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Thursday, April 2, 2020

मटन, मुर्गा, मछली की दुकानों को 3 अप्रैल 2020 से प्रात: 5 बजे से 9 बजे तक कुल 4 घंटे के लिए खोलकर विक्रय करने के आदेश

मटन, मुर्गा, मछली की दुकानों को 3 अप्रैल 2020 से प्रात: 5 बजे से 9 बजे तक कुल 4 घंटे के लिए खोलकर विक्रय करने के आदेश

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जिला ब्यूरो चीफ रायगढ़  // उत्सव वैश्य : 9827482822 
सुबह 5 से 9 बजे तक मीट व्यवसायी खोल सकेंगे दुकान जारी एहतियाती निर्देशों का करना होगा पालन
रायगढ़, नगर निगम आयुक्त श्री राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने नोवेल कोरोना वायरस के देशव्यापी संक्रमण के कारण नगर में बंद किए गए मटन, मुर्गा, मछली की दुकानों को 3 अप्रैल 2020 से प्रात: 5 बजे से 9 बजे तक कुल 4 घंटे के लिए खोलकर विक्रय करने हेतु आदेशित किया है।
आदेश में यह भी कहा गया है कि मटन, मुर्गा, मछली के व्यवसायी नियमानुसार विक्रय किए जाने वाले मांस का परीक्षण पशु चिकित्सक से करवायेंगे। अपने दुकान में साफ-सफाई का पर्याप्त इंतजाम रखेंगे तथा आसपास के क्षेत्र को सेनेटाईज करेंगे, दुकान में आने-जाने वाले ग्राहकों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवायेंगे एवं निर्धारित समयावधि में ही दुकान का संचालन करेंगे।

Wednesday, April 1, 2020

एसबीआई से लेकर एचडीएफसी तक कई बैंकों ने ईएमआई में तीन महीने की छूट का ऐलान किया

एसबीआई से लेकर एचडीएफसी तक कई बैंकों ने ईएमआई में तीन महीने की छूट का ऐलान किया

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खबरों और जिले, तहसील की एजेंसी के लिये सम्पर्क करें : 98932 21036
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई सहित सार्वजनिक क्षेत्र के ज्यादातर बैंकों ने ग्राहकों को लोन की ईएमआई से छूट देने का ऐलान कर दिया है. कोरोना वायरस से पैदा हुए हालात के चलते रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इसका निर्देश दिया था. एसबीआई के अलावा बैंक ऑफ बड़ोदा, पंजाब एंड सिंध बैंक, आईडीबीआई बैंक, केनरा बैंक और दूसरे सभी बैंकों ने इसकी सूचना अपने ग्राहकों को दे दी है. निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक ने भी इस छूट का ऐलान किया है. यह क्रेडिट कार्ड पेमेंट पर भी लागू होगी.
ईएमआई में यह छूट कैसे मिलेगी, इसे लेकर अलग-अलग बैंक अलग-अलग प्रक्रियाओं का पालन कर रहे हैं. उदाहरण के लिए एसबीआई में यह छूट वैकल्पिक है. यानी जो ग्राहक ईएमआई में छूट चाहते हैं उन्हें इस बारे में बैंक को बताना होगा. वे इस लिंक (https://bit.ly/2UUEorp) पर क्लिक करके फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं. भरने के बाद इसे अलग-अलग क्षेत्रों के हिसाब से अलग-अलग ईमेल आईडी पर भेजना होगा. इसके लिए आप इस लिंक (https://bit.ly/3bJc4yK) की मदद ले सकते हैं. आपको इसके साथ एक एनएसीएच/ईसीएस मैंडेट एक्सटेंशन फॉर्म भी अटैच करना होगा जो इस लिंक (https://bit.ly/340Q2VG) से डाउनलोड किया जा सकता है
उधर, आईडीबीआई के सिर्फ उन्हीं ग्राहकों को बैंक को सूचित करना होगा जो ईएमआई में यह छूट नहीं चाहते. इसकी आखिरी तारीख तीन अप्रैल है. केनरा बैंक ने ग्राहकों से कहा है कि जो यह छूट नहीं चाहते. वे एमएमएस में NO लिखकर उसे फोन नंबर 8422004008 पर भेज दें. वे बैंक को retailbankingwing@canarabank.com पर भी यह सूचना दे सकते हैं. बाकी बैंकों के ग्राहक इस बारे में अपने बैंक से पता कर सकते हैं.
अगर आप यह छूट लेते हैं तो इसका मतलब यह है कि आपके लोन की अवधि तीन महीने के लिए बढ़ जाएगी. यानी अगर आपका लोन एक मार्च 2025 को पूरा हो रहा है तो अब यह एक जून को पूरा होगा. उधर, एसबीआई ने साफ किया है कि तीन महीने की छूट की अवधि के दौरान वह ब्याज में छूट नहीं देगा. और यह ब्याज छूट की अवधि पूरा होने के बाद वसूला जाएगा. यानी तब आपकी ईएमआई बढ़ जाएगी. यह कितनी होगी इसके लिए आप बैंक से संपर्क कर सकते हैं. छूट लेने वाले ग्राहकों के क्रेडिट स्कोर पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

Tuesday, March 31, 2020

नायब तहसीलदार सलोनी पटवा की दुध संचालको पर कार्यवाही, दुध जप्त कर नगर सेवा संस्था को पहुचाया

नायब तहसीलदार सलोनी पटवा की दुध संचालको पर कार्यवाही, दुध जप्त कर नगर सेवा संस्था को पहुचाया
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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
नागदा. औद्योगिक शहर नागदा मे कोरोना के माद्देनजर प्रशासन द्वारा बनाई गई गाइडलाइन का पालन नही करने पर नायाब तहसीलदार सलोनी पटवा के निर्देश पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी और उनकी टीम द्वारा दूध व्यापारियों पर बड़ी कार्यवाही करते हुवे प्रातः 9 बजे के पश्चात दूध बेचने वाले डेरि संचालको पर कार्यवाही की गई।

लगभग 50 लीटर दुध जप्त कर नगर सेवा संस्थाओ पहुँचाया । निगरानी गठित दल के नागेंद्र सिंह राठौड़, (कृषि उपज मंडी) ,पटवारी मिर्जा नाइद बेग , जितेन्द्र पटेल, ललित पंथी, लालसिंह कुशवाह मौजूदगी थे।

श्रमिको को सुरक्षा किट प्रदाय करने व प्रशासन के दिशा निर्देशों को पालन करने दी गई सख्त हिदायत

श्रमिको को सुरक्षा किट प्रदाय करने व प्रशासन के दिशा निर्देशों को पालन करने दी गई सख्त हिदायत

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जिला ब्यूरो चीफ रायगढ़  // उत्सव वैश्य : 9827482822 
  • रायगढ़ जिले से श्रमिको के पलायन रोकने जिला पुलिस व प्रशासन की मुहिम
  • खरसिया पुलिस द्वारा क्षेत्र के छोटे-बड़े कम्पनियों को दिये हिदायत श्रमिकों का प्लांट के अंदर की जाये उचित व्यवस्थाा
रायगढ़. लॉक डाउन के दौरान एक जिले से दूसरे जिले तथा एक राज्य से दूसरे राज्य की आवाजाही निषेधित है किन्तु इस लॉक डाउन दौरान रहने खाने के भय को लेकर अनावश्ययक श्रमिकों द्वारा पलायन किया जा रहा है.
जिसे देखते हुए जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक रायगढ़ के दिशा निर्देशन पर श्रमिकों के पलायन को रोकने के लिए प्रशासन व पुलिस की टीम संयुक्त टीम द्वारा सख्त कदम उठाते हुए जिले की सभी सीमाएं सील कर दिया गया है । जिले के बाहर जाने वाले प्रत्येक मार्ग पर चेक प्वाइंट बनाये गये है, जिसमें 24 घंटे अधिकारी/कर्मचारी बने रहेंगे तथा अवैधानिक रूप से आने जाने वाले लोगों पर कार्यवाही की जावेगी ।
इस बीच श्रमिकों के हित को देखते हुए पूरे जिले में संचालित छोटे-बड़ी फैक्ट्रियों में पुलिस व प्रशासन की टीम जाकर कम्पनी प्रबंधकों को उनके प्लांट के अंदर ही काम करने वाले दिगर एवं स्थानीय श्रमिकों के रहने व भोजन आदि की उचित व्यवस्था करने के संबंध में हिदायत दिया जाये ।

