Wednesday, September 20, 2017

कुछ इन अंदाज में दिखीं किम, फोटोज हुईं वायरल

नई दिल्ली।

रियलिटी स्टार किम कार्दशियन लॉस एंजेलिस में डिनर डेट पर स्पॉट हुई। 36 साल की किम स्किन कलर के क्रॉप टॉप और कर्वी हगिंग्स लैगिंग में नजर आईं। उन्होंने क्रीम कलर का ओवरकोर्ट भी कैरी किया था। नॉर्मल मेकअप में ओवरऑल किम का लुक बेहद गॉर्जियस लग रहा था।

किम द्वारा पहनी गई ड्रेस में उनका कर्वी फिगर भी दिख रहा था।

उन्होंने ला स्केल इटेलियन रेस्त्रां ने डिनर लिया। उन्होंने ट्वीटर पर अपने फॉलोअर्स से कहा कि, 'flu got me like...'


किम अपनी बहन काइली जेनर के साथ मिलकर एक न्यूड लिप किट लॉन्च करने जा रही हैं। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर फोटो शेयर करते हुए लिखा है.... 'The KKW X KYLIE collab of 4 nude lip kits with the new creme liquid formula launches Tuesday April 25th. So proud to collab with my little twin sissy! KylieCosmetics.com'. एक अन्य फोटो शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन दिया है, 'So excited about this nudes collection #KKWxKYLIE'.

हवलदार की हत्या करने वाले दोनों आरोपी गिरफ्तार


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रायसेन । हवलदार इंद्रपाल सिंह की हत्या करने वाले दोनों आरोपी गिरफ्तार।
नर्मदा नदी के सेमरी घाट के भीहड़ से देर रात हुए आरोपी गिरफ्तार।
पिछले एक हफ्ते से फरार थे आरोपी अच्छे भैया और तरुवर सिंह ठाकुर।

रायसेन एसपी जगत सिंह राजपूत के नेतृत्व में पुलिस की 7 टीमें हफ्ते भर से आरोपियों की कर रही थी तलाश।
12 सितंबर को जिले के भारकच्छ थाने के जमुनिया गांव में एक मामले में फरार आरोपी तरवर सिंह को गिरफ्तार करने गए थे हवलदार इंद्रपाल सिंह सेंगर।
आरोपी के भाई अच्छे भैया ने गाड़ी से कुचलकर की कर दी थी हवलदार की हत्या।
आज कोर्ट में पेश किए जा सकते है दोनों आरोपी।
सीएम शिवराज सिंह ने हवलदार इंद्रपाल सिंह को दिया था शहीद का दर्जा।

Tuesday, September 19, 2017

नीति आयोग ने खोली शिवराज के विकास की पोल ?

अवधेश पुरोहित // toc news
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी की सत्ता के मुखिया शिवराज सिंह चौहान सबका साथ सबके विकास के नारे के साथ-साथ प्रदेश के चहुंओर विकास का ढिंढोरा पीटते नजर आते हैं, तो सवाल यह उठता है कि यही नहीं उनके कार्यकाल के दौरान अभी तक हुए हर उपचुनाव में सफलता के बाद उनका यही दावा रहता है कि विकास ने उन्हें विजय दिलाई, तो वहीं किसानों की खेती को लाभ का धंधा बनाने का ढिंढोरा भी खूब पीटा जाता है लेकिन उसके बावजूद भी प्रदेश का किसान आत्महत्या करने को मजबूर है, सवाल यह है कि जिस प्रदेश के विकास की यह स्थिति हो कि राज्य के ६१ फीसदी के आबादी के घरों तक पेयजल नहीं पहुंच रहा है, जबकि मध्यप्रदेश की तुलना में छत्तीसगढ़ की ५३ फीसदी आबादी को ही पेयजल मिल पाता है। इन सबकी तुलना में गुजरात की ९५ फीसदी आबादी को पाइप लाइन के जरिये पेयजल पहुंचाया जा रहा है।

मध्यप्रदेश सरकार के विकास को आइना दिखाने का काम कोई विपक्षी दल के नेता या मीडिया के द्वारा नहीं बल्कि केन्द्रीय नीति आयोग के सदस्य रमेशचन्द्र के द्वारा राज्य के विकास के इन दावों के आंकड़ों की पोल खोली गई। नीति आयोग के सदस्य रमेश चन्द्र ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मध्यप्रदेश में कृषि विकास दर अद्भुत तरीके से बढ़ी है, लेकिन कुल विकास की बात करें तो मध्यप्रदेश अभी कई राज्यों से पीछे है। मध्यप्रदेश में बीते दस साल में प्रति व्यक्ति आय पांच फीसदी बढ़ी है, लेकिन देश की औसत क्रय दर में मध्यप्रदेश की औसत क्रय दर पचास फीसदी कम है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की स्थिति कृषि में अच्छी है, लेकिन दूसरे सेक्टर्स में काम करने की जरूरत है।

