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Monday, February 28, 2011
कोई तो मुझे रामूदेव बाबा बनाओं ......!
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शिक्षा का लगा बाजार चौतरफा मची है लूट
सारणी ताप बिजली घर की जहरीली राख से नर्मदा , तवा , देनवा प्रदूषित
सारणी ताप बिजली घर की जहरीली राख से नर्मदा , तवा , देनवा प्रदूषित
राख से खाक हो गई दर्जनों गांवों की आबादी
प्रमाण तो सिर्फ बहाना था, चार लाख के विज्ञापन जो छपवाना था
जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमति लता राजू महस्की की पोल खुली
प्रमाण तो सिर्फ बहाना था , चार लाख के विज्ञापन जो छपवाना था
पीआरओ बन जन सम्पर्क कार्यालय चला रहा है चतुर्थश्रेणी कर्मचारी
कलैक्टर को कटींग भिजवाने की आड़ में होता है ब्लेकमेलिंग सौदेबाजी का खेल
Present by : toc news internet channel
मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिले का जन सम्पर्क कार्यालय में भले ही सहायक सूचना अधिकारी की पदस्थापना हो जाती हैं लेकिन पूरा जन सम्पर्क कार्यालय एवं जिले में पीआरओ बन कर एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही अवैध चौथ वसूली का कार्य एक दो नहीं बल्कि पूरे एक दशक से अधिक समय से कर रहा है। भोपाल में बैठे जन सम्पर्क विभाग के आला अफसरो का कथित मुंह लगा जन सम्पर्क विभाग का चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अपने आप को कर्मचारी संघ का नेता बता कर जहां एक ओर प्रशासन पर अपनी कथित पहुंच का दबाव बना कर उन्हे ब्लेकमेल कर रहा हैं वही दुसरी ओर वह यह तय करता हैं कि जिले में किस पत्रकार की $खबर की कतरन कलैक्टर तक पहुंचाई जाए या नहीं। सबसे शर्मनाक बात तो यह हैं कि जन सम्पर्क विभाग के अभी तक के अधिकारी उसके सामने पानी भरते है और जो उसकी बात नहीं मानता हैं तो उसे वह पत्रकारो से आपस में लड़वा देता है या फिर जिला प्रशासन से उसे उलझा देता हैं। दो पूर्व जन सम्पर्क अधिकारियों का हश्र भी इसी चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी की नीति और रीति के चलते हुआ था। बैतूल में पदस्थ रहे सहायक संचालक जन सम्पर्क श्री धौलपुरिया का पूर्व कलैक्टर चन्द्रहास दुबे एवं अरूण भटट से विवाद के पीछे का षडय़ंत्र भी इसी कर्मचारी की ही देन है। पत्रकार गगनदीप खरे एवं रजत परिहार के बीच कथित वाद विवाद को हवा देकर इसी कर्मचारी रूपी नेता ने दोनो को लड़वा दिया। इस घटना का दुखद पहलू यह रहा कि श्री धौलपुरिया के कहने पर एक कर्मचारी की शिकायत पर दोनो पत्रकारो के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा एवं अनुसूचित जाति जन जाति प्रताडऩा अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज करवाया गया। कलैक्टर से विवा के चलते श्री धौलपुरिया की जल्दी से बिदाई हो गई। इसी कड़ी में बीते दो वर्षो से प्रशासन एवं पत्रकारों के बीच मध्यस्थता कर रहे सहायक सूचना अधिकारी गुलाब सिंह मर्सकोले एवं बैतूल कलैक्टर के बीच विवाद का बीज बोने में इसी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की कथित भूमिका रही। बताया जाता हैं कि जन सम्पर्क कार्यालय में लिपीक के अभाव में कार्यालय