आलोक तोमर ब्रह्मलोक में लीन हो गये. आज सुबह 11 बजे दिल्ली के दिल्ली के लोधी रोड श्मशान में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस मौके पर उनके वृद्ध पिता के साथ ही पारिवारिक सदस्य, मित्र, परिचित और साथी संगी उपस्थित थे.
रविवार को होली के दिन उनका दिल्ली के बत्रा अस्पताल में निधन हो गया था. वे कुछ महीनों से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे. कैंसर का इलाज कराने के लिए ही वे बत्रा अस्पताल जा रहे थे. पांच दिन पहले वे कैंसर का रेडिएशन थेरेपी लेने बत्रा अस्पताल गये थे, जहां उन्हें दिल का तेज दौरा पड़ा और वे अचेत हो गये. चार दिन तक जीवन मौत की जंग लड़ने के बाद होली के दिन उन्हें दिल का दूसरा दौरा पड़ा जिसे वे सहन नहीं कर पाये.
आज दिल्ली के श्मसानघाट पर उन्हें अंतिम विदाई देने के िलए उनके पिता सहित उनके पारिवारिक सदस्य उपस्थित थे जिनमें पत्नी सुप्रिया और बेटी भी शामिल थी. इसके अलावा पत्रकारीय जगत से जुड़े अनेक लोग वहां मौजूद थे जिनमें जनसत्ता के संपादक रहे अच्युतानंद मिश्र, राहुल देव और प्रभाष जोशी की पत्नी श्रीमती उषा जोशी भी शामिल हैं. उन्हें अंतिम विदाई देनेवालों में वे नौजवान भी आये थे जो किसी न किसी रूप में उनके साथ लिखते पढ़ते रहे हैं.
पचास वर्षीय आलोक तोमर ने जनसत्ता में अपने कैरियर के दौरान पत्रकारिता की ऊचाईंयां हासिल की थी. फिलहाल इन दिनों वे एक न्यूज एजंसी और एक फीचर एजंसी का संचालन करने के साथ ही विभिन्न अखबारों के लिए लेखन भी कर रहे थे. सच्चे कलमकार और विस्फोट पर बतौर लेखक हमारा साथ देने वाले आलोक तोमर को हम अपनी यादों में हमेशा याद रखेंगे. आइये हम उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करें.
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