वहां अभी भी तीसरी और पांचवीं के बच्चे शब्द नहीं पहचान पाते। प्रो. रमेशचंद्र ने पत्रकारों से चचौ भी की जिसमें उन्होंने मध्यप्रदेश की कृषि क्षेत्र में हुई प्रति की तारीफ की लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि एक अवसर ऐसा आाएगा जब कृषि के क्षेत्र में हो रही प्रगति में स्थिरता आ जाएगी। अत: मध्यप्रदेश को कृषि के अलावा बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्राम विकास, जल संसाधन और उद्योग के क्षेत्र में काम करने की जरूरत है क्योंकि इन क्षेत्रों में अन्य राज्यों की बजाय मध्यप्रदेश की स्थिति कमजोर है जैसे मध्यप्रदेश में पीने का पानी पाइप के द्वारा मात्र ३९ प्रतिशत लोगों को ही मिलता है जबकि ६१ प्रतिशत लोगों की अभी पीने का पानी पाइप से नहीं मिल रहा। गुजरात में ९५ प्रतिशत लोगों को पीने का पानी पाइप के द्वारा सप्लाई किया जाता है।

रमेशचंद्र के अनुसार भावान्तर योजना को २००३ में बनया गया था। उसे नीति आयोग की सलाह पर ही मध्यप्रदेश में लागू किया जा रहा है। प्रो. रमेशचन्द्र ने बताया कि देश की औसतन क्रय दर के मुकाबले मप्र की क्रय दर ५० फीसदी से भी कम है। शिक्षा की हालत यह है कि तीसरी के छात्र दूसरी कक्षा के शब्द नहीं पहचानते जबकि मध्यप्रदेश के आधे हिस्से में सिंचाई की सुवधिा नहीं है। प्रो. रमेशचन्द्र ने बताया कि मध्यप्रदेश का दौरा करने के पीछे मुख्य वजह पुरानी योजनाओं की जगह सफलतम नीति को लागू करना है। अब पंचवर्षीय योजनाओं को बंद कर तीन वर्षीय योजना बनाई जा रही है। इन्हीं कारणों से मध्यप्रदेश में प्याज की यह स्थिति हुई है। सरकार को चाहिए कि प्याज के लिए दूसरे राज्यों के व्यापारियों को भी बलाये।

प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में स्टोरेज और प्रोसेसिंग यूनिट भी होने चाहिए। भावान्तर योजना में किसानों को पचास फीसदी अनुदान गोडाउन दिये जाने का प्रावधान है। पत्रकार वार्ता में आईपीएस राजेन्द्र मिश्रा ने प्रो. रमेशचन्द्र के मप्र दौरे के संदर्भों को स्पष्ट किया। कुल मिलाकर नीति आयोग के उच्चस्तरीय दल के मध्य प्रदेश के दौरे से प्रदेश में जहां कृषि के क्षेत्र में किये गये कार्यों की सराहना मिली वहीं शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली, जल संसाधन और उद्योग के क्षेत्र में अभी बहुत ज्यादा प्रयास करने की आवश्यकता बताई गई। सो, तेजी से विकास का दंभ भरने वाले प्रदेश के लिए नीति आयोग की सलाह आंखें खोल देने के लिए काफी है।

सरकारी साड़ी के लिए महिलाओं में मारपीट, खींचे एकदूसरे के बाल

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हैदराबाद। तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता के कार्यकाल में शुरू की गई साड़ी वितरण योजना की तेलंगाना सरकार ने नकल तो कर ली लेकिन उसका सही ढंग से अनुपालन नहीं हो सका। लिहाजा, सरकार ने जैसे ही महिलाओं को साड़ी बांटना शुरू किया ना केवल हंगामा होना शुरू हुआ बल्कि घटिया किस्म की साड़ी की वजह से मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की भी किरकिरी हुई है। योजना के मुताबिक राज्य के कई शहरों में आज (18 सितंबर) साड़ी बांटे जाने का कार्यक्रम शुरू हुआ लेकिन लंबी-लंबी कतारों में खड़ी महिलाओं ने पहले तो एक-दूसरे को धक्का देना शुरू किया फिर मारपीट पर उतारू हो गईं।

स्थानीय टीवी चैनलों के वीडियो के मुताबिक हैदराबाद के सैदाबाद में महिलाएं लंबी-लंबी लाइन में खड़ी दिखीं। थोड़ी ही देर बाद महिलाओं को आपस में एक-दूसरे का बाल खींचते हुए और लड़ते हुए देखा गया। वीडियो में महिला पुलिसकर्मी उन्हें अलग करती नजर आईं। बता दें कि राज्य सरकार के आला अधिकारियों ने नवरात्र की तरह नौ दिन तक चलने वाले बतुक्कम उत्सव के लिए 500 डिजायन में साडिय़ां पसंद की थीं। बतुक्कम में महिलाएं सिर पर फूल सजाकर एकसाथ नाचती हैं। यह उत्सव नवरात्र के नौ दिनों तक चलता है और दशहरा को समाप्त होता है।