की लेखा शाखा का कार्य एपीआरओ श्री मर्सकोले ने इस कर्मचारी नेता को न देकर एक अन्य चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को दे रखा था जिसके चलते विभाग की आतंरिक कलह बाजार में आने लगी। लाल बंगले को खाली करवाने की कलैक्टर की तथाकथित एपीआरओ से बातचीत को भी इसी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी द्वारा सार्वजनिक कर पत्रकारो को आपस में ही एक दुसरे से उलझा कर लाल बंगले को खाली करवाने को लेकर हुई कथित सौदेबाजी की कहानी गढ़ कर प्रशासन और पत्रकारों के बीच एक लम्बी चौड़ी दिवार खीच कर दोनो को आपस में लड़वा कर एपीआरओं को मोहरा बना कर उसे कलैक्टर के विवाद में बलि का बकरा बना दिया गया। सूत्रो का तो यहां तक कहना हैं कि पिछले छै माह से बैतूल आने का लालयीत वर्तमान एपीआरओ एवं इस कर्मचारी नेता के बीच हुई कथित सौदेबाजी के चलते सोची समझी साजिश के तहत एक षडय़ंत्र रचा गया। जिसके लिए कलैक्टर को मोहरा बना कर जानबुझ का लाल हवेली का मामला उछाला गया। अपने विभाग की गोपनीयता से लेकर एसडीएम और कलैक्टर के द्वारा लाल बंगले को खाली करवाने के गोपनीय शासकीय पत्रों को सार्वजनिक कर एक ओर कलैक्टर के कथित विरोधी पक्ष के पत्रकारो को भड़काने का काम किया गया वही दुसरी सवर्ण जाति के कुछ पत्रकारों के साथ मिल कर कलैक्टर को आदिवासी एपीआरओ मर्सकोले के खिलाफ इस कदर भड़काया गया कि कलैक्टर और एपीआरओं के बीच हुए विवाद ने सवर्ण जाति के एपीआरओं के रास्ते का कांटा बना आदिवासी एपीआरओं को बलि का बकरा बनना पड़ा। पूरे मामले के कुछ रोचक तथ्य यह सामने आए थे कि एपीआरओं को पता चल चुका था कि चर्तुथ श्रेणी कर्मचारी जन सम्पर्क कार्यालय से प्रतिदिन होने वाली कंटिगो को कलैक्टर के कार्यालय भेजने के पूर्व संबधित विभाग के कर्मचारियों को फोन लगा कर डराता एवं धमकाता था कि यदि उनके खिलाफ छपी कतरने कलैक्टर तक पहुंचा दी गई तो उनकी नौकरी पर आफत आ जाएगी। कलैक्टर तक वे ही कतरने भेजी जाती थी जिसमें कुछ मिला न हो। समय - समय पर कलैक्टर एवं एपीआरओं के बीच चले शीतयुद्ध का इस चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने भरपुर फायदा उठाया और आज भी वहीं कार्य कर रहा हैं। अब बैतूल जन सम्पर्क कार्यालय का वर्तमान सवर्ण जाति के एपीआरओं के आने के बाद एक बार फिर दलित एवं आदिवासी तथा पिछड़े वर्ग के पत्रकारो के साथ वहीं होगा जो अभी तक नहीं हुआ था। अब बैतूल जन सम्पर्क कार्यालय में अधिमान्यता से लेकर विज्ञापन तक की दुकाने लगेगी और चपरासी से लेकर अधिकारी तक मिल बाट कर माल कमायेंगें।
अपने ममेरे ससुर पर लगाया दहेज न देने का आरोप
शिवराज की कन्यादान योजना के पात्रों को ही नहीं मिल रहा दान
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शिवराज की कन्यादान योजना के पात्रों को ही नहीं मिल रहा दान
दैहिक शोषण का अडड बनी खाण्डसारी मिले पुलिस की अवैध कमाई के धंधे
बने आदिवासी बालाओं के साथ रोज हो रहे दुराचार के मामले
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पुलिस की अवैध कमाई के धंधे बने आदिवासी बालाओं के साथ रोज हो रहे दुराचार के मामले
एक्सएमएलए जी, बिटिया की शादी में दे रहे हैं हेलिकॉप्टर!
