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Thursday, April 29, 2010

प्यार किया कोई चोरी नहीं की...

सरकोजी के सर पर हसीन बला, फ्रांस के राष्ट्रपति सरकोजी एवं मॉडल बू्रनी की लवस्टोरी -

प्यार की अपनी ही भाषा होती है, इसे जमाना बेशक न समझें, पर प्यार करने वाले दो दिल, दो जिस्म अच्छी तरह समझते है। गुजरी तारीखें गवाह है, प्यार करने वाले किस हद से नहीं गुजरे, क्या-क्या सितम नहीं सहे, वक्त की ठोकरें खाई, तो कुरबानी को इबादत समक्ष हंसते-हंसते सूली पर भी चढ़ गए। प्यार अगर पश्चिमी परिवेश में हो, तो उसकी बात ही अलग है। वहां प्यार पल में करवट लेता है, तो प्रेम-साथी भी बदल जाता है। रात को हुई शादी सुबह होते-होते तलाक में बदल जाती है। जो भी है, प्यार का जुनून होता ही ऐसा है। बात बरसों नहीं, सदियों पुरानी है, जब फ्रांस के महान शासन नेपोलियन बोनापार्ट ने अपनी सत्ता पर काबिज रहते अपने प्रेमिका से शादी रचा ली थी, जिसका खामियाजा उसे सजनता के आक्रोश के रूप में भुगतना पड़ा था। एक बार फिर फ्रांस के वर्तमान राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी ने दोहरा दिया। देश के सबसे सिंगर कार्ला ब्रूनी से पहले दिल लगाया, फिर प्यार किया खुल्लम-खुल्ला और फिर भी रचा ली। सरकोजी की इस शादी पर लोग मुखर तो जरूर हुए, पर ज्यादा विरोध नहीं किया। कयास तो यहीं लगाया जा रहा था कि अब सरकोजी को सत्ता और प्रेमिका में से एक को ही चुनना पड़ेगा, पर ऐसा हुआ नहीं। शायद यह समझ का फेर था। नेपोलियन के वक्त जमाना कुछ और था, सरकोजी के वक्त कुछ और हो गया था। 14 फरवरी 2007 को फ्रांस के राष्ट्रपति बने निकोलस सरकोजी के पिता हंगोरियन इमिग्रेट (अप्रवासी) थे, तो मां फे्रंच-ग्रीक ज्युइस। 52 वर्षीय सरकोजी की शुरू से ही राजनीति में रूचि थी। सन 1983 से 2002 तक वह पेरिस के उपनगर नीयुली के मेयर रहे। वहीं उनकी पहचान एक अच्छे और उभरते नेता के रूप में हुई, तो सन 2004 में वह कुछ समय के लिए फ्रांस सरकार में वित्त मंत्री पद पर ही रहे। निकोलस सरकोजी का सार्वजनिक व राजनैतिक जीवन आदर्शता की सीमा तक रहा, तो उनका व्यक्तिगत जीवन भी अलग ही रंगीनियां समेटे हुए है। सरकोजी का दूसरा विवाह सिसलिया से 1996 में हुआ था सिसलिया से विवाह के समय दोनों के दो-दो बच्चे भी थे। सिसलिया सरकोजी से विवाह पूर्व उनकी सलाहकार थी। इसी कारण सरकोजी जहां सिलसिला की सुंदरता पर मोहित थे, वहीं उसकी ऊंची सोच ओर आदर्श विचारों के कायल थे। कई अहम रानीतिक फैसले लेने में सिसलिया ने सरकोजी को सलाह ही नहीं, साथ भी दिया था, तभी सरकोजी ने सिसलिया से विवाह का मन बना लिया था, ताकि उन्हें अच्छी सलाहकार ही नहीं, अच्छी जीवनसाथी भी मिल जाए। ऐसा हुआ भी। सन् 2005 में सरकोजी और सिसलिया के रिश्ते में पड़ी दीवार इतनी गहराती गई कि सिसलिया सरकोजी की इच्छा को नजरअंदाज कर एक विज्ञापन कंपनी