तेलंगाना सरकार में मंत्री तलसानी श्रीनिवास यादव का कहना था कि साडिय़ां गरीब महिलाओं को त्योहार पर गिफ्ट है, जिसे वो बतुक्कम पर पहनेंगी। कम समय होने के कारण सरकार ने जल्दबाजी में आधी साडिय़ां गुजरात के सूरत से मंगवाई गईं तो आधी तेलंगाना के पावरलूम से खरीदी गईं।

जैसे ही तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेताओं ने आज सुबह साड़ी वितरित करना शुरू किया, कई इलाकों में औरतें आपस में भिड़ गईं। हैदराबाद के सैदाबाद में महिलाएं घंटों इंतजार करती रहीं और एक दूसरे के बाल खींचते नजर आईं। लंबी-लंबी कतारों में खड़ी महिलाओं ने पहले तो एक-दूसरे को धक्का देना शुरू किया फिर मारपीट पर उतारू हो गईं। महिलाएं आपस में एक-दूसरे का बाल खींचते हुए लडऩे लगी। वीडियो में महिला पुलिसकर्मी उन्हें अलग करती नजर आईं। सोशल मीडिया पर महिलाओं के कई समूहों साड़ी को आग लगाते नजर आए।

महिलाओं का कहना था कि उन्हें उम्मीद थी कि उन्हें अच्छी साडिय़ां मिलेंगी लेकिन सरकार जो साडिय़ां बांट रही है उनकी क्वालिटी बहुत खराब है। सरकार ने वादा किया था कि हमें हैण्डलूम की साडिय़ां देगी लेकिन हमें 50 रुपये की साड़ी दी जा रही है। सरकार ने इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ये विरोध प्रदर्शन राजनीति से प्रेरित है। सरकार ने इस पूरी योजना के लिए 222 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। 52 लाख साडिय़ां तेलंगाना के बुनकरों से खरीदी गई है और बाकी की साडिय़ां सूरत व दूसरे अच्छी कपड़ा मिलों से मंगाई गई है। डिजाइन, रंग और क्वालिटी के मामले पर मुख्यमंत्री कार्यालय की महिलाओं ने विशेष ध्यान दिया है।

संघर्ष से सफलता की ओर बढ़ते रहे कदम बुंदेलखंड के कर्मयोगी संतोष गंगेले


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मध्यप्रदेश की हृदयस्थली पावन पवित्र भूमि बुंदेलखंड की धारा महाराजा छत्रसाल का जीवन हमें जीवन जीने की कला सिखाता है इस बुंदेलखंड की धरा पर अनेकानेक महापुरुष ने जन्म लेकर के भूमि को पवित्र बनाया है इसी क्रम में छतरपुर जिले की छोटे से ग्राम वीरपुरा तहसील थाना नौगांव से लगा इस गांव में एक सामान्य से परिवार में जन्म लेने वाले बुंदेलखंड  के कर्म कर्मयोगी संतोष गंगेले के जीवन परिचय आप सभी को अवगत कराना चाहते हैं वर्तमान समय और परिस्थितियों के अनुसार  सामाजिक समरसता से परिपूर्ण विलक्षण विवेक और बुद्धि विवेक से समाज हित में भारतीय संस्कृति और संस्कारों को बचाने के लिए अपने तन मन धन से समर्पित होकर समाज सेवा में लगे इस ऐसे त्यागी मेहनती परिश्रमी व्यक्ति का परिचय वर्तमान युवा पीढ़ी को कराना आवश्यक समझता हूं .

    ग्राम वीरपुरा में साधारण किसान जाति से    जिझौतिया ब्राह्मण परिवार जोकि सामान्य कृषक लेकिन समाज के लिए समर्पण से भावना जीवन यापन करने वाले संत श्री प्यारे लाल जी रंगीली जोकि हरिहर बाबा के नाम से विख्यात थे उनकी धर्मपत्नी श्रीमती सुमित्रा देवी गंगेले ने 11 दिसंबर 1956 को एक बालक को जन्म दिया जिसका नाम उनकी दादी श्रीमती फुलारी बाई ने इस बालक का नाम संतोष कुमार दिया बचपन से ही संतोष कुमार एक होनहार बालक नजर आते थे कुछ समय बाद परिवार में तीन अन्य भाइयों कैलाश राजेंद्र कुमार सुरेश कुमार के बाद एक बेटी का भी इस परिवार में जन्म हुआ जिसका नाम गीता रखा गया I

