Friday, August 17, 2018

अटल जी का साक्षात्कार तो नहीं मिला,पर जो मिला वो अनमोल था...


कुमार पंकज @ वरिष्‍ठ पत्रकार 
 
अटल बिहारी वाजपेयी नहीं रहे। यह खबर न चौंकाने वाली है और न ही हतप्रभ करने वाली। क्‍योंकि जो जीवन का सच है वो तो होना ही है। वह आज हो या कल हो या परसों। लेकिन अटल जी अटल हैं। उनके साथ बहुत यादें जुड़ी हुई हैं। जिनमें कुछ आज भी याद हैं। बात 1998-99 की है।
 
तब मैं दिल्‍ली में स्‍वतंत्र पत्रकार के तौर पर विभिन्‍न समाचार पत्रों में लिखा करता था। युवा और उत्‍साही मन उस दौर में चाहता था कि सबसे बात करूं, संवाद करूं और उनके अनुभवों के बारे में जानूं। एक अखबार की ओर से मुझसे कहा गया कि क्‍या अटल बिहारी वाजपेयी का साक्षात्‍कार कर सकते हो। यह वह दौर था जब मकान मालिक का लैंडलाइन नंबर देकर हम इंतजार करते थे कि जो फोन आए तो बता दें।

मैंने प्रधानमंत्री कार्यालय में फोन लगा दिया और कहा कि मुझे उनका इंटरव्‍यू करना है। अटल जी प्रधानमंत्री थे और उनका इंटरव्‍यू करना आसान काम नहीं था। मेरा नाम और फोन नंबर नोट कर लिया गया। दो-तीन दिन बाद मेरे मकान मालिक के यहां फोन आया। मैं घर पर नहीं था। शाम को आया तो पता चला कि प्रधानमंत्री कार्यालय से फोन आया है।
 
मैं पब्लिक बूथ पर तुरंत पहुंचा और दिए गए नंबर पर फोन किया। पता चला कि सुबह आठ बजे बुलाया गया है। मैं खुश भी था और उत्‍साहित भी कि अटल जी से मिलने का मौका मिलेगा। खूब लंबी चौड़ी बात होगी। तय समय से पहले मैं प्रधानमंत्री आवास पर पहुंच गया। वहां जांच पड़ताल के बाद अंदर बुलाया गया। पता चला कि अटल जी यहीं पर सबसे मिलने वाले हैं। मेरे साथ कई अन्‍य लोग भी बैठे थे। वे आए और बड़ी विनम्रता के साथ सबसे हाथ जोड़कर अभिवादन किया। फिर उन्‍होंने एक-एक करके सबसे पूछा कि क्‍या काम है। मुझसे भी वही सवाल किया।
 
मैंने कहा कि आपका इंटरव्‍यू करना है। मैं एक स्‍वतंत्र पत्रकार हूं। थोड़ी देर रुके और फिर बोले कि मैं अभी साक्षात्‍कार तो नहीं दे सकता लेकिन आपसे कुछ और बात कर सकता हूं। मैं निराश हो गया क्‍योंकि मैं तो बड़े उत्‍साह के साथ गया था कि इंटरव्‍यू करना है। उन्‍होंने मेरे चेहरे पर निराशा का भाव पढ़ा और कहा कि निराश क्‍यों हो रहे हो। मैंने कहा कि मैं चाहता था कि आपका इंटरव्‍यू करूं। फिर वे हंसते हुए बोले कि आप हमसे मिलकर खुश नहीं हुए। उनकी मुस्‍कुराहट में मेरी भी मुस्‍कुराहट छिप गई।
 
फिर उन्‍होंने मुझे एक अलग कक्ष में बैठने के लिए कहा। थोड़ी देर बाद वे आए और मुस्‍कुराते हुए बोले आप चाय नाश्‍ता करो, मैं आता हूं। करीब एक घंटे बाद आए और बोले कि आप युवा हो, उत्‍साही हो, आगे बढ़ो यही मेरी शुभकामना है। अभी मैं साक्षात्‍कार नहीं दे सकता क्‍योंकि इसका एक प्रोटोकाल होता है। फिर भी आपका फोन आया था इसलिए मैंने आपको बुला लिया। यह वह दौर था जब मैंने स्‍वतंत्र पत्रकार के तौर पर कई बड़ी हस्तियों का साक्षात्‍कार किया था। उसके बाद अटल जी से कई मुलाकातें हुईं। लेकिन उस तरह से कोई संवाद नहीं हुआ। 

साल 2006 या 7 की बात रही होगी। इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में उत्‍तराखंड के पूर्व मुख्‍यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की पुस्‍तक का विमोचन कार्यक्रम था। अटल जी उस कार्यक्रम के मुख्‍य अतिथि थे। जब कार्यक्रम खत्‍म हुआ तो मैं अटल जी मिलने पहुंचा और अपना परिचय देते हुए कहा कि सर अब तो कोई प्रोटोकाल नहीं है। अब तो साक्षात्‍कार दे दीजिए। अटल जी ने कार्यक्रम की ओर इशारा करते हुए कहा कि यही तो साक्षात्‍कार है जो मैंने अपने अनुभव यहां साझा किए। इसे ही लिख दो। उसके बाद मुझे याद नहीं है कि अटल जी किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में गए हों। सचमुच में अटल जी अटल हैं।

विनम्र श्रदांजलि

म.प्र नाबालिग से दुष्कर्म पर फांसी का प्रावधान करने वाला प्रथम राज्य -राज्यपाल

म.प्र नाबालिग से दुष्कर्म पर फांसी का प्रावधान करने वाला प्रथम राज्य -राज्यपाल

TOC NEWS @ www.tocnews.org

राष्ट्रपति पदक प्राप्त पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों से भेंट   