बताया जा रहा है कि शुक्रवार को हुई सगाई में जौनपुरिया ने अपने होने वाले दामाद को गिफ्ट के रूप में हेलिकॉप्टर दिया है। लोगों में इस शादी को लेकर चर्चाएं हैं। माना जा रहा है कि यह शादी एक यादगार साबित होगी।
कंवर सिंह तंवर ने बताया कि गिफ्ट में कोई भी पिता बेटी को कुछ भी दे सकता है।जहां तक एक 1 मार्च को होने वाली शादी का सवाल है तो शादी पूरे रीति रिवाज के साथ होगी। शाम 6:30 बजे के करीब बारात छतरपुर स्थित उनके फार्म हाउस से चलकर करीब 7 बजे सुखबीर फार्म हाउस पहुंचेगी।
शादी को यादगार बनाने के लिए कई पंजाबी गायक और जाने-माने कलाकार शिरकत करेंगे। कंवर सिंह तंवर विधानसभा चुनावों में छतरपुर सीट से बीएसपी के उम्मीदवार थे। उन्होंने 154 करोड़ के करीब अपनी संपत्ति का ब्यौरा दिया था। वह दिल्ली के सबसे अमीर उम्मीदवार थे। उन्होंने लोक सभा का चुनाव भी लड़ा था। लेकिन इस चुनाव में बीएसपी के ही दीपक भारद्वाज ने अपनी संपत्ति 602 करोड़ दिखाई और राजधानी में अब तक के सबसे अमीर उम्मीदवार साबित हुए।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने सावित्री की आत्म हत्या की पुष्टि की
बाराबंकी। क्रूरता की सारी हदे पार करके अपने जिगर के टुकड़ो दो कमसिन बच्चो की हत्या कर आत्म हत्या करने वाली सावित्री की मौत आत्म हत्या से ही हुई थी इस बात की पुष्टि आज अन्त्य परीक्षण की रिपोर्ट में डाक्टर द्वारा कर दी गयी।
नगर कोतवाली अंतर्गत नई बसी मुनेश्वर विहार बस्ती के एक छोटे से कमरे में एक ऐसा खौफनाक नजारा शायद ही इससे पूर्व नगर के किसी स्थान में देखने को मिला हो। जब 30 वर्षीय विवाहिता सावित्री का शव एक तख्त पर मृतक अवस्था में गिरा पड़ा था। पास ही प्लास्टिक की दो कुर्सिया तले उपर रखी थी रोशन दान से एक सूत की रस्सी लटक रही थी जिसे काटकर सावित्री के शव को उतारा गया था तख्त के नीचे चंद फिट के फासले पर सावित्री के दो मासूम बच्चो क्रमशः सत्यम (5) व रितेश (2) के शव पड़े हुए थे सत्यम का शव देखने से लगता था कि उसे धारदार असलहे से कई वार गर्दन पर करके मारा गया था आधी गर्दन उसकी कट चुकी थी पास ही दो वर्ष का छोटा बालक रितेश लेटा था उसकी नरखटी के बीचो बीच एक गहरा छेद स्पष्ट रुप से दिख रहा था। बच्चो के शवो के पास ही एक अदद दरमियानी साइज का बाॅका पड़ा हुआ था जिस पर रक्त का निशान मौजूद था उसी के करीब सब्जी काटने वाला लगभग पाॅच इंच का एक चाकू भी पड़ा हुआ था जिस पर रक्त का कोई निशान नही दिख रहा था।
यह दिल को दहला देने वाला मंजर देखकर मुनेश्वर विहार मोहल्ले के हर आदमी के मुॅह से एक ही आवाज निकलती थी कि बड़ा दर्दनाक हादसा है और एक माॅ क्या इतनी निर्दयी हो सकती है कि अपने खून से बने अपने जिगर के टुकड़ो को एक के बाद एक इतनी बेरहमी से काट कर उन्हे मार सकती है?