          संतोष गंगेले को सर्वप्रथम  वर्ष 1962 मैं 5 जुलाई को जब संतोष कुमार को पाठशाला के लिए उसकी मां ने प्यार कर जाने को कहा तो मां द्वारा बालक को सर्वप्रथम अपने से बड़ों का आदरभाव आशीर्वाद लेकर जाने की शिक्षा दी इस शिक्षा को संतोष गंगेले ने अपने हृदय में इस प्रकार से स्थान बनाया और वह घर से अपने माता पिता परिवार के बुजुर्गों के साथ साथ गांव के बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद ले कर संस्था में शिक्षा ग्रहण करने पहुंचा तो पाठशाला में सिर झुका कर मां सरस्वती को प्रणाम किया और गुरुजनों का आशीर्वाद लेकर क्लास में प्रवेश किया जीवन की प्रगति का पहला कदम शिक्षा और सम्मान का था इसी कारण से मां का पहला वचन संतोष गंगेले ने अपने हृदय में उसे वरदान के रूप में बनाया जब तक वह गांव में रहे अपने मित्रों के साथ साथ सभी का मान सम्मान कर शिक्षा 5तक ग्राम वीरपुरा में ग्रहण इसके बाद हायर सेकेंडरी नौगांव में कक्षा 6 में प्रवेश किया उस समय हाई सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य श्री DP सिन्हा साहब के अनुशासन था बच्चों में शिक्षक के प्रति प्रेम सातवें भी था


उस समय अध्ययन के बाद परिवार की स्थिति अत्यधिक नाजुक हो जाने के कारण संतोष कुमार को अपने मां के साथ घरेलू कार्यों में हाथ बटाना पड़ा जिससे कक्षा छठवीं की परीक्षा में अनुकरणीय हो जाने के बाद दूसरी साल भी अध्ययन किया उसमें भी असफलता होने के कारण स्कूल से पढ़ाई छोड़ दी और पारिवारिक कार्य में हाथ बताने लगे विगत कई वर्षों तक लगातार परिवारिक विकास में भागीदार बनें जब समय आया तो वर्ष 1971 में मऊ सानिया की श्री लक्ष्मी चंद जी जैन के यहां किराना की दुकान पर नौकरी करना शुरू की उस समय ₹20 मासिक वेतन पर कार्य किया व्यापारी श्री लक्ष्मी चंद्र जैन द्वारा संतोष गंगेले की बुद्धि विवेक को देखते हुए उन्होंने उसे पढ़ने के लिए उत्साहित किया और उसका नाम पुन्हा प्राइमरी माध्यमिक शाला में लिया और एक समय स्कूल जाना दोपहर बाद 12:00 बजे से 8:00 बजे तक दुकान का काम करना 1 घंटे खाना पीना परिवार के साथ व्यतीत करने के बाद रात्रि 9:00 बजे से 12:00 बजे तक घर पर चिराग की रोशनी में अध्ययन करना दिनचर्या बन गई थी

 इसी कारण से 1974 में कक्षा आठवीं पास करने के बाद जिला रोजगार कार्यालय में Naam पंजीयन कराया भाग्य और कर्म दोनों की मिलती ही वर्ष 1977 में एमईएस आर्मी कॉलेज में चौकीदारी के पद पर नौकरी लग गई डेढ़ वर्षों तक नौकरी करने के बाद वर्ष 1979 में दिल्ली मजदूरी करने चली गई वहां पर एक साल तक मजदूरों की तरह ईंट गारा और सफाई का काम किया वर्ष 1980 में पुनः हायर सेकेंडरी की परीक्षा प्राइवेट रूप से करने का निर्णय लिया और नव गांव में आकर के बुंदेलखंड कोचिंग कॉलेज के संचालक श्री आर के आनंद से मिले और वहां पर उन्हें अध्ययन के लिए प्राइवेट रूप से कोचिंग की छाती व्यापारियों के यहां कार्य करते हुए परिवार का संचालन भी किया ईश्वर की कृपा मेहनत से वर्ष 1980 में हाई सेकेंडरी की परीक्षा उत्तर निय हो जाने के बाद संतोष गंगेले को प्रकाश का रास्ता दिखने लगा लेकिन आर्थिक स्थिति बराबर नाजुक होती रही परिवार में चुकी पिता संत थे


इसलिए वह इस कार्य में पीछे रहेगी उत्तम शिक्षा ग्रहण कर सके फिर भी इसी बीच नौगांव के व्यापारियों से संबंध हो जाने के कारण वर्ष 1981 में बापू महाविद्यालय नौगांव में प्रवेश लिया और एक चाय पान की दुकान तहसील चौराहा पर खोली जिसमें कुछ रिश्तेदारों ने मदद की कुछ बैंक से लोन लिया और इस प्रकार से चाय पान की दुकान चलाते हुए बापू महाविद्यालय. की शिक्षा ग्रहण की इसी बीच भारत सरकार की योजना के तहत हाई सेकेंडरी पास बेरोजगारों को रोजगार के अवसर के तहत ₹25000 ऋण प्रदान किया जाने लगा जिस कारण से हिंदी टाइपिंग बोर्ड परीक्षा भोपाल से पास करने के कारण स्टेट बैंक नौगांव से ₹25000 टाइपिंग सेंटर के लिए ऋण पास हो गया इसी बीच नौगांव न्यायालय में वकीलों के यहां भी संपर्क हो जाने के कारण उन्हें जिला न्यायालय द्वारा बाल टाइपिस्ट का लाइसेंस भी मिल गया इसी कारण  उनका मुंशी गिरी का काम करते रहे परीक्षा अभी चलती रही चाय की दुकान भी चलती रही जीवन को कठिन तपस्या त्याग तप आते हुए संतोष गंगेले ने संघर्ष किया

