Sunday, January 20, 2019

नेता का खुलासा, नरेंद्र मोदी की दूसरी पत्नी हैं स्मृति ईरानी, बीजेपी में मंचा हड़कंप

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गुवाहाटी। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बारे में एक पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बयान देकर राजनीति में बड़ा भूचाल ला दिया है, कांग्रेस नेता नीलमणि सेन डेका ने स्मृति ईरानी को पीएम मोदी की दूसरी पत्नी करार दिया है.
असम में कांग्रेस नेता नीलमणि ने कहा कि कई लोग ऐसा कहते हैं कि स्मृति ईरानी नरेंद्र मोदी की दूसरी पत्नी हैं। नीलमणि के इस बयान के बाद भाजपा ने बयान को बेहद शर्मनाक करार देते हुए उनके खिलाफ मामला दर्ज कराने की बात कही है.
भाजपा महासचिव राम माधव ने कहा कि क्या एक महिला के नेतृत्व वाली पार्टी महिलाओं के लिए ऐसी सोच रखती है और बावजूद ऐसे बयान के उनका बचाव किया जा रहा है.
राम माधव ने कहा कि भाजपा जल्द ही नीलमणि के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करेगी। वहीं कांग्रेस की ओर से कहा गया है, वो नीलमणि का अपना नीजी बयान है.

पत्रकारों की सुरक्षा और सम्मान सरकार की पहली प्राथमिकता : पीसी शर्मा

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भोपाल। मध्य प्रदेश की विधि विधाई एवं जनसंपर्क मंत्री श्री पी सी शर्मा ने कहा है कि मध्यप्रदेश के पत्रकारों की सुरक्षा और सम्मान की चिंता सरकार की प्राथमिकता रहेगी ।आप ने पत्रकारों की आवासीय समस्या का समाधान निर्माण एजेंसियों के माध्यम से करने की घोषणा की। साथ ही पत्रकार प्रोटेक्शन एक्ट को जल्द से जल्द लागू करवाने की घोषणा पर अमल करने की बात भी कही। विज्ञापनों को लेकर स्पष्ट नीति बनाने और श्रमजीवी पत्रकार के उन्नयन के लिए चलने वाले सभी कामों की निरंतरता जारी रखने पर सहमति दी। 
जर्नलिट्स यूनियन ऑफ मध्य प्रदेश "जंप" की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक भोपाल के मसाला रेस्टोरेंट स्थित सभागार में संपन्न हुई मुख्य अतिथि के रूप में मध्यप्रदेश शासन के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा उपस्थित रहे जंप के महासचिव डॉ. नवीन जोशी ने मंत्री जी को कुछ सुझाव एवं मांगे प्रेषित की जो निम्नानुसार हैं पत्रकारों के परिवार में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के उच्च शिक्षा अध्ययन के लिए ऋण पर अनुदान में 10% की छूट दी जाए... न्यूजप्रिंट की आपूर्ति के लिए शासन की ओर से सकारात्मक पहल हो क्योंकि छोटे और मझोले समाचार पत्रों को प्रकाशन में दिक्कतें आ रही हैं । न्यूजप्रिंट की उपलब्धता कम होने से प्रकाशक और मुद्रक आपूर्ति कर पाने में असमर्थ हैं, जिससे श्रमजीवी पत्रकारों के रोज़गार पर असर हो रहा है । पार्टी के वचन पत्र में उल्लेखित है कि पत्रकारों की श्रद्धा निधि ₹10000 न्यूनतम प्रति माह की जाएगी उस अनुसार आगामी वित्तीय वर्ष प्रारंभ होने तक यह वचन पूर्ण करने की तथा शासन के सभी जिलों जिला मुख्यालय पर स्थित विश्राम गृह एवं सर्किट हाउस में अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए आवास सुविधा उपलब्ध करवाने की मांग रखी।
श्रमजीवी पत्रकारों के लिए शासन द्वारा हर 3 माह में एक बार प्रशिक्षण कार्यशाला एवं शासन की योजनाओं पर सेमिनार आयोजित किए जाने का सुझाव जिसमें पत्रकार यूनियन के सदस्य और पदाधिकारियों से कराई जाए। पत्रकारों के उन्नयन हेतु संचालित होने वाली विभिन्न समितियां जैसे पत्रकार अधिमान्यता समिति पत्रकार आर्थिक सहायता समिति विधानसभा पत्रकार दीर्घा सलाहकार समिति आदि के मनोनयन में यूनियन के पदाधिकारियों को प्राथमिकता दी जाए। प्रत्येक समिति में न्यूनतम 2 सदस्य jump की ओर से राज्य में और संभाग में रखे जाएं।शासन की गृह निर्माण संस्थाए हाउसिंग बोर्ड ,विकास प्राधिकरण में पत्रकारों के लिए आरक्षण एवं लॉटरी सिस्टम को प्राथमिकता के साथ लागू किया जाए। कैमरामैन फोटोग्राफर एवं श्रमजीवी पत्रकार जिनके पास स्वयं के शासन का कोई आवश्यक नहीं है उनके लिए गृह निर्माण समिति के माध्यम से आवासीय समस्या का समाधान करने हेतु पहल की जाए ।
मध्य प्रदेश शासन में सूचीबद्ध समाचार पत्रों जिनकी वार्षिक विज्ञापन राशि रुपए 20 लाख से अधिक है उनसे श्रमजीवी पत्रकारों की सूची बुलवाकर वहां कार्यरत श्रमजीवी पत्रकारों के वेतनमान पर शपथ पत्र प्राप्त किए जाएं सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार वेज बोर्ड का पालन यदि बड़े समाचार पत्र एवं न्यूज़ चैनल्स नहीं कर रहे हैं तो उनके विज्ञापन पर रोक लगाई जाए ।
श्री शर्मा का स्वागत जर्नलिस्ट्स यूनियन ऑफ मध्य प्रदेश के प्रदेश महासचिव डॉ नवीन आनंद जोशी ने किया और उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया । प्रदेश अध्यक्ष श्री खिलावन चंद्राकर उपाध्यक्ष अजय सिंह कुशवाह सुदर्शन सोनी और कोषाध्यक्ष महेंद्र शर्मा, अनुराधा त्रिवेदी इस अवसर पर उपस्थित थे ।

शिवराज से बोले कमलनाथ, चिंता मत कीजिए, गुंडों का ऊंचा नहीं होने दूंगा मनोबल

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शिवराज से बोले कमलनाथ, चिंता मत कीजिए, गुंडों का ऊंचा नहीं होने दूंगा मनोबल

शिवराज जी
सादर नमस्कार ।

इंदौर में हुई संदीप अग्रवाल की हत्या की घटना व आज मंदसौर में हुई नगरपालिका अध्यक्ष प्रह्लाद बंदवार की हत्या की घटना बेहद दुखद व निंदनीय है।

मेने पुलिस प्रशासन को सख़्त निर्देश दिये है कि दोनो हत्याकांड की शीघ्र जाँच कर आरोपियों को गिरफ़्तार कर, पूरे मामले का जल्द से जल्द ख़ुलासा किया जावे। दोषी कितना भी बड़ा हो , उसे बख़्शा नहीं जावे।
आप विश्वास रखिये आरोपी शीघ्र ही सलाखों के पीछे होंगे।

