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Monday, April 12, 2010

मीडिया की आवाज को दबाने का प्रयास,पत्रकार का अपमान अपर जिला सूचना अधिकारी हरेराम गुप्ता की ओछी हरकतमीडिया की आवाज को दबाने का प्रयास व उनके साथ अभद्रत

(ब्यूरो प्रमुख उ.प्र. ने सूचना प्रसारण मंत्री उ.प्र. निदेशक, उ.प्र. प्रमुख सचिव सूचना उ.प्र. को भेजा शिकायती पत्र, अपर जिला सूचना अधिकारी इलाहाबाद की जांच कार्ययालय की मांग)
ब्यूरो प्रमुख//सूर्यनारायण शुक्ल ब्यूरो प्रमुख उ. प्र. से सम्पर्क 99362 29401 (इलाहाबाद= टाइम्स ऑफ क्राइम)
इलाहाबाद कोरॉव उ.प्र. में इलाहाबाद के सूचना व जनसम्पर्क विभाग में भ्रष्ट कर्मचारी द्वारा पत्रकारों का अपमान किया जाता है। उल्लेखनीय है कि सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, कलेक्ट्रेट परिसर इलाहाबाद में ''टाइम्स ऑफ क्राइम'' के ब्यूरो प्रमुख उ.प्र. सूर्य नारायण शुक्ल द्वारा अपने समाचार पत्र के सूचनार्थ उक्त समाचार पत्र के संपादक महोदय द्वारा जारी किया गया पत्र ले जाने पर कार्यालयीन समय में सभी कर्मचारी लापता थे एक महिला कर्मचारी गेट के समीप उपस्थित थी व अन्दर अपने कार्यालय में अपर जिला सूचनाधिकारी हरे राम गुप्ता मौजूद थे जिनसे अंदर आने की अनुमति प्राप्त करके ब्यूरो प्रमुख उनके पास गये तो बेहुदे लहजे में उक्त अधिकारी ने पूछा कि क्यों आये हो तो ब्यूरो प्रमुख ने बताया कि श्रीमान जी में ''टाइम्स ऑफ क्राइम'' समाचार पत्र का ब्यूरो हूं एवं संपादक महोदय द्वारा कार्यालय में सूचनार्थ यह पत्र देकर रिसीविंग प्राप्त करना चाहता हूं, जिससे उक्त अधिकारी ने पत्र को सरसरी निगाह से देखकर पत्र को वापस कर दिया एवं समाचार पत्र दिखाने पर उसको बिना देखे ही व्यंगात्मक लहजे में कहा कि तो आप समूचे उ.प्र. के इस अखबार के चीफ ब्यूरों हैं आप नौजवान हैं और आप इस कार्य में क्यों लगे हैं आपका संपादक आप से अपना उल्लू सीधा करवा रहा है। आपके इस समाचार पत्र का कोई अस्तित्व नहीं है न ही इसका सही रजिस्ट्रेशन है। आपके इस लेटर में राष्ट्रीय तो लिखा है किन्तु साप्ताहिक नहीं लिखा है। जिससे आप लोग इसे बहुत बड़ा अखबार प्रदर्शित करके लोगों को मूर्ख बना रहे हो एवं इस पत्र में दूसरी त्रुटि यह है कि तुम्हारे प्रधान कार्यालय का पता, तुम्हारे प्रदेश कार्यालय का पता, तुम्हारे संपादक की मुहर नहीं है। इस तरह से इसमें त्रुटियों के कारण कार्यालय द्वारा यह पत्र न तो स्वीकार किया जावेगा और नाही रिसीविंग दी जावेगी यदि देना है तो ऐसे ही बाहर की टेबिल पर रखकर चले जाओ। उक्त अधिकारी के इतनी बातों को सुनकर ब्यूरो प्रमुख ने उनकी बातों का उत्तर देते हुए कहा कि मान्यवर संपादक द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट रूप से विषय में लिखा हुआ है ''राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्रÓÓ के लिए उत्तर प्रदेश में स्टेट ब्यूरो चीफ पद का दायित्व सौंपने बाबत् एवं