जीवन के अस्सी बसंत काट चुके एक बुजुर्ग को भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय पर पहुंचने के बाद आपबीती सुनाते हुये इस प्रतिनिधि को बताया कि ऊंकार जैन सुसनेर निवासी हूं 23 जुलाई 75 से 09 फरवरी 76 तक मीसाबंदी के तहत राजगढ़ जिला जेल में निरूद्ध था। जेल से रिहा होने के बाद जो स्थिति निर्मित हुई वह उनके लिये भयावह थी। उन्होने बताया कि वह आज जिला जेल अधिकारी से मिला तो उसने बताया कि मीसाबंदी का रिकार्ड तो दीमक खा गई। इस स्थिति के बाद वह अपने एक साथी को लेकर जनसम्पर्क एवं प्रभारी मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा जेल मंत्री जगदीश देवड़ा से मिला और उनके साथ में राजगढ़ जेल में बंद रहे उस दौरान के दो मीसाबंदी के प्रमाण पत्र मंत्री जी को सौंपे किंतु भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय में बैंच पर बैठे हुये ऊंकारलाल जैन में अपनी भाषा में जेलर को कमीना बताते हुये हम लोगों से जय हो दरबार का संबोधन किया। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक सप्ताह पूर्व वरिष्ठ जनों की पंचायत बुलाने का निर्णय लिया था किंतु अचानक उनके सलाहाकारों ने मंत्रियों व उनके परिवारों के साथ भोजन कराने का निर्णय ले लिया किंतु मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व उनके सलाहकार यह नहीं सोच रहे कि सत्य क्या है और झूठ क्या है। इस प्रतिनिधि को अचानक एक वरिष्ठ जन मिले तो उनका कहना था कि प्रदेश में गरीबों, पीडि़तों को दो समय का भोजन नहीं मिल रहा है। उन्होनें मेरे एक वरिष्ठ जन गिरीराज किशोर से कहा कि सरकार से कहे कि मंहगाई पर नियंत्रण करें यानि की जनता है वह सब जानती है।
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