इसकी शुरुआत पुलिस अनुविभागीय अधिकारी खरसिया श्री पीतांबर पटेल, एस.डी.एम. खरसिया श्री गिरीश रामटेके तथा थाना प्रभारी खरसिया निरीक्षक एस.आर. साहु के द्वारा आज अपने क्षेत्र के इंदु केमिकल फैक्ट्री, मोनेटो कंपनी व एस.के.एस. कंपनी में जाकर किया गया ।
इन कम्पनियों का निरीक्षण कर सर्वप्रथम अधिकारियों द्वारा कंपनी प्रबंधक को प्लांट कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों को कोरोनावायरस से बचने हेतु संपूर्ण सुरक्षा किट जिसमें ग्लवब्सप, सैनिटाइजर, मास्क आवश्यक रूप से प्रदाय किए जाने निर्देशित किया गया । अधिकारियों द्वारा कंपनी के प्रबंधकों से चर्चा कर हिदायत दिया गया कि दिगर प्रांत के श्रमिकों को किसी भी स्थिति में पलायन के लिए मजबूर ना किया जाए, बल्कि शासन-प्रशासन के दिशा निर्देशों का पालन कर उनके रुकने खाने पीने की व्यवस्था प्लांट के अंदर ही की जाए यदि किसी प्रकार की दिक्कत, असुविधा हो तो प्रशासन की मदद ले सकते हैं ।
इसके साथ ही संबंधित प्रबंधकों को बताया गया कि उनके प्लांट कंपनी के आसपास के गांव के लोग प्रतिदिन आना-जाना कर कार्य करते हैं जिससे गांव में संक्रमण के फैलने की संभावना अत्यधिक है इसलिए आसपास के गांव के लोगों की भी रुकने खाने पीने की व्यवस्था प्लांट के अंदर ही की जाए । किसी भी स्थिति में किसी का रोजगार ना छिना जाए । इस सुझाव को कंपनी प्रबंधकों द्वारा स्वीकार किया गया है एवं शासन प्रशासन का पूर्ण सहयोग करना बताया गया है ।

Thursday, March 26, 2020

लैंक्सेस ने मुश्किल माहौल के बावजूद 2019 का वार्षिक लक्ष्य हासिल किया

लैंक्सेस ने मुश्किल माहौल के बावजूद 2019 का वार्षिक लक्ष्य हासिल किया

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
  • • बिक्री का आंकडा 6.802 बिलियन यूरो के साथ पिछले साल के स्तर पर
  • • पूर्व अपवादात्मक ईबीआइटीडीए 3.3% बढ़कर यूरो 1.019 बिलियन पर
  • • पूर्व अपवादात्मक ईबीआइटीडीए मार्जिन पहली बार 15% पर
  • • चमड़ा कारोबार इकाई में परिचालन बंद होने की रिपोर्ट; विक्रय और ईबीआइटीडीए के पिछले साल के आंकड़ों का दोबारा उल्लेख
  • • वित्त वर्ष 2019 के लिए लाभांश प्रस्ताव : 0.95 यूरो
  • • 2020 की दिशा : परिचालनगत स्थिरता; किन्तु कोरोनावायरस की मार का प्रभाव; पूर्व अपवादात्मक ईबीआइटीडीए 900 मिलियन यूरो से 1.00 बिलियन यूरो तक
  • • भविष्य में उपभोक्‍ता संरक्षण और बैटरी टेक्नोलॉजी पर ठोस फोकस
मार्च 2020 - स्पेशियल्टी केमिकल्स कंपनी लैंक्सेस ने बढ़ते मुश्किल आर्थिक माहौल में वित्त वर्ष 2019 में सफलता हासिल की.  पूर्व अपवादात्मक ईबीआइटीडीए 3.3% तक बढ़कर 1.019 बिलियन यूरो पर पहुँच गया. तय लक्ष्य के अनुसार अर्जन की राशि अमूमन 1.00 बिलियन यूरो से 1.05 बिलियन यूरो के बीच रही. पिछले वर्ष में कंपनी ने 986 मिलियन यूरो की कमाई की थी.
ऑटोमोटिव इंडस्ट्री की ओर से मांग कमजोर होने के विशेष कारण से इंजीनियरिंग मैटेरियल्स सेगमेंट में गिरावाट आयी, लेकिन एडवांस्ड इंटरमीडिएट्स, स्पेशियल्टी एडिटिव्स और परफॉरमेंस केमिकल्स सेग्मेंट्स में ठोस परिणामों से इसकी भरपाई हो गयी. अर्जन में फायदेमंद विनिमय-दरों के असर, विशेषकर यूएस डॉलर की दरों से मदद मिली. कंपनी के इतिहास में पहली बार पूरे साल के लिए पूर्व अपवादात्मक ईबीआइटीडीए मार्जिन 15.0% पर पहुंचा, जो एक साल पहले 14.4% के स्तर पर था.
लैंक्सेस एजी के बोर्ड ऑफ़ मैनेजमेंट के चेयरमैन, मैथियास जैशर्ट ने कहा कि, “2019 के कठिन आर्थिक वातावरण में हमने अपने पुनर्गठन के बाद से पहली असली परीक्षा को सफलता के साथ पार किया है. लैंक्सेस अब पहले से ज्यादा लाभकारी और स्थिर स्थिति में है. इन मुश्किल दौर में भी हमने अपने मार्जिन में वृद्धि का नया रिकॉर्ड बनाया है और नयी ग्रोथ प्रोजेक्ट्स के लिए अपना वित्तीय आधार और मजबूत किया है. वर्ष 2020 में हम उच्च-मार्जिन उपभोक्ता संरक्षण व्यवसाय और बैटरी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नए ऐप्लिकेशंस पर अधिकाधिक ध्यान देंगे.”
31 दिसम्बर, 2019 को लेदर बिज़नस यूनिट का परिचालन बंद मान लिया गया है. इसके विक्रय और परिचालनगत अर्जन - और पिछले साल के समान अवधि के आंकड़े -को यथावत रखा गया है. रणनीतिक पुनर्गठन के हिस्से के तौर पर कंपनी इस बिज़नस यूनिट को बेचने जा रही है. लैंक्सेस अपना क्रोम केमिकल्स बिज़नस और क्रोम अयस्क खदान में अपने हित को पहले ही 2019 में बेच चुका है.
लैंक्सेस की ग्रुप बिक्री 6.802 बिलियन यूरो रही, जो पिछले साल के स्तर (6.824 बिलियन यूरो) के आसपास थी. चालू परिचालनों से विशुद्ध आय 240 मिलियन यूरो रही, जो पिछले साल के 282 मिलियन यूरो से 14.9% कम थी. यह गिरावट मुख्यतः ऑर्गेनोमेटलिक्स बिज़नस के पुनर्गठन के लिए असाधारण खर्चों के कारण हुयी.