लेटर पैड के ऊपर वाले हिस्से स्पष्ट रूप से प्रधान कार्यालय का पता, फोन नं. रजिस्ट्रेशन नं. इत्यादि बातें स्पष्ट रूप लिखी हैं एवं लेटर पैड में मुहर की आवश्यकता नहीं होती। इत्यादि बिन्दुओं पर उक्त अधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराने पर अधिकारी आगबबूला होकर जोर-जोर से चिल्लाते हुए बेहद अपमान जनक शब्दों में कहने लगे कि तुमने यहां खाला का घर समझा है, जो यहां चले आये हो तुम जैसे पत्रकारों व तुम्हारे जैसे व्यवसायी, लालची एवं फर्जी सम्पादक एवं इस घटिया साप्ताहिक अखबार के लिए इस कार्यालय में कोई स्थान नहीं है यह जो अखबार भोपाल म.प्र. की राजधानी से प्रकाशित एवं मुद्रित होता है उसे भोपाल तक ही सीमित रखो। यहां से न तुम्हारे लिए कोई सूचना दी जावेगी न ही किसी प्रशासनिक कार्यों से अवगत कराया जायेगा न ही तुम्हारा लेटर लिया जावेगा। हम लोग सभी समाचार पत्रों के मुख्य अधिकारी हैं। जब तक हम नहीं चाहेंगे तुम न तो यहां से कोई सूचना या संबंधित जानकारी नहीं प्राप्त कर पाओगे। हम लोग आदेश के संबंधित उच्च अधिकारी के कृपा पात्र हैं। तुम हमारे विरूद्ध शिकायत करके भी हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे इसीलिए हम लोग यहां वर्षों से जमे हुए हैं। ज्यादा बहस करने पर तुम्हारे साथ बदसलूकी करके बाहर भगा दिया जावेगा। इन सभी अपमानित शब्दों का कड़वा घूंट पीकर ब्यूरो प्रमुख जो कि अपने साथ एक मित्र सुरेश शुक्ल ग्राम राजापुर अयोध्या कोरॉव इलाहाबाद को ले गये थे उनके सामने बेहद जलील होकर वापस लौट गये। उ.प्र. में शुरूआत होते ही आम जनता की लोकप्रियता प्राप्त करते हुए राष्ट्रीय साप्ताहिक ''टाइम्स ऑफ क्राइम'' समाचार पत्र जो कि पोल-खोल पर आधारित अपना एक स्थान बनाने के लिए अग्रसर हैं। ऐसे समाचार पत्र के प्रदेश स्तरीय पत्रकार व राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्र के लिए अपमान जनक शब्दों का प्रयोग करना एक अधिकारी के लिए बड़े ही शर्म की बात है। एवं किसी के व्यक्तिगत जीवन में हस्तक्षेप करने से उक्त अधिकारी के घटिया सोच एवं भ्रष्टाचार में लिप्त होने की बात की पुष्टी हो रही है एवं मीडिया के कार्यों एवं उद्देश्यों को कुचलने की बात स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है जो कि न्यायिक दृष्टिकोण से भी उचित नहीं है। उपरोक्त समाचार प्रकाशन से उत्तप्रदेश की मुख्यमंत्री बहन मायावती, सूचना एवं प्रसारण मंत्री, निदेशक, प्रमुख सचिव सूचना से मांग की जाती है कि हरे राम गुप्ता अपर जिला सूचना अधिकारी सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग इलाहाबाद एवं अन्य कर्मचारी जो कार्यालय का इतना महत्वपूर्ण कार्य करने में लापरवाही कर रहे हैं उनकी जांच करके दोषियों के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जाय जिससे उक्त विभाग का कार्य सुचारू रूप से चलता रहे।

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