Thursday, January 10, 2019

सवर्णों को आरक्षण: क्या बीजेपी ने अपनी मुश्किलें खुद पैदा कर ली?

सवर्णों को आरक्षण: bjp के लिए इमेज परिणाम
TOC NEWS @ www.tocnews.org
गरीब सवर्णों को उच्च शिक्षण संस्थाओं और सरकारी नौकरियों में दस फीसदी आरक्षण के जरिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा मास्टरस्ट्रोक जरूर खेला है लेकिन इसके अमल में आने में कई पेंच और संवैधानिक अड़चनें हैं.
गरीब सवर्णों को सरकार जो दस फीसदी आरक्षण देने की तैयारी कर रही है उसके लिए उसे मौजूदा पचास प्रतिशत की सीमा से बाहर रखा जाएगा और इसके लिए संविधान के अनुच्छेद अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन करना पड़ेगा.
जहां तक संसद का सवाल है तो बीजेपी को राज्यसभा में बहुमत न होने के बावजूद राजनीतिक तौर पर ज्यादा विरोध का सामना नहीं करना पड़ेगा. वरिष्ठ पत्रकार अरविंद सिंह कहते हैं, “कांग्रेस समेत ज्यादातर पार्टियां इस फैसले का सीधे-सीधे विरोध तो नहीं कर पाएंगी, लेकिन इस फैसले पर चुनावी फायदा लेने की कोशिश का आरोप तो लगा ही रही हैं और इसमें कोई संदेह भी नहीं है.”
आम चुनावों से ठीक पहले ऐसा कदम उठाने के लिए मोदी सरकार की राजनीतिक तौर पर आलोचना हो रही है. कांग्रेस ने परोक्ष रूप से सवर्ण आरक्षण का समर्थन किया है लेकिन ये सवाल भी पूछा है कि आखिर गरीबों को नौकरियां कब मिलेंगी. वहीं बहुजन समाज पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह इस मामले में बीजेपी को संसद में समर्थन देगी.
अन्य राजनीतिक दल भी सीधे तौर पर सरकार के इस कदम का विरोध तो नहीं कर पाएंगे लेकिन उनकी कोशिश होगी कि ये फिलहाल अमल में न आ पाए ताकि केंद्र सरकार इसका श्रेय न ल सके. इस विधेयक को संसद के दोनों सदनों से दो तिहाई बहुमत से पास कराना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है. लेकिन यदि संसद में ये पारित भी हो गया तो इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती मिलना तय है और फिर सुप्रीम कोर्ट में यह संशोधन टिक पाएगा, अभी कहना मुश्किल है.
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और संविधान विशेषज्ञ डॉक्टर सूरत सिंह कहते हैं, “यह व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट ने ही दी थी कि आरक्षण की सीमा पचास फीसदी से ज्यादा नहीं हो सकती. दूसरे, संविधान ने आरक्षण का आधार सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन को तय किया है, न कि आर्थिक पिछड़ेपन को. जाहिर है, ये संविधान के मूल ढांचे को भी प्रभावित कर सकता है.”
आरक्षण देश में हमेशा से एक संवेदनशील राजनीतिक मुद्दा रहा है खासकर 1991 में मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू होने के बाद से. गरीब सवर्णों को आरक्षण देने की मांग भी अक्सर उठती रहती है और कई बार इसके प्रयास हुए भी हैं. पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने अपने कार्यकाल में मंडल आयोग की रिपोर्ट के प्रावधानों को लागू करते हुए अगड़ी जातियों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने इसे खारिज कर दिया था.
शायद इसीलिए केंद्र सरकार संविधान में संशोधन करके आर्थिक आधार पर आरक्षण की व्यवस्था करने की तैयारी कर रही है लेकिन सुप्रीम कोर्ट में यह संशोधन टिका रह पाएगा, ये बड़ा सवाल है. हालांकि तमिलनाडु में 67 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था है लेकिन वह संविधान के उन प्रावधानों के हवाले से है जिन्हें न्यायालयों में चुनौती नहीं दी जा सकती है.
जानकारों का यह भी कहना है कि किसी भी वर्ग के आरक्षण के लिए दो अनिवार्य शर्ते होती हैं. सबसे पहले तो उसके लिए संविधान में प्रावधान होना चाहिए और दूसरा यह कि उसके लिए एक आधार दस्तावेज तैयार होना चाहिए.
पिछड़े वर्गों को आरक्षण देने के लिए पहले काका कालेलकर आयोग का गठन किया गया था और उसके बाद 1978 में बीपी मंडल आयोग का गठन किया गया था.
हाल ही में महाराष्ट्र में भी मराठों के आरक्षण देने के राजनीतिक फैसले से पहले एक आयोग का गठन किया गया. लेकिन सवर्णों को आरक्षण देने की केंद्र सरकार जो कोशिश करने जा रही है, उसमें इस प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है.
दूसरी ओर, सरकार के इस फैसले के पीछे राजनीतिक वजह को माना जा रहा है और इसकी टाइमिंग भी इस बात को साबित कर रही है. वरिष्ठ पत्रकार योगेश मिश्र कहते हैं कि पहले तो इसे लागू कर पाना मुश्किल है, दूसरे यदि लागू हो भी गया तो बीजेपी इसका फायदा नहीं उठा पाएगी.
उनके मुताबिक, “दरअसल, ये पहल सरकार ने ऐसे समय की है जब ठीक चुनाव का समय है. संसद में यदि ये पास नहीं हुआ तो बीजेपी इसकी जिम्मेदारी दूसरे दलों पर नहीं थोप पाएगी, क्योंकि ये सवाल उससे पूछा जाएगा कि आपने ये काम इतनी देरी से क्यों किया. दूसरे यदि पास हो भी जाता है तो चूंकि इसमें सभी राजनीतिक दलों की सहमति होगी, इसलिए अकेले बीजेपी क्रेडिट नहीं ले पाएगी.”

