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Wednesday, February 9, 2011

ड्रीमगर्ल के नृत्य ने दर्शकों का मन मोहा

ब्यूरो प्रमुख // डा. मकबूल खान (छतरपुर // टाइम्स ऑफ क्राइम)
ब्यूरों प्रमुख से सम्पर्क : 99260 03805
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छतरपुर। खजुराहो। जिले के विश्व विख्यात खजुराहो में आज प्रदेश के जनसंपर्क एवं संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने भव्य समारोह में 37वें खजुराहो नृत्य समारोह का शुभारंभ किया। इस अवसर पर समारोह को संबोधित करते हुए संस्कृति मंत्री श्री शर्मा ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में प्रति वर्ष 1750 सांस्कृतिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि देश और विदेश के कलाकारों एवं कला प्रेमियों के सुझाव के आधार पर राज्य शासन द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे है जिसका परिणाम शीघ्र ही सांस्कृतिक क्षेत्र में मध्यप्रदेश विश्व का सिरमौर होकर सामने आयेगा।

यह उल्लेखनीय है कि विदेशी पर्यटकों तथा कलाप्रेमियों ने प्रदेश के मुख्य मंत्री श्री शिवराज ङ्क्षसह चौहान से दो वर्ष पूर्व अनुरोध किया था कि यह समारोह थोड़ा पहिले आयोजित कराया जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सभी के अनुरोध को स्वीकार करते हुए एक माह पहिले समारोह का आयोजन करने का निर्णय लिया जिसके फलस्वरूप मार्च माह में आयोजित होने वाला समारोह विगत वर्ष से एक फरवरी से प्रारंभ किया गया है। पर्यटकों से आगे भी जो सुझाव मिलेंगे उनके अनुसार इस समारोह को गरिमा प्रदान करने के लिये कार्य किये जायेंगे।
इस अवसर पर छतरपुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री हरीशंकर खटीक, संस्कृत संचालक श्री श्रीराम तिवारी, क्षेत्रीय सांसद श्री जितेन्द्रङ्क्षसह बुंदेला, विधायक ललिता यादव, श्री रामदयाल अहिरवार, श्री मानवेन्द्र ङ्क्षसह सहित विदेशी पर्यटक तथा देश एवं प्रदेश के कलाप्रेमी उपस्थित थे। समारोह के प्रारंभ में उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी के निदेशक श्री उल्लास तैलंग ने अतिथियों का स्वागत किया तथा इस आयोजन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। जनसंपर्क एवं संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने आज के नृत्य समारोह की मुम्बई की सुप्रसिद्घ नृत्यांगना एवं फिल्म अभिनेत्री सुश्री हेमामालिनी का शाल एवं श्रीफल से सम्मान किया।

यह उल्लेखनीय है कि उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी के द्वारा खजुराहो नृत्य समारोह का शुभारंभ मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग के लिये वर्ष 1975 से किया जा रहा है। इस प्रकार यह समारोह 37वाँ समारोह है। यह समारोह समूचे विश्व को अपनी ओर आकॢषत कर रहा है। समारोह की शुरूआत होते ही दुनिया के कोने-कोने के आतुक पर्यटक यहां उपस्थित होकर इस सात दिवसीय उत्सव में रचे जाने वाले इतिहास के साक्षी बनते है। इस समारोह में भारतीय शास्त्रीय नृत्यों तथा आधुनिक नृत्यों के 350 से अधिक कलाकार शिरकत कर चुके है। देश के जाने माने नृत्यकार खजुराहो नृत्य समारोह में शिरकत के क्षण को अपने जीवन का अत्यंत महत्वपूर्ण एवं गौरव का क्षण मानते है। इस कथा मनीषी पद्म विभूषण पं. विरजू महाराज के अनुसार खजुराहों नृत्य समारोह में मंदिर और मन में बने साधना के मंदिर का मिलान होता है इसलिए यह सोने पर सुहागा है। समारोह का शुभारम्भ 1 फरवरी 2011 को शाम 7 बजे खजुराहो के मंदिर परिसर में संपन्न हुआ। समारोह की पहली सभा में मुम्बई की सुविख्यात नृत्यांगना एवं फिल्म अभिनेत्री सुश्री हेमामालिनी ने अपनी दोनों सुपुत्रियों सुश्री ईशा देओल तथा सुश्री आहना देओल के साथ ओडिसी नृत्य प्रस्तुत किया।

2 फरवरी बुधवार को कथक, भरतनाट्यम तथा मोहिनीअट्टम नृत्यों की तीन प्रस्तुतियां होगी। कार्यक्रम के प्रारंभ में श्री अभिमन्यु लाल तथा विद्यालाल कथक नृत्य प्रस्तुत करेंगे। इन्होंने देश-विदेश में कत्थक नृत्य की अनेक प्रस्तुतियां दी है। सुश्री रमा वैद्यनाथन भारत नाट्यम प्रस्तुत करेंगी। ये इस विधा की श्रेष्ठ व्याख्याकार एवं अदाकारा है। कार्यक्रम के अंत में डा. सुश्री कनक रेले मोहिनीअट्टम की प्रस्तुति देंगी। डा. रेले इस विधा की वर्तमान में पर्याय मानी जाती है। इन्होंने इस विधा को नई ऊचाईयां प्रदान की है।

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