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Friday, August 27, 2010

पंचायत सचिव की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा

फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर किया उच्च न्यायालय को गुमराह
ब्यूरो प्रमुख// सवित्री लोधी (अशोक नगर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरो प्रमुख से सम्पर्क 98262 ८५५८१
अशोक नगर। जिला मुख्यालय से 15 कि.मी. दूर वाबूपुर पंचायत में पंचायत सचिव की नियुक्ति शासन के नियमानुसार जनपद पंचायत ने पंचायती राज अधिनियम की धारा 86/2 के अंतर्गत कर दी गई थी, लेकिन पंचायत के तात्कालीन सरपंच एवं कुछ दबंग साथियों के द्वारा उक्त नियुक्ति के खिलाफ अभियान चलाकर अपने किसी करीबी को नियुक्त कराने के लिये फर्जीबाड़ा कर नियुक्त पंचायत सचिव को पद से प्रथक करने का अथक प्रयास कर माननीय उच्च न्यायालय को गुमराह किया जा रहा हैं। वाक्या इस प्रकार हैं वावूपुर पंचायत के तात्कालीन सचिव चंद्रपाल सिंह पुत्र रणवीर सिंह ने हमारे संवादाता को बताया कि हमारी पंचायत में पंचायत सचिव की भर्ती के लिये एक विज्ञप्ति का प्रकाशन तत्कालीन सरपंच कल्लू आदिवासी द्वारा कराया गया था जिसमें उक्त पद की भर्ती के लिये 6 आवेदन देवेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह, अरूण कुमार, रणवीर सिंह, चंद्रपाल सिंह, सुमत कुमार प्राप्त हुये थे। इस नियुक्ति के संंबंध में ग्राम पंचायत ने दिनांक 1.2.07 को पंचायत की बैठक रखी थी, जिसमें प्रस्ताव ठहराव पारित कर बहुमत के आधार पर अरूण कुमार उर्फ चंद्र पाल सिंह की नियुक्ति पंचायत सचिव के पद पर की गई थी। अन्य आवेदको ने उक्त पद के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय में पिटीशन दायर कर दी, जिसके संज्ञान में माननीय न्यायालय द्वारा पंचायत सचिव की नियुक्ति को बहुमत के आधार पर करना अवैध ठहराया गया, जिसे निरस्त करते हुये मेरिट के आधार पर नियुक्त करने का आदेश दिया। मगर जब पंचायत सचिव की नियुक्ति माननीय न्यायालय द्वारा आदेशित प्रक्रिया के द्वारा की गई तो सभी आवेदकों में से चंद्रपाल सिंह पुत्र रणवीर ङ्क्षसह यादव के अंक सर्वाधिक निकले, लेकिन पंचायत में कोरम के अभाव में मीटिंग ना होने के कारण चंद्रपाल सिंह को नियुक्ति से वंचित करने का प्रयास किया गया। मगर जनपद पंचायत अशोकनगर ने पंचायती राज अधिनियम की धारा 86/2 के अंतर्गत आवेदक चंद्रपाल सिंह पुत्र रणवीर सिंह को ग्राम पंचायत वावूपुर का पंचायत सचिव नियुक्त करने का आदेश कर दिया, लेकिन एक आवेदक रणवीर सिंह जिसने उक्त नियुक्ति में अपना आवेदन दिया था, ने तात्कालीन सरपंच कल्लू आदिवासी एवं गांव के ही कुछ दबंग लोगों के साथ मिलकर नियुक्त पंचायत सचिव के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय में फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर पद से पृथक कराने का अथक प्रयास कर रहे हैं। नियुक्त पंचायत सचिव चंद्रपाल सिंह ने आगे बताया कि जिस समय यह भर्ती प्रक्रिया हुई थी उस समय कुल छह आवेदन प्राप्त हुए थे। जिसमें रणवीर सिंह संधू की पत्नि अमनदीप कौर का आवेदन नहीं आया था, क्योंकि भर्ती प्रक्रिया 29.01.07 में हुई थी, और रणवीर सिंह की शादी 27.04.08 हुई हैं। और उस समय अमनदीप कौर का नाम गांव की मतदाता सूची में दर्ज नहीं था, लेकिन अमनदीप कौर और उसके पति रणवीर सिंह संधू ने उक्त नियुक्ति के खिलाफ फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर माननीय उच्च न्यायालय में पीटीशन दायर कर गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा हैं। पंचायत सचिव चंद्रपाल सिंह ने जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन से अपील की हैं कि तात्कालीन सरपंच कल्लू आदिवासी, अमनदीप कौर, रणवीर सिंह संधू, मंजीत ङ्क्षसह संधू के खिलाफ प्रकरण दर्ज करें। जिससे इन लोगों को अपने द्वारा न्यायालय में फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर गुमराह करने की सजा मिल सकें और मुझे पंचायत सचिव के पद पर कार्य करने का मौका मिल सके।

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