मेरी सरकार क़ानून व्यवस्था के पालन को लेकर गंभीर है। उसमें किसी प्रकार के अपराधी के लिये कोई रियायत नहीं है।
मंदसौर की घटना तो शाम की है, मेने तो आज सुबह ही प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को बुलाकर निर्देश दिये है कि प्रदेश में पिछले कई वर्षों से फल- फूल रहे अवैध मादक पदार्थों के अड्डों , नशीले पदार्थों के ठियो , जुएँ – सट्टे – अवैध शराब के अड्डों , गुंडो – बदमाशों , वसूली बाजों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाये। इनके अड्डे नेस्तनाबूद कर दिया जाये। इन्हें ऐसा सबक़ सिखाया जाये कि ये वर्षों तक याद रखे। मेरी सरकार में ऐसे अपराधी तत्वों का प्रदेश में कोई स्थान नहीं है। इन्हें संरक्षण देने वालों पर भी कड़ी कार्यवाही की जावे।कितना भी बड़ा शख़्स इनमे लिप्त पाया जाये, उसे बख़्शा नहीं जावे।

हम प्रदेश को दोबारा शांति का टापू बनाना चाहते है। प्रदेश पर वर्षों से लगे देश में अपराधों में शीर्ष प्रदेश के दाग़ को हम मिटाना चाहते है।

लेकिन पत्र के माध्यम से लगाये गये आरोपो से ऐसा लग रहा है कि आपका यह पत्र अपराधों के प्रति चिंता कम, राजनीति से प्रेरित ज़्यादा लग रहा है। आप चिंता मत करिये मेरी सरकार में हमेशा पुलिस का ही मनोबल ऊँचा रहेगा।कभी गुंडो- अपराधियों का मनोबल ऊँचा नहीं होने देगी मेरी सरकार और ना ही उनके हौसले बुलंद।

यह ज़रूर सच है कि पिछले कई वर्षों से उनके मनोबल व हौसलों में जो वृद्धि हुई है, उसे मेरी सरकार जड़ से ख़त्म कर कर रहेगी।

यह पत्र लिखते समय शायद आप यह भूल गये कि पिछले कई वर्षों से प्रदेश एनसीआरबी के आँकड़ो के अनुसार अपराधों में देश में शीर्ष पर बना हुआ है , उसके दोषी कौन लोग है ? लेकिन में इन घटनाओं पर कोई राजनैतिक आरोप-प्रत्यारोप नहीं करना चाहता हूँ।अपराधी समाज के दुश्मन होते है।उन्हें क़तई बख़्शा नहीं जाना चाहिए।

साथ ही आपको यह भी बताना चाहता हूँ कि प्रदेश के इंदौर की ही एक बेटी ट्विंकल डागरे जो कि पिछले 2 वर्षों से ग़ायब थी। जिसका परिवार पिछले 2 वर्षों से ही उसकी हत्या की आशंका जता कर दर- दर गुहार लगा रहा था।आरोपियो को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त होने के आरोप भी लगाता रहा।उसके हत्याकांड का 2 वर्ष बाद अभी हाल ही में ख़ुलासा हुआ है। 

बड़ी जघन्यता से उसकी हत्या की गयी है।मेने इस हत्याकांड के ख़ुलासे के बाद इसकी भी जाँच के आदेश पुलिस प्रशासन को दिये है कि पता लगाया जाये कि क्या कारण रहा जो पिछले 2 वर्षों में इस केस का ख़ुलासा नहीं हुआ।आरोपियों को किसका राजनैतिक संरक्षण प्राप्त था , ख़ुलासा किया जावे। इसके दोषियों को बख़्शा नहीं जावे।

अंत में , मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मेरी सरकार को बने अभी एक माह ही हुआ है लेकिन प्रदेश पर पिछले कई वर्षों से लगे अपराधों में शीर्ष प्रदेश के दाग़ को मेरी सरकार धोने का हरसंभव प्रयास करेगी।अपराधियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करेगी।
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कमलनाथ
मुख्यमंत्री

Kamal Nath ji
Nakul Kamal Nath

चैनलों की बाढ़ में डूबती पत्रिकारिता और उतराती इलेक्ट्रॉनिक मीडिया


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# नवीन पुरोहित का विशेष लेख
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भोपाल। बीते साल जुलाई में, केबल ऑपरेटरों द्वारा ज़ाकिर नाइक के पीस टीवी के प्रसारण के खिलाफ शिकायतें मिली थी। केबल नेटवर्क के माध्यम से प्रसारण के लिए पीस टीवी के पास सरकार से वैध अनुमति नहीं थी फिर भी प्रसारण हो रहा था। डेटा पर एक नज़र से पता चलता है कि टीवी चैनलों की प्रसारण से संबंधित निगरानी के लिए दिशानिर्देश मौजूद हैं, कार्यान्वयन बुरी तरह से विफल हो गया है।


अवैध टीवी चैनल की रोकथाम के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश मौजूद हैं, लेकिन अब तक क्रियान्वयन न के बराबर रहा है। बांग्लादेश में आईएसआईएस के आतंकी हमलों के बाद, विवादास्पद उपदेशक जाकिर नाइक और उनके पीस टीवी जैसे चैनल निगाह में आये और टीवी चैनलों की वैधता और उन परपर सामग्री की निगरानी पर नए सिरे से बहस शुरू हुई है। सरकार द्वारा लोकसभा में साझा की गई जानकारी बताती है कि विभिन्न स्थानीय केबल नेटवर्क्स में सैकड़ों चैनल बिना सूचना एवं प्रसारण की अनुमति के, बगैर लाइसेंस के धड़ल्ले से चल रहे है। हालांकि निगरानी और विनियमन के लिए दिशा-निर्देश मौजूद हैं, उपलब्ध डेटा और जानकारी से पता चलता है कि कार्यान्वयन पूर्णतः विफल रहा है।

केबल टीवी नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995, केबल नेटवर्क पर टीवी चैनलों के प्रसारण और पुनः प्रसारण को नियंत्रित करता है। प्राधिकृत अधिकारी (जिला मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, उप-विभागीय मजिस्ट्रेट और पुलिस आयुक्त अपने क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में) अधिनियम के तहत, जब भी केबल अधिनियम, 1995 का उल्लंघन होता है, कार्रवाई करने का अधिकार दिया जाता है। केबल टीवी नेटवर्क नियम, 1994 के तहत, किसी भी केबल ऑपरेटर को अपनी केबल सेवा में किसी भी टीवी प्रसारण या चैनल को शामिल करने या शामिल करने की अनुमति नहीं है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा भारत के क्षेत्र के भीतर देखे जाने के लिए पंजीकृत नहीं किया गया है।

सूचना और प्रसारण मंत्रालय दो प्रकार से टीवी चैनलों को अनुमति देता है यानि सेटेलाइट नॉन-न्यूज एंड करंट अफेयर्स टीवी चैनल्स ’और  न्यूज एंड करंट अफेयर्स टीवी चैनल्स।  किसी भी सैटेलाइट टीवी चैनल को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी की गई अपलिंकिंग / डाउनलिंकिंग पॉलिसी के दिशानिर्देशों के अनुसार ही प्रसारित किया जा सकता है। सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा अनुमति प्राप्त कंपनियां सुरक्षा एवं एडवर्टाइजमेन्ट एवं प्रोग्राम कोड ऑफ कंडक्ट की शर्तों से बंधी होती है , जिनमें विशेष सुरक्षा संबंधी शर्तें भी शामिल हैं।

इन कंपनियों को हर साल लायसेंस रिन्यूअल की फीस जमा करनी होती है, अपना ऑडिट जमा करना होता है, अपना इंस्पेक्शन करबाना होता है। ऐसी ही अनुमति प्राप्त कंपनियों के कुल 892 निजी सैटेलाइट टीवी चैनल वर्तमान में भारत में संचालित करने की अनुमति है.