विभिन्न सामाजिक संगठनों सामाजिक कार्यों के साथ-साथ पत्रकारिता के क्षेत्र में भी कदम रखा और जिले के तमाम राजनीतिक नेताओं से सामाजिक सेवी संस्थाओं से और संपादकों से संबंध हो जाने के कारण पत्रकारिता में अत्यधिक रुचि हो गई इसी बीच 11 दिसंबर 1980 से उन्होंने छतरपुर से प्रकाशित देनिक राष्ट्र भ्रमण समाचार पत्र से पत्रकारिता शुरू की पत्रकार संघ  अध्यक्ष  पद पर चुने गए पत्रकारिता की लोकप्रियता के कारण उन्हें आम लोग पहचानने लगे इसी कारण कारण संतोष गंगेले का वैवाहिक जीवन  नौगांव से लगा उत्तर प्रदेश का सीमा समीपवर्ती ग्राम जगतपुर गढ़िया में 21 फरवरी 84 में विवाह हो गया साथ ही छतरपुर जिला कलेक्टर द्वारा उन्हें नौगांव तहसील में बैठने के लिए अनुमति प्रदान की गई इस प्रकार से विकास की गति प्रगति की ओर बढ़ती गई

पत्रकारिता के क्षेत्र में नए नए आयाम होते गए अनेक समाचार पत्रों से जुड़ने के कारण उनकी लोकप्रियता बहुत ही आगे बढ़ गई छतरपुर जिले के विभिन्न समाचार पत्रों के साथ-साथ रीवा सतना कानपुर भोपाल झांसी दिल्ली दिल्ली के समाचार पत्रों में समाचार भेजने का काम करने लगे और उन्होंने समाज सेवा के क्षेत्र में नए नए आयाम शुरू की उन्हें पत्र लेखन का तरीक शौक था इस कारण से उस समय टाइपिंग सेंटर होने के कारण उन्होंने टाइपिंग से  प्रशिक्षण किया मध्य प्रदेश बोर्ड भोपाल से पास हो गए करने के बाद मध्य प्रदेश के समस्त जिला कलेक्टर जिला पुलिस अधीक्षक सहित विभिन्न अधिकारियों को शुभकामनाएं संदेश अपनी बात जन्म संदेश जन जागरण अभियान के माध्यम से अपना नाम स्थापित किया समाज में समाज सेवा करने कारण लोकप्रिय होने के कारण वह बहुत ही सक्रिय राजनीति में हो गए 1989 में उन्हें विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा नीचा दिखाने के लिए कई अपराधिक मामलों में भी उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा साथ ही विभिन्न परिस्थितियों में उन्होंने संकट भेज दीजिए अपना कदम आगे बढ़ाया वर्ष 1990 में नौगांव जनपद क्षेत्र पर जनपद अध्यक्ष चुनाव के लिए मैदान में उतरे लेकिन कानूनी अड़चन के कारण वह पंचायत चुनाव नहीं हो सके जिस कारण से वह राजनीति में पिछड़ गए संतोष गंगेले समाज सेवा के क्षेत्र में सामाजिक समरसता क्षेत्र में आम जनता से मिलते रहे महाराजपुर विधानसभा एवं विचार विधानसभा क्षेत्र के सैकड़ों गांव में आम जनता से मिलना उनकी समस्याओं को उठाना शासन का भेजना उनका एक दायित्व करतब समझते थे