के प्रतिनिधि के साथ न्यूयार्क चली गई जबकि राष्ट्रपति चुनाव के समय भी सिसलिया सरकोजी से दूर ही रही थी। फिर फिर गुलगारिया ट्रिप के दौरान भीसरकोजी के साथ नहीं गई। अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज बुश के आमंत्रण पर पिकनिक पर भी नहीं गई। तभी तो सिसलिया का न्यूयार्क जाना सरकोजी को बेहद अखरा था। अब धीरे-धीरे सिसलिया, जो शादी से पहले मॉडलिंग की दुनिया से जुड़ी थी, उसने उस और ही रूख किया, तो सरकोजी के साथ शादी का संबंध विच्छेद की हद तक पहुंच गया। आखिर पब्लिक छुट्टी के दौरान अक्टूबर 2007 में निकोलस सरकोजी ने सिसलिया से तलाक ले लिया। पत्नी वियोग के दौर से गुजरते सरकोजी की मुलाकात कार्ला ब्रूनी से एक राजनीतिक पार्टी में हुई, तो दोनों को पहली ही नजर में एक-दूसरे से प्यार हो गया। पहली मुलाकात का यह प्यार पल-पल अंगड़ाई लेने लगा, तो नजदीकी की हद ही तोड़ता चला गया। पूरा फ्रांस जानता है कि ब्रूनी एक बिंदाज मॉडल और पांप सिंगर रही थी, तो निकोलस सरकोजी राजनी में अपने आदर्शो के चलते देश के राष्ट्रपति पद तक पहुंचे थे। दोनों का प्यार किसी तरह भी मेल नहीं खाता था। पर प्यार तो प्यार होता है। फिर जब इसी दिसंबर के आखिर में सरकोजी इजिप्त के राष्ट्रपति होसिन, मुबारक को नए साल की मुबारकबाद देने गए, तो वहां भी उनकी हमसफर ब्रूनी ही थी। 52 वर्षीय सरकोजी और 40 वर्षीया ब्रूनी की प्रेम कहानी अब पूरे फ्रांस में ही नहीं, दुनिया में चर्चा का विषय बन गई थी। कार्ला ब्रूनी का जन्म सन् 1976 में टयुरिन (इटली) में हुआ था। बड़ी बहन कलीरिया ब्रूनी टीडीसचि मशहूर इटेलियन अभिनेत्री हूं। ब्रूनी के पिता एलबर्टो ब्रूनी टीडीसचि मशहूर संगीतकार-निर्देशन व उद्योगपति रहे थे। ब्रूनी की मां मार्सया बेरिनि भी अभिनेत्री थीं। ब्रूनी का एक भाई भी था, जिसकी 2006 में कैंसर से मौत हो गई थी। सन् 1970 में जनरेड ब्रिगेड युद्धरत ने इटली के रईसों को अपहरण करने की धमकियां देनी शुरू कीं, तभी ब्रूनी का परिवार इटली छोड़कर फ्रांस जाकर बस गया। यौवन की दहलीज पर पहुंचते ही ब्रूनी ने मॉडलिंग की दुनिया में हसीन दस्तक दे दी थी। ब्रूनी खूबसुरत तो थी ही, शोख अंदाज और बेहद बिंदाज भी थी। तभी तो सन् 1990 तक वह मॉडलिंग कैरियर के शिखर तक पहुंच गई थी। उसने कई नामचीन लोगों को अपने जाल में फांसा और समय-समय पर ठूकरा भी दिया। उसने अपनी इस प्रेमी बदलने की फितरत के बारे में ब्रूनी ने मुखर होते हुए कहा भी था मैं एक साथी से बोर हो जाती हूं। न ही एक शादी के बंधन में बंध सकती हूं। प्यार बेशक सदा के लिए होता है, पर प्यास केवल दो तीन सप्ताह के लिए होती है। उस दौरान रॉक स्टार एरिक क्लैपटीन के साथ प्रेम संबंधों के कारण ब्रूनी सन् 2001 में मॉडलिंग की दुनिया छोड़ लिव इन रिलेशन के दैरान फ्रेंच लेखक जीन पॉल इन्थोवीन के घर पर रहने लगी। पर जीन पॉल के घर पर प्यार की बाजी