लाभांश में एक बार फिर बढ़ोतरी 

वित्त वर्ष 2019 में भी लाभाश में एक बार फिर वृद्धि होने जा रही है. बोर्ड ऑफ़ मैनेजमेंट और सुपरवाइजरी बोर्ड द्वारा 13 मार्च, 2020 को हितधारकों की वार्षिक सभा में प्रति शेयर 0.95 यूरो का लाभांश प्रस्तावित किया जाएगा. यह पिछले साल के लाभांश की तुलना में लगभग 6% अधिक होगा.

नया सेगमेंट : उपभोक्ता संरक्षण 

अपनी वृद्धि की दिशा में लैंक्सेस ने उपभोक्ता संरक्षण उत्पादों पर ज्यादा गंभीर फोकस करने का फैसला किया है और इसलिए यह अपनी सेगमेंट संरचना को तत्काल प्रभाव से समायोजित कर रहा है. साल्टिगो, लिक्विड प्युरफिकेशन टेक्नोलॉजी और मैटेरियल प्रोटेक्शन प्रोडक्ट्स बिज़नस यूनिट्स को मिलाकर नया उपभोक्ता संरक्षण सेगमेंट बनाया गया है. इस सेगमेंट के पोर्टफोलियो में कृषि और औषधि उद्योगों के लिए, कीट निरोधकों और कीटनाशकों के लिए क्रियात्मक अवयव और पानी की प्रोसेसिंग और सफाई के लिए टेक्नोलॉजी आदि सम्मिलित हैं.
जैशर्ट ने आगे कहा कि, “हमारे उपभोक्ता संरक्षण उत्पाद आकर्षक और स्थिर वृद्धि दरों के लिए जाने जाते हैं. साथ ही, अक्सर अत्यंत नियंत्रित इन बाज़ारों से जुड़ी हमारी वर्षो की विशेषज्ञता की बदौलत हमें बढ़त मिलती है.”
उपभोक्ता संरक्षण सेगमेंट पूर्ववर्ती परफॉरमेंस केमिकल्स सेगमेंट की जगह ले रहा है. साथ ही, इनऑर्गेनिक पिगमेंट्स बिज़नस यूनिट अब एडवांस्ड इंटरमीडिएट्स सेगमेंट का हिस्सा हो गया है. 2020 की पहली तिमाही से रिपोर्ट को इसी के अनुसार समायोजित किया जाएगा.

लिथियम प्रोजेक्ट : प्रायोगिक संयंत्र परीक्षण 

लैंक्सेस द्वारा अपने सहयोगी स्टैण्डर्ड लिथियम के साथ अल डोराडो, अरकंसास में यूएस साईट में आरम्भ बैटरी-ग्रेड लिथियम के व्यावसायिक निष्कर्षण की परियोजना में और आगे प्रगति हुयी है. साईट पर लैंक्सेस तीन कारखाने चलाता है, जहां ब्रोमिन प्रोडक्ट्स का विनिर्माण होता है. ब्रोमिन को साईट पर ही ब्राइन से निकाल कर प्राप्त किया जाता है, जिसमें लिथियम भी होता है. स्टैण्डर्ड लिथियम ने ब्राइन से सीधे उच्च कोटि का शुद्ध लिथियम निकालने की एक नयी विधि विकसित की है. कारखाना परिसर में एक प्रायोगिक संयंत्र स्थापित किया गया और इसे मार्च 2020 की शुरुआत में चालू किया गया. लैंक्सेस को इसकी प्रौद्योगिक व्यावहार्यता के सन्दर्भ में 2020 के मध्य तक शुरुआती नतीजे मिलने की उम्मीद है.

2020 की संभावना : स्थिर परिचालन, लेकिन कोरोनावायरस की मार 

लैंक्सेस को वित्त वर्ष 2020 में परिचालन कारोबार के स्थिर रहने की उम्मीद है. किन्तु, कंपनी को लगता है कि कोरोनावायरस महामारी के असर से पूरे साल में परिचालनगत परिणाम पर 50 मिलियन यूरो से लेकर 100 मिलियन यूरो तक का अंतर आयेगा. कुल मिलाकर लैंक्सेस को पूर्व अपवादात्मक ईबी आइटीडीए 900 मिलियन यूरो से 1.0 बिलियन यूरो के बीच रहने की उम्मीद है. 2020 की पहली तिमाही में इस स्पेशियल्टी केमिकल्स कंपनी को कोरोनावायरस महामारी से फिलहाल लगभग 20 मिलियन यूरो का बोझ पड़ने की अपेक्षा है.

2019 के पूरे साल के विवरण : चार में से तीन सेगमेंटों के अर्जन में बढ़ोतरी 

2019 में समग्र तौर पर एडवांस्ड इंटरमीडिएट्स सेगमेंट ने पिछले साल से ज्यादा अर्जन किया. इसका श्रेय खासकर कृषिरसायन क्षेत्र में साल्टिगो बिज़नस यूनिट के मजबूत प्रोजेक्ट बिज़नस और सकारात्मक विनिमय-दर के प्रभावों का योगदान है. कच्चे माल की न्यून कीमत से उत्पन्न नकारात्मक मूल्य प्रभाव के बावजूद विक्रय में 1.9% तक की वृद्धि हुयी जिसकी राशि पिछले वर्ष के 2.207 बिलियन यूरो के मुकाबले 2.249 बिलियन यूरो पर पहुँच गयी. पूर्व अपवादात्मक ईबीआइटीडीए  359 मिलियन यूरो के मुकाबले 8.4% तक बढ़कर 389 मिलियन यूरो पर दर्ज हुआ. पूर्व अपवादात्मक ईबीआइटीडीए मार्जिन सुधार के साथ 16.3% से बढ़कर 17.3% हो गया.
स्पेशियल्टी ऐडिटिव्स सेगमेंट का वित्त वर्ष 2019, ऑटोमोटिव उद्योग से कमजोर माँग और न्यून-लाभकारी संविदा-विनिर्माण अनुबंधों के समाप्त होने के बाजवूद, सफलता के साथ बंद हुआ. इसका श्रेय फायदेमंद विनिमय दर के प्रभावों और पॉलीमर ऐडिटिव्स बिज़नस यूनिट में मजबूत कारोबार को जाता है. विक्रय 1.965 बिलियन यूरो के साथ पिछले साल के स्तर (1.980 बिलियन यूरो) के करीब जाकर बंद हुआ. पूर्व अपवादात्मक ईबीआइटीडीए में 2.9% की वृद्धि हुयी और यह पिछले साल के 343 मिलियन यूरो से बढ़कर 353 मिलियन यूरो पर दर्ज हुआ. इसमें केमतुरा के एकीकरण से उत्पन्न लागत सहक्रिया का भी सहयोग रहा. पूर्व अपवादात्मक ईबीआइटीडीए मार्जिन पिछले साल के 17.3% से बढ़कर 18.0% हो गया.
ख़ासकर जल उपचार और मैटेरियल संरक्षण उत्पादों और सकारात्मक विनियम दरों के असर के साथ बिज़नस यूनिटों की परिचालनगत मजबूती की बदौलत, परफॉरमेंस केमिकल्स सेगमेंट ने 2019 के लिए अपनी बिक्री और अर्जन में पर्याप्त वृद्धि दर्ज की. बिक्री की राशि 1.052 बिलियन यूरो थी, जो पिछले साल के 976 मिलियन यूरो के मुकाबले 7.8% ज्यादा है. पूर्व अपवादात्मक ईबीआइटीडीए में 23.1% की अच्छी वृद्धि हुयी जिसकी राशि 156 मिलियन यूरो से बढ़कर 192 मिलियन यूरो पर पहुँच गयी. पूर्व अपवादात्मक ईबीआइटीडीए मार्जिन 16.0% की तुलना में 18.3% के काफी मजबूत स्तर पर पहुँच गया.
31 दिसम्बर, 2019 तक लेदर बिज़नस यूनिट को एक बंद परिचालन मान लिया गया है, और इस तरह अब यह सेगमेंट का हिस्सा नहीं रहा. उसके नुसार पिछले साल की आंकड़ों को ही दोबारा उल्लिखित किया गया है.
इंजीनियरिंग मैटेरियल्स सेगमेंट के विकास पर ऑटोमोटिव उद्योग से कमजोर माँग का असर जारी है. फायदेमंद विनिमय दरों से इस असर में थोड़ी कमी आयी. कच्चे माल की लागत घटने के कारण न्यून विक्रय मूल्यों के चलते बिक्री में भी कमी आयी जो 1.576 बिलियन यूरो के मुकाबले 8.0% की गिरावट के साथ 1.45 बिलियन यूरो पर आ गयी.  पूर्व अपवादात्मक ईबीआइटीडीए पिछले साल के 267 मिलियन यूरो की तुलना में 10.9% गिरावट के साथ 238 मिलियन यूरो पर दर्ज हुआ. किन्तु पूर्व अपवादात्मक ईबीआइटीडीए मार्जिन, जो पिछले साल 16.9% था, थोड़ा घटकर 16.4% रहा.

