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Thursday, August 26, 2010

पटवारी राधाकिशन मालवीय ने न्यायलय एवं अनुवि.अ.बेगमगंज सिलवानी को मुसीबत में डाला

ब्यूरो प्रमुख// कमलेश गौर
(रायसेन //टाइम्स ऑफ क्राइम) रिपोर्टर से सम्पर्क 98260 93952
जिला रायसेन की तहसील सिलवानी शासकीय उत्कृष्ठ विद्यालय संस्था के नाम खसरा क्रमांक 358/1/1/2 रकवा 10 एकड़ जमीन पूर्व के नक्शे अनुसार उपलब्ध है संस्था की लगी हुई भूमि से कुसुमलता जैन की 2.11 एकड़ एवं राजेन्द्र कुमार जैन की 2.00 एकड़ भूमि जिसका बटान (मेढ़) सीधी रेखा द्वारा की गई 92-93 में कुसुमलता एवं राजेन्द्र कुमार जैने ने हेरा-फेरी कराकर तत्कालीन पटवारी राधाकृष्ण मालवीय द्वारा लाल स्याही से तिरछा बटान कर संस्था की जमीन प्रभावित हुई। नक्शा संशोधित करते समय संस्था प्रमुख प्राचार्य को नहीं बुलाया गया और न ही तहसीलदार द्वारा प्रमाणित हुआ। प्रकरण क्र. 25/अ-12/92-93 दिनांक 28/04/92 एवं 6/5/93 तहसीलदार द्वारा बटान नियम विपरीत एवं गलत माना है। संस्था में उपलब्ध नक्शे के आधार पर सीमांकन हेतु कई बार लिखा परन्तु सीमांकन नहीं हुआ तथा कुसुमलता जैन एवं राजेन्द्र जैन ने संशोधित नक्शे के आधार पर कब्जा कर लिया। संस्था के पत्र क्र. 376-77 दिनांक 16/1/09 को नक्शा संशोधन एवं सीमांकन हेतु जिलाध्यक्ष रायसेन को लिखा जिसके आधार पर न्यायालय तहसीलदार सिलवानी प्रकरण क्र. 26/आ-3-08-09 एवं 25/आ- 12/92-93 दिनांक 27.05.2009 द्वारा संशोधित नक्शे को निरस्त करते हुये सन् 964-65 का संस्था में उपलब्ध नक्शे को ही मान्य किया गया। न्यायालय तहसीलदार सिलवानी प्रकरण क्र. 26/आ/3.08.09 एवं 25/आ-12/92-93 दिनांक 27.05.2009 के आधार पर राजेन्द्र जैन एवं कुसुमलता जैन ने अनुविभागीय बेगमगंज सिलवानी में अपील की। जिसके आधार पर प्रकरण क्र. 76/अपील/अ-12-08-09 दिनांक 7-05-2010 द्वारा अनुविभागीय अधिकारी बेगमगंज सिलवानी ने संस्था में उपलब्ध नक्शा तथा तहसीलदार द्वारा स्वीकृत नक्शे को सही न मानते हुये कुसुमलता जैन एवं राजेन्द्र जैन द्वारा संशोधित कराये नक्शे को ही वैध माना है। पूर्व एवं तहसील अभिलेख के अनुसार शाला की भूमि खसरा क्र. 358/1/1/2 से लगी भूमि खसरा क्र. 358/1/1/1/1 रकबा 2.11 एकड़ कुसुमलता जैन एवं इसके बाद खसरा क्र. 358/1/1/1/2 राजेन्द्र जैन की 2.00 एकड़ भूमि है राजेन्द्र जैन ने पुन: संशोधन कराकर संस्था से लगी भूमि को कुसुमलता के स्थान पर स्वयं की भूमि बताकर अनुविभागीय अधिकारी को भ्रमित किया जिसके आधार पर अनुविभागीय अधिकारी ने कुसुमलता जैन की भूमि न होने के कारण निर्णय दूषित एवं नियम विरूद्ध माना निर्णय लेने के पूर्व श्रीमान ने तहसील अथवा जिला भू-अभिलेख कार्यालय के अभिलेखों का अवलोकन नहीं किया। न्यायालय तहसीलदार ने पूर्व के नक्शे के आधार पर संशोधन किया जिसमें कुसुमलता एवं राजेन्द्र जैन के उपस्थित न होने के कारण अनुविभागीय अधिकारी ने निरस्थ कर दिया। 92-93 ने कुसुमलता एवं राजेन्द्र जैन ने पटवारी द्वारा नक्शे का संशोधन कराते समय प्राचार्य को सूचना भी नहीं दी। अनुविभागीय अधिकारी ने 92-93 के संशोधन नक्शे को कैसे सही माना। संशोधन नक्शा पूर्णत: गलत है जिसे भूमि पर कब्जा किया है वह बेशकीमती भूमि तथा संस्था के कार्य में उपयोगी है इस संंबंध में प्राचार्य द्वारा जानकारी प्रदान कराते हुए अनुविभागीय अधिकारी सिलवानी बेगमगंज के प्रकरण क्र. 76/अपील/अ-12/08-09 आदेश दिनांक 07-05-2010 को निरस्त करते हुये न्यायालय तहसील सिलवानी ने प्रकरण क्रमांक 26/अ/3/08-09 दिनांक 27-05-09 एवं 25/आ-12/92-93 दिनांक 28-04-92 एवं 06-05-93 के निर्णय को सही मानते हुये संस्था एवं शासन हित में निर्णय के लिये अपील की।

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