फैजान मुसन्ना
डीआईजी ने युवा सपा नेता का सरेआम बाल पकड़कर घसीटा फिर भी मन न भरा तो युवा नेता के सिर को अपने बूट से कुचला : यूपी में मुलायम सिंह यादव के राज में गुंडों की अराजकता से जनता त्रस्त थी तो मायावती के शासनकाल में पुलिस की गुंडई से जनता कराह रही है. अब तो विरोध प्रदर्शन करना भी मुहाल हो गया है क्योंकि यहां तानाशाही का दौर शुरू हो चुका है. पुलिस वालों से लेकर आईपीएस अधिकारी तक बेलगाम हो गए हैं. इन्सान के सिर पर पुलिस वालों ने लात रख दिया है. ये आजाद भारत का हाल है. अंग्रेजों की तरह बर्बर क्रूर पुलिस के इस चेहरे को देखकर आप भौचक हो सकते हैं. घटना उत्तर प्रदेश की राजधानी में घटी. समाजवादी पार्टी ने तीन दिन के प्रदेश व्यापी सरकार विरोधी आन्दोलन का एलान किया था. आन्दोनल के अन्तिम दिन 9 मार्च 2011 को राजधानी के मुख्य बाजार हजरतगंज में प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार उत्तर प्रदेश लोहिया वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष आनंद सिंह भदौरिया को राजधानी के डीआईजी डीके ठाकुर ने पहले बाल से घसीटा परन्तु दिल न भरने पर उनके सिर को लातों से रौंद डाला. आप खुद इन तस्वीरों में देख सकते हैं. पहले तस्वीर में बाल पकड़ कर घसीट रहे हैं और दूसरे में अपने पैर से आनंद के सिर को कुचल रहे हैं. क्या यही ट्रेनिंग दी जाती है पुलिस अफसरों को. क्या पुलिस का यही कर्तव्य बनता है. कहां हैं मानवाधिकार वादी. क्या इस पुलिस अफसर को तुरंत बर्खास्त नहीं कर देना चाहिए. न्यू मीडिया के लोगों से अपील है कि वे इस तस्वीर व इस घिनौने पुलिस अधिकारी डीके ठाकुर के खिलाफ अभियान चलाएं और इसे दंड दिलाएं. वरना कल को कोई भी शासन की गलत नीतियों के खिलाफ विरोध करने सड़क पर नहीं आ पाएगा. यह लोकतंत्र की हत्या है. यह विरोध करने के लोकतांत्रिक अधिकार का हनन है.
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