Tuesday, March 24, 2020

नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण को लेकर औद्योगिक संस्थान में बरती जा रही थी लापरवाही, मां शाकंम्बरी स्टील प्लांट को किया सील

नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण को लेकर औद्योगिक संस्थान में बरती जा रही थी लापरवाही, मां शाकंम्बरी स्टील प्लांट को किया सील

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जिला ब्यूरो चीफ रायगढ़  // उत्सव वैश्य : 9827482822 
  • थाना चक्रधरनगर अंतर्गत मां शाकंम्बरी स्टील प्लांट अग्रिम आदेश तक सील
  • एसडीएम रायगढ़ एवं थाना प्रभारी चक्रधरनगर की संयुक्त कार्यवाही
  • नोवल कोरोनावायरस के संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण को लेकर औद्योगिक संस्थान में बरती जा रही थी लापरवाही
रायगढ़. जिला कलेक्टर रायगढ़ एवं पुलिस अधीक्षक रायगढ़ के दिशा निर्देशन पर आज एसडीएम रायगढ़ एवं थाना प्रभारी चक्रधरनगर की संयुक्त टीम द्वारा ग्राम संबलपुरी स्थित शाकम्बरी स्टील प्लांट को अग्रिम आदेश तक सील किया गया है।
विदित है कि छत्तीसगढ़ शासन वाणिज्य एवं उद्योग विभाग मंत्रालय महानदी भवन नया रायपुर अटल नगर द्वारा दिनांक 23.03.2020 को समस्त कलेक्टर एवं समस्त मुख्य महाप्रबंधक प्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र छत्तीसगढ़ को छत्तीसगढ़ राज्य के औद्योगिक संस्थानों में नोबेल कोरोनावायरस कॉविड-19 के संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण के संबंध में प्रमुख सचिव द्वारा अधोहस्ताक्षरित निर्देश जारी किया गया था.
जिसके अनुसार भारत शासन द्वारा वह इकाई जो आवश्यक सेवाओं की सूची में अनुमत हो यह जैसे खाद्य प्रसंस्करण, चिकित्सा से संबंधित आवश्यक दवाएं एवं उपकरण से संबंधित औद्योगिक संस्थानों सेवाओं का प्रचलन किए जाने निर्देशित किया गया था साथ ही शेष औद्योगिक संस्थानों को तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक उत्पादन एवं संचालन बंद कराने के निर्देश दिए गए थे
जिस के परिपालन में आज जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक रायगढ़ के दिशा निर्देशन पर थाना चक्रधरनगर अंतर्गत ग्राम संबलपुरी स्थित मां शाकम्बरी स्टील प्लांट में कार्य होने की सूचना पर एसडीएम रायगढ़ श्री आशीष देवांगन एवं थाना प्रभारी चक्रधरनगर निरीक्षक विवेक पाटले अपने स्टाफ के साथ मां शाकम्बरी प्लांट जाकर तस्दीकी किया गया ।
प्लांट में कार्य पूर्व की भांति अनवरत जारी मिला जिसे एसडीएम रायगढ़ द्वारा पंचनामा कर सील किया गया है ।साथ ही पृथक से थाना चक्रधरनगर में अपराध पंजीबद्ध की कार्यवाही की जा रही है।

Tuesday, March 17, 2020

ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड ( स्टेपल फाइबर डिवीजन) के विरूद्ध 302 करोड़ रुपए का जुर्माना

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ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड ( स्टेपल फाइबर डिवीजन) के विरूद्ध 302 करोड़ रुपए का जुर्माना
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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
नागदा. नागदा स्थित ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड ( स्टेपल फाइबर डिवीजन) के विरूद्ध 302 करोड़ रुपए का जुर्माना भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग, नई दिल्ली द्वारा लगाया गया है।  जिसमें प्रतिस्पर्धा आयोग ने दिनांक 16/03/2020 को आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी ग्रासिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा विस्कोस स्टेपल फाइबर (वीएसएफ) की आपूर्ति के लिए बाजार में अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग करने के मामले में 302 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है ।
जिसमें आदित्य बिरला समूह की 3 यूनिट ग्रेसिम इंडस्ट्रीज लिमिटेड, इंडो भारत रेयान एवं  थाई रेयान शामिल हैं । यह प्रकरण वर्ष 2016 में उद्योग के विरूद्ध आयोग में दर्ज हुआ था। पर्यावरण कार्यकर्ता अभिषेक चौरसिया ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि नागदा में ग्रेसिम यूनिट के विरूद्ध कई गंभीर मामले वर्तमान ने विचाराधीन हैं जिसमें नागदा में गंभीर जल, वायु एवं भूमि प्रदूषण, ग्राम पंचायत जलवाल में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण का मामला, सीएसआर फंड में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला एवं सुप्रीम कोर्ट में लगभग 400 करोड़ों रुपए मूल्य की भारत कामर्स उद्योग की शासकीय भूमि के संबंध में मामले विचाराधीन हैं ।
ऐसी स्थित में ये कार्यवाही उद्योग द्वारा कि जा रही गंभीर अनियमितताओं को प्रमाणित करने का काम करती हैं। उक्त जुर्माने के 60 पृष्ठ की निर्णय की विस्तृत प्रतिलिपि अभिषेक चौरसिया के पास उपलब्ध हैं जिसमें इनके खिलाफ़ कई गंभीर तथ्य सिद्ध पाए गए हैं । अभिषेक चौरसिया ने बताया जानकारी मिडिया के माध्यम से सार्वजनिक इसीलिए की गई है ताकि नागदा में ग्रेसिम उद्योग द्वारा विगत कई वर्षों में की गई गंभीर धांधलियों की जानकारी शहर के आम नागरिकों के समक्ष उपलब्ध हो सकें । क्योंकि यह एक भी अत्यंत गंभीर मामला है।

क्या हैं भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग -

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग भारत की एक विनियामक संस्था है। जिसका उद्देश्य स्वच्छ प्रतिस्पर्धा को बढावा देना है ताकि बाजार को उपभोक्ताओं के हित का साधन बनाया जा सके। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की स्थापना प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 के तहत अधिनियम के प्रशासन, कार्यान्वयन और प्रवर्तन के लिए की गई थी और यह मार्च, 2009 में विधिवत गठित हुआ।

