Pages

click new

Friday, February 25, 2011

फिर आ धमकी सीबीआई नेताओं की धकडऩ़े बढ़ी पारधियों के पुन: लिए जा रहे अंगूठे के निशान

बैतूल// रामकिशोर पंवार ( टाइम्स ऑफ क्राइम)
toc news internet चैनल

बैतूल जिले में जब -जब सीबीआई चौथिया पारधी कांड को लेकर आ धमकती हैं तब- तब पारधीकांड को लेकर आरोपो के घेरे में आ चुके कांग्रेस, भाजपा, सपा के नेताओं की दिल की धड़कने बढऩे लगती हैं।
अचानक बैतूल आई सीबीआई की टीम ने मुलताई तहसील की ग्राम पंचायत चौथिया के सचिव विजय सराठकर और पटवारी गुलटकर को तलब किया। इन दोनों के बयान भी रिकॉर्ड कर जिला मुख्यालय में शरणार्थी का जीवन जी रहे पारधियों के अंगूठे के निशानों को दोबारा लिया गया हैं। ग्राम पंचायत चौथिया में पारधी कांड के पहले ग्राम पंचायत चौथिया द्वारा अतिक्रमण में बसे पारधियों को हटाए जाने के लिए नोटिस जारी किए गए थे। करीब 51 पारधी परिवारों को यह नोटिस दिए थे। पारधियो का कहना था कि फर्जी अंगूठों के निशान थे और बच्चों तक के नाम से नोटिस जारी किए गए थे। उनके मकान भी बिना पूर्व सूचना के सुनियोजित तरीके से तोड़े गए हैं। अतिक्रमण हटाने के पूर्व लिए गए अंगूठो की जांच करने के लिए एक बार फिर से दिल्ली से आए सीबीआई अधिकारी गुप्ता के साथ आई टीम ने पिछले दो दिनों से पारधियों के दोनों डेरों से पारधियों को तलब कर नए सिरे से अंगूठे लगवाने का काम किया है, ताकि दोनों निशानों के बीच तुलनात्मक पड़ताल की जा सके।पूरे अंगूठे गलत तरीके से लगाए गए थे। पारधियों के अंगूठे के निशान नहीं थे और अब अचानक नए - नए फण्डे के साथ आ धमकी सीबीआई ने पुन: बुलाकर अंगूठे लगवा रही है ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। पारधी सरगना अलस्या पारधी के अनुसार जांच के परिणाम कब तक आएगें हमें नहीं मालूम लेकिन इस तरह सीबीआई के आ धमकने से हमें रोज एक नई सुबह का इंतजार रहता हैं। उस सुबह के चक्कर में अभी तक 28 पारधियों की मौते भी हो चुकी हैं। बैतूल जिला मुख्यालय पर बने अस्थाई सीबीआई के कार्यालय के सामने जब भी वाहनो का जमावड़ा होने को लगता हैं जिले की मीडिया और राजनीति में उथल - पुथल शुरू हो जाती हैं। जिले के पूर्व एवं वर्तमान विधायक, पूर्व सासंद ,सहित आधा दर्जन नेता तथा लगभग आधा दर्जन अधिकारी पारधी कांड को लेकर सीबीआई के द्वारा दर्ज अपराध में आरोपी बनाए जा चुके हैं। पूरे मामले में पिछले कई सालों से सिर्फ जांच चल रही हैं जिसके चलते सीबीआई की गिरफ्त से बाहर जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की दिल की धड़कने बढऩे लग जाती हैं।

No comments:

Post a Comment