इसी कारण से वह कर्मयोगी नाम से जाने जाने लगे लेकिन वर्ष 1993 उनकी धर्मपत्नी श्रीमती प्रभादेवी अचानक निधन हो 20 अक्टूबर 2013 को  हो जाने के कारण चार बच्चे बिन मां के  रोते-बिलखते  लेकिन ईश्वर की कृपा के कारण 14 दिसंबर 1993 में उनका दूसरा व्यवहार जीवन निवासी के पास श्रीमती रंजना देवी  के साथ हो गया और चारों बच्चों का भरण पोषण पालन होने लगा जिस कारण से उन्होंने अपनी समाज सेवा  करना शुरू कर दी विभिन्न क्षेत्रों में सामाजिक समरसता के कारण लोकप्रिय प्रक्रिया होने के बाद छतरपुर जिला कलेक्टर श्री राधेश्याम जुलानिया ने उनका लाइसेंस बेवजह नष्ट करके पुनः संकट में डाल दिया लेकिन जब वह श्री राधेश्याम जुलानिया कलेक्टर से मिले और उन्होंने अपनी बेबाक बात रखी कलेक्टर महोदय ने उनका लाइसेंसी वालों ने किया बल्कि उन्हें शिक्षा और शिक्षक कार्य क्षेत्र में सक्रिय भूमिका अदा करने के लिए प्रेरणा थी जिस कारण से वर्ष 1995 से शिक्षा के क्षेत्र में नौगांव जिला छतरपुर जनपद क्षेत्र में उन्होंने उत्तम कदम रखा और बच्चों से मिलना जुलना 1995 से शुरू किया साक्षरता शिक्षा के साथ साथ वह बच्चों के बीच जाकर बालसभा कराना बच्चों से मिलना उनका ही जीवन का लक्ष्य सा बन गया था

 इसी कारण वर्ष 2007 से वह लगातार शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा स्वास्थ्य स्वछता समरसता समाज विषय को लेकर वह विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में अपनी बात रखकर बच्चों को भारतीय संस्कृति के माध्यम से जीवन जीने की कला सिखाते आ रहे हैं पिछले दोनों भारत सरकार के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान स्वच्छ भारत अभियान को लेकर जन जागृति के लिए उन्होंने तन मन धन से अपनी मोटरसाइकिल से छतरपुर जिले एवं टीकमगढ़ जिले के सैकड़ों शिक्षण संस्थानों में अपने उद्बोधन के माध्यम से लाखों बच्चों को भारतीय संस्कृति जीने की कला सिखाई वह लगातार अपने तन मन धन से समाज सेवा में लगे हुए हैं मध्य प्रदेश शासन के विभिन्न अधिकारी-कर्मचारी उनके इस कार्य को सराहना कर चुके हैं टीकमगढ़ लोकसभा क्षेत्र के लोकप्रिय सांसद डॉक्टर वीरेंद्र खटीक जी द्वारा उन्हें समय-समय पर अपने क्षेत्र में सम्मानित भी किया गया है

 श्री संतोष गंगेले बुंदेलखंड के कर्म योगी हैं उनका विभिन्न स्थानों पर सामाजिक समरसता समाज क्षेत्र के सामाजिक समरसता के लिए सम्मान सूचक है उन्होंने अपने ब्राह्मण समाज में अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत कर अपने बेटी का विवाह है बिना दहेज का एक सदस्य प्रेरणा भरा संदेश समाज को दिया है उनकी कथनी करनी में कभी कोई अंतर नहीं रहा है इस कारण से वह आज समाज में एक नजीर बन कर उभरे हुए समाज सेवा के प्रति अत्यधिक समर्पित होने के कारण वह क्षेत्र में जगह-जगह एक सोशल वर्कर और सामाजिक समरसता के कम योगी व्यक्ति के नाम से पहचाने जाने लगे वर्ष 2004 इंटरनेट से जुड़ने के कारण उन्होंने विभिन्न महापुरुषों की जीवनी को पढ़ा और समझा

साथ ही उन्होंने पंडित दीनदयाल जी उपाध्याय डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी राजा राममोहन राय बाल गंगाधर तिलक गणेश शंकर विद्यार्थी महावीर प्रसाद द्विवेदी  जै से अनेक महापुरुषों की जीवनी को पढ़कर पत्रकारिता वह ऋषि दिखाई और उन्होंने वर्ष 2013 में गणेश शंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब का संगठन बनाकर के और उसको मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थापित किया लगातार 3 वर्षों तक वह मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में अपने निजी वाहन से पहुंचकर पत्रकारों की समस्याओं को हल कर आया तथा उनके लिए संघर्ष किया विभिन्न शिक्षण संस्थाओं महाविद्यालय में जाकर के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्वच्छ भारत अभियान दहेज प्रथा नशा मुक्ति अभियान यातायात शिक्षा स्वास्थ्य स्वछता समस्त कविताएं बेटियों का कन्या पूजन करके उन्होंने एक बुंदेलखंड में अपना नाम स्थापित किया है आज उनको Google में भेज Facebook WhatsApp मैं प्रमुख स्थान प्राप्त उन्हें Google में आप कहीं भी किसी भी समय संतोष गंगेले लिखकर सर्च कर सकते हैं