आयोग के निम्नलिखित प्रमुख कार्य हैं -

  • 1. प्रतिस्पर्धा पर विपरित प्रभाव डालने वाले व्यवहारों को रोकना।
  • 2. बाजारों में प्रतिस्पर्धा का संवर्धन और उसे बनाए रखना।
  • 3. उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा करना।
  • 4. व्यापार की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना।
उक्त फैसला आयोग के अध्यक्ष अशोक कुमार गुप्ता एवम् सदस्यगण संगीता वर्मा एवं भगवंत सिंह बिश्नोई द्वारा आदित्य बिरला समूह के विरूद्ध दिया गया है ।

Wednesday, March 11, 2020

अनिल अंबानी के रिलायंस समूह और सुभाष चंद्रा पर यस बैंक का 21 हजार करोड़ का कर्ज

अनिल अंबानी के रिलायंस समूह और सुभाष चंद्रा पर यस बैंक का 21 हजार करोड़ का कर्ज

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घोटालों के कारण भारी वित्तीय संकट का सामना कर रहे यस बैंक से रिलायंस समूह तथा एस्सेल समूह ने भारी-भरकम कर्ज ले रखा है। अनिल अंबानी समूह की नौ कंपनियों ने 12,800 करोड़ रुपये तथा एस्सेल ग्रुप ने 8,400 करोड़ रुपये का कर्ज ले रखा है।

  • यस बैंक का रिलायंस समूह तथा एस्सेल समूह पर भारी-भरकम कर्ज बकाय
  • अनिल अंबानी समूह की नौ कंपनियों ने यस बैंक से 12,800 करोड़ रुपये कर्ज लिए
  • एस्सेल ग्रुप ने यस बैंक से ले रखा है 8,400 करोड़ रुपये का कर्ज
  • यस बैंक का 10 बड़े कारोबारी समूहों से जुड़े लगभग 44 कंपनियों का 34,000 करोड़ रुपये का बैड लोन
नई दिल्ली. संकटग्रस्त यस बैंक का अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह पर भारी-भरकम कर्ज बकाया है। रिलायंस समूह ने बुधवार को कहा कि उसपर यस बैंक के जो भी कर्जे हैं, वे पूरी तरह सुरक्षित हैं और कंपनी इसका भुगतान करेगी।
रिलायंस समूह ने एक बयान में कहा कि वह अपनी संपत्तियां बेचकर यस बैंक के तमाम कर्जों का भुगतान करने के लिए प्रतिबद्ध है। समूह ने कहा, 'रिलायंस समूह पर यस बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर, उनकी पत्नी या बेटियां या राणा कपूर या उनके परिवार द्वारा नियंत्रित किसी भी कंपनी का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कोई कर्ज नहीं है।'
वित्त मंत्री ने दी है जानकारी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा यस बैंक के बोर्ड को भंग करने तथा इसपर पाबंदी लगाने का कदम उठाने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि रिलायंस समूह तथा सुभाष चंद्रा के एस्सेल समूह पर बैंक का बड़ा कर्ज है।

अनिल, सुभाष के पर 22 हजार करोड़
यस बैंक का 10 बड़े कारोबारी समूहों से जुड़े लगभग 44 कंपनियों के पास कथित तौर पर 34,000 करोड़ रुपये का कर्ज फंसा हुआ है। अनिल अंबानी समूह की नौ कंपनियों ने 12,800 करोड़ रुपये तथा एस्सेल ग्रुप ने 8,400 करोड़ रुपये का कर्ज ले रखा है।

इन कंपनियों पर भी भारी कर्ज
अन्य कंपनियों में डीएचएफएल ग्रुप, दीवान हाउजिंग फाइनैंस कॉर्पोरेशन, जेट एयरवेज, कॉक्स ऐंड किंग्स तथा भारत इन्फ्रा ने भी यस बैंक से अच्छा-खासी रकम लोन ले रखी है। रिलायंस ने कहा, 'यस बैंक का रिलायंस समूह पर जो भी कर्ज है, वह पूरी तरह सुरक्षित है और इसे चुकता कर दिया जाएगा।'

ग्रेसिम उद्योग द्वारा 100 करोड़ की सीएसआर राशि के नाम पर की गई धांधली के जांच का आदेश जारी


ग्रेसिम उद्योग द्वारा 100 करोड़ की सीएसआर राशि के नाम पर की गई धांधली के जांच का आदेश जारी

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
नागदा. ओद्यौगिक शहर नागदा जिला उज्जैन, मध्यप्रदेश में स्थित ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (स्टेपल फाइबर डिवीजन) द्वारा विगत 5 वित्तीय वर्षों में सीएसआर के नाम पर किए गए 100 करोड़ रुपए के घोटाले की जांच के किए असंगठित मजदूर कांग्रेस के प्रदेश संयोजक अभिषेक चौरसिया की शिकायत पर शासन द्वारा गंभीरता से निर्णय लेते हुए 5 सदस्यीय जांच दल का गठन कर दिया गया है।
ग्रेसिम उद्योग द्वारा 100 करोड़ की धांधली के जांच का आदेश जारी
ग्रेसिम उद्योग द्वारा 100 करोड़ की धांधली के जांच का आदेश जारी
जिन्हे 15 दिवस के भीतर ग्रेसिम उद्योग द्वारा नागदा एवं आसपास स्थित ग्रामीण क्षेत्रों में करवाए गए समस्त कार्यों का भौतिक सत्यापन कर विस्तृत जांच रिपोर्ट बनाकर शासन को प्रस्तुत करना हैं।
अभिषेक चौरसिया ने बताया कि जांच दल के सदस्यों के रूप में श्रीमती मेघना भट्ट, सहायक श्रमायुक्त, उज्जैन , श्री टी आर रावत, महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र, उज्जैन , श्री आर पी वर्मा, अनुविभागीय दंडाधिकारी, नागदा , श्री गौतम अहिरवार, अनुविभागीय अधिकारी, लोक निर्माण विभाग, नागदा एवं श्री सतीश मट्सेनिया ,मुख्य नगरपालिका अधिकारी, नागदा को शामिल किया गया है ।
ग्रेसिम उद्योग द्वारा 100 करोड़ की धांधली के जांच का आदेश जारी
ग्रेसिम उद्योग द्वारा 100 करोड़ की धांधली के जांच का आदेश जारी
अभिषेक चौरसिया ने बताया कि भारत सरकार के कंपनी एक्ट 2013 की धारा 135 तथा सीएसआर पॉलिसी 2014 के तहत हर उद्योग को अपने नेट प्रॉफिट का कुल 2 प्रतिशत शुद्ध लाभ उस क्षेत्र के स्थानीय नागरिकों के विकास में लगाने का प्रावधान है । जहां इनकी औद्योगिक इकाई स्थापित हैं। लेकिन ग्रेसिम उद्योग द्वारा सीएसआर की राशि का दुरुपयोग देशभर में खर्च करने के नाम पर गुमराह कर किया गया है । जबकि नागदा में ओद्यौगिक प्रदूषण की सबसे बड़ी जिम्मेदार इकाई ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड ही हैं।
अभिषेक चौरसिया ने बताया कि ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड को नेट प्रॉफिट के 2 प्रतिशत के रूप में वर्ष 2014-15 में 20 करोड़, 2015-16 में 15.84 करोड़, 2016-17 में 15.84 करोड़, 2017-18 में 26.98 करोड़ एवं 2018-19 में 22 करोड़ से ज्यादा की राशि का खर्च कंपनी द्वारा किया जाना था लेकिन सिर्फ आंकड़ों के खेल में उलझाकर सबको गुमराह करने का कार्य किया गया है।
ग्रेसिम उद्योग द्वारा 100 करोड़ की धांधली के जांच का आदेश जारी
ग्रेसिम उद्योग द्वारा 100 करोड़ की धांधली के जांच का आदेश जारी
अभिषेक चौरसिया ने बताया कि उनकी शिकायत के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं-
  • 1) ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के विगत 5 वित्तीय वर्षों 2014-15, 2015-16, 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 की ऑडिट रिपोर्ट की जांच की मांग की है ।
  • 2) ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के द्वारा विगत 5 वित्तीय वर्षों में नागदा एवं आसपास स्थित ग्रामीण क्षेत्रों में सीएसआर के तहत करवाए गए समस्त कार्यों की विस्तृत जांच करने की मांग की है । जिसमें कब, कहा और कितनी सीएसआर राशि का खर्च किया गया है।
  • 3) ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड द्वारा इंदुभाई पारीख मेमोरियल जनसेवा अस्पताल में सीएसआर के नाम पर किस प्रकार से आम नागरिकों को लाभ पहुंचाया गया है क्योंकि इसका संचालन सी.एस.आर. के तहत किया जाता हैं जिसमें आज दिनांक तक स्थानीय नागरिकों को किसी भी प्रकार की कोई भी सुविधा निःशुल्क नहीं दी जाती हैं । यहाँ तक कि ओ.पी.डी. का भी शुल्क 50 रुपये से 200 रुपए प्रति मरीज़ वसूला जाता हैं । दवाओं के लिए इन्हीं के मेडिकल स्टोर से महंगी दवा खरीदने का दबाव बनाया जाता हैं । फिर स्वास्थ्य के क्षेत्र में सीएसआर के तहत किस प्रकार से इनका सहयोग दिया जा रहा हैं ।
  • 4) ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड द्वारा संचालित आदित्य बिरला सीनियर सेकेंडरी स्कूल, आदित्य बिरला पब्लिक स्कूल एवं आदित्य बिरला उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का संचालन किस आधार पर सीएसआर के माध्यम से किया जा रहा है । जबकि सबसे ज्यादा शुल्क लेकर शिक्षा इन्हीं विद्यालयों में प्रदान की जाती हैं।
  • 5) ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड के द्वारा सीएसआर के तहत चंबल नदी के किनारे स्थित ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के टैंकर सप्लाई का कार्य किया जा रहा है जबकि नागदा स्थित चंबल नदी के समस्त जल स्त्रोतों पर ग्रेसिम उद्योग का ही आधिपत्य हैं । टेंकरो पर इस बात की पुष्टि भी हैं कि यह टैंकर सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड द्वारा संचालित हैं ।
अभिषेक चौरसिया ने बताया कि जांच समिति को ग्रेसिम उद्योग द्वारा किए गए प्रत्येक कार्य का भौतिक सत्यापन करना हैं क्योंकि इनके द्वारा शासन को प्रस्तुत किए जवाब में इस बात का उल्लेख किया गया है कि इनके द्वारा निशुल्क स्वच्छ पेयजल आपूर्ति, निशुल्क स्वास्थ्य सुविधाए , उच्च शिक्षा सहायता, स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को लोन देकर स्वरोजगार में मदद करने, ग्रामीणों को दुग्ध पालन, बकरी पालन, डेयरी, सिलाई कढ़ाई , कंबल बुनाई कार्य आदि की ट्रेनिंग देने सहित विभिन्न कार्यों में सीएसआर राशि खर्च की जा रही है। अतः इस बात की पुष्टि होना अत्यंत आवश्यक है कि कितना लाभ आम नागरिकों को सीएसआर के तहत हो रहा हैं ।