पुलिस को इस बात पर शक था कि शायद माॅ ऐसा नही कर सकती इसीलिए उसने सबसे पहले मृतका के पति अम्बर लाल वर्मा को अपनी हिरासत में ले लिया था।जिसने पुलिस को यह बताया कि बीती रात उसका झगड़ा पत्नी से उसके मायके मे रहने वाले इन्दर लोध से मोबाइल द्वारा बराबर बात करने को लेकर हुआ था और बात इतनी बढी कि क्रोध में आकर उसने पत्नी का मोबाइल तोड़कर फेंक दिया। दोनो पति पत्नी ने रात में खाना भी नही खाया और सो गए। प्रातः उठकर अपने काम पर ठेकेदार अमर सिंह वर्मा जिसके पास वह विगत 12 वर्षाे से मेठ के पद पर नौकरी करता था, जाने से पहले अपने दोनो बच्चो को बिस्किट खरीदवाने ले गया और घर पर छोड़ कर काम पर चला गया। ठेकेदार अमर सिंह के अनुसार अम्बर उसके यहाॅ से अपने घर के लिए दिन के 12 बजे रवाना हुआ और पुनः थोड़ी देर बाद उसका फोन उसके मोबाइल पर आया कि उसके दोनो बच्चो की हत्या करके उसकी पत्नी ने आत्म हत्या कर ली है।
उधर मृतका सावित्री की मृत्यु की सूचना पाकर जनपद गोण्डा के थाना करनैल गंज के फत्तेपुरवा ग्राम निवासी हरिनाम वर्मा अपनी माॅ प्रभा देवी व छोटी छोटी तीन बहनो व परिवार के अन्य सदस्यो के साथ बिलखता हुआ आया और आते ही उसने अपने बहनोई पर आरोप लगाया कि इसी के व्यवहार से हादसा हुआ है और उसकी बहन व उसके भाॅजो को अम्बर ने ही मार डाला है। हरिनाम के अनुसार अम्बर अव्वल दर्जेे का जुॅआरी व शराबी था और दीपावली के कुछ पहले उसने बहन के कहने पर अम्बर को 50 हजार रुपये इस लिए दिए थे कि जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय मे सफाई कर्मी के पद पर होने वाली नियुक्ति में रिश्वत देने के लिए अम्बर को जरुरत थी। परन्तु अम्बर ने दिवाली में अपने गांव सिरौलीगौसपुर थाना बदोसरायं मे जुए मे सारी रकम हार डाली। इस बात को लेकर पति पत्नी में इतना तनाव बढा वह मायके आकर बैठ गयी मृत्यु से 8 दिन पहले ही मुनेश्वर विहार क्वार्टर आयी थी हरिनाम के अनुसार मरने से एक रात पहले 6ः44 बजे सावित्री का फोन उसके मोबाइल पर आया और उसके द्वारा बताया गया कि चार दिन के बाद अम्बर आज घर आया है परन्तु कोई बात उससे नही कर रहा है। यह उसकी आखिरी बातचीत अपनी बहन के साथ थी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने भले ही सावित्री की मौत का कारण आत्म हत्या बताकर पुलिस का काम आसान कर दिया हो क्योंकि पुलिस के अनुसार मुल्जिम भी उसके कब्जे में है परन्तु मुनेश्वर विहार में यह बात किसी के गले के नीचे नही उतर रही है। कारण यह कि अम्बर ने जब अपने कमरे मे कदम रखा तो दरवाजा अन्दर से बंद था तो वह किसने खोला? क्या सावित्री बरामदे में खुलने वाले दरवाजे को खुला छोड़कर हिंसा का नग्न नाच,कर रही थी? यदि नही तो फिर अम्बर के आने पर दरवाजा किसने खोला? दूसरा प्रश्न जो खड़ा होता है वह यह कि अम्बर ने जब अपनी पत्नी को फाॅसी के फन्दे पर झूलता देखा तो उसने पुलिस को सूचित करने के बजाए उसे क्यों उतारा? अम्बर का यह जवाब कि उसका छोटा बेटा रितेश में कुछ जान बाकी थी इसलिए उसे लेकर पहले वह पास के कृष्णा नर्सिंग होम दौड़ता गया जहाॅ डाक्टरो ने जब उसके बच्चे को मृत्यु घोषित कर दिया तो पुनः वह अपने क्वार्टर आया उसके बाद उसने सबसे पहले अपने मालिक ठेकेदार अमर सिंह वर्मा को मोबाइल पर सूचना दी पुलिस को तब भी सूचना न देना एक और सवाल खड़ा करता है। फिर छोटे बेटे को यदि पास रखी सब्जी की छूरी से घोंपकर उसकी हत्या की गयी है तो फिर छूरी में रक्त का निशान क्यों नही था।
क्या गांधी छोटी छोटी लड़कियों के साथ सोते थे?
- क्या झांसी की रानी लक्ष्मीबाई अंग्रेजों का साथ देती थीं?
- क्या स्वामी विवेकानंद ने लोगों को गोमांस खाने को कहा था?
- क्या लक्ष्मण की सीता के प्रति कामभावना थी?
- स्वामी विवेकानन्द ने गोमांस खाने की वकालत की थी.