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30 जून 2018 तक, कुल 892 निजी उपग्रह टीवी चैनलों को भारत (या तो अपलिंक या डाउनलिंक) से संचालित करने की वैध अनुमति है। ताजा और पुष्ट आकंड़े www.mib.gov.in पर परमिटिड टीवी चैनल्स के सेक्शन में उपलब्ध है। इन्हें आसानी से गूगल सर्च भी किया जा सकता है।

अब किसी भी चैनल का विवरण सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा टीवी सेवाओं को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से हालिया लांच किए गए ब्रॉडकास्ट सेवा पोर्टल पर भी उपलब्ध है। हालांकि अब तक 1031 चैनलों को अनुमति दी गई है, लेकिन 139 चैनलों की अनुमति रद्द कर दी गई है।

इसे बिडम्बना ही कहेंगे कि जहां एक छोटे से छोटा अखबार RNI में पंजीकृत होकर ही अपना अखबार प्रकाशित करता है या यों कहें कि रजिस्टर्ड तो होता ही है भले ही उसकी प्रकाशन संख्या कम हो लेकिन वहीं दूसरी तरफ प्रसारित टीवी चैनलों की बड़ी संख्या सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में पंजीकृत ही नही है और न ही उनके पास न्यूज़ चैनल चलाने की किसी भी प्रकार की अनुमति है। कुल मिलाकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बढ़ती भीड़ और उसके पराभव का ये एक बहुत बड़ा कारण है।

गौरतलब है कि एक न्यूज चैंनल संचालित करने बाली कंपनी के पास सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग लायसेंस, टेलीपोर्ट का डब्ल्यूपीसी सर्टिफिकेट और एनओसीसी सर्टिफिकेट होना अत्यंत आवश्यक है बिना इनके कोई भी न्यूज़ चैनल किसी भी केबल या डीटीएच ऑपरेटर द्वारा प्रसारित नहीं किया जा सकता।बिना इन अनुमतियों के कोई भी चैनल ब्रॉडकास्ट ऑडियन्स रिसर्च काउंसिल (BARC) में रजिस्टर्ड नहीं हो सकता। केंद्र सरकार ने नवंबर 2017 में यह स्पष्ट कर दिया है कि वह उन्ही न्यूज़ चैनल्स को विज्ञापन जारी करेगी जो बार्क में रजिस्टर्ड हों और जिनकी TRP शून्य न हो।

नैतिकता, शुचिता, जिम्मेदारी और कर्व्यनिष्ठा की दुहाई देने बाली मीडिया खासकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संक्रमणकाल से गुजर रही है। संविधान के स्वघोषित चौथे स्तंभ में पड़ रही ये दरारें कहीं पत्रिकारिता के इस स्तंभ को ही धराशायी न कर दें इस पर ध्यान देने की गंभीर आवश्यकता है।

ईसाइयों पर लगे धर्मान्तरण के झुठे मामले वापस लेगी सरकार

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भोपाल:- दिनांक 18/01/19 राष्ट्रीय ईसाई महासंघ का एक प्रतिनिधि मंडल फादर आनंद मुटूंगल के नेतृत्व में मध्यप्रदेष शासन के विधि विभाग मंत्री श्री पी.सी. शर्मा से मुलाकात कर मांग की कि भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में ईसाई समाज के लोगों पर धर्मान्तरण के कई झुठे मामले दायर किए है उसे वापस लेने की मांग की है।
फादर आनंद मुटूंगल ने कहा कि मंत्री जी के साथ हुई बातचीत के बाद मंत्री जी ने कहा कि सभी झुठे मुकदमे वापस लिए जाएगें। ईसाई समाज के लोगों को कांग्रेसी समझकर राजनैतिक बदला लेने के लिए भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में ईसाई समाज के लोगों पर झुठे मुकदमे दायर किए है।
राष्ट्रीय ईसाई महासंघ के प्रवक्ता रिचर्ड जेम्स ने कहा कि दिसम्बर 2003 से लेकर 2018 तक हमारे संगठन ने करीब 264 मामलों में ईसाई समाज के लोगों को विभिन्न प्रकार की मदद की है। लेकिन ऐसे और भी मामले है जो संगठन की जानकारी में है लेकिन हमारे पास रिकाॅर्ड नहीं होने के कारण हम यहां प्रस्तुत नहीं कर पाएं इसलिए हम कहते है कि प्रदेषभर में और भी मामले पंजीकृत है।
राष्ट्रीय ईसाई महासंघ के कार्यालय प्रभारी मोहित रात्रे ने कहा कि प्रदेष के सभी ईसाई महासंघ के जिलाध्यक्षों को पत्र लिखकर मंत्री जी के द्वारा दिए गए आष्वासन के आधार पर सभी जिलों के संबंधित अधिकारियों को मामले वापस करवाने की प्रक्रिया पूर्ण करवाने का आग्रह किया है।
प्रतिनिधि मण्डल में बिबित बाबू, सोनिया सिंह, नाजी मेड़ा, प्रिंस साल्वे, ब्लसेन, बी.एस पीटर आदि शामिल थे।

Saturday, January 19, 2019

आप पार्टी द्वारा प्रदर्शन मे तिरंगा के अपमान, एफ आई आर दर्ज करने के आदेश


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ब्यूरो चीफ खुरई खिमलासा , जिला सागर // भैलेन्द्र कुर्मी  : 9993159460
बीना कोर्ट ने आप पार्टी कार्यकर्ताओं पर एफ आई आर दर्ज करने के आदेश दये हॆ आप पार्टी द्वारा प्रदर्शन मे तिरंगा साथ लेकर चलने पर तिरंगा के अपमान का होता था जिस पर 15 मार्च 14 को बीना के अधिवक्ता राजेन्द्र मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल आशुतोष। 
राज मोहन गांधी। साजिया इल्मी, गीता पटेल जगप्रीत बिहराना। चितिज जैन बीना। मलखान चड़ार। सिसिर अग्रवाल खुरई। अतुल मिश्रा सागर। के खिलाफ न्याय धीश आर के देवलिया की कोर्ट मे परिवाद किया था पेश किया था जिस पर न्यायधीश आरके देवालिय ने 22 मार्च 14 को आदेश दिया था, पुलिस एफ आई आर दर्ज करे लेकिन पुलिस ने कारर्वाई नहीं की थी। इसके बाद 19.12.18 को न्यायधीश अभिलाष जैन ने पुलिस को आदेशित किया एफ आई आर दर्ज करने जिस पर पुलिस ने खुरई सागर दिल्ली में शून्य पर मामला दर्ज करके डायरी भेज दी हॆ। सागर पुलिस अधीक्षक ने पुलिस कमिशनर दिल्ली को पत्र लिखकर कोर्ट का आदेश पालन कराने की बात कही।

अब तक 22 हजार से अधिक किसानों के भरे फार्म (जय किसान ऋण माफी योजना), पात्र किसानों से 25 तक फार्म भरने का आग्रह