Saturday, March 7, 2020

गुलब्राण्डसन केटेलिस्टस प्रा. लिमिटेड में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया

गुलब्राण्डसन केटेलिस्टस प्रा. लिमिटेड में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया 

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
नागदा जं. । बिरलाग्राम स्थित गुलब्राण्डसन केटेलिस्टस प्रा. लिमिटेड द्वारा दिनांक 04 मार्च 2020 को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया गया और सुरक्षा से सम्बन्धित विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया एवं सभी कर्मचारियों को सुरक्षा की शपथ दिलवायी गयी । इस सन्दर्भ में एक कार्यक्रम कम्पनी के सभागृह में आयोजित किया गया ।
संस्थान के युनिट हेड श्री राजीव पाटक , वरिष्ठ प्रबन्धक श्री दिपक शर्मा , वरिष्ठ प्रबन्धक श्री एच . एल . राठौर , एवं श्री बीनू पी कौशी प्रबन्धक ( मानव संसाधन ) ने अपने - अपने उदबोधन में सुरक्षा के प्रति सजग रहने वल देते हुए जीवन के हर क्षेत्र में सुरक्षा के महत्व को प्रतिपादित किया एव संस्थान के युनिट हेड श्री राजीव पाटक ने व्यवहार आधरित सुरक्षा व सामाजिक सुरक्षा के प्रति कर्म चारियों की बढ़ती हुई जागरूकता एवं उधोग में शून्य दूर्घटना की महत्ता पर जोर दिया ।
श्री वीनू पी कोशी प्रबन्धक ( मानव संसाधन ) आंधोगिक , व्यक्तिगत एवं सामाजिक सुरक्षा दृष्टिकोण के साथ - साथ हाल ही में कोरोना वायरस ( Covid - 19 ) के प्रति भी सावधान रहने का एवं सुरक्षित जीवन शैली अपनाने को प्रेरित किया ।
समापन आयोजन में मुख्य रूप से सुरक्षा से सम्बधित प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का आयोजन रखा गया और विजेताओं को पुरस्कृत किया गया । प्रतियोगिता की श्रृंखला में सुरक्षा नारा , सुरक्षा निबंध एवं सुरक्षा पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिनमें संस्था में कार्यरत सभी वर्ग के कर्मचारियों ने उत्साह के साथ भागीदारी की और विजेताओं को पुरस्कृत किया गया ।
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ प्रबंधक ( सुरक्षा ) श्री एन . के . यादव ने किया और पूरे कार्यक्रम में संस्थान के श्री आषीश कुशवाह , दिलीप शर्मा , आर . के . चौहान , अनिल शर्मा , पी . के . जैन एवं समस्त कर्मचारी एवं श्रमिकगण उपस्थित थे । कार्यक्रम के अन्त में श्री नितेश महेश्वरी ने सभी कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया ।

Sunday, March 1, 2020

एक बार फिर 100 मिलियन टन के आकड़े को भेदने तैयार एनसीएल

एक बार फिर 100 मिलियन टन के आकड़े को भेदने तैयार एनसीएल  #ANI_NEWS_INDIA

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जिला ब्यूरो चीफ सिंगरौली  // नीरज गुप्ता  7771822877 
  • 7% की बढ़ोतरी के साथ 99 मिलियन टन पहुंचा कोयला प्रेषण
  • बिजली घरों सहित सभी कोयला ग्राहकों के कोयला प्रेषण में वृद्धि
कोयला उत्पादन में अपने शानदार प्रदर्शन को बरकार रखते हुए, नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) ने चालू वित्त वर्ष के पहले ग्यारह महीनों (अप्रैल से फरवरी तक) में 98.03 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया है, जो गत वित्त वर्ष की समान अवधि में किए गए उत्पादन से लगभग 6.3% अधिक है एवं चालू वित्त वर्ष में 29 फरवरी तक निर्धारित लक्ष्य का लगभग 102% है।
इसी तरह कोयला प्रेषण में भी चालू वित्त वर्ष के पहले ग्यारह महीनों में एनसीएल ने बिजली घरों सहित अपने सभी कोयला ग्राहकों को कुल 99.04 मिलियन टन कोयले का प्रेषण (डिस्पैच) किया है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में किए गए कोयला डिस्पैच से लगभग 6.8 % अधिक है व चालू वित्त वर्ष के फरवरी माह तक के लक्ष्य का 103% भी है।
एनसीएल ने चालू वित्त वर्ष में फरवरी तक अपने कोयला ग्राहक बिजली घरों को लगभग 4% अधिक कोयले की सप्लाई की है। कंपनी ने चालू वित्त वर्ष में 29 फरवरी तक बिजली घरों को 80.48 मिलियन टन कोयला दिया है, जबकि गत वित्त वर्ष की समान अवधि में एनसीएल ने 77.32 मिलियन टन कोयले की सप्लाई की थी।
गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष में एनसीएल को 106.25 मिलियन टन कोयला उत्पादन एवं प्रेषण की जिम्मेदारी दी गई है। कंपनी के कोयला उत्पादन व प्रेषण के आंकड़ो को देखते हुए उम्मीद है की कंपनी 100 मिलियन टन कोयला उत्पादन के आकड़े को भेदने के साथ वार्षिक लक्ष्यों को भी हासिल कर लेगी। 

