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Wednesday, March 17, 2010

पिपरिया का डॉन ईनामी अर्जुन पलिया गिरफ्तार






पिपरिया का डॉन ईनामी अर्जुन पलिया गिरफ्तार
ब्यूरों प्रमुख// सुरिन्दर सिंह अरोरा(होशंगाबाद //टाइम्स ऑफ क्राइम)
अपराधियों को किसी भी कीमत पर बक्शा नहीं जाएगा। अपराध को रोकने के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जाए। उक्त बात होशंगाबाद पुलिस रेंज के आई जी श्री स्वर्ण सींग ने जिला पंचायत के सभागृह में जिला पुलिस द्वारा आयोजित पत्रकारों की एक संयुक्त बैठक में कही । इस अवसर पर उपस्थित पत्रकारों को जानकारी देते हुए होशंगाबाद पुलिस रेंज के आई जी श्री स्वर्ण सींग ने बताया कि लम्बे समय से फरार विभिन्न अपराधों में पुलिस को वान्टेड 5 हजार के ईनामी अर्जुन पलिया को गिरफतार कर होशंगाबाद पुलिस ने प्रंशसनीय कार्य किया है। पलिया की गिरफतारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पुलिस अधिकारियों को लिखित प्रशंसा मिलेगी। अधिकारियों की सीआर में लिखित प्रशंसा टीप लिखी जाएगी। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए आईजी स्वर्ण सिंह ने बताया कि पलिया की गिरफतारी के साथ कई अन्य मामलों का खुलासा हो सकेगा। इस अवसर पर जिला पुलिस अधीक्षक रूचिवर्धन, पिपरिया एसडीओपी राजेश रघुवंशी, प्रोवेशनल डीएसपी ऋचा राय, एजेके डीएसपी विमला चौधरी सहित समस्त थाना प्रभारी उपस्थित थे।होशंगाबाद पुलिस रेंज के आई जी श्री स्वर्ण सींग के बताए अनुसार अर्जुन पलिया पिता हरप्रसाद पलिया उम्र 52 साल निवासी ग्राम बासखेड़ा थाना पिपरिया पिछले तीन दशक/लंबे अरसों से आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होकर वर्ष 1973 से लेकर अभी तक संगीन अपराध घटित करते एवं कराते चला आ रहा है जैसे हत्या, हत्या का प्रयास, घर में घुसकर हत्या कर डकैती, मारपीट, वन्य उपज की सागौन/सतकटा लकडिय़ां काटकर उपयोग करना, अपने आतंकित प्रभाव से दबाव डालकर गरीबों की जमीन हड़पना, शासकीय ठेकों के ठेकेदारों पर दबाव डालकर अवैध वसूली करना एवं कार्यवाही करने पर शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों को जान से मार देने एवं मरवा डालने हेतु धमकी देना जैसे अपराध राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने के कारण घटित किए गए है। वर्तमान में भी इसी प्रकार के कृत्य कर रहा था, वर्ष 2009 में इसके विरूद्ध पंजीबद्ध अपराधों के फरियादी एवं गवाहों को लगातार धमकी देने से एमपीईबी एवं वन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा द्वारा अपना स्थानांतरण करवाकर मय परिवार के तहसील पिपरिया से बाहर चले गए है। राजनीतिक संरक्षण प्राप्त करने से इसका इतना आंतक एवं भय व्याप्त है कि यह संगीन अपराध घटित करना व घटित करवाना व शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों पर दबाव डालकर अपने पक्ष में काम करवाना इसका पेशा बन गया है इसके कारण पिपरिया तहसील व आसपास के लोगों में/शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारियों में इतना भय व्याप्त जिसके कारण अनावेदक अर्जुन पलिया पिता हरप्रसाद पलिया के विरूद्ध उपरोक्त आपराधिक कृत्यों के कारण व आम लोगों के सामान्य जीवन जीने के लिए अनावेदक के विरूद्ध इस्तागाशा क्रमांक 01/10 धारा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा 3(2) एवं क्रमांक पुअ/होश/रीडर/एनएसए/5/10 दिनांक 11.3.10 को तैयार कर श्रीमान जिला दंडाधिकारी महोदय न्यायालय होशंगाबाद में पेश कर अनावेदक अर्जुन पलिया का गिरफतारी वारंट प्राप्त किया गया तदोपरांत अनावेदक अर्जुन पलिया को केन्द्रीय जेल, इंदौर भेजा गया है। अर्जुन पलिया पर अभी तक 17 आपराधिक प्रकरण दर्ज हो चुके है, उस पर कई बार प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जा चुकी है इसके बाद भी पिपरिया, बनखेड़ी एवं आसपास के क्षेत्र में लगातार उसके आपराधिक कृत्यों में कमी नहीं आ रही थी।
चर्चा में है गिरफ्तारीजिले की पिपरिया विधानसभा सीट से विधायक रह चुके सपा के पूर्व विधायक अर्जुन पलिया को बाबई पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर इन्दौरी होटल के पास से गिरफतार करने मे सफलता पाई आमजन के गले नही उतर रही है जिस अपराधी पर पुलिस ने 5 हजार के ईनाम की घोषणा की हो वह अपराधी दिन मे अपनी पत्नी के साथ भोपाल रेल्वे स्टेशन से टिकट लेकर टे्रन से होशंगाबाद आए और होशंगाबाद रेल्वे स्टेशन से एक कांग्रेसी के घर जाए और वहॉ से कार द्वारा अपने गृहनगर को रवाना हो बाबई जैसे कस्बे में मुख्य मार्ग के एक होटल में चाय पानी के लिए रूके और इसी बीच पुलिस उसे गिरफतार कर ले, आमजन एवं पूर्व में अपराध जगत से जुड़े रहे लोगों का मानना है कि ईनाम घोषित अपराधी कभी इस तरह आना-जाना नहीं करते। आमजन का मानना है कि सरकारी तंत्र ने अर्जुन पलिया को योजनाबद्ध तरीके से सरंक्षण देने वाले बाहुबली नेताओं से चर्चा कर उनको विश्वास मे लेकर अर्जुन पलिया को गिरफतार किया है च