पलट गई। जीन पॉल का बेटा राफील ब्रूनी का हम उम्र था। ब्रूनी तो वैसे भी प्यार और प्रेमी बदलने में विश्वास रखती थी। बाप को छोड़ उसने बेटे संग प्रेमी की पींगे बढ़ानी शुरू कर दीं। जीन पॉल इस उम्मीद में था कि खूबसूरत बला ब्रूनी उसके संग ब्याह रचाएगी, लेकिन जब उसने अपने बेटे राफील के साथ उसे प्रणय अवस्था में देख लिया, तो उसका दिल टूट गया। ब्रूनी ने भी अब राफील के साथ शादी की उम्मीद जता दी थी। सगाई हो चुकी है। राफील को ब्रूनी संग प्यार की कीमत अपनी मंगेतर को खोकर चुकानी पड़ी। राफील की मंगेतर थी फ्रांस के विख्यात दर्शनशास्त्री बीनार्ड हीन्रि लीवी की बेटी जस्टिन लीवी। ब्रूनी के साथ अपने मंगेतर राफील के प्रेम-संबंधों के कारण लीवी बेहत आहत हुई, तो उसने इसी आक्रोश में एक उपन्यास भी लिख डाला- 'ए टरमिनेटर स्माइल।Ó यह उपन्यास ऐसी महिलाओं पर केन्द्रित हैं, जो ऐसे पुरूषों से संबंध बनाती है, जिससे की उनकी जिंदगी बदल जाती है। इधर, सन् 2001 के आखिर में राफील के साथ अपने दिली व दैहिक संबंधों के चलते ब्रूनी ने एक बेटे को जन्म दिया। वह मॉडलिंग तो पहले ही छोड़ चुकी थी। अब 2002 में उसने संगीत की दुनिया में कदम रखा। ब्रूनी का एक एलबम बाजार में आया। इस एलबम के निर्देशक थे-जीन लुइस ब्रीटिंगनेम। जीन लुइस भी ब्रूनी के चाहने वालों में से थे। पहली एलबम हिट जो जाने के बाद सन् 2007 में दूसरी एलबम रिलीज हुई, जिसकी बीस लाख से ऊपर सी.डी. बिकने का रिकार्ड है। इसी दौरान ब्रूनी की सरकोजी ने अपनी पत्नी सिसलिया को तलाक दे दिया था। अब ब्रूनी की जिंदगी का एक नया अध्याय शुरू हो गया था। प्यार की इंतहा यह थी कि सरकोजी ने जल्दी ही ब्रूनी से विवाह करने के लिए हां कर दी थी। यहीं नहीं, मिडल ईस्ट की यात्रा पर ब्रूनी और सरकोजी गए, तो ब्रूनी का 6 वर्षीय बेटा सरकोजी के कंधे पर बैठा नजर आया। तभी उसके पिता राफील ने फे्रंच मीडिया को धमकी दी कि उसके बेटे की फोटो किसी भी टी.वी. चैनल व अखबार में नहीं दिखाई जाए। वह नहीं चाहता था कि उसकी या उसके बेटे की रूसवाई हो। खैर, सरकोजी और बू्रनी के प्रेम संबंध अब विवाह के बंधन में बंधने को भारतीय गणतंत्र दिवस के अवसर पर सरकोजी मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। चर्चा थी कि ब्रूनी भी साथ आएगी और दोनों भारत में बनी मुहब्बत की इमारत ताजमहल को देखने जाएंगे। पर सरकोजी अकेले ही भारत यात्रा पर आए। वह अकेले ही ताजमहल देखने गए। फिर देश लौटते ही 2 फरवरी 2008 को सरकोजी ने ब्रूनी के साथ शादी कर ली। यह शादी मेयर फ्रांसवा लेबेल ने संपन्न कराई थी, जिसमं दोनों के करीबी लोग ही शामिल हुए थे। वहीं सरकोजी की पूर्व पत्नी सिसलिया ने भी अपना नया हमसफर चुन लिया है। वह एक अरबपति बिजनैस मैन है और उसका नाम है-रिचर्ड एटिअसस। वह कभी भी उससे शादी रचा सकती है।

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