Tuesday, February 25, 2020

श्री बिमलेंदु कुमार ने संभाला एनसीएल के निदेशक (कार्मिक) का कार्यभार

श्री बिमलेंदु कुमार ने संभाला एनसीएल के निदेशक (कार्मिक) का कार्यभार

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जिला ब्यूरो चीफ रायगढ़  // उत्सव वैश्य : 9827482822 
रायगढ़, श्री बिमलेंदु कुमार ने भारत सरकार की मिनी रत्न कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) के निदेशक (कार्मिक) का कार्यभार मंगलवार को ग्रहण किया।
लगभग 36 वर्षों का प्रबंधकीय अनुभव रखने वाले श्री कुमार एनसीएल के निदेशक (कार्मिक) का कार्यभार संभालने से पहले कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की ही अनुषंगी कंपनी सीसीएल में महाप्रबंधक (प्रशासन एवं कल्याण) के पद पर कार्यरत थे।
उन्होने आईएसएम धनबाद से बी. टेक व एम टेक एवं बी.वी.बी मुंबई से औद्योगिक संबंध एवं कार्मिक प्रबंधन में परास्नातक डिप्लोमा (पीजीडीआईआरपीएम) की शिक्षा प्राप्त की है। वर्ष 1984 में श्री कुमार ने सीआईएल की अनुषंगी कंपनी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) में अपनी सेवाओं की शुरुआत की तत्पश्चात 1996 से सीसीएल में अपनी सेवाएँ दीं । इसके उपरांत वर्ष 2003 से सीएमपीडीआईल में पदस्थ हुए व इस दौरान विभागाध्यक्ष (कार्मिक एंव प्रशासन) के पद को भी सुशोभित किया । वर्ष 2017 से कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की ही अनुषंगी कंपनी सीसीएल में महाप्रबंधक (प्रशासन एवं कल्याण) के पद पर कार्यरत थे।
अद्भुत प्रबंधकीय कौशल की बदौलत, उन्होने कई विभागीय नीतियों पर कार्य कर उन्हे अमली जामा पहनाया। साथ ही उन्होने कई प्रमुख प्रचलित कार्य विधियों का मानकीकरण कर कार्य संस्कृति को सरल एवं पारदर्शी बनाया।
अपनी कुशल प्रबंधकीय दक्षता के लिए मशहूर श्री कुमार को बीसीसीसीएल में उनके कार्यकाल के दौरान बेस्ट इनोवेसन पुरस्कार से नवाजा गया एवं सीएमपीडीआईएल के कार्यकाल के दौरान इन्हें सर्वश्रेष्ठ विभागाध्यक्ष के पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।

Monday, February 24, 2020

वर्षो से संघर्ष कर रहे परमार खेड़ि के ग्रामीणो को ग्रेसिम उद्योग द्वारा आर.ओ. प्लांट द्वारा शुद्ध जल की मिली सौगात

वर्षो से संघर्ष कर रहे परमार खेड़ि के ग्रामीणो को ग्रेसिम उद्योग द्वारा आर.ओ. प्लांट द्वारा शुद्ध जल की मिली सौगात

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ब्यूरो चीफ नागदा, जिला उज्जैन // विष्णु शर्मा 8305895567
केंद्रीय मंत्री ने फीता काट कर किया आरो ओ प्लांट का शुभारंभ
नागदा. चम्बल के डाऊन स्ट्रीट मे स्थित 14 गावों मे भू-जल मे मौजूदा फ्लोराइड व अन्य खतरनाक तत्त्वो से ग्रामीणो को निजात मिल गई है। ग्रेसिम द्वारा शहरी क्षेत्रों मे सप्लाय हो रहे शुद्ध पानी की तर्ज पर ग्रामीण इलाको मे आर ओ प्लांट का शुद्ध पानी ग्रामीणो को उप्लब्ध कराने की योजना तैयार कर रहा है जिसके तहत ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने हेतु । ग्रेसिम उद्योग ने मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले की नागदा तहसील के समीप ग्राम परमार खेड़ी में आर ओ प्लांट लगा कर शुद्ध जल की शुरुवात कर दी है।
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23 फरवरी 2020 रविवार का दिन परमार खेड़ी के ग्रामीणो के लिये खुशियाँ ले कर आया। क्योकी वर्षो से पीने के पानी की समस्या से निजात मिल गई। जन स्वास्थ्य के लिहाज से स्वच्छ तथा आसानी से उपलब्ध पेयजल बहुत महत्वपूर्ण है । सुधरी हुई पेयजल आपूर्ति और सैनिटेशन तथा जल संसाधनों का सही प्रबंधन , देश की आर्थिक वृद्धि को बढ़ा सकता है और गरीबी को कम करने में भी मदद कर सकता है ।