भोपाल : राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल से आज मध्यप्रदेश पुलिस के राष्ट्रपति पदक प्राप्त पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने भेंट की। राज्यपाल ने बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश देश का प्रथम राज्य है, जहां नाबालिगों से दुष्कर्म के मामलों में फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है।
बच्चियों से दुष्कर्म के मामले में पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा त्वरित कार्यवाही एवं न्यायालय में साक्ष्य प्रस्तुतीकरण के कारण दोषियों को कम से कम समय में दण्डित किया जा रहा है। पुलिस की ही निरंतर और प्रभावी कोशिशों के चलते मध्यप्रदेश में कानून-व्यवस्था संतोषजनक है पुलिस को अपनी जन-हितैषी छवि को और पुख्ता बनाने की आवश्यकता है। 
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि  उन्नत तकनीकी,  इंटरनेट एवं सोशल मीडिया के कारण साइबर अपराधों में वृद्धि हो रही है। अपराधों की रोकथाम तथा कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर बनाये रखने के लिए पुलिस आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।  साहसी,  कर्मठ और बहादुर पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों को पदक से सम्मानित किया जाना समूचे प्रदेश के लिये गौरव और अभिमान का प्रसंग है।
राज्यपाल ने कहा कि महिला अपराधों के प्रति जागरुकता तथा बच्चियों एवं महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए सशक्त बनाने के उद्देश्य से पुलिस द्वारा कई नवाचार किए जा रहे हैं। प्रदेश के 12 जिलों के 180 थानों में URJA डेस्क (अरजेन्ट रिलीफ एण्ड जस्ट एक्शन डेस्क) स्थापित की जा रही हैं। पुलिस महानिदेशक श्री ऋषि कुमार शुक्ला, ने पुलिस की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस प्रदेश को सुरक्षित बनाये रखने के प्रति कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न और बलात्कार की घटनाओं को पुलिस ने चुनौति के रूप में लिया है।
त्वरित कार्यवाही करते हुए बच्चियों से बलात्कार के 10 मामलों में दोषियों को फांसी की सजा दिलाई है। इस अवसर पर म.प्र. पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के चेयरमेन, श्री विजय कुमार सिंह, विशेष महानिदेशक, पुलिस सुधार श्री मैथिलीशरण गुप्त, राज्यपाल के सचिव श्री डी.डी.अग्रवाल तथा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और पदक प्राप्त अधिकारियों और कर्मचारियों के परिजन उपस्थित थे। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक,विसबल श्री विजय यादव ने आभार व्यक्त किया।

दत्तक पुत्री नमिता ने दी वाजपेयी को मुखाग्नि, पंचतत्व में विलीन हुए 'अटल'

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दत्तक पुत्री नमिता ने दी वाजपेयी को मुखाग्नि, पंचतत्व में विलीन हुए 'अटल'
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भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और जानेमाने कवि, प्रखर वक्ता, पत्रकार के पार्थिव शरीर को राष्ट्रीय समृति स्थल पर मुखाग्नि दे दी गई. वाजपेयी को उनकी दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्य ने मुखाग्नि दी. हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक, हमेशा से ही पुरुष ही मुखाग्नि देता है लेकिन यहां पर इसके उलट हुआ और जिसे वाजपेयी ने गोद लिया था उन्होंने ही मुखाग्नि दी.
वाजपेयी का अंतिम संस्कार दिल्ली स्थित राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर हुआ. इस दौरान जो भी प्रक्रियाएं होती हैं, उसे नमिता ने ही पूरा किया. हिंदू धर्म में आमतौर पर पुत्र, पिता को मुखाग्नि देता है. हालांकि यह परंपरा धीरे-धीरे टूट भी रही है. वाजपेयी ने नमिता को गोद लिया था और अपना पुत्री माना था. इस कारण बेटी ने ही अपने पिता को आज मुखाग्नि दी.
अटल बिहारी वाजपेयी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान से किया गया. गुरुवार शाम 5.05 मिनट पर वाजपेयी ने दिल्ली स्थित एम्स में आखिरी सांस ली थी. वाजपेयी का शरीर भले ही अब इस दुनिया में नहीं रहेगा लेकिन उनके विचार हमेशा इस देश में कायम रहेंगे.
वाजपेयी की नातिन और दत्तक पुत्री नमिता की बेटी निहारिका ने पूर्व प्रधानमंत्री के पार्थिव शरीर से तिरंगा ग्रहण किया. इस दौरान पूरा माहौल गमगीन था. परिवार के लोग ही नहीं स्मृति स्थल पर मौजूद हर शख्स इस की आंखे इस दुःख की घड़ी में नम हो गई थी.
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद एम्स में गुरुवार को शाम पांच बजकर पांच मिनट पर हुआ. वाजपेयी को 11 जून 2018 को एम्स में भर्ती कराया गया था और डाक्टरों की निगरानी में पिछले नौ हफ्तों से उनकी हालत स्थिर बनी हुई थी. एम्स के अनुसार, 'दुर्भाग्यवश, उनकी स्थिति पिछले 36 घंटों में बिगड़ी और उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया. हमारे सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद हमने उन्हें खो दिया.' वाजपेयी के निधन की सूचना मिलते ही पूरा देश शोक में डूब गया.

उधर पूर्व पीएम के निधन पर था सबका ध्यान ,इधर जदयू नेता के घर में CBI ने मार दिया छापा

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बिहार सरकार में समाज कल्याण मंत्री रहे मंजू वर्मा के घर में सीबीआई ने छापेमारी के लिए इमेज परिणाम
बिहार सरकार में समाज कल्याण मंत्री रहे मंजू वर्मा के घर में सीबीआई ने छापेमारी ani news india
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन को लेकर जहाँ पूरा देश शोक में है ,वहीँ बिहार की राजनीति से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बिहार सरकार में समाज कल्याण मंत्री रहे मंजू वर्मा के घर में सीबीआई ने छापेमारी कर दी है। पूर्व मंत्री के घर पर सीबीआई पहुंच कर छापेमारी शुरू कर दी है।
बता दे कि शुक्रवार की सुबह बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के आवास पर सीबीआई ने छापेमारी की है। मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले को लेकर पूर्व मंत्री के घर पर छापेमारी की गई है। बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले को लेकर बिहार में सियासी जंग तेज हो चुकी है।
इस मामले में बिहार सरकार में मंत्री रही मंजू वर्मा के पति की संलिप्तता को लेकर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला और अंत में समाज कल्याण मंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।
गौरतलब है कि पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने अपने हालिया के बयान में नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा पर आरोप लगाते हुए कहा था कि अगर मेरे पति के नाम की संलिप्ता पर मै अपने पद से इस्तीफा दे सकता हूँ तो मंत्री सुरेश शर्मा का नाम आया तो उन्होंने इस्तीफा क्यों नहीं दिया। पूर्व मंत्री के इस बयान पर भड़कते हुए मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा कि ज्यादा आवेश में न आये मंजू वर्मा। अगर मई दोषी पाया जाता हूँ तो मुझे फांसी पर लटका देना।