खबर नवभारत टाइम्स मेँ छपी. इससे पहले की हम कोई वैचारिक समर का आगाज़ करेँ आईये पहले खबर पर नज़र डालेँ . भारत के इतिहास से जुड़े ये अजीब-ओ-गरीब दावे अमेरिका की शिकागो यूनिवर्सिटी की प्रफेसर वेंडी डोनिगर ने अपनी किताब ’द हिंदू- ऐन ऑल्टरनेटिव हिस्ट्री’ में किए हैं। इस किताब को लेकर भारत और अमेरिका में खासा विरोध हो रहा है। इसी विरोध के चलते किताब को अमेरिका में मिलनेवाला एक पुरस्कार भी रोक दिया गया। मंगलवार को शिक्षा बचाओ आंदोलन नामक एक संगठन ने दिल्ली समेत देश के कई भागों में इस किताब के खिलाफ प्रदर्शन किया और इस पर दुनियाभर में बैन लगाए जाने की मांग की। अमेरिकी दूतावास के सामने प्रदर्शन के बाद संगठन के संयोजक दीनानाथ बत्रा ने कहा कि इस किताब की लेखिका ने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर भारतीय इतिहास को पेश किया है, जो सरासर गलत है। इस किताब को पेंगुइन बुक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने छापा है। संगठन इस पब्लिशिंग हाउस के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने पर भी विचार कर रहा है। संगठन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अगर इस किताब पर महीने भर के भीतर बैन नहीं लगाया गया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। सामाजिक संगठनों ने एक अमरीकी प्रोफेसर की हिन्दू धर्म, भारतीय संस्कृति और महापुरूषों को अपमानित करने वाली पुस्तक द हिन्दू एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री पर पूरे विश्व में प्रतिबंध लगाने की मांग की है . शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के नेतृत्व में इस पुस्तक पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए कार्यकर्ताओं ने आज यहां अमरीकी दूतावास के सामने प्रदर्शन किया और गिरफ्तारी दी। प्रदर्शनकारियों ने भारत में अमरीका के राजदूत को ज्ञापन भी दिया। समिति के राष्ट्रीय संयोजक दीनानाथ बत्ना ने आरोप लगाया है कि पुस्तक की लेखिका शिकागो विश्वविद्यालय की प्रो. वेंडी डोनिगर ने भारत के इतिहास और हिन्दुओं के बारे में घृणा भरी मानसिकता से निराधार तथा अस्पष्ट वर्णन किया है। उन्होंने दावा किया है कि पुस्तक में भगवान श्रीकृष्ण, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद और झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के बारे में आधारहीन और आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं। उन्होंने कहा है कि इस पुस्तक के खिलाफ भारत और अमरीका में आंदोलन जारी हैं तथा इन्हीं आंदोलनों के चलते वेंडी डोनिगर को अमरीका का राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार देने पर रोक भी लगा दी गई है। श्री बत्ना ने कहा कि यदि इस पुस्तक पर एक महीने के भीतर रोक नहीं लगाई गई तो भारत के अलावा दुनिया भर में इसके खिलाफ आंदोलन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पुस्तक की लेखिका और पुस्तक के प्रकाशक पेंगुइन बुक्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कानूनी कार्रवाही भी की जायेगी। अमरीकी राजदूत को दिये गये ज्ञापन में कहा गया है कि इस पुस्तक में दी गई जानकारी कपोल कल्पित तथा आधारहीन है और भारत के लोग इससे बहुत अधिक आहत हैं। राजदूत से पुस्तक पर प्रतिबंध लगाने के साथ साथ लेखिका के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की गई है। श्री बत्ना ने कहा कि उन्होंने इस मामले को अमरीकी राष्ट्रपति के संज्ञान में लाने के लिए उन्हें भी पत्न लिखा है। http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/5973729.cms
क्या झांसी की रानी लक्ष्मीबाई अंग्रेजों का साथ देती थीं?
क्या स्वामी विवेकानंद ने लोगों को गोमांस खाने को कहा था?
क्या लक्ष्मण की सीता के प्रति कामभावना थी?
स्वामी विवेकानन्द ने गोमांस खाने की वकालत की थी.