उल्लेखनीय है कि यूनाइटेड नेशंस सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल अर्थात संयुक्त राष्ट्र स्थाई विकास गोल्स , अभियान के 15 से भी अधिक गोल्स के तहत छठे नंबर पर सबके लिए सुरक्षित तथा सहज उपलब्ध स्वच्छ पेयजल उपलब्धता को रखा गया है । साथ ही माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उदघोषित जल जीवन मिशन ' भी 2024 तक सभी घरों में नल का साफ पानी उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखता है । इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले की नागदा तहसील के निकटतम गाँव परमार खेडी में ग्रामीणों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध करवाने के ग्रेसिम इंडस्ट्रीज द्वारा एक अत्याधुनिक आर ओ रिवर्स ऑस्मोसिस ) प्लांट स्थापित किया गया है । जो 20 लाख रूपये की लागत से स्थापित किया गया।
इस प्लांट की क्षमता एक घंटे में 1500 लीटर पेयजल को प्रोसेस करने की है। नागदा में अपने पहले विसकोज स्टेपल फाइबर मेन्युफेक्चरिंग प्लांट की स्थापना के साथ ही ग्रेसिम ' मेक इन इण्डिया ' अभियान के अंतर्गत सफलता की कई कहानियां लिखने वाले अग्रणी संस्थानों में से एक रहा है। 1947 में अपनी स्थापना के साथ ही ग्रेसिम समाज उत्थान में भागीदारी निभाने के लिए प्रतिबद्ध रहा है । इसमें बहुत प्रभावपूर्ण तरीके से नागदा और उसके आस पास के गाँवों की तस्वीर को बदलने के लिए किया गया शानदार कार्य भी शामिल है ।
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रविवार की शाम 5 बजे इसी कड़ी में थावरचंद गेहलोत केंद्रीय मंत्री सामाजिक न्याय व पर्यावरण भारत सरकार, मैनेजिंग डायरेक्ट दिलीप गौर शैलेंद्र जैन,एच के अग्रवाल, युनिट हेड के सुरेश,केमिकल डिविजन के प्रेम तिवारी, ग्रेसिम इंडस्टीज़ द्वारा इस पहले आरओ प्लांट का शुभारम्भ कर इसे ग्राम परमार खेड़ी के निवासियों को समर्पित किया गया।
कार्यक्रम के शुभारम्भ के अवसर पर सम्बोधित करते हुए दिलीप गौर मैनेजिंग डायरेक्टर ग्रेसिम इंडस्ट्रीज़ ने कहा - नागदा के स्थानीय समुदाय के लिए कल्याणकारी कार्य करना हमारी नीतियों का प्रमुख हिस्सा है । पिछले कई दशकों से हम इस क्षेत्र में आर्थिक व सामाजिक बदलाव लाने के लिए लगातार निवेश कर रहे हैं । यहाँ के लोगों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए किये जा रहे हमारे निरंतर प्रयासों के हिस्से के रूप में ही यह नया आर ओ प्लांट हम परमार खेड़ी के ग्रामवाशियो को समर्पित करते हैं।
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उत्कृष्ट जल प्रबंधन अभ्यास, जल संरक्षण की ओर हमारी प्रतिबद्धता का भी अभिन्न अंग है । परमार खेडी में इस नए आर ओ प्लांट के साथ हमें विश्वास है कि हम इस क्षेत्र में साफ़ व सुरक्षित पेयजल की उपलब्धता के साथ कई जिंदगियों पर सकारात्मक असर डालेंगे । गौरतलब है कि पिछले 2 सालों से ग्रेसिम द्वारा प्रतिदिन परमार खेड़ी तथा इसके आस पास के गांवों में 14 टैंकर्स के जरिये 70,000 लीटर पेयजल की आपूर्ति निरंतर की जा रही है । साथ ही ग्रेसिम ने ग्रामीणों की सुविधा के लिहाज से 2000 लीटर के तीन पेयजल टैंक भी यहाँ स्थापित किये हैं। ग्रेसिम ने पूर्व में ही नागदा में चंबल नदी पर 4 डैम्स बनाये हैं , जिनसे 2 लाख से भी अधिक लोगों को लाभ मिलता है ।
पिछले तीन वर्षों में ग्रेसिम के पल्प एन्ड फाइबर व्यवसाय में जल प्रबंधन के प्रयासों के जरिये पानी के उपयोग को 50 प्रतिशत तक कम किया गया है । यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है । ग्रेसिम की अत्याधुनिक ( स्टेट ऑफ द आर्ट ) तकनीकें . जैसे कि मेम्ब्रेन प्रोसेस , उपयोग किये जा चुके गंदे पानी को साफ करने और रिसाइकल करने में मदद करती हैं इन इनोवेशंस ने इस प्रक्रिया को और सुधारा है जिससे पानी के बार बार उपयोग को सम्भव बनाया जा सकता है । और इससे ग्रामीणों को अतिरिक्त पानी उपलब्ध करवाया जा सकता है ।
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आज ग्रेसिम द्वारा बनाये गए 30 बिलियन लीटर्स के पानी के स्टोरेज के साधन के जरिये प्लांट के साथ ही पूरे खाचरोद शहर और रेलवे को प्रतिदिन की पानी की जरूरत पूरी हो पाती है । ग्रेसिम के इन निरंतर अभियानों ने प्लाट के आस पास रहने वाले ग्रामीणों पर महत्वपूर्ण असर डाला है । स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के साथ ही ग्रेसिम यहाँ शिक्षा , स्वास्थ्य , स्थाई रोजगार , इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट तथा समाज सुधार जैसी चीजों के जरिये समुदाय को जोड़े रखने के लिए प्रतिबद्ध है । अपने कम्युनिटी इंगेजमेंट प्रोग्राम के द्वारा ग्रेसिम 55 गाँवों और 25 शहरी झुग्गी झोपड़ियों ( निचली बस्तियों ) के 1 लाख से अधिक लोगों तक पहुँच बनाकर उनका जीवन संवार चुका है ।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में ग्रेसिम हर सप्ताह अपनी मोबाइल वैन के जरिये निशुल्क स्वास्थ्य सुविधाएँ और दवाइयां उपलब्ध करवाते हैं । सैनिटेशन के क्षेत्र में स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत ग्रेसिम ने निजी शौचालयों के निर्माण में सहायता प्रदान की है । ग्रेसिम ने इस सबके साथ ही एलईडी स्ट्रीट लाइट्स तथा स्कूल का फर्नीचर प्रदान करने तथा वेटरनरी डिपार्टमेंट के साथ मिलकर जानवरों के टीकाकरण के लिए कैम्प लगाने जैसे कार्य भी सफलता पूर्वक किये हैं । साथ ही महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें सिलाई का प्रशिक्षण देने के साथ ही सिलाई मशीन्स प्रदान करने का काम भी ग्रेसिम ने किया है।
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1947 में जब भारत आजाद हुआ तो ये चिंता हुई कि देश के लोगों के लिए कपड़ा कहां से आएगा बिड़ला घराना आगे आया, आज भारत सहित दुनिया के 7 देशों में ग्रेसिम के उद्योग हैं। समारोह में ग्रेसिम समूह के सीओएफ एच.के.अग्रवाल, डायरेक्टर शैलेंद्र जैन मंचासीन रहे। संचालन ग्रेसिम ग्रामीण विकास विभाग के अरविंद सिकरवार ने किया। आभार ग्राम सरपंच नरसिंग सिसौदिया ने माना।
गांव के वरिष्ठ बालूसिंह ने मंच से केंद्रीय मंत्री और ग्रेसिम के अधिकारियों से अनुरोध कि कि ग्रेसिम के अस्पताल और स्कूलों में गांव के बच्चों को शिक्षा और इलाज में रियाअत दी जाएं। साथ ही मांगलिक आयोजन के लिए एक सामुदायिक भवन का निर्माण भी कराया जाएं।

गांव के विकास के लिए गेहलोत ने दिए 10 लाख

समारोह में ग्रामीणों की मांग पर केंद्रीय मंत्री गेहलोत ने सांसद निधि से 10 लाख देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को मंदिर बनाना है, या फिर अन्य विकास के काम करना है, पहले विचार कर ले, फिर ठहराव-प्रस्ताव बनाकर भेज दें, राशि पंचायत के खाते में भेज दी जाएगी।
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क्या है मामला

कई सालों से ग्राम परमार खेड़ी के ग्रामीण शुद्ध पेयजल के लिए तरस रहे थे , जिसको लेकर कई बार आंदोलन भी हुए । वहीं दूषित जल के कारण कई घरों में विकलांगता ने पैर पसार लिए , जिसकी वजह से डेढ़ हजार की आबादी वाले गांव परमार खेडी में विकलागता की संख्या 100 के पार पहुंच चुकी थी , जब मामला प्रकाश में आया तो वर्ष 2013 में पीएचई ने बोरिंग एवं हैंडपंपों को बंद कर दिया , ताकि विकलांगता अधिक पैर नहीं पसारे , उसके बाद गांवों में शुद्ध पेयजल योजना स्वीकृत हुई जिसके अंतर्गत पाइप लाइन का काम शुरू होने के बीच ग्रेसिम उद्योग ने यहां आरओ प्लांट लगाने का निर्णय लिया और तीन माह में बनकर तैयार हुआ । आर ओ प्लांट समारोह पूर्वक ग्रेसिम उद्योग द्वारा गांव वासियों को समर्पित कर दिया गया ।

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नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया नेटवर्क’’
23/टी-7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, प्रेस काम्पलेक्स,
नीयर दैनिक भास्कर प्रेस, जोन-1, एम. पी. नगर, भोपाल (म.प्र.)
मोबाइल : 098932 21036


क्र. पद का नाम योग्यता
1. जिला ब्यूरो प्रमुख स्नातक
2. तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / हायर सेकेंडरी (12 वीं )
3. क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
4. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
5. ग्रामीण संवाददाता हाई स्कूल (10 वीं )

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