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Saturday, March 5, 2011

पाढऱ के स्कूल में मरी हुई छिपकली से बने मध्यान्ह भोजन चखने

बैतूल// रामकिशोर पंवार ( टाइम्स ऑफ क्राइम)
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पाढऱ के स्कूल में मरी हुई छिपकली से बने मध्यान्ह भोजन चखने
से स्कूल की रसोइया बीमार और हिवरखेड़ में तीस बच्चे भी हुए अज्ञात बिमारी के शिकार
बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के पाढर मिशन प्राथमिक स्कूल का मध्यान्ह भोजन चखने के बाद एक रसोइया बीमार हो गई। रसोइया को इलाज के लिए पाढर अस्पताल में भर्ती किया है। सूचना मिलने पर अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर भोजन का सैंपल लिया है। पाढर के मिशन प्राथमिक स्कूल में सोमवार की सुबह स्कूली बच्चों के लिए भोजन बनाया गया था। बच्चों को भोजन देने से पहले स्कूल की रसोइया विशाखा ने भोजन चखा। भोजन चखते से ही रसोइया को उल्टी शुरू हो गई। बताया जा रहा है कि बच्चों को दिए जाने वाले भोजन में छिपकली गिरी होने से रसोइया बेहोश हो गई। पहुंचे अधिकारी। मिशन प्राइमरी स्कूल में सोमवार को मध्यान्ह भोजन के लिए बनाई गई सब्जी में छिपकली गिर गई। बच्चों को परोसने से पहले भोजन बनाने वाली सहायिका ने यह सब्जी खाई और वह बीमार हो गई।
उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। सूचना मिलते ही डीईओ और अन्य अधिकारी पाढर पहुंच गए। भोजन का पंचनामा कर जांच प्रकरण बनाया गया। मिशन स्कूल में सोमवार को बच्चों को मध्यान्ह भोजन परोसने से पहले समूह की सदस्य विशाखा विश्वास ने भोजन चखा। इसी दौरान उसे प्लेट में छिपकली दिखी और वह उल्टियां करने लगी। वहां मौजूद आशा अनुग्रहम ने बताया कि विशाखा को तत्काल पाढर अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां उसका इलाज जारी है। अनुदान प्राप्त मिशन स्कूल पाढर में 260 बच्चे पढ़ते हैं। यहां दुर्गा स्वसहायता समूह मध्यान्ह भोजन तैयार करता है। स्वसहायता समूह के सदस्यों ने इसके लिए खस्ताहाल और अंधेरे वाले किचन शेड को दोषी ठहराया। दुर्गा स्वसहायता समूह की राधा मोहबिया ने बताया कि न तो किचन शेड ठीक है और न ही पर्याप्त बर्तन हैं।
बारिश के दिनों में छत से पानी गिरता हैै। सुनीता राठौर ने बताया कि बच्चों को भोजन परोसने से पहले अच्छी तरह भोजन देखते हैं। इसी सावधानी के कारण कोई घटना नहीं हुई अन्यथा यह सब्जी बच्चों को परोसते तो गंभीर हादसा हो जाता। छिपकली गिरने की घटना से स्कूल में मध्यान्ह भोजन व्यवस्था की पोल खुल गई। पालक नवीन राठौर ने कहा कि स्कूल प्रबंधन की लापरवाही एवं स्वसहायता समूह को मध्यान्ह भोजन के मामले में एहतियात बरतनी चाहिए। बच्चे भोजन कर लेते तो बड़ी घटना हो सकती थी। पालक मनोहरी ने कहा कि बच्चों को मेनू के अनुसार भोजन मिलना चाहिए। घटना के दिन निर्धारित मेनू के अनुसार तुवर की दाल, काबुली चना या हरी मटर की सब्जी बननी चाहिए थी। जबकि समूह ने आलू भटे की सब्जी बनाई थी। घटना की जानकारी मिलते ही सरपंच अशोक इवने, बीईओ एके गुप्ता और जनशिक्षक राजेश नामदेव सहित कई पालक मौके पर पहुंच गए। पालकों की उपस्थिति में भोजन का पंचनामा बनाया गया। बीईओ एके गुप्ता ने बताया कि भोजन में छिपकली गिरने की सूचना थाने में दी गई है।
इस मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। स्कूल की प्रधान पाठक एस बेनजमिन ने बताया कि मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था सुधारी जाएगी।भोजन बनाने में कोई परेशानी हो रही थी तो जनप्रतिनिधियों को बताना चाहिए था। भले ही निजी संस्था हो पर पंचायत क्षेत्र में व्यवस्था सुधारने निर्देश दिए जाते। पाढर के स्कूल में छिपकली गिरने की जानकारी मिली है इस संबंध में ट्राइबल विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। स्कूल का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। इधर बैतूल जिले की मुलताई तहसील के ग्राम हिवरखडे में बच्चों में एक अजीब सी बीमारी फैल गई है। बच्चों के गले पर सूजन आने के बाद गांठ बन रही है।बीमारी फैलने की शिकायत सरपंच राजू इंगले ने बीएमओ केआर पाटिल को लिखित तौर पर भी की है, लेकिन अभी तक गांव में टीम नहीं पहुंच पाई है। सरपंच राजू इंगले ने बताया कि करीब 30 बच्चों के गले में अजीब सी सूजन आ गई थी। फिलहाल बच्चे इलाज के लिए नागपुर में हैं, हालांकि अब उनका स्वास्थ्य ठीक बताया जा रहा है।बीएमओ केआर पाटिल ने बताया कि यह बच्चों में फैलने वाला एक इंफेक्शन है। बच्चे इस मौसम में मिट्टी में गिरे बेर आदि खा लेते हैं, जिससे उनके गले में सूजन आ जाती है। हमारी टीम गांव जाकर बच्चों का परीक्षण कर लेगी।


न्यायालय ने सुनाई दहेज लोभियों को दस साल की कैद
बैतूल, रामकिशोर पंवार: बैतूल जिले के थाना आमला के ग्राम सोनतलाई में दहेज हत्या के एक मामले में अपर सत्र न्यायाधीश एससी उपाध्याय ने चार आरापियों को दस-दस साल की सजा एवं पांच-पांच हजार रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। आरोपियों द्वारा मृतिका को दहेज में मोटरसाइकिल और 50 हजार रूपए नगद लाने के लिए मानसिक और शारारिक रूप से प्रतोडित किया जाता था। जिससे तंग आकर घटना दिनांक को मृतिका ने कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली थी। थाना आमला के ग्राम सोनतलाई निवासी प्रमिला पति बबलू का शव 30 सिंतबर 1998 को कुएं से बरामद किया गया था। इस मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की तो सामने आया कि मृतिका को उसका पति बबलू पिता नथनलाल, ससुर नथनलाल पिता महंगीलाल, सास रामबाई, देवर राजेश दहेज में मोटर साइकिल और 50 हजार रूपए लाने के लिए प्रताडऩा देते थे।
इसी प्रताडऩा से तंग आकर मृतिका ने मौत को गले लगा लिया था। पुलिस ने चारों ही आरोपियों के खिलाफ दहेज प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया था। उक्त प्रकरण अपर सत्र न्यायाधीश एससी उपाध्याय के न्यायालय में चल रहा था। न्यायाधीश उपाध्याय ने चारों ही आरोपियों को धारा 304 बी में 10-10 साल, धारा 498 ए में 3-3 साल एवं 3, 4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम में 1-1 साल कैद की सजा एवं पांच-पांच हजार रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।

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