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जिला ब्यूरो चीफ जबलपुर // प्रशांत वैश्य : 79990 57770
जबलपुर | 19-जनवरी-2019, जय किसान ऋण माफी योजना के तहत जिले में अभी तक 22 हजार 071 किसानों द्वारा ऋण माफी के लिए आवेदन फार्म भरे जा चुके हैं। योजना के तहत पात्र किसानों की ग्रामवार सूची जिले की सभी ग्राम पंचायतों में 15 जनवरी को चस्पा की गई थी। सूची चस्पा करने के साथ ही ग्राम पंचायतों को  पर्याप्त मात्रा में हरे, सफेद और गुलाबी रंग के आवेदन पत्र उपलब्ध करा दिये गये थे।     
उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास एस.के. निगम के मुताबिक ऋण माफी के लिए भरे गये आवेदनों में 5 हजार 507 किसानों ने हरे फार्म, 15 हजार 437 किसानों ने सफेद फार्म तथा 1 हजार 127 किसानों ने गुलाबी रंग के आवेदन फार्म भरे हैं।  उन्होंने बताया कि जय किसान ऋण माफी योजना के तहत आधार सीडेड खाता धारक किसानों को हरे रंग के तथा बिना आधार सीडेड खाता धारक किसानों को सफेद रंग के फार्म भरने होंगे। श्री निगम के मुताबिक ऐसे किसान जिनके नाम पात्र किसानों की सूची में नहीं हैं वे गुलाबी रंग के आवेदन भरकर ऋण माफी के लिए दावा कर सकेंगे।     
उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास ने जिले के सभी किसानों से 25 जनवरी तक अपने से संबंधित ग्राम पंचायत में चस्पा पात्र किसानों की सूची का अवलोकन कर 25 जनवरी तक ऋण माफी के आवेदन भरने का आग्रह किया है।  उन्होंने कहा कि 26 जनवरी से आयोजित ग्राम सभाओं में आवेदन भरने वाले किसानों की सूची का वाचन शुरू होगा। उप संचालक किसान कल्याण ने ऐसे सभी किसानों से जिनके आधार नंबर बैंक के ऋण खाते से लिंक नहीं हैं उन्हें संबंधित बैंक शाखा में जाकर अपने ऋण खाते में आधार नंबर अनिवार्य रूप से दर्ज करा लेने का अनुरोध भी किया है। श्री निगम ने कहा है कि जिन किसानों के ऋण खाते में आधार नंबर दर्ज नहीं होंगे ऋण माफी योजना का लाभ भी उन्हें नहीं मिलेगा।     

उप संचालक ने बताया कि जिले में ऋण माफी के लिए सर्वाधिक 5 हजार 417 आवेदन पाटन जनपद पंचायत के किसानों द्वारा भरे गये हैं।  इनमें हरे रंग के 1 हजार 448 और सफेद रंग के भरे गये आवेदनों की संख्या 3 हजार 853 है। जनपद पंचायत जबलपुर में अभी तक 2 हजार 71, पनागर में 2 हजार 739, कुण्डम में 2 हजार 974, शहपुरा में 3 हजार 478, सिहोरा में 3 हजार 145 और मझौली जनपद पंचायत में 2 हजार 247 आवेदन पत्र ऋण माफी के लिए भरे जा चुके हैं।

बडवाह की ग्राम पंचायत, रूपाबेडी में आनन्द उत्सव के तहत बच्चो ने गीतों पर रंगारंग नृत्य किया



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ब्यूरो चीफ बड़वाह, जिला खरगौन // लोकेश कोचले  : 77728 28778 
बडवाह की ग्राम पंचायत, रूपाबेडी में आनन्द उत्सव के तहत रूपाबेड़ी सहित नावघाट खेडी कटघडा तीन ग्राम पंचायतो का संयुक्त रूप में शानदार वेशभूषा में बच्चो ने अलग अलग गीतों पर रंगारंग नृत्यों सहित दौड़ रेस,कुर्सी रेस,बोरा रेस,कबड्डी का  कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
रूपाबेडी सरपंच जगदीश पटेल के मुख्य अतिथि में सम्पन्न हुए कार्य्रकम का शुभारंभ सरस्वती वन्दना व विद्यार्थियों ने मध्यप्रदेश गान के साथ प्रस्तुत कर किया गया। जिसमे छात्र छात्रोंओ ने आदिवासी भारत माता राधा कृष्ण की वेशभूषा में शानदार नृत्यों की प्रस्तुतिया दी। इसके पूर्व दौड़ रेस, कुर्सी रेस,बोरा रेस, कबड्डी एवं अन्य कार्यक्रम सम्पन्न हुए।
जिसमे विद्यार्थियों के साथ ही ग्रामवासियों ने बड-चड़ कर हिस्सा लिया। महिला-पुरुष की टोलियों ने निमाड़ी धार्मिक भजनों की प्रस्तुती दी इस दौरानदी गई प्रस्तुती. कार्यक्रम में रस्सा कस्सी प्रतियोगिता दर्शको के लिए रोमांचित रही। रस्सा कस्सी प्रतियोगिता में शासकीय कर्मचारियों की टीम को जनप्रतिनिधियों ने पराजित किया।
नोडल अधिकारी दिलीप चोरे ने बताया कि तीनो पंचायतों के  प्रावि व मावि विद्यार्थियों के साथ ही ग्रामवासियों ने प्रतियोगितायो में हिस्सा लेकर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इस दौरान राजेन्द्र जोशी, देवीसिंह मंडलोई,ताराचंद गोखले,कपिश पुराणिक सहित सचिव बाबूलाल सिटोले आदि का सहयोग सराहनीय रहा।.

ममता की रैली में विपक्ष ने दिखाया दम, कहा, मोदी सरकार की आ गयी है 'एक्सपायरी डेट'