wendy donigar क्या गांधी छोटी छोटी लड़कियों के साथ सोते थे?(कनिष्क कश्यप की बक बक) क्या गांधी छोटी छोटी लड़कियों के साथ सोते थे?(कनिष्क कश्यप की बक बक) यह खबर नवभारत टाइम्स मेँ छपी. इससे पहले की हम कोई वैचारिक समर का आगाज़ करेँ आईये पहले खबर पर नज़र डालेँ . भारत के इतिहास से जुड़े ये अजीब-ओ-गरीब दावे अमेरिका की शिकागो यूनिवर्सिटी की प्रफेसर वेंडी डोनिगर ने अपनी किताब ’द हिंदू- ऐन ऑल्टरनेटिव हिस्ट्री’ में किए हैं। इस किताब को लेकर भारत और अमेरिका में खासा विरोध हो रहा है। इसी विरोध के चलते किताब को अमेरिका में मिलनेवाला एक पुरस्कार भी रोक दिया गया। मंगलवार को शिक्षा बचाओ आंदोलन नामक एक संगठन ने दिल्ली समेत देश के कई भागों में इस किताब के खिलाफ प्रदर्शन किया और इस पर दुनियाभर में बैन लगाए जाने की मांग की। अमेरिकी दूतावास के सामने प्रदर्शन के बाद संगठन के संयोजक दीनानाथ बत्रा ने कहा कि इस किताब की लेखिका ने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर भारतीय इतिहास को पेश किया है, जो सरासर गलत है। इस किताब को पेंगुइन बुक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने छापा है। संगठन इस पब्लिशिंग हाउस के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने पर भी विचार कर रहा है। संगठन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अगर इस किताब पर महीने भर के भीतर बैन नहीं लगाया गया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। सामाजिक संगठनों ने एक अमरीकी प्रोफेसर की हिन्दू धर्म, भारतीय संस्कृति और महापुरूषों को अपमानित करने वाली पुस्तक द हिन्दू एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री पर पूरे विश्व में प्रतिबंध लगाने की मांग की है . शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के नेतृत्व में इस पुस्तक पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए कार्यकर्ताओं ने आज यहां अमरीकी दूतावास के सामने प्रदर्शन किया और गिरफ्तारी दी। प्रदर्शनकारियों ने भारत में अमरीका के राजदूत को ज्ञापन भी दिया। समिति के राष्ट्रीय संयोजक दीनानाथ बत्ना ने आरोप लगाया है कि पुस्तक की लेखिका शिकागो विश्वविद्यालय की प्रो. वेंडी डोनिगर ने भारत के इतिहास और हिन्दुओं के बारे में घृणा भरी मानसिकता से निराधार तथा अस्पष्ट वर्णन किया है। उन्होंने दावा किया है कि पुस्तक में भगवान श्रीकृष्ण, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद और झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के बारे में आधारहीन और आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई हैं। उन्होंने कहा है कि इस पुस्तक के खिलाफ भारत और अमरीका में आंदोलन जारी हैं तथा इन्हीं आंदोलनों के चलते वेंडी डोनिगर को अमरीका का राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार देने पर रोक भी लगा दी गई है। श्री बत्ना ने कहा कि यदि इस पुस्तक पर एक महीने के भीतर रोक नहीं लगाई गई तो भारत के अलावा दुनिया भर में इसके खिलाफ आंदोलन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पुस्तक की लेखिका और पुस्तक के प्रकाशक पेंगुइन बुक्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कानूनी कार्रवाही भी की जायेगी। अमरीकी राजदूत को दिये गये ज्ञापन में कहा गया है कि इस पुस्तक में दी गई जानकारी कपोल कल्पित तथा आधारहीन है और भारत के लोग इससे बहुत अधिक आहत हैं। राजदूत से पुस्तक पर प्रतिबंध लगाने के साथ साथ लेखिका के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की गई है। श्री बत्ना ने कहा कि उन्होंने इस मामले को अमरीकी राष्ट्रपति के संज्ञान में लाने के लिए उन्हें भी पत्न लिखा है।
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/5973729.cms
Friday, February 25, 2011
फिर आ धमकी सीबीआई नेताओं की धकडऩ़े बढ़ी पारधियों के पुन: लिए जा रहे अंगूठे के निशान