बाढ़ में फँसे लोगों को बचाने वालों को मुख्यमंत्री देंगे 5-5 लाख सम्मान निधि

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बाढ़ में फँसे लोगों को बचाने वालों को मुख्यमंत्री देंगे 5-5 लाख सम्मान निधि
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मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बचाव कार्य में लगे व्यक्तियों का माना आभार   
भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि शिवपुरी जिले के बाढ़ में फँसे 45 व्यक्तियों की जिन्दगी बचाने वालों का सम्मान करेंगे। सम्मान निधि के रूप में उन्हें पाँच-पाँच लाख रूपये प्रदान किये जायेंगे। श्री चौहान ने जनता से अपील की है कि पहाड़ी क्षेत्रों में बरसात का पानी तेजी से आता है, जिससे छोटे नाले भी उफनने लगते हैं। ऐसे स्थानों पर जाते समय सावधानी रखें। जीवन बहुमूल्य है। 
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उन्हे जानकारी दी गई है कि बाढ़ में फँसे लोगों के बचाव और राहत कार्य में इण्डो तिब्ब्तन बार्डर पुलिस, नेशनल डिजास्टर रिलीफ फोर्स, राज्य डिजास्टर रिलीफ फोर्स, सेना, मध्यप्रदेश पुलिस और स्थानीय नागरिकों का सहयोग मिला है। उन्होंने कहा कि इसके लिये वे हृदय से आभारी हैं। श्री चौहान ने बताया कि सेना द्वारा हेलीकॉप्टर से पाँच लोगों को बचाया गया है। हेलीकॉप्टर से बचाव कार्य को मौसम खराब हो जाने के कारण रोकना पड़ा था। बचाव और राहत कार्य में आस-पास के गाँवों के ग्रामीणों ने सक्रिय सहयोग किया है।
विशेष रूप से श्री रामसेवक प्रजापति, श्री कल्लन बाथम, श्री निजाम खान, श्री देवेन्द्र सिंह, श्री बलराम भागीरथ का सहयोग उल्लेखनीय है। वे यश के भागीदार हैं।  मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे बताया गया है कि बाढ़ में फँसे 6 व्यक्तियों श्री विशाल चौहान, श्री श्रीकांत कुशवाह, श्री अभिषेक कुशवाह, श्री लोकेश कुशवाह, श्री रवि कुशवाह और श्री सुशील कुशवाह की तलाश जारी हैं। उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलने पर गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण के साथ सम्पर्क कर बचाव और राहत के प्रयास किये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रात्रि तीन बजे तक वे स्वयं स्थिति की निगरानी करते रहे। बचाव कार्यों की सफलता के लिये यह आवश्यक था कि फँसे हुये लोग हिम्मत नहीं खोंये। केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्रसिंह तोमर और प्रदेश की खेल एवं युवक कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे ने भी घटना स्थल पर पहुंचकर बचाव कार्य की जानकारी ली थी।  मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना स्थल, नियमित पर्यटन स्थल नहीं था। एडवेंचर पर्यटन के भाव से लोग ऐसे स्थानों पर जाते हैं, जो घने जंगलों में स्थित है। भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो, इसके लिये सावधानी रखने के निर्देश दिये गये हैं।

अटल जी देश के राजनैतिक गुरू और पितामाह थे : राज्यपाल श्रीमती पटेल

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अटल जी देश के राजनैतिक गुरू और पितामाह थे : राज्यपाल श्रीमती पटेल
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पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर राज्यपाल द्वारा शोक व्यक्त
भोपाल। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक व्यक्त किया है और श्रद्धा-सुमन अर्पित किये हैं। राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने शोक संदेश में कहा है कि श्री वाजपेयी के निधन से देश को अपूरणीय क्षति हुई है।
उन्होंने देश को विश्व स्तर पर सम्मान दिलाने तथा संयुक्त राष्ट्र संघ में दुश्मन देशों के मुकाबले अपने देश का पक्ष मजबूती से रखने के लिए हमेशा याद किया जायेगा। राज्यपाल ने कहा है कि वह देश के राजनैतिक गुरू और पितामाह थे। वे कठिन और विपरित परिस्थितियों में कभी भयभीत नहीं होते थे। वह देश के ऐसे प्रथम प्रधानमंत्री थे, जिनके शासन काल में भारत ने सफल परमाणु परीक्षण किया। यह हमारे लिए गर्व का विषय है। उनकी कविताएँ आने वाली पीढ़ी को देश सेवा की प्रेरणा देती रहेंगी।
राज्यपाल ने कहा कि स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी महान कवि, साहित्यकार और महान वक्ता थे। उनके पास शब्दों का भण्डार था। उनके भाषण में वह कला थी, जिससे आम-जनता और युवा आकर्षित हुए बिना नहीं रहते थे। बड़ी संख्या में हर वर्ग के लोग अपना काम छोड़कर उनका भाषण सुनने के लिये आतुर रहते थे।
श्री वाजपेयी का व्यक्तित्व इतना महान था कि विरोधी और विपक्ष के राजनेता भी उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाते थे। राज्यपाल ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने और देश के शोक संतप्त नागरिकों को यह दु:ख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की है।

अटल जी जैसा कोई नहीं हो सकता - मुख्यमंत्री श्री चौहान भारत के स्मृति पटल पर हमेशा चमकते रहेंगे अटल जी

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नरसिंहपुर. मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। श्री वाजपेयी ने आज दोपहर बाद नई दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली।
श्री चौहान ने कहा कि स्वर्गीय श्री अटल जी भारत के स्मृति पटल पर हमेशा अटल रहेंगे। भारत देश को उन पर गर्व है। उन्होंने कहा कि अटल जी के देहावसान से भारतीय राजनीति के अत्यंत उज्जवल युग का समापन हो गया है। विपक्ष में रहने के बावजूद स्वर्गीय श्री वाजपेयी सर्वमान्य नेता थे। अटल जी जैसा कोई और नहीं हो सकता। उन्होंने सकारात्मक, रचनात्मक और राष्ट्रहित की राजनीति की। उनका राजनैतिक जीवन भारतीय राजनीति की विरासत बन गया है। वे मूल्य आधारित आदर्श राजनीति के संस्थान थे। ऐसे बिरले सपूत सदियों में जन्म लेते हैं।
 श्री चौहान ने स्वर्गीय श्री वाजपेयी के मध्यप्रदेश से भावनात्मक रिश्ते का स्मरण करते हुए कहा कि स्वर्गीय श्री वाजपेयी जी अभी भी दिलो-दिमाग पर छाए हुए हैं। सक्रिय राजनीति से दूर रहने के बाद भी हमारी प्रेरणा और आदर्श थे। उनकी उपस्थिति मात्र से उत्साह मिलता था और जीवन में सकारात्मक करने की प्रेरणा मिलती थी। श्री चौहान ने स्वर्गीय श्री वाजपेयी की कविता - 'गीत नया गाता हूँ' दोहराते हुए कहा कि वे बोलते थे तो कल्पना झरती थी। अटल जी, अटल जी थे। उन जैसा कोई और नहीं हो सकता।
स्वर्गीय श्री वाजपेयी के विदिशा से चुनाव लड़ने के प्रसंग का स्मरण करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा श्री वाजपेयी के स्वभाव में मस्ती थी। राष्ट्र के प्रति अगाध प्रेम था। उनका व्यक्तित्व विशाल था। वे सबको साथ लेकर चलते थे। गठबंधन की अपरिहार्य राजनीति करते हुये उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में कई दलों की सरकार का नेतृत्व किया। सफलतापूर्वक सरकार का संचालन किया। उनके विशाल व्यक्तित्व के कारण वे सर्वमान्य नेता थे।