पूर्व विधायक अर्जुन पलिया का आपराधिक रिकार्ड
क्र. अपराध क्र. धारा थाना.................................................................................................



1 125/73 458,302,396 भादवि पिपरिया



2 350/78 147,148,149,307 भादवि पिपरिया



3 284/86 294,506 भादवि पिपरिया



4 310/87 147,323,325 भादवि पिपरिया



5 06/90 147,148,149,307 भादवि पिपरिया



6 329/92 307,34 भादवि पिपरिया



7 66/95 457,294,323,147,148,149 भादिव पिपरिया



8 81/01 323,506,34 भादवि 3(1)(10) एससीएसटी एक्ट एजेके



9 472/04 147,148,149,326,307 भादवि 3,5 विस्फोटक पदार्थ अधि.पिपरिया



10 136/07 294,327,506,323,34 भादवि पिपरिया



11 642/08 188 भादवि पिपरिया



12 261/09 307,34 120 बी भादवि पिपरिया



13 265/09 33,41 भारतीय वन विधान 1927 पिपरिया



14 266/09 39बी वन संरक्षण अधिनियम 1972 पिपरिया



15 268/09 379,34 भादवि 135 विद्युत अधिनियम 2003 पिपरिया



16 274/09 308,285,336, भादवि



138 विद्युत अधिनियम पिपरिया



17 169/09 384,34 भादवि



बनखेड़ी-------------------------------------------------------------------------------------------
37 वर्ष बाद कानून के हाथ आया शातिर
एक लंबे अंतराल के आद आखिर पुलिस ने पूर्व विधायक अर्जुन पलिया को कुख्यात घोषित कर न केवल गिरफतार किया वरन रासुका के तहत कार्यवाही कर सेन्ट्रल जेल इंदौर भेज दिया है। पुलिस कप्तान रूची वर्धन श्रीवास्तव ने यहां बधाई की पात्र बनी है, जिनके निर्देश पर पुलिस ने 5 हजार के घोषित फरारी को गिरफतार कर लिया है। आईजी स्वर्ण सिंह ने अपनी पत्रकार वार्ता में उन्हें स्टाफ सहित बधाई दी साथ ही यह भी कहा कि उनकी तरफ से जो भी अनुशंसा इसमें होगी वे स्टाफ के लिए करेंगे।1973 से अपराधों में संलग्न रहने वाले अर्जुन पलिया को पकडऩे में 37 वर्ष लग गए। आईजी स्वर्ण सिंह स्वयं यहां एसपी पदस्थ रहे चुके है फिर भी वे इस शातिर की नकेल नहीं कस पाए थे। अपराधों की शुरूआत में यदि पुलिस अर्जुन पलिया को गिरफत में ले लेती तो अर्जुन पलिया अभी तक उन सामाजिक ओहदों पर नहीं पहुंच पाता जिससे वह नवाजा गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी के वफादार रहे अर्जुन पलिया कांग्रेस जिलाध्यक्ष रह चुका है इतना ही नहीं कांग्रेस का टिकिट नहीं मिले के कारण अर्जुन पलिया अभी तक उन सामाजिक ओहदों पर नहीं पहुंच पाता जिससे वह नवाजा गया। प्रदेश कांग्रेस जिलाध्यक्ष रह चुके तमाम अपराधों के सिरमौर बने अर्जुन पलिया की दबंगता यहां एसपी रही अनुराधा शंकर सिंह सहित जिला पंचायत अध्यक्ष रही उमा आरसे ने देखी है। पर वर्तमान कप्तान रूची वर्धन ने कानून के शिकंजे में उसे आखिर कस लिया। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा 3(2) के तहत जिला दंडाधिकारी निशांत बरबड़े के वारंट से पकड़ाए अर्जुन पलिया को सेन्ट्रल जेल इंदौर भेजा गया जिसकी गिरफतारी नाटकीय रही है। इधर आवाम के गले मामला अभी तक उतर नहीं पा रहा जो यह मान रही है कि अर्जुन पलिया के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी जनपद अध्यक्ष श्रीमती आरती पलिया ने उसी दिन जिलाध्यक्ष की उपस्थिति में पंच सरपंच सम्मेलन बखूबी कैसे निभा दिया। अर्जुन पलिया के वकील के अनुसार तमाम मामलों में अग्रिम जमानत पा चुके अर्जुन पलिया पर रासुका लगाकर उसे जेल भेजना आज भी क्षेत्रवासियों को प्रश्न चिन्ह साबित हो रहा है जिसके उत्तर अनुन्तरित है। इधर पिपरिया पुलिस ने विभिन्न धाराओं से संबंधित अपराधों की लिस्ट प्रेस नोट के जरिए बांटी है।फिर इंदौर से पड़ा पालाअर्जुन पलिया के लिए इंदौर शहर कटु अनुभव है। करीब ढाई दशक पूर्व की एक गैंगवार में उनके भाई राजेन्द्र पलिया की हत्या इंदौर में हुई थी और उनके जातीय दुश्मन इंदौर में काफी सक्रिय है। जिसके कारण पलिया परिवार इंदौर जाने से परहेज करता रहा है। शुक्रवार को अर्जुन पलिया पर जब रासुका लगी तो उन्हें सेन्ट्रल जेल इंदौर भेजा गया।नारीशक्ति पड़ी पलिया पर भारी जिले में अब तक चार महिला एसपी पदस्थ हुई और तीन बार महिला एसपी अर्जुन पलिया के लिए भारी पड़ी। अनुराधा शंकर सिंह के कार्यकाल में अर्जुन पलिया पर तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष उमा आरसे पर दबाव बनाने पर एससीएसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ और उन्हें काफी समय तक फरार रहना पड़ा। वहीं से पलिया के विरूद्ध पुलिस का अभियान शुरू हुआ। बाद में गत वर्ष एसपी दीपिका सूरी के कार्यकाल में बलराम बैस गोली कांड के बाद पुलिस ने अर्जुन पलिया के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की और फरार पलिया पर ईनाम घोषित किया। आखिरकार वर्तमान एसपी श्रीमती रूचि वर्धन श्रीवास्तव ने उन्हें गिरफतार किया और रासुका के तहत इंदौर जेल भेज दिया। 1973 के बाद पहली बार अर्जुन पलिया की गिरफतारी हुई और वह भी महिला एसपी के कार्यकाल में।



गरीबों का मसीहा अर्जुन पलिया
पुलिस ने भले ही विभिन्न अपराधों में लिप्त अर्जुन पलिया के विरूद्ध मामले दर्ज किए है लेकिन पिपरिया विधानसभा क्षेत्र एवं उससे लगे ग्रामों के गरीब तबके के लोग आज भी उन्हें अपना मसीहा बताते है। गरीबों के सुख दुख में शामिल होना उन्हें निस्वार्थ मदद करना आज भी उनके दैनिक कार्यो मे उनकी फिदरत है। गॉव के कुछ ग्रामीणों के बताए अनुसार जैसे ही अर्जुन भैया को पता लगता था कि उनके क्षेत्र के गॉव में किसी भी गरीब की कोई गम्भीर समस्या है तत्काल समय निकाल या अपना विश्वसनीय दूत भेज ग्रामीण को यथासम्भव मदद करते रहे है। दबी जबान मे कुछ पुलिसकर्मी और राजस्व से जुड़े कुछ शासकीय कर्मी भी इस बात को स्वीकारते हुए बताते है कि अर्जुन पलिया ने गरीबों को कभी नही सताया।

ब्यूरों प्रमुख से सम्पर्क : 99939 93300



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