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कोलकाता : आगामी लोकसभा चुनाव में सभी विपक्षी दलों को साथ लाने की पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कवायद के तहत शनिवार को यहां आयोजित विशाल रैली में प्रमुख विपक्षी दलों के नेता एक मंच पर नजर आये और उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने की हुंकार भरी.
आयोजक के रूप में एक तरह से इस रैली की अगुवाई कर रही ममता ने कहा कि मोदी सरकार की ‘एक्सपायरी डेट (उपयोग करने की अवधि)' आ गयी है. उन्होंने कहा कि राजनीति में शिष्टता होती है, लेकिन भाजपा इसका पालन नहीं करती और जो भाजपा के साथ नहीं होता उसे वे चोर बता देते हैं.
रैली में ममता ने ‘बदल दो, बदल दो, दिल्ली की सरकार बदल दो' का नारा भी दिया. संयुक्त विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के मुद्दे पर ममता ने कहा कि विपक्षी दल एकसाथ मिलकर काम करने का वादा करते हैं और प्रधानमंत्री कौन होगा इस पर फैसला लोकसभा चुनाव के बाद होगा.
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जनसैलाब की मौजूदगी में हुई इस रैली में पूर्व प्रधानमंत्री एवं जनता दल सेक्यूलर प्रमुख एच डी देवेगौड़ा, तीन वर्तमान मुख्यमंत्री - चंद्रबाबू नायडू (तेलुगु देशम पार्टी), एचडी कुमारस्वामी (जनता दल सेक्यूलर) और अरविंद केजरीवाल (आम आदमी पार्टी), छह पूर्व मुख्यमंत्री - अखिलेश यादव (समाजवादी पार्टी), फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला (दोनों नेशनल कांफ्रेंस), बाबूलाल मरांडी (झारखंड विकास मोर्चा), हेमंत सोरेन (झारखंड मुक्ति मोर्चा) और इसी हफ्ते भाजपा छोड़ चुके गेगांग अपांग, आठ पूर्व केंद्रीय मंत्री- मल्लिकार्जन खड़गे (कांग्रेस), शरद यादव (लोकतांत्रिक जनता दल), अजित सिंह (राष्ट्रीय लोक दल), शरद पवार (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी), यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी, शत्रुघ्न सिन्हा और राम जेठमलानी ने हिस्सा लिया.
इनके अलावा, राजद नेता एवं बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी, बसपा सुप्रीमो मायावती के प्रतिनिधि एवं राज्यसभा सदस्य सतीश चंद्र मिश्रा, पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल और जानेमाने दलित नेता एवं गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी भी मंच पर नजर आये.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने तृणमूल कांग्रेस की महारैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि विपक्षी गठबंधन का मकसद भाजपा को हराना एवं धर्मनिरपेक्ष सरकार बनाना है. ब्रिगेड परेड ग्राउंड में हुई रैली में कांग्रेस के प्रतिनिधि के तौर पर आये सिंघवी ने कहा, हमने इस तरह की बदले की राजनीति पहले कभी नहीं देखी थी. जब अमित शाह ने उत्तर प्रदेश में 100 रैलियां की तो किसी ने सवाल नहीं पूछा, लेकिन जब राजद ने एक रैली का आयोजन किया तो उसे आयकर का नोटिस थमा दिया गया.
कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार पर घटिया राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वोटों के बंटने का सबसे ज्यादा फायदा भाजपा को होता है. सिंघवी ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष के गठबंधन का मजाक उड़ाते हैं, लेकिन उनकी पार्टी ने कश्मीर में सबसे अनैतिक गठबंधन किया. वह उसके बारे में क्या कहेंगे? कभी भाजपा का हिस्सा रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आजादी के बाद यह पहली सरकार है जो विकास के आंकड़ों से बाजीगरी कर रही है.
सिन्हा ने कहा कि मौजूदा शासन में अगर आप सरकार की तारीफ करते हैं तो वह ‘देश भक्ति' है और अगर आलोचना करते हैं तो वह ‘देश द्रोह' है. कश्मीर समस्या का हल निकालने के लिए गठित समिति में शामिल रहे सिन्हा ने कहा कि जब उन्होंने प्यार-मोहब्बत वाले वातावरण में सभी तबके के लोगों से बात करने का सुझाव दिया था तो उन्हें ‘पकिस्तानी एजेंट' बताया गया था.
सिन्हा ने मोदी सरकार के नारे ‘सबका साथ, सबका विकास' का भी मजाक उड़ाया. उन्होंने इसे ‘सबका साथ, सबका विनाश' बताया. चुनावों में पारदर्शिता के लिए कागजी मतपत्र के जरिए मतदान की व्यवस्था फिर से लागू करने की वकालत करते हुए नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को ‘‘चोर मशीन'' करार दिया.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, यह किसी एक व्यक्ति (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) को सत्ता से बाहर करने की बात नहीं है. यह देश को बचाने और आजादी के लिए लड़ने वालों के बलिदान का सम्मान करने की बात है.
उन्होंने कहा, ईवीएम, चोर मशीन है. ईमानदारी से कह रहा हूं. इसके इस्तेमाल पर रोक लगनी चाहिए. दुनिया में कहीं भी मशीन का इस्तेमाल नहीं होता है. ईवीएम का इस्तेमाल रोकने और पारदर्शिता के लिए मतपत्र प्रणाली को वापस लाने के लिए विपक्षी दलों को निर्वाचन आयोग और भारत के राष्ट्रपति से मिलना चाहिए.
जम्मू-कश्मीर के हालात के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि लोग धार्मिक आधार पर बंट रहे हैं. लोगों को पाकिस्तानी बताया जा रहा है. लेकिन सभी लोग.... लद्दाख से लेकर हर जगह पर... भारत में रहना चाहते हैं. उन्होंने कहा, मैं मुसलमान हूं और मुझे भारत से, अपने देश से प्यार है. गुजरात के पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने ‘गोरों' के खिलाफ लड़ने की अपील की थी और हम ‘चोरों' के खिलाफ लड़ रहे हैं.
रैली में जुटे जैनसैलाब की ओर इशारा करते हुए पटेल ने कहा कि यह संकेत है कि भाजपा सत्ता से बाहर जा रही है. दलित नेता जिगनेश मेवानी ने शनिवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस की विपक्षी रैली में कई विपक्षी दलों का एकसाथ आना आगामी लोकसभा चुनाव में बदलाव का संदेश है. उन्होंने कहा कि ‘महागठबंधन' आरएसएस और भाजपा की हार सुनिश्चित करेगा.
मेवानी ने कहा, भाजपा के साढ़े चार साल के शासन में गरीबों, अल्पसंख्यकों और दलितों के शोषण से देश अभूतपूर्व संकट से गुजर रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र में ‘महागठबंधन' की सरकार बनने पर वह संविधान के पालन को सुनिश्चित करेगा और देश एक सच्चा समाजवादी गणराज्य बनेगा.
मिजोरम की ‘ज़ोरम नेशनलिस्ट पार्टी' के नेता लालदूहोमा ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक के कारण पूरा पूर्वोत्तर सुलग रहा है. उन्होंने कहा, अगर विधेयक लागू किया गया तो भारत वह जगह नहीं रहेगा जो वह है...इसलिए हमें केंद्र में धर्मनिरपेक्ष सरकार चाहिए, ताकि यह विधेयक वापस ले लिया जाए या पूर्वोत्तर को छूट मिले.
झामुमो नेता हेमंत सोरेन ने भाजपा को देश से उखाड़ फेंकने का आह्वान करते हुए विपक्षी दलों से अपील की कि अगले लोकसभा चुनावों में वे इस ‘सांप्रदायिक' पार्टी को करारा जवाब दें. सोरेन ने कहा कि जिस तरह से भाजपा देश को चला रही है उससे देश में ‘हिंसा और अशांति का माहौल' पैदा हो गया है.
बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बसपा-सपा गठबंधन केंद्र की ‘दलित-विरोधी' और ‘अल्पसंख्यक-विरोधी' राजग सरकार के अंत की शुरुआत है. उन्होंने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार को सत्ता से बाहर करने में सपा-बसपा गठबंधन के बाद यह रैली अगला कदम है.
मिश्रा ने कहा कि इस ‘सफल' रैली से पुष्टि हो गई है कि बाबा साहेब आंबेडकर द्वारा लिखे गए संविधान को सुरक्षित रखने के लिए भाजपा को हराना जरूरी है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्ष को साथ मिलकर लड़ना होगा. विपक्षी दलों को चुनाव में साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ एक उम्मीदवार उतारना चाहिए.
द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने कहा कि आगामी आम चुनाव भाजपा के कट्टर हिंदुत्व के खिलाफ भारत के लोगों के लिए आजादी की दूसरी लड़ाई के समान होंगे. स्टालिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कुछ लोगों से डरते हैं. ब्रिगेड परेड ग्राउंड में उन्होंने कहा, अगले (लोकसभा) चुनाव आजादी की दूसरी लड़ाई जैसे होंगे. हम हिंदुत्व एवं कट्टर हिंदूवाद के जहर को फैलने से रोकेंगे. हमारी अपील मोदी को हराने और देश को बचाने की है.
स्टालिन ने केंद्र सरकार पर कॉर्पोरेट घरानों के लिए काम करने का आरोप लगाते हुए उसकी आलोचना की. उन्होंने कहा, अगर मोदी फिर से सत्ता में आते हैं तो देश 50 साल पीछे चला जाएगा. भारत को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में से एक बताते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आज हम केंद्र में कुछ ‘अलोकतांत्रिक' लोगों को ‘लोकतांत्रिक' सरकार की अगुवाई करते देख रहे हैं.
कुमारस्वामी ने कहा कि पिछले 70 साल में देश ने क्षेत्रीय पार्टियों को मजबूती से ऊभरते हुए देखा है. इन दलों ने अपने राज्यों के हितों की रक्षा की है और अपने लोगों की भावनाओं को समझा है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि सपा और बसपा के साथ आने से देश में खुशी की लहर दौड़ गई है और इससे चिंतित होकर भाजपा उत्तर प्रदेश में एक-एक सीट जीतने की रणनीति तैयार करने लिए बैठकें कर रही है.
अखिलेश ने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर विपक्षी दलों से सवाल करने पर भी भाजपा से जवाब मांगा. उन्होंने कहा, वे पूछते हैं विपक्षी दलों का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन है...हमारा कहना है कि हमारी तरफ से लोग प्रधानमंत्री उम्मीदवार का फैसला करेंगे, लेकिन, उनकी ओर से इस नाम (नरेंद्र मोदी) ने देश को निराश किया है, आपका दूसरा नाम कौन सा है? सपा अध्यक्ष ने कहा कि आम लोगों को साथ लेकर विपक्षी दलों ने गठबंधन किया है, जबकि भाजपा ने सीबीआई और ईडी के साथ समझौता किया है.
सपा प्रमुख रैली में मंच पर बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के बगल में बैठे. मिश्रा ने बसपा के प्रतिनिधि के रूप में रैली में भागीदारी की। रालोद प्रमुख अजित सिंह और उनके बेटे जयंत चौधरी भी मंच पर मौजूद थे. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से केंद्र की खतरनाक भाजपा सरकार को किसी भी कीमत पर हराने का आह्वान किया.
उन्होंने कहा कि देश गंभीर संकट के दोराहे पर है. देश और लोकतंत्र को बचाने के लिए मोदी सरकार को तुरंत बदलने की जरूरत है. तृणमूल कांग्रेस की विशाल रैली में उन्होंने कहा, अगर (नरेंद्र) मोदी-(अमित) शाह की जोड़ी 2019 का चुनाव जीतकर देश में शासन करती रही तो वह संविधान को बदल देगी और कभी चुनाव नहीं करवाएगी.