अटलजी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे स्वामी अग्निवेश के साथ धक्का-मुक्की

अटलजी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे स्वामी अग्निवेश के साथ धक्का-मुक्की'

नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश के साथ आज भाजपा कार्यालय के पास धक्का-मुक्की की गई।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में कुछ लोगों को अग्निवेश के साथ धक्का-मुक्की करते हुए देखा जा सकता है।
पिछले महीने ही झारखंड के पाकुड़ में भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने उनके साथ मारपीट की थी।

Thursday, August 16, 2018

मन की बात के लिए मनमर्जी की बात : पूरी दुनिया में धनोरा आदर्श न बन जाए इसलिए पांच बच्चो पर नसबंदी करवाने की जानकारी


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बैतूल, केन्द्र की कहे या राज्य की भाजपा शासित सरकार को कांग्रेस या राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जीवन संगनी कस्तुरबा गांधी ( बा )  के नाम एवं काम से एलर्जी है या फिर केन्द्र एवं राज्य सरकार के अफसर नही चाहते कि कांग्रेस या श्रीमति कस्तुरबा गांधी  ( बा ) का नाम एवं काम पूरी दुनिया में मिसाल - बेमिसाल बने। बैतूल जिले के क्रियाशील पत्रकार एवं माँ सूर्यपुत्री ताप्ती जागृति समिति के प्रदेश अध्यक्ष रामकिशोर पंवार ने बैतूल जिला कलैक्टर के माध्यम से जिले के एक गांव धनोरा (कांग्रेस धनोरा) का नाम परिवार नियोजन अपनाने के चलते प्रधानमंत्री मन की बात कार्यक्रम में शामिल करवाने को लेकर की गई पहल पर बैतूल जिले में पोती गई कालिख का आरटीआई आवेदन में खुलासा हुआ है। 

प्रधानमंत्री के गृहराज्य गुजरात की स्वर्गीय कस्तुरबा पत्नि राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी ( बा )  1922 में अखण्ड भारत के केन्द्र बिन्दू कहे जाने बैतूल जिले में पुण्य सलिल माँ सूर्यपुत्री ताप्ती के किनारे बसे गांव धनोरा (कांग्रेस धनोरा) में कांग्रेस के प्रथम प्रांतीय सम्मेलन में आई थी। यहां पर स्वर्गीय जमना लाल बजाज, माखनलाल चतुर्वेदी, सेठ गोविंद दास, पंडित सुंदरलालल, राष्ट्रकवि सुभद्रा कुमारी चौहान , पंडित स्विशंकर शुक्ल, की मौजूदगी सम्मेलन में की अध्यक्षता कर रही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जीवन संगनी श्रीमति कस्तुरबा गांंधी बा ने नारा दिया था ** छोटा परिवार - सुखी परिवार ** - ** हम दो - हमारे दो ** इस गांव ने आज दिनांक तक ** छोटा परिवार - सुखी परिवार ** के मूल मंत्र को अपनाया है। गांव की आबादी वर्ष २००१ में इस गांव में पुरूषो की संख्या ८३९ तथा महिलाओं की संख्या ८०३ कुल जनसंख्या १६42 वही वह २०११ में पुरूषो की संख्या भी ८८४ तथा महिलाओ की संख्या ८०३ कुल जनसंख्या १६८७ थी। वर्तमान में ९५० पुरूष तथा ८०७ महिला कुल १७५७ है। 

मध्यप्रदेश के बैतूल जिले की आठनेर जनपद की ग्राम पंचायत धनोरा के मूल ग्राम धनोरा ( जिसे कांग्रेस धनोरा के नाम से पुकारते है ) में कुल मकान ३२४  है तथा परिवारो की संख्या ३७१ है। धनोरा में कुल योग्य दपंत्ति २५७ में  सरकारी रिकार्ड की माने तो १८४ ने स्वत: परिवार नियोजन को अपनाया है।  इस गांव का नाम प्रधानमंत्री के कार्यक्रम मन की बात में शामिल करने के लिए मैने पत्राचार पीएमओ से लेकर बैतूल कलैक्टर से बीते 2 वर्षो से लगातार किया लेकिन चूंकि गांव का नाम कांग्रेस धनोरा और गांव की प्रेरक के रूप में कस्तुरबा गांधी का नाम आने की वजह से मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार एवं उसका सरकारी तंत्र इस गांव का नाम पीएमओ तक न पहुंचे इस बात को लेकर भ्रामक जानकारी देता रहा है। 

श्री पंवार ने संलग्र दस्तावेज के अनुसार गांव के बारे में डाँ प्रदीप मोजेस जिला  मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने दिनांक ६ फरवरी २०१६ को पत्र क्रमांक मीडिया / २०१५-२०१६ /३२३५ एवं ३६ / २०१६ के अनुसार बैतूल कलैक्टर को जानकारी दी कि गांव में 2 से लेकर 5 बच्चो पर आपरेशन करवाने वाले हितग्राही है इसलिए इस गांव का नाम पीएमओ की के कार्यक्रम मन की बात में शामिल किया जाना तथ्यहीन है। लेकिन रामकिशोर पंवार द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जब सभी परिवार नियोजन अपनाने वाले दंपत्ति की जानकारी मांगी गई तो उसमें जो प्रमाण आए उसके अनुसार गांव में एक भी ऐसा परिवार नहीं मिला जिनकी पांच संताने थे और जो गांव के मूल रहवासी है। 