बैतूल जिले में जब -जब सीबीआई चौथिया पारधी कांड को लेकर आ धमकती हैं तब- तब पारधीकांड को लेकर आरोपो के घेरे में आ चुके कांग्रेस, भाजपा, सपा के नेताओं की दिल की धड़कने बढऩे लगती हैं।
अचानक बैतूल आई सीबीआई की टीम ने मुलताई तहसील की ग्राम पंचायत चौथिया के सचिव विजय सराठकर और पटवारी गुलटकर को तलब किया। इन दोनों के बयान भी रिकॉर्ड कर जिला मुख्यालय में शरणार्थी का जीवन जी रहे पारधियों के अंगूठे के निशानों को दोबारा लिया गया हैं। ग्राम पंचायत चौथिया में पारधी कांड के पहले ग्राम पंचायत चौथिया द्वारा अतिक्रमण में बसे पारधियों को हटाए जाने के लिए नोटिस जारी किए गए थे। करीब 51 पारधी परिवारों को यह नोटिस दिए थे। पारधियो का कहना था कि फर्जी अंगूठों के निशान थे और बच्चों तक के नाम से नोटिस जारी किए गए थे। उनके मकान भी बिना पूर्व सूचना के सुनियोजित तरीके से तोड़े गए हैं। अतिक्रमण हटाने के पूर्व लिए गए अंगूठो की जांच करने के लिए एक बार फिर से दिल्ली से आए सीबीआई अधिकारी गुप्ता के साथ आई टीम ने पिछले दो दिनों से पारधियों के दोनों डेरों से पारधियों को तलब कर नए सिरे से अंगूठे लगवाने का काम किया है, ताकि दोनों निशानों के बीच तुलनात्मक पड़ताल की जा सके।पूरे अंगूठे गलत तरीके से लगाए गए थे। पारधियों के अंगूठे के निशान नहीं थे और अब अचानक नए - नए फण्डे के साथ आ धमकी सीबीआई ने पुन: बुलाकर अंगूठे लगवा रही है ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। पारधी सरगना अलस्या पारधी के अनुसार जांच के परिणाम कब तक आएगें हमें नहीं मालूम लेकिन इस तरह सीबीआई के आ धमकने से हमें रोज एक नई सुबह का इंतजार रहता हैं। उस सुबह के चक्कर में अभी तक 28 पारधियों की मौते भी हो चुकी हैं। बैतूल जिला मुख्यालय पर बने अस्थाई सीबीआई के कार्यालय के सामने जब भी वाहनो का जमावड़ा होने को लगता हैं जिले की मीडिया और राजनीति में उथल - पुथल शुरू हो जाती हैं। जिले के पूर्व एवं वर्तमान विधायक, पूर्व सासंद ,सहित आधा दर्जन नेता तथा लगभग आधा दर्जन अधिकारी पारधी कांड को लेकर सीबीआई के द्वारा दर्ज अपराध में आरोपी बनाए जा चुके हैं। पूरे मामले में पिछले कई सालों से सिर्फ जांच चल रही हैं जिसके चलते सीबीआई की गिरफ्त से बाहर जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की दिल की धड़कने बढऩे लग जाती हैं।
शैफाली की जेल में सुरंग कहीं गोद भराई करने वालों ने तो नहीं की......?
कहीं गोद भराई करने वालों ने तो नहीं की......?
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बाबा रामदेव बताएं कि उनके गुरु साढ़े 3 साल से हैं कहां?
देहरादून। बेशक बाबा रामदेव ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम में अगुआई की हो लेकिन धीरे-धीरे वे कई आरोपों से खुद ही घिरते जा रहे हैं।
कांग्रेस के पूर्व मंत्री व वर्तमान में टिहरी से विधायक किशोर उपाध्याय ने बाबा रामदेव पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव के गुरु शंकर देव जो आज से साढ़े तीन साल पहले रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गए थे, उनका आज तक पता नहीं चला है। टिहरी विधायक ने आरोप लगाया है कि शंकर देव के लापता होने से पहले रामदेव और उनके बीच कई मुद्दों पर मतभेद गहरा गए थे। जिसके बाद शंकर देव लापता हो गए। शंकर देव दिव्ययोग मंदिर ट्रस्ट के प्रमुख संरक्षक हुआ करते थे।
उन्होंने बताया कि बाबा रामदेव ने दिव्ययोग मंदिर ट्रस्ट से पुराने ट्रस्टियों को बाहर निकाल दिया और अपने सारे रिश्तेदारों को शामिल कर लिया है। विधायक ने कहा कि काले धन की बात करना अच्छी बात है, काला धन देश में वापस आना चाहिए, लेकिन बाबा रामदेव ये भी बताएं 12 साल में कई हजार करोड़ की संपदा कैसे जमा की गई। इनके ट्रस्टों में पैसा किस किस का लगा है।
वहीं, दूसरी ओर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि बाबा रामदेव देश की सेवा कर रहे हैं। कांग्रेस हल्ला क्यों मचा रही है।
-संजीव शर्मा, देहरादून से