जर्मनी में हिटलर ने जो किया था, वही होगा. उन्होंने भाजपा पर धर्म के नाम पर लोगों के बीच दुश्मनी फैलाने का आरोप लगाया. इससे पहले, ममता ने यह दावा भी किया कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज और नितिन गडकरी को भाजपा में नजरअंदाज किया गया और अगर उनकी पार्टी फिर से लोकसभा चुनाव जीतती है तो उन्हें फिर नजरअंदाज किया जाएगा. रैली में ममता ने ‘बदल दो, बदल दो, दिल्ली की सरकार बदल दो' का नारा भी दिया.

पति ने खुशी-खुशी गैरमर्द से कराई अपनी पत्नी की शादी… दहेज में दिए दो बच्चे!


पति ने पत्नी की शादी उसके प्रेमी से कराई, दहेज में दिए बच्चे

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आज से कई वर्ष पहले आयी एक फ़िल्म “हम दिल दे चुके सनम” ने पर्दे के ऊपर काफी धमाल मचाया था। तब उस वक़्त किसे मालूम था कि आने वाले वक्त में कभी उस फिल्म की स्टोरी पर आधारित कोई सच्ची घटना घटित हो जाएगी। अगर आपने वह फ़िल्म देखी होगी तो आपको उस फिल्म की स्टोरी अच्छी तरह याद होगी। उस फिल्म की कहानी ही कुछ ऐसी थी की उस फिल्म में मुख्य कलाकार के रूप में मौजूद सलमान ऐश्वर्या और अजय देवगन के बीच एक लव ट्राइंगल सा चल रहा था।
दरसअल उस फिल्म में दिखाया गया था कि किस प्रकार ऐश्वर्या सलमान से प्यार करती है पर उनके घरवाले उनकी शादी अजय देवगन से करवा देते है। उसके बाद अजय देवगन दर-दर भटकते हुए ऐश्वर्या के रियल लव की तलाश में निकल जाता है। पर वह कहानी तो बस पर्दो के पीछे थी पर आज हम जो बताने जा रहे है वह पर्दे के सामने की सच्ची कहानी है। चलिये बताते है आपको भी इस मामले के बारे में विस्तार से।
यह घटना बिहार की राजधानी पटना से सटा हुआ एक जिला हाजीपुर का है, जहाँ एक पति ने अपने 10 साल पहले हुए शादी और बच्चो को लेकर एक बेहद ही अजीब सा फैसला लिया है। उसके मुताबिक वह अपनी पत्नी की शादी उसी लड़के के साथ करवाकर रहेगा जिसे उसकी पत्नी हमेशा से प्यार किया करती थी। उसके इस फैसले के बारे में सुनकर हर कोई हैरान है। सबको ऐसा लग रहा है मानो वह पागल हो चुका है। अपनी पत्नी की इच्छा को पूरा करने वाले इस शख्स को देखकर ऐसा लगता है मानो वह भी प्यार के रिश्ते के सामने हार मान चुका हो।
इस घटना की शुरुआत आज से 10 साल पहले ही हो चुकी थी। मिली जानकारी के मुताबिक 10 साल पहले अरुण की शादी मधु से हुई थी। इन दस सालों में साथ रहते हुए उनके 2 बच्चे भी हुए। पर मधु को शादी से पहले ही श्रवण चौरसिया नाम के लड़के से प्यार हो चुका था। प्यार होने की वजह से श्रवण उसके घर के आसपास दिखाई दिया करता था। कई बार श्रवण लड़की के ससुराल तक आकर उससे मिलने की जहमत उठाया करता था। इसी क्रम में एक दिन हुआ कुछ ऐसा जिसने सबकी जिंदगी बदल दी।
दरसअल एक दिन अरुण की मौजूदगी में ही श्रवण मधु से मिलने उसके घर आ पहुँचा। घर पहुचने के बाद जब मधु के पति ने उसके में पूछा तो मधु उसे कुछ बताने को राजी ही नही थी इस डर से की क्या पता बता देने के बाद उसके इस रिश्ते में भी दरार आ जायेगा। काफी पूछें जाने के बाद भी जब उस महिला ने उसके बारे में नही बताया तो उसके पति को ऐसा शक हो गया कि वह लड़का इसका बॉयफ्रेंड है। जिसके बाद अरुण ने उस लड़के से पूछा जिसके बाद पूरी सच्चाई सामने आ गयी। प्यार की ऐसी दास्तान को देखने के बाद अरुण का दिल भी पिघल गया और उसने ले लिया ऐसा फैसला।

दोनों के बीच इतने प्यार को देखते हुए अरुण ने दोनों के घर को बसाने की ठान ली और दोनों का प्रेम विवाह करवाने का निर्णय लिया। अपनी बसी बसाई दुनिया को उजाड़ कर दुसरे का घर बसाने की जिद पर अड़ा हुआ देख पड़ोसी हैरान थे। अरुण ने अंत मे अपने प्यार का ब,लिदान देकर दोनों की शादी करवा दी और अपने जिगर के टुकड़ों को भी उसने श्रवण को सौंप दिया। प्यार के लिए ऐसे ब,लिदान को सुनकर आंखे भर आती है।

भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने इस महिला को बताया प्रधानमंत्री का उम्मीदवार


भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने  ममता के लिए इमेज परिणाम

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भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा कोलकाता में शनिवार को भाजपा विरोधी दलों के लिए तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी की रैली में भाग लेंगे. हालांकि, नेता – जिन्होंने पूर्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने के किसी भी अवसर को नहीं छोड़ा है – कहते हैं कि उनकी पार्टी के प्रति निष्ठा पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है. उन्होंने कहा, “मैं भाजपा में तब शामिल हुआ जब वह दो सांसदों (संसद सदस्यों) की पार्टी थी और मैंने हमेशा इसे मजबूत करने के लिए काम किया है.”

