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Thursday, November 25, 2010

शायरी

शायरी दर्द-ए-दिल

एक जनाजा और एक बरात टकरा गए,
उनको देखने वाले भी चकरा गए,
ऊपर से आवाज आई-"ये कैसी विदाई है?
महबूब की डोली देखने साजन कि अर्थी भी आई है!!
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वो तो दिवानी थी मुझे तन्हा छोड गई,
खुद न रुकी तो अपना साया छोड गई,
दुख न सही गम इस बात का है..
आंखो से करके वादा होठो से तोड गई!!!!!!!
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जब आंसू आए तो रो जाते हैं,
जब ख्वाब आए तो खो जाते हैं,
नींद आंखो में आती नही,
बस आप ख्वाबो में आऒगें,यही सोच कर सो जाते हैं.............
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अपने दिल की बात उनसे कह नही सकते,
बिन कहे भी जी नही सकते,
ऎ खुदा! ऎसी तकदीर बना,
कि वो खुद हम से आकर कहे कि,
हम आपके बिना जी नही सकते,
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होठ कह नही सकते जो फ़साना दिल का,
शायद नजरो से वो बात हो जाए,
इसी उम्मीद में इंतजार करते हैं रात का,
कि शायद सपनों मे ही मुलाकात हो जाए.......
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दिल तो तोड ही दिया आपने,
अब चिता भी जला देना,
कफ़न ना मिले तो,
ये दुपट्टा ही ऒढा देना,
कोई पुछे कि बिमारी क्या थी हमें,
तो नजरे झुका के महोब्बत बता देना........
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हमारें आंसू पोछ कर वो मुस्कुराते हैं,
इसी अदा से तो वो दिल को चुराते हैं,
हाथ उनका छू जाए हमारे चेहरे को,
इसी उम्मीद में तो हम खुद को रुलाते हैं!!!!!!!!!
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दील में प्यार का आगाज हुआ करता है,
बातें करने का अंदाज हुआ करता हैं,
जब तक दिल को ठोकर नही लगती,
सब को अपने प्यार पर नाज हुआ करता है!!!!!!
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दिल जीत ले वो जीगर हम भी रखते हैं,
कातिल कर दे वो नजर हम भी रखते हैं,
वादा किया हैं किसी को सदा मुस्कुराने का,
वरना आंखो में समंदर हम भी रखते हैं!!!!!!!!
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ईंसान के कंधों पर ईंसान जा रहा था,
कफ़न में लिपटा अरमान जा रहा था,
जिन्हें मिली बे-वफ़ाई महोब्बत में,
वफ़ा की तलाश में श्मशान जा रहा था........
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हजार झोपडीयां जल कर राख हो जाती है,
तब जा कर कहीं इक महल बनता है,
आशीकों के मरने पर कफ़न भी नही मिलता,
और हसीनों के मरने पर ताजमहल बनता हैं!!
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उस दिल से "प्यार” करो जो तुम्हें दर्द दें,
पर उस दिल को कभी दर्द न दो जो तुम्हें "प्यार”
करेंक्यों कि तुम सारी दुनीया के लिए "एक” हो,
लेकिन किसी एक के लिए सारी दुनीया हो...-
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वादे करते हैं,कसमें खाते हैं,
फ़िर भी न जाने लोग क्यूं साथ छोड जाते हैं,
हमे तो तकलिफ़ होती है फ़ुल तोडने में भी,
न जाने कैसे लोग दिल तोड जाते हैं!!!!!!!!!!
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करोगें याद गुजरें जमाने को,
तरसोगें हमारे साथ एक पल बिताने को,
फ़िर आवाज दोंगे हमें वापस बुलाने को,
और हम कहेंगे दरवाजा नही है स्वर्ग से वापस आने को!!!!!!!!
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दिल की आवाज को इजहार कहते हैं,
झुकी निगाहों को इजहार कहते हैं,
सिर्फ़ पाने का नाम इश्क नही,
कुछ खोने को भी प्यार कहते हैं!!!!!!!!!
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हंसी ने लबों पे टिकना छोड दिया,
ख्वाबों ने सपनो में आना छोड दिया,
नही आती अब तो हिचकियां भी,
शायद आपने हमें याद करना भी छोड दिया..
-----------**********--------------जब
भी याद आती हैं,मुस्कुरा लेते हैं,
कुछ पलो के लिए हर गम भुला देते हैं,
कैसे भीग सकती है पलकें आपकी,
आपके हिस्से के आंसू तो हम बहा लेते हैं!!!!
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लौट जाते हैं लोग गम हमारा देख कर,
जैसे लौट जाती है लहरे किनारा देख कर,
तु कंधा न देना मेरे जनाजे को,
कही जींदा न हो जाऊं तेरा सहारा देख कर!!!!!
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गम इस कदर मिला,
गबरा के पी गए,
खुशी थोडी सी मिली,
मिल के पी गए,
यूं तो न थे हम पीने के आदी,
शराब को तन्हा देखा,
तो तरस खा के पी गए!!!!!!!!
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लीखूं कुछ आज ये वक्त का तकाजा हैं,
दिल में दर्द अभी ताजा है,
गिर पडते हैं आंसू मेरे कागज पर,
लगता है कलम में स्याही कम दर्द ज्याद है...
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