति योजना की प्रगति की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि दीनदयाल रसोई योजना की उपयोगिता को देखते हुये आज की परिस्थितियों में इसे पुन: सुचारू रूप से संचालित करने की आवश्यकता है। सोशल डिस्टेसिंग के पालन के साथ गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने की इस अभिनव योजना को सामाजिक संस्था के सहयोग से पुराने स्वरूप में लौटाया जाये।
छोटे, मध्यम उद्योगों को मिलेगी संजीवनी, 72 बड़ी इकाइयां दायरे में आ जायेंगी
प्रमुख सचिव, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग श्रीमती दीपाली रस्तोगी ने प्रजेंटेशन में बताया कि भारत सरकार ने इन उद्योगों की परिभाषा परिवर्तित की है। पूर्व में सूक्ष्म उद्योग के अन्तर्गत 25 लाख तक के निवेश वाले उद्योग शामिल थे जो अब 1 करोड़ रूपये तक निवेश में मान्य होंगे। इसी तरह लघु उद्योग में निवेश 5 करोड़ के स्थान पर 10 करोड़ और मध्यम उद्योग में 10 करोड़ के स्थान पर 20 करोड़ तक के निवेश को परिधि में लाया गया है। इससे अनेक उद्योगों को संजीवनी मिलेगी। एमएसएमई के वर्गीकरण में किये गये बदलाव के कारण राज्य की 72 वृहद औद्योगिक इकाइयां एमएसएमई श्रेणी में शामिल हो गई हैं। भारत सरकार के पैकेज में 3 लाख करोड़ रूपये के कोलेटरल मुक्त ऑटोमेटिक ऋणों की घोषणा की गई है।
मध्यप्रदेश में एमएसएमई के अन्तर्गत 22 लाख से अधिक इकाइयां चल रहीं हैं जिन्हें घोषित पैकेज के अनुसार अतिरिक्त ऋण प्रदान किये जाने के संबंध में अध्ययन किया जा रहा है। बीमार इकाइयों को लाभांवित करने पर भी विचार किया जायेगा। ई-बाजार के अन्तर्गत एमएसएमई के लिये घोषित पैकेज में बढ़ावा देने का निर्णय हुआ है। भावी खरीददारों के लिये सैम्पलिंग के अतिरिक्त भार और अतिरिक्त नमूने तैयार करने के संबंध में नियमों में संशोधन पर भी विचार किया जा रहा है।
एमएसएमई सेक्टर में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत व्यापार को आर्थिक मजबूती प्रदान करने के लिये 100 से कम कर्मचारियों वाले उद्योगों में और जहां 90 प्रतिशत कर्मचारियों को मासिक 15 हजार रूपये से कम का भुगतान होता है, उनके ईपीएफ के तहत घोषित राहत में 3 माह की अवधि (मई 2020 तक) के लिये प्रावधान किया गया था। अब इसे अगले 3 माह बढ़ाकर अगस्त 2020 तक के लिये लागू करने की कार्यवाही चल रही है। मध्यप्रदेश में 81 हजार पंजीकृत कर्मचारियों को 12 करोड़ का लाभ मिला है। मुद्रा योजना में ब्याज अनुदान और शिशु ऋण प्रकरणों के संबंध में कार्यवाही की जा रही है।

सड़कों पर आवारा पशु पाये जाने पर मालिक के विरूद्ध होगी एफआईआर, बालाघाट सड़क सुरक्षा समिति की बैठक ली

सड़कों पर आवारा पशु पाये जाने पर मालिक के विरूद्ध होगी एफआईआर, बालाघाट सड़क सुरक्षा समिति की बैठक ली 

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ब्यूरो चीफ बालाघाट // वीरेंद्र श्रीवास 83196 08778
बालाघाट. सिवनी लोकसभा क्षेत्र के सांसद डॉ ढालसिंह बिसेन ने आज 18 मई को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक लेकर जिले में यातायात व्यवस्था की समीक्षा की।
बैठक में विधायक श्री रामकिशोर कावरे, कलेक्टर श्री दीपक आर्य, पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक तिवारी, अपर कलेक्टर श्री राघवेन्द्र सिंह, जिला परिवहन अधिकारी श्री अनिमेष गढ़पाल, सभी एसडीएम, सहायक कलेक्टर श्री अक्षय तेम्रावाल, बस आपरेटर्स एसोसियेशन के सदस्य एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
वॉइस ओवर-: सांसद डॉ बिसेन ने बैठक में कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए बालाघाट जिले में लाकडाउन का अच्छी तरह से पालन करने एवं इस जिले को ग्रीन जोन में बनाये रखने के लिए बालाघाट जिला प्रशासन के अधिकारियों को बधाई दी और कहा कि उनके प्रयासों से बालाघाट जिला आगे भी कोरोना संक्रमण से मुक्त रहने में सफल होगा। लाकडाउन के दौरान प्रशासन द्वारा जरूर सख्ती बरती गई है, लेकिन उसके अच्छे परिणाम भी सामने आये है।

बैठक में बताया गया कि लाकडाउन के कारण जिले में सड़क दुर्घटनाओं में बहुत कमी आई है। जिले के वारासिवनी, कटंगी, बैहर, परसवाड़ा एवं खैरलांजी में मुख्य चौराहों पर ट्रेफिक सिग्नल लगाये जाने की आवश्यता बताई गई। बैठक में सड़क दुर्घटनाओं के कारणों पर चर्चा की गई और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने के निर्देश दिये गये।
बैठक में बताया गया कि पिछले तीन वर्षों में घटित सड़क दुर्घटनाओं के आधार पर स्टेट हाईवे-11 पर पीपल चौक से बगदरा चौक तक, ग्राम चिखला के पास एवं लालबर्रा रोड पर मानपुर पेट्रोल पंप के पास ब्लैक स्पाट चिन्हित किया गया है। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए वाहन चालकों को प्रशिक्षण देने की आवश्यकता बताई गई।
बैठक में तय किया गया जिले में जिन सड़कों के काम लाकडाउन के कारण रूके थे उन्हें शीघ्र पूर्ण किया जाये। नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य सड़कों के किनारे किये गये अतिक्रमण को हटाने का निर्णय लिया गया। सांसद डॉ बिसेन ने कहा कि लाकडाउन के दौरान अतिक्रमण हटाने का अच्छा समय है और इसका उपयोग किया जाना चाहिए। सड़कों पर आवारा पशु नजर नहीं आना चाहिए।
यदि कोई पशु सड़क पर पाया जाये तो उसके मालिक के विरूद्ध थाने में एफआईआर की जाये। विधायक श्री रामकिशोर कावरे ने बैठक में बस आपरेटर्स से कहा कि जिन लोगों द्वारा बारात ले जाने के लिए बसों की एडवांस बुकिंग की थी और लाकडाउन के कारण जिनके द्वारा कम संख्या में उपस्थित होकर अपने बच्चों की शादी करा दी गई है ऐसे लोगों से ली गई एडवांस की राशि उन्हें वापस कर दी जाये और उसमें कोई राशि नहीं काटी जाये। बस आपरेटर्स ने भी कहा कि वे ऐसे लोगों को राशि वापस कर रहे है और उनसे कोई राशि नहीं काट रहे है।

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