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ब्यूरो चीफ ढीमरखेड़ा जिला कटनी // रमेश कुमार पांडे : 95895 76205
ढीमरखेड़ा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत बिचुआ के ग्राम कोकेडबरा, भलवारा और झिर्री के ग्राम देहरी, उचेहरा, आमाझाल के भदनपुर,भददी आदि ग्रामों की आदिवासी महिलाओं को मुर्गीपालन के लिये समझाईश दी गई।
महात्मा गांधी नरेगा स्कीम और एनआरएलएम के संयोजन से इन महिला हितग्राहियों को एक लाख 40 हजार रुपये लागत के पोल्ट्रीफॉर्म शेड बनाकर दिया गया। चूजे एवं मुर्गीदाना, आवश्यक देख-रेख के लिये दवाईयां उपलब्ध कराने के लिये कटनी वूमेन समूह भी गठित किया गया। अब यह समूह हितग्राहियों को दी गई सामग्री के अलावा तैयार माल के विक्रय की जिम्मेदारी भी उठा रहा है।
11-बिचुआ ग्राम पंचायत के ग्राम कोकोडबरा और भलवारा की सुभद्रा बाई बड़े उत्साह के साथ बताती हैं कि इसके पहले मेहनत मजदूरी कर किसी तरह अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे थे। कलेक्टर केवीएस चौधरी ने महिलाओं को इस क्षेत्र में संगठित कर मुर्गी पालन करने की प्रेरणा दी। हर महीने दो बार स्वयं कलेक्टर साहब उनके पोल्ट्री फॉर्म को देखने आते हैं।
पोल्ट्रीफॉर्म में 25 रुपये का एक चूजा और लगभग 30 रुपये का मुर्गीदाना समूह से खरीदते हैं और 3-4 माह में ही चूजे काफी वजन के हो जाते हैं। अब तक समूह के माध्यम से पौने पांच क्विंटल तैयार ब्रायलर किस्म के मुर्गे शहडोल मार्केट में बचे चुके हैं। तैयार मुर्गा 75 से 90 रुपये प्रतिकिलो जाता है, जिससे बहुत अच्छी आमदनी भी हो रही है।
महिला समूहों के लिये पोल्ट्रीफॉर्म संचालन में अपनी महती भूमिका निभा रहे उपयंत्री सुशील साहू बताते हैं कि आदिवासी गांवों की महिलाओं को घर में ही स्वरोजगार देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने पायलट प्रोजेक्ट के रुप में यह कार्ययोजना क्रियान्वित की जा रही है। अभी फिलहाल कोकोडबरा, भलवारा, उचेहरा, झिर्री, देहरी, आमाझाल के भदनपुर भद्दी की लगभग 200 महिलायें मुर्गी पालन का व्यवसाय संचालित कर रही ह