बैतूल // रामकिशोर पंवार (टाइम्स ऑफ क्राइम)TIMES OF CRIME
बैतूल। बैतूल जिला मुख्यालय स्थित विशेष न्यायाधीश आर के जोशी ने जिले के आमला विकास खण्ड के गांव खापाखतेडा मे चार साल पहले हुये ममता, गणेश, श्री की हत्या के मामले में आठ आरोपियो को उम्र कैद की सजा सुनाई है। आमला पुलिस थाना में दर्ज अपराध 382 की विवेचना उपरांत खापाखतेडा ग्राम के ग्रामिणों ने योजनाबद्ध तरीके से ममता, गणेश एवं श्री की तोरणवाडा - खापा खतेडा जोड के पास हत्या कर दी थी। विशेष नयायालय में 22 फरवरी 2007 से विचाराधीन प्रकरण में सुनवाई करते हुये विशेष न्यायाधीश आर के जोशी ने सभी पुलिस हिरासत में जेल भेजे गये आठो नामजद आरोपियो जिसमें रामचरण आत्मज कचरिया जाति भोयर, नान्हू आत्मज सुखलाल, रामेश्वर आत्मज कालूराम, कलिराम आत्मज घुडन, धनराज आत्मज रामदास तथा राजू आत्मज रघुनाथ को धारा 302 एवं 149 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसी प्रकरण में धारा 148 के तहत तीन साल कासश्रम कारावास एवं दो हजार रूपये का अर्थदण्ड तथा धारा 307 एवं 149 में 10 साल की सजा एवं 3 हजार रूपये का अर्थदण्ड की सजा सुनाई। इसी ग्राम में पूर्व में लोहार जाति की तीन महिलाओं को जिंदा जला दिया गया था। खापाखतेडा ग्राम में वर्ष 2006 से 2007 के बीच तीन नरसंहार के प्रकरण में पूरे गांव के प्रत्येक परिवार के पुरूष सदस्य आरोपी बनाये गये थे। आज स्थिति यह है कि पूरे गांव में महिलायें और बच्चे ही बचे हुये है। गांव के आधे ज्यादा पुरूष सजा भोग रहे है या फिर फरारी काट रहे है। पुरूष वीहिन खापाखतेडा गांव में बीते सालो में हुये सामुहिक हत्याकांड के एक मामले में पचास से अधिक लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है। बैतूल एवं मुलताई - होशंगाबाद - भोपाल की जेलो में खाताखतेडा के ग्रामिण सजा भोग रहे है। एक जाति विशेष के लोगो के कथित आतंक से उपजे इन तीनो नरसंहारो के चलते पूरा गांव का कामकाज महिलाये ही संभाल रही है। सजा भोगने वालो में रेल्वे के कर्मचारियो की संख्या सबसे अधिक है जिनकी हत्याकांड के समय रेल्वे में नौकरी चल रही थी लेकिन न्यायालय ने रेल्वे के रिकार्ड को अस्वीकार करते हुये फरियादी पक्ष और उसके गवाहो को ही साक्ष्य मानते हुये विभिन्न अपराधो में सजा सुनाई है। बैतूल जिले के आमला थाना के अन्तगर्त आने वाले इस गांव के हंगरी लोहार के परिवार की तीन महिलाओं को जिंदा जला देने के बाद से उपजी वैमनस्ता के चलते हंगरी लोहार के परिवार के सदस्य गांव को छोड कर चले गये थे। पूर्व के सामुहिक हत्याकांड में आरोपियो के खिलाफ गवाही देने के बाद दो सामुहिक हत्याकांड में गांव के अन्य लोग भी अब सजा सुना दी गई। लगभग तीन साल तक चले इस मामले में अभी भी 69 आरोपियों को पुलिस पकड नहीं सकी है। सभी आरोपी गांव को छोड कर चले जाने के कारण पकड़ाये गये सभी आठ आरोपियों को पूरे प्रकरण के निपटारे होने तक न्यायालय ने जमानत पर नहीं छोडा और प्रकरण की आखरी सुनवाई करते हुये सभी को आजीवन कारावास की सजा सुना दी। इस बहुचर्चित प्रकरण पर सभी की निगाहे लगी हुई थी।
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