इसी तरह 4 बच्चो पर आपरेशन करवाने वालो की संख्या 23 बताई गई जब नामो की सूचि मांगी गई तो उसमें 4 बच्चो पर आपरेशन करवाने वालो के 5 लोगो की जानकारी दी जिसके बारे में जब मैने पता किया तो पता चला कि वे गांव के मूल रहवासी नही है। बाहर गांव से आकर बसे ऐसे पांच परिवारो को सूचिबद्ध किया गया। 3 बच्चो पर नसबंदी करवाने वालो की पूर्व में संख्या ५२ बताई गई लेकिन जब नाम की जानकारी मांगी तो उक्त संख्या  १२ हो गई। इसी तरह 2 बच्चो पर नसबंदी करवाने वालो की संख्या १०४ बताई गई जो घट कर ४३ रह गई। पूर्व में दी गई जानकारी में बताया गया कि १८४ लोगो ने नसबंदी करवाई ऐसा बताया गया लेकिन जानकारी सूचि मांगने पर संख्या घट कर ६० हो गई। स्वर्गीय कस्तुरबा गांधी बा के द्वारा प्रेरित इस गांव की जनसंख्या १९६१ में १४१० थी जो वर्तमान में १७५७ के लगभग है। 

मात्र 58 वर्षो में गंाव की जनसंख्या 2७७ बढ़ी है। १९२२ से गांव धनोरा से टूट कर पुसली, धनोरी, जावरा , जैसे गांव  बने और इन गांवो की जन संख्या वर्तमान में दो हजार से ऊपर हो चुकी है लेकिन धनोरा गांव १९२२ से लेकर २०१८ तक दो हजार के आकड़े को छूना तो दूर १८ सौ के आकड़े तक नहीं पहुंच सका है। गांव के बारे में जो महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए है उनके अनुसार धनोरा गांव में ऐसे लोगो की संख्या 1९ है जिनके 1 भी बच्चा नहीं है। 1 बच्चे वाले ३०  2 बच्चे वाले 14 3 बच्चे वाले १०  तथा गांव में कथित निरोध का उपयोग करने वाले २२ दपंत्ति है।  गांंव की जन्मदर ८.५३ है। गांव में औसतन एक साल में बमुश्कील १५ बच्चे जन्म लेते है।   बैतूल जिले के अधिकारियों ने सरकारी लक्ष्यपूर्ति के लिए स्वप्रेरित गांव को नसबंदी अपनाने वाला बता कर गांव के आदर्श को कालिख पोतने का काम किया है। 

दुनिया में धनोरा एक मात्र ऐसा गांव है जो 1922 से लेकर आज तक परिवार नियोजन के अपने फैसले पर अटल है जबकि गांव के अधिकांश लोग अब इस दुनियां में नहीं है जो बा की बातो को लेकर चल पड़े थे कि छोटा परिवार - सुखी परिवार , हम दो - हमारे दो । श्री पंवार ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी को पत्र लिख कर उनसे अनुरोध किया है कि उन्हे बड़ी प्रसन्नता होगी यदि आप मेरे कहने पर या मेरे इस पत्र को अवलोकन करने के बाद यदि बिना किसी भेदभाव के इस गांव को अपने कार्यक्रम मन की बात में शामिल करते है। 

श्री पंवार ने इस संदर्भ में इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को भी पत्र लिखा है जिसमें उनसे आग्रह किया है कि 1922 में कांग्रेस के प्रांतीय अधिवेशन में लिए गए संकल्प पर वचनबद्ध गांव धनोरा जिसकी पहचान कांग्रेस धनोरा के रूप में भी है उस गांव को लेकर एवं बा की प्रेरणा को पूरी दुनिया तक मिसाल के रूप में पेश करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को राष्ट्रीय स्तर पर एक कार्य योजना के साथ सामने आना चाहिए साथ ही देश के सशक्तविपक्ष के रूप में प्रधानमंत्री के समक्ष इस गांव को उनके कार्यक्रम मन की बात में शामिल करवाना चाहिए। यदि ऐसा होता है तो निश्चीत तौर पर उस कांग्रेस की नींव की पत्थर कही जाने वाली गुजराती महिला स्वर्गीय कस्तुरबा गांधी बा का मान - सम्मान पूरी दुनियां में बढ़ेगा जो इस दुनियां में धनोरा जैसा आदर्श गांव को बनाने में मिल का पत्थर साबित हुई।

विधानसभा में भर्ती प्रक्रिया पर बवाल: शिवराज सरकार में सचिवालय में हुई गुपचुप तरीके से भर्ती, विधानसभा अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष में ठनी






















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मध्यप्रदेश विधानसभा के सचिवालय में 41 पदों की भर्ती प्रक्रिया पर बवाल जारी है, भोपाल सचिवालय में इसको लेकर विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष में जमकर ठन गई हैI उपाध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा को पत्र लिखकर एक बार फिर विधानसभा सचिवालय की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
वहीं उन्होंने 2014 से अभी तक विधानसभा में हुई नियुक्तियों के आदेश की प्रतिलिपियाँ मांगी हैI उन्होंने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया स्थगित की जाना थी, लेकिन सचिवालय ने जारी रखी है। वहीं उपाध्यक्ष के पत्रों से शर्मा नाराज है और उन्होंने दो टूक कह दिया है कि यह कोई प्रश्नकाल नहीं चल रहा है जो उनको जवाब देता रहूँ|  विधानसभा में नियुक्ति की प्रक्रिया पहले भी विवादों में रही है। सरकार ने अवैध नियुक्ति के आरोप में 2015 में पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर केस दर्ज कराया था। चुनाव से पहले एक बार फिर भर्ती प्रक्रिया विवादों में है,
अपनों को लाभ पहुंचाने के लिए गुपचुप तरीके से भर्ती कराने के आरोप लग रहे हैंI इस मामले में विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह का बयान सामने आया है जिसमे उन्होंने भर्ती की प्रक्रिया को नियमानुसार बताया है| उन्होंने एक अखबार को दिए बयान में कहा है भर्ती के लिए विज्ञापन निकालने और रोजगार कार्यालय से पद भरने का विकल्प है। ये परंपरा पहले से चली आ रही है, जिसमें विज्ञापन नहीं दिए जाते हैं। पहली बार सभी 51 जिलों में रोजगार कार्यालयों को सूचित किया गया है। कोई नियम तोड़ा नहीं गया है।
दरअसल, विधानसभा उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने पिछली दिनों सचिवालय में होने वाली भर्तियों में पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने का आग्रह करते हुए  विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. सीतासरन शर्मा को पत्र लिखा था,  उन्होंने कहा था कि नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी तरह स्पष्ट एवं पारदर्शी प्रक्रिया के तहत की जाए। साथ ही सिविल सेवा नियमों का पालन किया जाए।इस पत्र के बाद नियुक्ति प्रक्रिया रोक दी गई, लेकिन उपाध्यक्ष को आशंका है कि पिछले पांच साल में जो भी भर्तियां हुई हैं वो भी नियम विरुद्ध हैं| 
उन्होंने दो पात्र और लिखे पहले पात्र में 2014 से अभी तक की सभी नियमित और संविदा नियुक्तियों की जानकारी मांगी है और दुसरे पत्र में विधानसभा के प्रमुख सचिव एपीसिंह के उन बयानों पर आपत्ति की है, जिसमे उन्होंने नियुक्तियों को नियमानुसार बताया था, विधानसभा उपाध्यक्ष का कहना है कि सचिवालय को नियम से चलाया जाता है। सरकारी पदों पर भर्ती में विज्ञापन निकालना चाहिए थे। केवल 10 रोजगार कार्यालयों को सूचना भेजने से शंका बढ़ गई है। हमने पत्र से अध्यक्ष के ध्यान में ला दिया है।  