CCH ADD

CCH ADD
CCH ADD

dhamaal Posts

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / रिपोर्टरों की आवश्यकता है

ANI NEWS INDIA

‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।

कार्य क्षेत्र :- जो अपने कार्य क्षेत्र में समाचार / विज्ञापन सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके । आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति।
आवेदन आमन्त्रित :- सम्पूर्ण विवरण बायोडाटा, योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के स्मार्ट नवीनतम 2 फोटोग्राफ सहित अधिकतम अन्तिम तिथि 30 मई 2019 शाम 5 बजे तक स्वंय / डाक / कोरियर द्वारा आवेदन करें।
नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया नेटवर्क’’
23/टी-7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, प्रेस काम्पलेक्स,
नीयर दैनिक भास्कर प्रेस, जोन-1, एम. पी. नगर, भोपाल (म.प्र.)
मोबाइल : 098932 21036


क्र. पद का नाम योग्यता
1. जिला ब्यूरो प्रमुख स्नातक
2. तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / हायर सेकेंडरी (12 वीं )
3. क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
4. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
5. ग्रामीण संवाददाता हाई स्कूल (10 वीं )

SUPER HIT POSTS

TIOC

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

''टाइम्स ऑफ क्राइम''


23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1,

प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011

Mobile No

98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।

http://tocnewsindia.blogspot.com




यदि आपको किसी विभाग में हुए भ्रष्टाचार या फिर मीडिया जगत में खबरों को लेकर हुई सौदेबाजी की खबर है तो हमें जानकारी मेल करें. हम उसे वेबसाइट पर प्रमुखता से स्थान देंगे. किसी भी तरह की जानकारी देने वाले का नाम गोपनीय रखा जायेगा.
हमारा mob no 09893221036, 8989655519 & हमारा मेल है E-mail: timesofcrime@gmail.com, toc_news@yahoo.co.in, toc_news@rediffmail.com

''टाइम्स ऑफ क्राइम''

23/टी -7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, जोन-1, प्रेस कॉम्पलेक्स, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) 462011
फोन नं. - 98932 21036, 8989655519

किसी भी प्रकार की सूचना, जानकारी अपराधिक घटना एवं विज्ञापन, समाचार, एजेंसी और समाचार-पत्र प्राप्ति के लिए हमारे क्षेत्रिय संवाददाताओं से सम्पर्क करें।





Followers

toc news