जिला प्रतिनिधि // डी. जी. चौरे(बालाघाट // टाइम्स ऑफ क्राइम)जिला प्रतिनिधि से सम्पर्क 93023 02479 - फर्जी डिग्री के जरिये लोगो का इलाज करना एक चिकित्सक को मंहगा पड़ गया बालाघाट के विद्ववान मुख्य न्यायिक मजिस्टेड ने फर्जी डिग्री के आधार पर लापरवाही पूर्वक उपचार करने वाले आरोपी डॉक्टर प्रेमलाल दमाहे भा.द.वि. की धारा 420 अंतर्गत दोशी मानते हुये 3 साल की कठोर कारावास तथा धारा 471 के अंतर्गत 3 वर्श के कठोर कारावास एंव धारा 338 के अतंर्गत 1 वर्श के कठोर कारावास के दंड से दण्डित किया है। अभियोजन के अनुसार दिनांक 09/07/1998 को आरोपी डॉ. प्रेमलाल दमाहे द्वारा गा्रम धंसा में बाया बाई नामक महिला का लापरवाही पूर्वक उपचार किया तथा बाया बाई को सर्दी खांसी बुखार होने पर उसे गलत इजेंक्षन लगाया जिससे बाया बायी के शरीर मे खुजली होने लगी तकलीफ बढऩे पर उसका उपचार गोंदिया में कराया गया। पंरतु उसे आराम नही लगा। तथा उसकी आंखे स्थायी रूप से खराब हो गई। एंव उसके पैर भी खराब हो गये घटना की रिपोर्ट थाना बहेला में की गई।आरोपी के विरूद्ध पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज कर आरोपी की डिग्री जप्त की गयी जो विवेचना के द्वारा जांच किये जाने पर फर्जी पायी गयी। पूर्व में प्रकरण का निरकारण करते हुये मुख्य न्यायिक मजिस्टेड द्वारा आरोपी को उसकी चिकित्सीय डिग्री न्यायालय में फर्जी प्रमाणित न होने पर दोश मुक्त कर दिया। आरोपी के दोशमुक्त के विरूद्ध अभियोजन द्वारा प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश के न्यायालय मे अपील प्रस्तुत की गयी। अपील के निराकरण में प्रकरण पुन: विचारण माननीय न्यायालय को प्रेशित किया गया। पुन: विचारण आंरभ होने पर अभियोजन द्वारा दिनांक 08/02/2010 को जगदीश प्रसाद दुरजर रजिस्ट्रार राज्य होम्योपैथिक परिसर भोपाल के बयान न्यायालय के समक्ष कराये गये ।जिससे उन्होनें आरोपी डॉ. की डिग्री फर्जी कुट रचित प्रमाणित किया । माननीय न्यायालय द्वारा आरोपी के विरूद्ध डिग्री के आधार पर लापरवाही पूर्वक इलाज किये जाने का मामला सिद्ध पाये जाने पर भा.द.वि की धारा 420 के अंतर्गत 3 वर्श के कठोर कारावास एंव 1,000 हजार रूपये जुर्माना तथा धारा 338 के अंतर्गत 1 वर्श के कठोर दंड से दडिंत किया । प्रकरण में अभियोजन के ओर से जिला अभियोजन अधिकारी विजय कुमार उइके, सहायक जिला अभियोजन अधिकारी रामेष्वर कुंभरे व अमित राय द्वारा पैरवी की गई। उक्ताशय की जानकारी प्रेस विज्ञप्ति में सहायक अभियोजन अधिकारी द्वारा दी गयी।
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