साली ने ही तंग आ कर कराई थी अपने जीजा की हत्या, आरोपी साली गिरफ्तार, फरार प्रेमी एंव उसके साथी की तलाश


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साली ने ही तंग आ कर कराई थी अपने जीजा की हत्या, आरोपी साली गिरफ्तार, फरार प्रेमी एंव उसके साथी की तलाश

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जिला ब्यूरो चीफ जबलपुर // प्रशांत वैश्य : 79990 57770

प्रापर्टी ब्रोकर की गोली मारकर की गयी अंधी हत्या का 48 घंटे के अंदर खुलासा 

जबलपुर।  घटना का संक्षिप्त विवरण - दिनांक 13/14 अगस्त 2018 की दरम्यिन रात विजनगर ज्वाय स्कूल के पास रहने वाले उमाशकंर शर्मा को अज्ञात आऱोपियो द्वारा गोली मारकर हत्या कर मौके से फरार हो जाने की जानकारी प्रातः 4 बजे डायल 100 मे मिलने पर तत्काल थाना प्रभारी विजयनगर उप निरी बृजेश मिश्रा हमराह स्टाफ को लेकर मोके पर पहुंचकर देखा तो मृतक उमाशकंर शर्मा अपने मकान के हाँल मे रखे दीवान में खून से लतपथ अवस्था मे पडे थे,
तत्काल स्टाफ द्वारा 108 एम्बुलेन्स बुलाकर घायल को मेडिकल काँलेज जबलपुर ले जाया गया जहाँ उमाशकंर शर्मा  उम्र 40 वर्ष को मृत घोषित कर दिया गया । मृतक पत्नि श्रीमति सुमन शर्मा की रिपोर्ट पर अपराध क्रमांक 220/18 धारा 302,201 भा.द.वि एवं 25,27 आर्म्स एक्ट का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
घटित हुई घटना की सूचना पर  पुलिस अधीक्षक श्री अमित सिंह (भा.पु.से.) एवं अति.पुलिस अधीक्षक शहर श्री दीपक कुमार शुक्ला (भा.पु.से.) , न.पु.अ. गोहलपुर श्री सीताराम यादव, एफएसएल की टीम , फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट घटना स्थल पहुंचे ।
घटना स्थल के बारीकी निरीक्षण एवं मिले परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर  किसी नजदीकी का हाथ होने की  सम्भावना लगी। घर के सभी सदस्यों से एक-एक कर बारीकी से पूछताछ की गयी जिस पर जानकारी लगी कि उमाशकंर शर्मा के साथ रहने वाली साली कु. ज्योति माह जनवरी मे घर से भाग गयी थी यह जानकारी लगने पर जब कु0 ज्योति से सघन पूछताछ की गयी तो कु. ज्योति ने बताया कि  उसका जीजा उस पर बुरी नीयत रखता था, जिससे परेशान होकर वह भाग कर लखनउ मे रहने वाले अपने प्रेमी अकिंत यादव के पास चली गयी थी, जहॉ पर उसकी मुलाकात अंकित के दोस्त गोलू से हुई थी उसके लखनउ मे रहने की जानकारी जीजा को लगने पर , जीजा उस पर दबाव बनाकर उसे पुनः अपने घर विजय नगर ले आया था। 
कु0 ज्योति  ने अंकित एवं गोलू से कहा कि जीजा को मार दो नहीं तो मै खुद मर जाउंगी तब अंकित ने अपने दोस्त गोलू को भेजा, जो दिनॉक 13-8-18 को जबलपुर पहुंचा और ज्योति से मिलकर घर की रैकी की एवं रात मे सोते समय उमाशंकर शर्मा की गेली मार कर हत्या कर भाग गया। कु. ज्योति शर्मा को अभिराक्षा मे लेते हुये फरार प्रेमी अंकित यादव एवं उसके दोस्त गोलू की गिरफ्तारी ह्रेतु अलग-अलग टीमें रवाना की गयी है, जिनके शीध्र पकडे जाने की सम्भावना है।
48 घंटे के अंदर अंधी हत्या का खुलासा करने में  - नपुअ गोहलपुर श्री सीताराम यादव , नपुअ कोतवाली  श्री  दीपक मिश्रा, थाना प्रभारी मदनमहल श्रीमति प्रीति तिवारी थाना प्रभारी विजय नगर ,उनि बृजेश मिश्रा, थाना विजय नगर मे पदस्थ उनि सी.एस मसराम ,सउनि राजेश पाण्डेय प्र.आर  भीकम सिंह आरक्षक विमल विश्वकर्मा , शरद कुमार सिंगौर  सहतुलाल सरोते, राजेश डेहरिया ,क्राईम ब्रांच एवं ,साईबर  सेल टीम की भूमिका रही। पुलिस अधीक्षक जबलपुर श्री अमित सिंह (भा.पु.से.) ने टीम को नगद 10,000/-  रुपए के पुरूस्कार से पुरूस्कृत करने की घोषणा की है। 
  •  अपराध क्रमांक 220/18 धारा 302,201 भा.द.वि एवं 25,27 आर्म्स एक्ट
  •   दिनांक समय घटना - 14/8/18 के मध्य रात्रि ।
  •  नाम मृतक   - उमाशकंर शर्मा पिता रामलाल शर्मा उम्र करीब 40 वर्ष निवासी विजयनगर
  •  नाम आरोपी   - .1. कु.ज्योति शर्मा  (2) अंकित यादव (3) गोलू उर्फ रूद्र प्रताप
  •  गिरफ्तार आऱोपी - . कु.ज्योति शर्मा पिता स्व.राजदेव शर्मा उम्र 25 साल निवासी विजयनगर
  •  फरार आऱोपी  - (1) अंकित यादव (2) गोलू उर्फ रुद्रप्रताप