सिन्हा का कहना है कि वह इस रैली में अपने सहयोगी यशवंत सिन्हा द्वारा शुरू की गई पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में भाग लेंगे, जो भाजपा के एक और असंतुष्ट हैं. उन्होंने बताया “यहां तक ​​कि कुछ भाजपा नेता आरएसएस (भाजपा के वैचारिक संरक्षक) के कार्यक्रम में भाग लेते हैं.”

बनर्जी कांग्रेस और प्रमुख क्षेत्रीय दलों के बीच गठबंधन के लिए बातचीत में सबसे आगे थीं. हालांकि, कांग्रेस के तीन हिंदी हार्टलैंड राज्यों में चुनाव जीतने के बाद, सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ एकजुट मोर्चा के विचार में विकसित हुई. एक बैठक में, डीएमके के एमके स्टालिन द्वारा कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी को ब्लॉक का प्रधानमंत्री चेहरा बनाने के प्रस्ताव को विपक्षी दलों द्वारा मुखर रूप बोले थे.
टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव भी चाहते हैं कि बनर्जी संघीय गठबंधन के अपने संस्करण में शामिल हों, जिसमें कांग्रेस के लिए कोई जगह नहीं है.

यह पूछे जाने पर कि क्या ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव के बाद प्रधान मंत्री बन सकती हैं,  सिन्हा ने पीटीआई से कहा, “पीएम चुनाव के बाद संख्या के आधार पर पार्टियों के लोगों और नेताओं द्वारा तय किए जाएंगे. लेकिन वह निश्चित रूप से सर्वश्रेष्ठ की श्रेणी में हैं.”

उन्होंने ममता बनर्जी को राष्ट्रीय नेता भी कहा, उन्होंने कहा, “वह केवल एक क्षेत्रीय नेता नहीं बल्कि एक प्रमुख राष्ट्रीय नेता हैं.”

पूर्व मंत्री की बेटी ने अपने साथ रेप करने वाले अमीर आरोपी से कर ली शादी




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बिहार के चर्चित और हाई प्रोफाइल यौन शोषण के मामले का दो साल पहले द एंड हुआ था। पूर्व कांग्रेस मंत्री की बेटी सुरभि जयदेव से प्यार का झांसा देते हुए बिहार के सबसे बड़े कारोबारी निखिल प्रियदर्शी ने शारीरिक शोषण किया था। जब लड़की ने शादी की बात की तो वो शादी करने से मुकर गया और कई तरह के आरोप-प्रत्यारोप की बातें करने लगा। जिसको लेकर महादलित पूर्व मंत्री की बेटी ने मामला दर्ज करवाया था और इस मामले में कोई सफेदपोश लोग भी बेनकाब हुए थे।

महादलित लड़की के शारीरिक शोषण करने के आरोप में निखिल प्रियदर्शी, उसके भाई और पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जेल में अपने गुनाहों की सजा काट रहे निखिल प्रियदर्शी ने पीड़िता से शादी करने का प्रस्ताव भेजा था। जिसे मंजूर कर लिया गया और जेल से बाहर निकलते ही उसने पीड़िता के साथ शादी कर ली।

कई महीने पहले पीड़ित महादलित लड़की और आरोपी बिजनेसमैन निखिल प्रियदर्शी ने कोर्ट में समझौता याचिका पत्र दाखिल किया था। जिसने शादी करने की बात कही थी। साथ ही दोनों ने कहा था कि अब हम लोगों के बीच कोई विवाद नहीं है और हम लोग साथ रहना चाहते हैं। पीड़ित लड़की के द्वारा कोर्ट में कई दस्तावेज दिखए गए। जिसमें ये कहा गया कि वो बालिग है और अपनी मर्जी से ये फैसला ले रही है। दोनों के द्वारा कोर्ट में दिए गए समझौता पत्र के बाद उन्हें जेल से बाहर निकला और मंदिर में जाकर दोनों ने शादी रचा ली।

जानिए क्या था मामला… :

बाता दें कि 22 सितंबर 2016 को ये मामला सामने आया था और बिहार का चर्चित मामला बन गया था। जहां पूर्व मंत्री की बेटी ने एक बड़े कारोबारी पर शारी’रिक शो’षण करने और मार’पीट करते हुए दे’ह व्यापार के दलदल में धकेलने का आरोप लगाया था। जिसमें कई लोगों के नाम सामने आ रहे थे तो कांग्रेस के नेता ब्रजेश पांडे पर भी आरोप लगाया था, जिसके बाद वो फरार हो गए। वहीं लड़की सुरभि के द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच जब आगे बढ़ने लगी तो गिरफ्तारी के डर से आरोपी अपने पिता के साथ फरार हो गया। जिसे काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने 14 मार्च 2017 को निखिल को पिता केबीपी सिंहा को उत्तराखंड से गिरफ्तार किया था।

कैसे हुई मुलाकात :

ये मामला सामने आने के बाद पीड़ित लड़की ने बताया कि उसकी मुलाकात निखिल प्रियदर्शी से Facebook पर हुई थी। Facebook पर चैटिंग करते-करते हम दोनों एक दूसरे से मिलने लगे और धीरे-धीरे प्यार हो गया। जिसके बाद हम लोग शारीरिक संबंध भी बनाने लगे। इसी दौरान हमारी कई आपत्तिजनक तस्वीर निखिल के द्वारा अपने मोबाइल में कैद कर लिया गया और मुझे ब्लैकमेल करने लगा। जब हमने शादी की बात कही तो मारपीट करते हुए हमें बर्बाद करने की धमकी दिया था। जिसके बाद हम अपनी मदद के लिए थाने पहुंचे तथा उसके खिलाफ मामला दर्ज करवाया था।आज जेल से निकलने के बाद उसने हमारे साथ शादी कर ली और अब हम दोनों के बीच सब कुछ ठीक-ठाक है।

शादी करने वाला बिजनेसमैन कहा जाता है बिहार का माल्या…

महादलित लड़की से शारीरिक शोषण करने के आरोप में जेल में बंद होने वाला आरोपी निखिल प्रियदर्शी एक बड़ा ऑटोमोबाइल कारोबारी है और कई बैंकों से डिफॉल्टर भी है। अपने बिजनेस के लिए उसने कई बैंकों से करोड़ों रुपए का लोन लिया था जिसे नहीं चुकाया गया। इसी के आरोप में एक बार दानापुर पुलिस के द्वारा उसे गिरफ्तार भी किया था। ऐसा कहा जा रहा है कि स्टेट बैंक डांकबंगला चौराहा से 36 करोड़ का लोन बाकी है। तो प्रियदर्शी मोटर और प्रियदर्शी फोर्ड पर जबकि पोर्स, ऑडी, मर्सिडीज और फोर्ड फिगो का 2 करोड़ का लोन बाकी है।

आपको बता दें की निखिल प्रियदर्शी एक बहुत बड़ा बिजनेसमैन ही नहीं प्रशासनिक परिवार से भी आता है। जिसके पिता कृष्ण बिहारी प्रसाद रिटायर आईएएस हैं तो जीजा राजीव रंजन सीबीआई एसपी हैं। महंगी गाड़ी लड़कियों के शौकिन निखिल प्रियदर्शी कई बार भोजपुरी हीरोइन के साथ भी मस्ती के मूड में नजर आ चुका है।