उनके जीवन के बारे में अनेक उदाहरण आपको मिल जाएंगे संतोष गंगेले छतरपुर जिले के ही नहीं बुंदेलखंड के एक ऐसे समाजसेवी हैं जिन्होंने अपने जीवन में अद्वितीय काम किए हैं जो अभी तक कोई ऐसा व्यक्ति नहीं करता है वह स्कूली टाइम पर अपनी दो पहिया गाड़ी से बच्चों को राहत सामग्री लेकर पुष्पमाला लेकर प्रॉब्लम निजी माइक लेकर स्कूल पहुंचते हैं अध्यापक की अनुमति के बाद संस्था में बच्चों को एकत्रित कर उन्हें शिक्षा स्वास्थ्य स्वच्छता समरसता समाज विषय के साथ साथ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्वच्छ भारत अभियान नशा मुक्ति अभियान दहेज से परहेज यातायात के नियमों से अवगत कराना समाज में उत्तम जीवन किस प्रकार किया जाए इस बारे में बच्चों को विचारों से प्रभावित करते हैं

 उन्होंने बच्चों के साथ चाचा नेहरू की तरह अपना जीवन व्यतीत करने का संकल्प लिया है इसी कारण से आज वह पूरे बुंदेलखंड मध्यप्रदेश में एक कर्मयोगी के रूप में जाने जाते हैं लाखों बच्चे उन्हें अंकल जी चाचा जी के नाम से पुकारने लगे हैं उनका रहन सहन उनकी दिनचर्या प्रकृति से जुड़ी हुई है सुबह   उठना और दिनचर्या के बाद सुबह घूमना सुबह से समाज सेवा करना लोगों को सम्मान देना सामाजिक समरसता के कार्यों की रूपरेखा तैयार करना स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए विभिन्न संगठनों से जुड़कर काम कर रहे हैं छतरपुर जिले के नवागांव ईशा नगर छतरपुर बिजावर राजनगर महाराजपुर नौगांव हरपालपुर पलेरा जतारा पृथ्वीपुर टीकमगढ़ विभिन्न विकासखंडों में शिक्षण संस्थाओं में पहुंचकर कन्याओं का पूजन करना उनका सम्मान करना प्रतिभावान बच्चों को प्रोत्साहित और सम्मान करना उनकी दिनचर्या है

लगातार बच्चों को सम्मान देकर शिक्षकों को विचार गोष्ठियों के माध्यम से भारतीय संस्कृति पर अपने विचार रखते हैं महापुरुषों कहानियां लोकगीतों के माध्यम से बच्चों में ऊर्जा का संग्रह करने का प्रयास लगातार कर रहे इस प्रकार से अपने तन मन धन से समर्पित बुंदेलखंड के कर्मियों की संतोष कुमार गंगेले लगातार समाज सुधारने और सामाजिक समरसता के प्रति समर्पण और त्याग के साथ काम करने में लगे हैं स्नातक की उपाधि प्राप्त करने वाले श्री संतोष गंगेले हमेशा गरीबों निर्धन असहाय व अनाथों किसानों व्यापारियों आम व्यक्तियों के लिए उद्बोधन करता और कर्मों के के माध्यम से संघर्ष की चाबी बनकर लोगों को नजीर प्रस्तुत कर रहे हैं उनका कहना है संघर्ष जीवन को निखारता है

संभलता  है संघर्ष ही जीवन को तरसता है इसलिए संघर्ष हमें जीवन जीने की प्रेरणा देता है सतत सक्रिय बने रहने के लिए हमेशा संघर्ष के साथ जीवन जीना चाहिए संघर्ष का दामन थाम कर ना केवल आगे बढ़ते हैं बल्कि जीवन जीने की सही अंदाज को आनंद का अनुभव कर पाते हैं जिसके जीवन में संघर्ष नहीं होता वह मनुष्य समाज हित और राष्ट्रप्रेमी नहीं हो सकता है इसलिए संघर्ष ही जीवन का आनंद है और संघर्ष के कारण ही वह आगे बढ़े आज उन्होंने संघर्ष के द्वारा अपने कर्मों के द्वारा भाग को बदलकर समाज में एक नजीर उदाहरण प्रस्तुत की है ऐसे महान कर्मयोगी संतोष कुमार गंगेले जो हम सभी प्रेरणादाई समाजसेवी समझकर अपनी युवा पीढ़ियों के लिए उन्हें समाज में एक नजर के रूप में उपस्थिति प्रस्तुत करना चाहती है

      हमें ऐसे महापुरुष के लिए मध्यप्रदेश सरकार एवं भारत सरकार के विभिन्न पदाधिकारियों समाजसेवी नेताओं और मंत्रियों से अनुरोध करते हैं कि श्री संतोष गंगेले कर्मयोगी के जीवन परिचय को वह पढ़ना शामिल हैं देखें सुने उसके बाद उन्हें प्रोत्साहित ही न करें बल्कि उन्हें सरकार में एक जिम्मेदारी से पद देने का प्रयास करें जिससे कि वह समाज में अपनी प्रतिभा के माध्यम से करोड़ों बच्चों को संस्कारवान बनाकर बच्चों को प्रतिभावान और प्रोत्साहित कर सकें  तथा भारतीय संस्कृति बचाने में अपना जीवन समर्पित करते हैं हम मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी से निवेदन करते हैं कि संतोष गंगेले की जीवन परिचय को पता लगाकर समझ कर के उन्हें मध्य प्रदेश सरकार में ऐसा कोई सामाजिक समरसता का पद दें जिससे समाज में अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत हो सके I