राज्य स्तरीय स्वच्छ विद्यालय: सम्मानित किये जाने पर शुभकामनाएँ व बधाई दीं

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गत स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मध्य प्रदेश शासन, सचिव शिक्षा विभाग द्वारा शासकीय प्राथमिक बालक शाला तूमड़ा को राज्य स्तरीय स्वच्छ विद्यालय से नवाजा गया! यह सम्मान जिला मुख्यालय नरसिंहपुर में राज्य मंत्री माननीय जालम सिंह पटैल व जिला कलेक्टर अभय वर्मा द्वारा इस शाला के प्रमुख हल्के वीर पटैल, शाला प्रबंधन समिति अध्यक्ष देवेन्द्र पटैल व सदस्य कौशल प्रसाद पटैल बालकेबिनेट के विद्यार्थी सुमित पटैल व मोहित को  सम्मान समारोह में प्रदान किया गया!
शिक्षा गुणवत्ता पर पहले से ही माननीय मुख्यमंत्री से राज्य स्तरीय सम्मान प्राप्ति के बाद अब इसी विद्यालय को मध्य प्रदेश शासन द्वारा पुन: सम्मानित किये जाने पर जिला पंचायत मुख्य कार्य पालन अधिकारी आर .पी. अहिरवार, जिला शिक्षा अधिकारी जे .के .मेहर ,डी. पी. सी. एस के कोष्ठी ने इसे जिले की उपलब्धि बताते हुये हर्ष व्यक्त किया!
साथ ही ए.पी.सी.योगेश गुप्ता, विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी एस. एम नागवंशी,संकुल प्राचार्य आर. एस नेमा, बी.आर .सी.चन्दन शर्मा ,जनशिक्षक प्रशान्त राय ,वेदप्रकाश राजपूत ,एस. आर. जी. सुनील श्रीवास ,बी .ए. सी. अरविन्द शर्मा ,मनीराम मेहरा, राजकुमार पटैल सहित समस्त शिक्षकों ने इस उपलब्धि पर प्रधानपाठक हल्केवीर पटैल को शुभकामनाएँ व बधाई दीं!

‘भारत रत्न’ पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का निधन, एम्स में ली अंतिम सांसें

‘भारत रत्न’ पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का निधन, एम्स में ली अंतिम सांसें
‘भारत रत्न’ पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का निधन, एम्स में ली अंतिम सांसें
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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन हो गया है. देश की राजनीति के सबसे लोकप्रिय चेहरों में से एक वाजपेयी ने 93 साल की उम्र में दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में अंतिम सांसें लीं. 2015 में उन्हें भारत रत्न से नवाजा गया.
अटल बिहरी वाजपेयी पिचले 66 दिनों से दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती थे. उन्हें 11 जून को अस्पताल में भर्ती कराया था. पिछले 24 घंटे में उनकी हालत बेहद खराब हो गई थी. उन्होंने 5 बजकर 5 मिनट पर आंखिरी सांस ली. उनके निधन की खबर मिलते ही पूरा देश शोक में डूब गया है.
बुदवार देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के एम्स अस्पताल पहुंचे थे. प्रधानमंत्री ने डॉक्टरों से पूर्व पीएम वाजपेयी का हाल जाना और करीब 55 मिनट तक अस्पताल में रहे. वहीं आज सुबह उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, धर्मेंद्र प्रधान और मुख्तार अब्बास नकवी भी एम्स गए थे. बीजेपी नेता और अटल बिहारी वाजपेयी के साथी रहे लाल कृष्ण आडवाणी भी एम्स अस्पताल पहुंचे.
वाजपेयी के निधन से देश की राजनीति के एक सुनहरे दौर का अंत हो गया है. उन्होंने अपना पहला लोकसभा चुनाव 1952 में लड़ा, हालांकि पहली जीत उन्हें 1957 में मिली. तब से 2009 तक वे लगातार संसदीय राजनीति में बने रहे. 1977 में वे पहली बार मंत्री बने, जबकि 1996 में वे 13 दिन के लिए प्रधानमंत्री भी रहे. हालांकि 1998 में उन्हें एक बार फिर पीएम बनने का मौका मिला. उनकी ये सरकार भी सिर्फ 13 महीने चली लेकिन इसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन के बहुमत वाली सरकार बनी.

अदालतों में भ्रष्टाचार का अंत, भोपाल जिला बार एसोसिएशन की भ्रष्टाचार के खिलाफ दमदार पहल

अदालतों में भ्रष्टाचार का अंत, भोपाल जिला बार एसोसिएशन की भ्रष्टाचार के खिलाफ दमदार पहल
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by - ALOK SINGHAI
भोपाल जिला बार एसोसिएशन ने जिले के लोगों को स्वाधीनता दिवस की बड़ी सौगात दी है। उसने घोषणा की है कि आज से जिले की अदालतों में भ्रष्टाचार नहीं होगा। किसी भी प्रकार के गैरकानूनी लेनदेन की शिकायत यदि मिलती है तो बार एसोसिएशन उस आपराधिक कृत्य करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में शिकायत दर्ज कराएगा। 
जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश व्यास राज्य की एडवोकेट एनरोलमेंट कमेटी के अध्यक्ष भी हैं। जबलपुर हाईकोर्ट के दायरे में चलने वाली ये संस्था संवैधानिक दर्जा प्राप्त है। इस लिहाज से राजेश व्यास की राय प्रदेश की समूची न्यायपालिका की आत्मा की आवाज मानी जा सकती है। खुद राजेश व्यास कहते हैं कि उनकी ये राय एक दिन में नहीं बनी है।
स्वाधीनता दिवस के अवसर पर आज भोपाल जिला बार एसोसिएशन ने जिले की अदालतों को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की अनूठी पहल की है।अध्यक्ष एडवोकेट राजेश व्यास ने कहा कि न्यायपालिका से जुड़े अधिकांश लोग अदालतों के भ्रष्टाचार को पसंद नहीं करते हैं इसलिए सबकी राय से ये फैसला लिया गया है।
 