मोटरसाइकिल एवं अल्टो कार से एक्सीडेंट, घटनास्थल पर एक की मौत बाकी घायलों को अस्पताल भेजा

Accident with motorcycle and alto car

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जिला ब्यूरो चीफ नीमच  // विश्वजीत भट्ट  : 9575888891 
नीमच। नयागांव कान का फंटा  पर आमने सामने मोटरसाइकिल एवं अल्टो कार से एक्सीडेंट हुआ घटनास्थल पर मनोहर लाल पिता बंसीलाल दर्जी उम्र 51 वर्ष निवासी नयागांव चौधरी मोहल्ला वार्ड क्रमांक 7 घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई.
अन्य घायलों में गीताबाई वाइफ ऑफ मांगीलाल दर्जी उम्र 55 वर्ष निवासी चूड़ी गली नीमच कैलाश पिता श्रीराम उम्र 22 वर्ष जाति रंगास्वामी निवासी लाला जी का खेड़ा चित्तौड़ बैनी दास उम्र 30 वर्ष निवासी लाला जी का खेड़ा चित्तौड़ बंसी लाल सन ऑफ मदनलाल उम्र 30 वर्ष जाति भील निवासी नपावली रतलाम का हो कर घटनास्थल पर नयागांव चोकी अरविंद जी हेड साहब एवं टोल की एंबुलेंस एवं कान का घोसुंडी के ग्राम वासियों के सहयोग से नाले से गाड़ी निकलवा कर घायलों को नाले से निकाल कर इसमें टोल एंबुलेंस में रखवा कर नीमच हॉस्पिटल में भिजवाया गया



माखनलाल विश्वविद्यालय घोटाला मामले में सीएम कमलनाथ ने गठित की जांच समिति


माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विवि भोपाल के लिए जांच समिति गठित के लिए इमेज परिणाम
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  • सन 2003 में कई गई नियुक्तियों और देशभर में खोले गए विभिन्न शिक्षण केंद्रों की शिकायतो की जांच करेगी कमेटी
  • कमेटी के अध्यक्ष अपर सचिव जनसम्पर्क गोपाल रेड्डी और सदस्य ओसडी भूपेंद्र गुप्ता और विंध्यांचल डेरी के संदीप दीक्षित बनाये गए हैं
भोपाल. माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय घोटाला मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जांच समिति गठित कर दी है। तीन सदस्यीय जांच समिति में एम गोपाल रेड्डी, भूपेन्द्र गुप्ता और संदीप दीक्षित शामिल हैं। मालूम हो कि विश्वविद्यालय की महापरिषद के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होते हैं। 

प्रदेश में सरकार बदलने के बाद से ही मामले में जांच समिति गठित किये जाने की संभावना जताई जा रही थी। सीएम कमलनाथ ने दिसंबर में ही विश्वविद्यालय के सालों पुराने कई मामलों की रिपोर्ट तलब की थी। उन्होंने पिछले 12 वर्षों की नियुक्तियों और पदोन्नतियों का लेखा-जोखा मांगा था।

मालूम हो कि विवि के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बीके कुठियाला के समय हुई नियुक्तियों व पदोन्नतियों में अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार का मामला लोकायुक्त से लेकर हाईकोर्ट तक पहुंच चुका था। वहीं दूसरी ओर तत्कालीन रजिस्ट्रार प्रो. संजय द्विवेदी पर भी चुनाव कैंपेनिंग के आरोप लगे थे।

पिछले दिनों जगदीश उपासने ने विश्वविद्यालय के कुलपति पद से इस्तीफा दे दिया था। साल 2003 में भी दिग्विजय सरकार के समय कुलपति रहे शरदचंद्र को प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद कुलपति पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

मंदसौर नगर पालिका अध्यक्ष प्रह्लाद बंधवार की हत्या करने वाला बीजेपी का ही कार्यकर्ता चढ़ा प्रतापगढ़ पुलिस के हत्थे

Killer manish baragi


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प्रतापगढ । मंदसौर नगरपालिका अध्यक्ष की हत्या का बहुचर्चित मामला जिसने इस बड़ी घटना से हर किसी को सोचने पर विवश कर दिया था। अचानक घटी इस बड़ी घटना ने मन्दसौर को बगावत करने की स्थिति में खड़ा कर दिया था।
 मंदसौर पुलिस  ने चंद घंटो में ही शंका के आधार पर कई अपराधियो को पकड़ा और लगातार कार्यवाही जारी थी। बार्डर के सभी थानो और चौकियों को भी अलर्ट किया गया। इस बीच प्रतापगढ पुलिस ने बड़ी कार्यवाही करते हुए आखिर मन्दसौर नगर पालिका के अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार दादा के हत्यारे को गिरफ्तार कर ही लिया।  थानाधिकारी गोपाललाल चन्देल ने मय टीम बड़ी कार्यवाही करते हुए एमपी के इस बदमाश को आखिर धरदबोचा। चारो ओर हो रही थी इस घटना की चर्चा।
मंदसौर नगर पालिका अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार की हत्या के आरोपी मनीष बैरागी को गिरफ्तार कर लिया है। मनीष को राजस्थान से गिरफ्तार किया गया। मंदसौर पुलिस द्वारा एनकाउंटर के डर से वह राजस्थान भाग गया था। वह प्रतापगढ़ की कोतवाली में सरेंडर करने की प्लानिंग बना रहा था।
बैरागी ने बताया कि उसे पता चला था कि प्रतापगढ़ जेल में मोबाइल चलाने को मिलता है। इसलिए वह वहां सरेंडर करना चाहता था।  पुलिस ने बताया कि मनीष ने 10 दिन पहले ही प्रहलाद बंधवार की हत्या की प्लानिंग बना ली थी। उसका पांच लाख रुपए को लेकर बंधवार से विवाद चल रहा था। वह कई बार बंधवार से पैसे मांग चुका था। बंधवार के चुनाव में मनीष ने 5 लाख रुपए ब्याज पर लेकर खर्च किए थे। बंधवार वह रुपए नहीं लौटा रहा था। 
बता दें कि गुरुवार शाम को प्रहलाद बंधवार अपने मित्र लोकेंद्र कुमावत की दुकान पर थे। उन्होंने लोकेंद्र के नौकर को 500 रुपए खुल्ले कराने भेजा। वह दुकान के बाहर खड़े होकर नौकर का इंतज़ार कर रहे थे। तभी बुलेट पर मनीष बैरागी आया। उसने प्रहलाद बंधवार को गोली मार दी और वहां से भाग गया। सीएसपी राकेश मोहन शुक्ला के अनुसार आरोपी मनीष बुलेट पर सवार होकर आया था। उसने पहले बंधवार से नमस्ते किया।

इस दौरान मनीष ने जेब से पिस्टल निकाली और बंधवार को फायर कर दिया। पुलिस को मौके से दो खाली खोखे भी मिले हैं। मनीष के ऊपर 2004 में सिटी कोतवाली ने चोरी का दर्ज किया था। वहीं 2008 में मनीष ने गोल चौराहा स्थित कुमावत मेडिकल संचालक मुकेश कुमावत पर फायर किया। मनीष के घर दबिश में 40 किलो डाइकोफिन मिल चुका है। वर्ष 2017 में रतलाम जिले के रिंगनोद थाने में भी अवैध हथियार खरीद-फरोख्त का केस दर्ज हैं।
















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