     इस समाज में अनेक अनेक महापुरुष संत हुए हैं लेकिन वर्तमान बहुत अधिक में भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए जिस प्रकार से बुंदेलखंड के कर्म योगी संतोष गंगेले ने अपने जीवन को तन मन धन से समाज को समर्पित किया है वास्तविक वह समाज के लिए अद्वितीय उदाहरण हैं हम ऐसे मानव को वर्तमान युग में महापुरुष की श्रेणी में भी समाज के सामने प्रस्तुत करें कम होगा उनके जीवन के बारे में छतरपुर जिला सहित मध्यप्रदेश एवं भारत सरकार को चिंतित होना चाहिए और उनके बारे में पता लगा कर के उन्हें भारत सरकार मध्य प्रदेश सरकार की ओर से एमवे स्टेट बनाकर समाज में जिम्मेदारी सौंपी जिससे को है प्रदेश और देश के करोड़ों बच्चों को अपने विचारों के माध्यम से भारतीय संस्कृति बचाने में तन मन धन लगाकर देश की संस्कृति को बचाने में अपनी अहम भूमिका निभा सके

नोट_- आपसे निवेदन है इस पोस्ट को देश के कोने कोने में इतना फैला दो कि जिससे कि इस सामाजिक समरसता के धनी व्यक्ति का विचार और कर्म हर व्यक्ति तक पहुंचे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया पर प्रमुख स्थान प्राप्त करने में आपके सहयोग की आवश्यकता है जय राष्ट्रीय भारत वंदे मातरम

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‘‘ANI NEWS INDIA’’ सर्वश्रेष्ठ, निर्भीक, निष्पक्ष व खोजपूर्ण ‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया ऑनलाइन नेटवर्क’’ हेतु को स्थानीय स्तर पर कर्मठ, ईमानदार एवं जुझारू कर्मचारियों की सम्पूर्ण मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले एवं तहसीलों में जिला ब्यूरो प्रमुख / तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / पंचायत स्तर पर क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों / संवाददाताओं की आवश्यकता है।

कार्य क्षेत्र :- जो अपने कार्य क्षेत्र में समाचार / विज्ञापन सम्बन्धी नेटवर्क का संचालन कर सके । आवेदक के आवासीय क्षेत्र के समीपस्थ स्थानीय नियुक्ति।
आवेदन आमन्त्रित :- सम्पूर्ण विवरण बायोडाटा, योग्यता प्रमाण पत्र, पासपोर्ट आकार के स्मार्ट नवीनतम 2 फोटोग्राफ सहित अधिकतम अन्तिम तिथि 30 मई 2019 शाम 5 बजे तक स्वंय / डाक / कोरियर द्वारा आवेदन करें।
नियुक्ति :- सामान्य कार्य परीक्षण, सीधे प्रवेश ( प्रथम आये प्रथम पाये )

पारिश्रमिक :- पारिश्रमिक क्षेत्रिय स्तरीय योग्यतानुसार। ( पांच अंकों मे + )

कार्य :- उम्मीदवार को समाचार तैयार करना आना चाहिए प्रतिदिन न्यूज़ कवरेज अनिवार्य / विज्ञापन (व्यापार) मे रूचि होना अनिवार्य है.
आवश्यक सामग्री :- संसथान तय नियमों के अनुसार आवश्यक सामग्री देगा, परिचय पत्र, पीआरओ लेटर, व्यूज हेतु माइक एवं माइक आईडी दी जाएगी।
प्रशिक्षण :- चयनित उम्मीदवार को एक दिवसीय प्रशिक्षण भोपाल स्थानीय कार्यालय मे दिया जायेगा, प्रशिक्षण के उपरांत ही तय कार्यक्षेत्र की जबाबदारी दी जावेगी।
पता :- ‘‘ANI NEWS INDIA’’
‘‘न्यूज़ एण्ड व्यूज मिडिया नेटवर्क’’
23/टी-7, गोयल निकेत अपार्टमेंट, प्रेस काम्पलेक्स,
नीयर दैनिक भास्कर प्रेस, जोन-1, एम. पी. नगर, भोपाल (म.प्र.)
मोबाइल : 098932 21036


क्र. पद का नाम योग्यता
1. जिला ब्यूरो प्रमुख स्नातक
2. तहसील ब्यूरो प्रमुख / ब्लाक / हायर सेकेंडरी (12 वीं )
3. क्षेत्रीय रिपोर्टरों / प्रतिनिधियों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
4. क्राइम रिपोर्टरों हायर सेकेंडरी (12 वीं )
5. ग्रामीण संवाददाता हाई स्कूल (10 वीं )

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