वे लंबे समय से प्रदेश भर के पीठासीन जजों, बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों,सदस्यों,वरिष्ठ अधिवक्ताओं, न्यायिक कर्मचारी संघों के पदाधिकारियों, कर्मचारियों, वरिष्ठ और कनिष्ठ अधिवक्ताओं, कोर्ट मुंशियों, थाने के मुंशियों ,चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से चर्चा करते रहे हैं। सभी इस घृणित परंपरा को पसंद नहीं करते हैं। इसके बावजूद बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे। इस मुद्दे पर कोई बोलने की पहल नहीं करता है। इसलिए अदालतों की गरिमा रोज खंडित होती रहती है और न्याय देने दिलाने का काम आम जनता से दूर होता जाता है।
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राजेश व्यास कहते हैं कि ये बात सही है कि मंहगाई के इस दौर में किसी अनजान पक्ष के लिए न्याय दिलाने की लंबी जद्दोजहद बहुत खर्चीली होती है। यदि भ्रष्टाचार का सामना न भी करना पड़े तब भी पक्षकार को दर दर की ठोकरें खाना पड़ती हैं। ऐसे में लोग अदालत की चौखट चढ़ने को भी अपने पूर्व कर्मों का पाप मानने लगते हैं। यही वजह है कि सभी के बीच संवाद के दौरान उनके मन में भ्रष्टाचार मुक्त अदालतों का विचार आया। उनका कहना है कि लोगों के बीच से न्यायपालिका को लेकर बना संशय दूर होने से समूची न्यायप्रक्रिया से जुड़े लोगों को सिर ऊंचा करके चलने का अवसर मिलेगा।
वे कहते हैं कि जिस तरह अदालतों का कामकाज तेजी से कंप्यूटरीकृत होता जा रहा है ऐसे माहौल में किसी पक्षकार का काम केवल इसलिए टरकाया जाए कि उससे रिश्वत वसूलनी है तो ये बड़ा गंभीर अपराध है। देश भर की अदालतों में जब लंबित प्रकरणों को निपटाने की तेजी अपनाई जा रही है ऐसे माहौल में वकीलों का काम सरल बनाने के लिए जरूरी है कि समूचा कामकाज पारदर्शी बनाया जाए। अब जबकि नोटबंदी के बाद लेनदेन का काम भी लोग मोबाईल एप से करने लगे हैं तब वकीलों की भागदौड़ घटाने के लिए भी जरूरी है कि न्याय प्रक्रिया को सरल बनाया जाए।
राजेश व्यास ने झंडावंदन के बाद अध्यक्षीय उद्बोधन में जब ये बात कही तो वकीलों ने इसका भरपूर स्वागत किया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश शैलेन्द्र शुक्ला ने भी उनकी बात का समर्थन करके इस राय पर अपना निर्णय सुना दिया। उन्होंने कहा कि ये सराहनीय पहल है और पूरी न्यायपालिका की ओर से वे इस फैसले का स्वागत करते हैं। ये राय इस संवैधानिक स्तंभ से जुड़े लोगों के बीच व्यापक विमर्श से निकली है इसलिए अदालतों में इसे लागू कराने के लिए कोई सख्ती की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
राजेश व्यास ने कहा कि लोगों को सस्ता त्वरित और सुलभ न्याय दिलाना आज इसलिए भी जरूरी हो गया है कि देश विकास के एक नए दौर में प्रवेश कर रहा है। यदि हम लोगों को कानूनी पचड़ों में ही उलझाए रहेंगे तो पड़ौसी देशों या विश्व के देशों से विकास के पैमाने पर कभी मुकाबला नहीं कर पाएंगे। उनका मानना है कि लोगों को सुलभ न्याय मिले और वकीलों को उन्हें न्याय दिलाने के लिए अनावश्यक परेशान न होने पड़े इसे देखते हुए ही उन्होंने ये निर्णय लिया कि इस नैतिक गंदगी का पुरजोर विरोध किया जाए।
वरिष्ठ अधिवक्ता सी.एस. शर्मा कहते हैं कि इस फैसले से न्यायपालिका की गरिमा बढ़ेगी। अदालतों और जनता के बीच करीबी बढ़ने से ज्यादा लोग अदालतों के माध्यम से अपने फैसले करवा सकेंगे।जिस तरह पारिवारिक मामले अदालतों में अधिक आने लगे हैं उन्हें देखते हुए अदालतों को लोगों की मित्र बनाना जरूरी है। अदालत का कामकाज सुगम हो तो ज्यादा लोग अदालतों के माध्यम से कानून का राज कायम कर सकेंगे। विकास की गति तेज करने की दिशा में ये कदम मील का पत्थर साबित होगा। उनका कहना है कि इस पहल का स्वागत किया जाना चाहिए।
एडवोकेट श्रीमती सुनीता राजपूत ने कहा कि अदालत की चौखटों पर पहुंचने वाले आम नागरिकों के हितों की रक्षा में ये नई परिपाटी ऐतिहासिक साबित होगी। उन्होंने कहा कि न्याय प्रक्रिया का लाभ आम नागरिकों तक पहुंचाने में वकीलों की बड़ी भूमिका होती है। अदालतों में बढ़ने वाले अनावश्यक खर्चों से डरकर बहुत से लोग न्याय से वंचित रह जाते हैं। अब जब अदालतों का कामकाज जनता के ज्यादा करीब होगा तो इससे ज्यादा लोग अदालत पहुंचेंगे और न्यायपालिका की गरिमा बढ़ेगी।

JioPhone 2 की पहली Flash Sale ठप, सेल दोबारा होगी 30 अगस्त को


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JioPhone 2
TOC NEWS @ www.tocnews.org
नई दिल्ली। रिलायंस जियो के नए फोन JioPhone 2 की पहली Flash Sale के दौरान Jio की वेबसाइट पर इतना ट्रैफिक आ गया है वेबसाइट कुछ समय के लिए ठप हो गई। हालांकि, कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक कंपनी 30 अगस्‍त को दोबारा JioPhone 2 की फ्लैश सेल आयोजित करने जा रही है।
JioPhone 2 खरीदने के लिए करें ये काम
जो ग्राहक Jio के JioPhone 2 को खरीदना चाहते हैं वह Jio की वेबसाइट या फिर MyJio App के जरिए इसकी खरीद कर सकते हैं। ऐसी संभावना है कि Flash Sale में JioPhone 2 की बिक्री कुछ समय में ही खत्म हो सकती है, ऐसे में जो ग्राहक इसकी खरीद करना चाहते हैं वह सेल शुरू होने से पहले ही Jio की वेबसाइट या MyJio App लॉगइन करके रखें, ऐसे करने पर ग्राहकों को फोन जल्दी बुक करने में मदद मिलेगी। कंपनी ने इस फोन की कीमत 2999 रुपए रखी है।
डिलिवरी के लिए लग सकता है हफ्तेभर का समय
JioPhone 2 की ऑनलाइन खरीद के बाद इसकी डिलिवरी में हफ्तेभर का समय लग सकता है, Jio की तरफ से FAQ सेक्शन में कहा गया है कि सामान्य तौर पर फोन की डिलिवरी में 5-7 दिन का समय लगता है। Jio की तरफ से फोन को नजदीकी Jio स्टोर कलेक्ट करने के लिए भी ग्राहक को संदेश भेजा जा सकता है।

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